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नई मूर्ति के सामने रखी जाएगी रामलला की पुरानी मूर्ति : गोविंद देव गिरि
Posted Date : 21-Jan-2024 9:06:02 pm

नई मूर्ति के सामने रखी जाएगी रामलला की पुरानी मूर्ति : गोविंद देव गिरि

-राम मंदिर निर्माण में अब तक खर्च हुए 1,100 करोड़
अयोध्या । श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा है कि अस्थायी मंदिर में रखी राम लला की पुरानी मूर्ति को नई मूर्ति के सामने रखा जाएगा, जिसे 22 जनवरी को यहां मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1,100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं तथा काम पूरा करने के लिए 300 करोड़ रुपये की और आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अभी निर्माण पूरा नहीं हुआ है।  पिछले सप्ताह राम मंदिर के गर्भगृह में 51 इंच की रामलला की मूर्ति रखी गई थी। भगवान राम की तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया था, जिनमें से मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है। यह पूछे जाने पर कि अन्य दो मूर्तियों का क्या होगा, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने कहा, हम उन्हें पूरे आदर और सम्मान के साथ मंदिर में रखेंगे। एक मूर्ति हमारे पास रखी जाएगी क्योंकि प्रभु श्री राम के वस्त्र और आभूषणों को मापने के लिए हमें इसकी आवश्यकता होगी। राम लला की मूल मूर्ति के बारे में गिरि ने कहा, इसे राम लला के सामने रखा जाएगा। मूल मूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी ऊंचाई पांच से छह इंच है और इसे 25 से 30 फीट की दूरी से नहीं देखा जा सकता है। इसलिए हमें एक बड़ी मूर्ति की आवश्यकता थी। गिरि ने कहा, ’’ (मंदिर की) एक मंजिल पूरी हो चुकी है और हम एक और मंजिल बनाने जा रहे हैं। अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति के चयन पर, गिरि ने कहा, हमारे लिए तीन में से एक मूर्ति चुनना बहुत मुश्किल था। वे सभी बहुत सुंदर हैं, सभी ने हमारे द्वारा प्रदान किए गए मानदंडों का पालन किया। उन्होंने कहा, पहला मानदंड यह था कि चेहरा दिव्य चमक के साथ बच्चे जैसा होना चाहिए। भगवान राम अजानबाहु थे (एक व्यक्ति जिसकी भुजाएं घुटनों तक पहुंचती हैं) इसलिए भुजाएं इतनी लंबी होनी चाहिए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने कहा कि अंग सही अनुपात में थे।
उन्होंने कहा, बच्चे की नाजुक प्रकृति भी हमें दिखाई दे रही थी, जबकि आभूषण भी बहुत अच्छे और नाजुक ढंग से उकेरे गए थे। इससे मूर्ति की सुंदरता बढ़ गई। यह पूछे जाने पर कि ट्रस्ट के सदस्यों को तीन मूर्तियों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करने में कितना समय लगा, गिरि ने कहा, मैं हर महीने अयोध्या जाता था और उन स्थानों का दौरा करता था जहां मूर्तियों की नक्काशी की जा रही थी। उन स्थानों को जनता के लिए वर्जित कर दिया गया था। मूर्तियों को बनाने में चार से पांच महीने लगे। उनके पूरा होने के बाद, हमने एक दिन के लिए मूर्तियों को देखा और निर्णय लिया।  उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद, भारत में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और हम इसे दीपावली के रूप में देखते हैं। गिरि ने कहा , हम हर साल दिवाली मनाते हैं, लेकिन यह ऐतिहासिक है। इतने संघर्ष के बाद भगवान राम को प्रेम और सम्मान के साथ उनके मूल स्थान पर विराजमान किया जाएगा। यही भावना देश में व्याप्त है। गिरि ने कहा कि देश के युवाओं का झुकाव आध्यात्म की ओर हो रहा है।  उन्होंने कहा, वे बुद्धिजीवी हैं। वे तार्किक रूप से सोचते हैं और उन्हें वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है। फिर भी वे आध्यात्मिक और राष्ट्रवादी भावनाओं में डूबे हुए हैं। उन्होंने सनातन धर्म पर भद्दी टिप्पणी करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि धर्म का मतलब क्या है।  उन्होंने कहा, ‘‘... धर्म अंतर्निहित कानून है जो प्रकृति और आस्था को नियंत्रित करता है। आप विज्ञान में विश्वास करें या न करें लेकिन वैज्ञानिक सिद्धांत मौजूद हैं। उसी तरह, धर्म के सिद्धांत शाश्वत हैं। जो लोग उन्हें समझते हैं और उनका पालन करते हैं उन्हें लाभ होता है जबकि जो लोग उन्हें अनदेखा करते हैं उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता है।

 

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या की सुरक्षा हुई सख्त
Posted Date : 21-Jan-2024 9:05:36 pm

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या की सुरक्षा हुई सख्त

-दस हजार सीसीटीवी कैमरे रखेंगे लोगों की गतिविधियों पर नजर
अयोध्या । सोमवार को होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें 10,000 सीसीटीवी कैमरे लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किये गये हैं। अयोध्या में धर्मपथ और रामपथ से लेकर, जहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं हनुमानगढ़ी इलