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अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा में आने वाले विशिष्ट मेहमानों को उपहार में मिलेगी रामरज
Posted Date : 13-Jan-2024 7:52:44 pm

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा में आने वाले विशिष्ट मेहमानों को उपहार में मिलेगी रामरज

अयोध्या  । अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से हजारों वीआईपी गेस्ट्स को इनवाइट किया गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी आमंत्रित अतिथियों के स्वागत की भी तैयारी की गई है और समारोह में सम्मिलित होने वाले सभी मेहमानों को ट्रस्ट की ओर से उपहार भी दिए जाएंगे।
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सभी मेहमानों को ‘रामरज’ उपहार स्वरूप दी जाएगी। साथ ही उन्हें प्रसाद के रूप में देसी घी से बने विशेष मोतीचूर के लड्डू भी दिए जाएंगे। ट्रस्ट की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले मेहमानों को मंदिर की बुनियाद की खुदाई में निकाली गई मिट्टी (रामरज) भेंट की जाएगी।
जानकारी के अनुसार राम मंदिर नींव की खुदाई के दौरान निकाली गई राम जन्मभूमि की मिट्टी को बक्सों में पैक किया जाएगा और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों को भेंट किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि कार्यक्रम के लिए यहां आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जूट के थैले में पैक की गई राम मंदिर की 15 मीटर की तस्वीर भेंट की जाएगी।
ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ट्रस्ट की ओर से देशभर से 11,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इन सभी लोगों को यादगार उपहार देने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि रामरज एक ऐसा उपहार होगा, जिसे मेहमान हमेशा याद रखेंगे। किसी घर में इस रामरज का होना सौभाग्य की बात है। इस पवित्र उपहार का उपयोग वो अपने घर के गार्डेन या गमलों में कर सकेंगे।
ऐसी भी संभावना है कि ऐसे आमंत्रित लोग जो किसी कारणवश प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यहां नहीं आ सके हैं, वो जब भी यहां आएंगे उन्हें यह उपहार दिया जाएगा। अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में 7,500 लोगों को मंदिर प्रागण में बिठाने की व्यवस्था की गई है। जो भी विशिष्ट मेहमान अयोध्या आएगा, उसे रिसीव करने के साथ ही एक कोड दिया जाएगा। इस कोड के आधार पर उनके बैठने की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वाराणसी के पुजारी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न कराएंगे। उनके साथ 4 ट्रस्टी और 4 पुजारी भी रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान मंदिर में बने पांच मंडपों में अलग-अलग सोशल कम्युनिटी के 15 दंपत्ति भी उपस्थित रहेंगे। प्रांगण में ही पीएमओ भी स्थापित किया जाएगा, जबकि, पीएम मोदी की स्पीच के लिए भी एक स्थान को चिन्हित किया गया है। इसके अतिरिक्त, परकोटा ईस्ट में धार्मिक संगीत का भी आयोजन होगा।
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि पीएम मोदी अयोध्या के श्रीरामजन्म भूमि परिसर में स्थित कुबेर नवरत्न टीला पर भी जाएंगे, जहां वो पक्षी राज जटायु की मूर्ति का भी अनावरण करेंगे। यह मूर्ति कांस्य की है। यह दिल्ली से बनकर आई है, जिसकी स्थापना का कार्य दिसंबर में हो चुका रहै। पीएम मोदी राम काज के लिए प्राणों की आहुति देने वाले हुतात्माओं की स्मृति के रूप में जटायु राज को पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे। इस मूर्ति को कुबेर नवरत्न टीला के शिखर की बजाय थोड़ा पहले दर्शन मार्ग पर स्थापित किया गया है। यहां पहले से ही मूर्ति स्थापना के लिए चट्टान का निर्माण किया गया था।

 

दिल्ली पुलिस के एएसआई ने रात की ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर दी जान
Posted Date : 13-Jan-2024 7:51:25 pm

दिल्ली पुलिस के एएसआई ने रात की ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर दी जान

नई दिल्ली ।  दिल्ली पुलिस के एक ऑन ड्यूटी सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) ने दक्षिण दिल्ली में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मृतक की पहचान हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के मूल निवासी रामअवतार के रूप में हुई है, जो 1993 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे।
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को एएसआई रामअवतार सब-इंस्पेक्टर प्रेम सिंह के साथ बी.पी. मार्ग पर नाइट पिकेट ड्यूटी पर तैनात थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, लगभग तीन बजे, रामअवतार ने अपने साथी सब इंस्पेक्टर को 10 मिनट के लिए आराम करने के लिए कहा और अपनी कार में बैठने चले गए, जो बैरिकेड के पास खड़ी थी।
अधिकारी ने कहा, जब एसआई प्रेम कुछ देर बाद उसे देखने गए, तो उन्होंने पाया कि एएसआई रामअवतार ने अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मार ली थी और वह मृत पाए गए।

 

नेपाल में दर्दनाक हादसा, नदी में बस गिरने से 2 भारतीयों समेत 12 लोगों की मौत
Posted Date : 13-Jan-2024 7:50:52 pm

नेपाल में दर्दनाक हादसा, नदी में बस गिरने से 2 भारतीयों समेत 12 लोगों की मौत

काठमांडू  । पश्चिमी नेपाल के डांग जिले में बीती रात एक बस के पुल से नदी में गिर जाने से 2 भारतीय समेत 12 लोगों की मौत हो गई। मुख्य जिला अधिकारी रामबंधु सुबेदी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुर्घटना कल रात करीब 22.30 बजे उस समय हुई जब काठमांडू आ रही बस राप्ती नदी पर बने पुल की रेलिंग से टकराकर नदी में गिर गई। हादसे में 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 22 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि बचावकर्मियों को बस को नदी से बाहर निकालने में लगभग चार घंटे लग गए। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। दांग के जिला ट्रैफिक पुलिस सहायक निरीक्षक लोकराज न्यौपाने ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि शुरुआती जांज के मुताबिक, बस में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे बस कंट्रोल से बाहर हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद करीब 3 दर्जन पुलिसकर्मियों ने घायलों को बचाया। हादसे में घायलों में 4 मुसाफिर की हालात गंभीर बताई जा रही है।
इससे पहले नेपाल की राजधानी काठमांडू से पोखरा जा रही थी। इस बीच मुसाफिरों से भरी बस त्रिशूली नदी में गिर गई थी। जिससे कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं धाडिंग के गजुरी ग्रामीण नगर पालिका वार्ड नंबर 2 में 23 अगस्त को पृथ्वी हाईवे पर एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत हुई थी।

 

विश्व स्तर पर सबसे गर्म रहा साल 2023, अब 2024 भी बरपाएगा कहर- शोध में खुलासा
Posted Date : 13-Jan-2024 7:49:03 pm

विश्व स्तर पर सबसे गर्म रहा साल 2023, अब 2024 भी बरपाएगा कहर- शोध में खुलासा

लंदन  । ब्रिटेन में मौसम कार्यालय और ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 1850 से लेकर अब तक के दर्ज रिकॉर्ड में 2023 सबसे गर्म वर्ष रहा। वर्ष 2023 लगातार दसवां वर्ष है जब वैश्विक तापमान पुरा-औद्योगिक अवधि (1850-1900) से 1.0 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा अधिक रहा है। 2023 में वैश्विक औसत तापमान पुरा-औद्योगिक काल के औसत से 1.46 डिग्री सेल्सियस ऊपर था। यह 2016 के मान से 0.17 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा, जो रिकॉर्ड पर पिछला सबसे गर्म वर्ष था।
मौसम कार्यालय के जलवायु निगरानी और अनुसंधान वैज्ञानिक डॉ. कॉलिन मोरिस ने बताया, 174 वर्षों के अवलोकन में अब 2023 की दुनिया भर में औसतन सबसे गर्म वर्ष के रूप में पुष्टि की गई है। 2023 ने मासिक रिकॉर्ड की एक श्रृंखला भी स्थापित की, मासिक वैश्विक औसत तापमान जून के बाद से रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है। अप्रैल के बाद से समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है।
मोरिस ने कहा, पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर वैश्विक औसत तापमान में लगभग 1.25 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की पृष्ठभूमि पर साल-दर-साल भिन्नताएं बैठती हैं। यह वार्मिंग ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के माध्यम से मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है। दीर्घकालिक वार्मिंग के अलावा, अल नीनो स्थितियों में परिवर्तन ने वर्ष के उत्तरार्ध में तापमान को और अधिक बढ़ाने में योगदान दिया। अल नीनो उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तनशीलता के एक पैटर्न का हिस्सा है जो वैश्विक वातावरण में गर्मी प्रदान करता है, जिससे एक व्यक्तिगत वर्ष के तापमान में अस्थायी रूप से 0.2 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि होती है।
यह जलवायु परिवर्तनशीलता के विपरीत पैटर्न, ला निवा के विपरीत है, जिसने 2021 और 2022 में वैश्विक औसत तापमान को दबा दिया। मौसम कार्यालय का अनुमान है कि 2024 में वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900) के औसत से 1.34 डिग्री सेल्सियस और 1.58 डिग्री सेल्सियस (केंद्रीय अनुमान 1.46 डिग्री सेल्सियस के साथ) के बीच रहेगा – यह लगातार 11वां वर्ष है जब तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से कम से कम 1.0 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया। पच्चीस साल पहले, 1998 वैश्विक औसत तापमान के लिए एक रिकॉर्ड तोडऩे वाला वर्ष था।
ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय की जलवायु अनुसंधान इकाई के प्रोफेसर टिम ओसबोर्न ने कहा, लेकिन पिछले साल का वैश्विक तापमान 1998 की तुलना में 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिससे यह सबूत मिलता है कि हमारा ग्रह प्रति दशक औसतन 0.2 डिग्री सेल्सियस गर्म हो रहा है। मानव-प्रेरित वार्मिंग की वर्तमान दर पर, 2023 के रिकॉर्ड-ब्रेकिंग आँकड़ों को हमारे भविष्य के जलवायु के अनुमानों की तुलना में ठंडा माना जाएगा। दीर्घकालिक वार्मिंग स्पष्ट है। 1980 के दशक के बाद से प्रत्येक दशक पिछले दशक की तुलना में अधिक गर्म रहा है।

 

पद्मम विभूषण से सम्मानित सिंगर प्रभा अत्रे का दिल का दौरा पड़ने से निधन, 92 की उम्र में ली आखिरी सांस
Posted Date : 13-Jan-2024 7:48:23 pm

पद्मम विभूषण से सम्मानित सिंगर प्रभा अत्रे का दिल का दौरा पड़ने से निधन, 92 की उम्र में ली आखिरी सांस

मुंबई ।  म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी एक दुखद खबर है। दिग्गज गायिका प्रभा अत्रे का आज सुबह निधन हो गया। उन्होंने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनका निधन दिल का दौरा पडऩे से हुआ। दिल का दौरा पडऩे के बाद उन्हें पुणे के दिनानाथ मंगेशकर अस्पताल लेकर गए थे। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो गया।
प्रभा अत्रे का जन्म पुणे में 13 सितंबर 1932 को हुआ था। प्रभा जब 8 साल की थीं, तो उनकी मां इंदिराबाई अत्रे की हेल्थ खराब होने लगी थी। तब उनके किसी ने दोस्त ने क्लासिकल म्यूजिक सुनने की सलाह दी और कहा कि इससे उनकी हेल्थ में सुधार होगा। इसके बाद वह क्लासिकल म्यूजिक सुनने लगीं। तभी से प्रभा भी इंस्पायर हुईं और उन्होंने शास्त्रीय संगीत सीखा। प्रभा अत्रे ने गुरु-शिष्य परपंरा में म्यूजिक ट्रेनिंग ली। उन्होंने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से क्लासिकल म्यूजिक सीखा। वह आमिर खान के खयाल और बड़े गुलाम अली खान के ठुमरी से बहुत प्रभावित हुईं थीं। उन्होंने औपचारिक तौर से कथक डांस स्टाइल में ट्रेनिंग ली थी।
बचपन से ही म्यूजिक का शौक का था। साल 1990 में उन्हें पद्मश्री, साल 2002 में पद्म भूषण और 2022 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया था। अत्रे ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में एक सिंगिंग स्टेज-एक्ट्रेस के रूप में काम किया। उन्होंने मराठी थिएटर क्लासिक्स में भी भूमिकाएं निभाईं, जिनमें संशय-कल्लोल, मानापमान, सौभद्रा और विद्याहरण जैसे संगीत नाटक शामिल थे।

 

समुद्र की गहराइयों में मिला एन- 32 विमान का मलबा, 8 साल पहले हो गया था दुर्घटनाग्रस्त
Posted Date : 13-Jan-2024 5:12:22 am

समुद्र की गहराइयों में मिला एन- 32 विमान का मलबा, 8 साल पहले हो गया था दुर्घटनाग्रस्त

नई दिल्ली। करीब आठ वर्ष पहले बंगाल की खाड़ी के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुए वायु सेना के मालवाहक विमान ए एन-32 के मलबे के 310 किलोमीटर नीचे समुद्र तल पर पड़े होने के ठोस संकेत मिले हैं।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि दुर्घटना के कारण यह विमान लापता हो गया था और उस समय इसमें 29 लोग सवार थे। इस विमान तथा इसमें सवार लोगों का पता लगाने के लिए वायु सेना के विमानों तथा समुद्री जहाजों के द्वारा बड़े पैमाने पर खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया लेकिन इसके बारे में कुछ नहीं पता चल सका। अब इस विमान के मलबे के चेन्नई तट पर 310 किलोमीटर नीचे समुद्र तल पर पड़ा होने के ठोस संकेत मिले हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वाधान में कार्य करने वाले राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने हाल ही में एक आटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल के जरिये इसकी खोज शुरू की थी। यह खोज सोनार के माध्यम से 3400 मीटर की गहराई तक की गयी। इसके द्वारा भेजे गये फोटो के विश्लेषण से चेन्नई तट पर 310 किलोमीटर नीचे समुद्र तल पर ए एन-32 विमान का मलबा पड़ा दिखाई दे रहा है।
संभावित दुर्घटनास्थल पर विमान के मलबे के मिलने से यह साबित हो रहा है कि यह ए एन-32 का ही है क्योंकि इस क्षेत्र में और किसी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात कहीं दर्ज नहीं है।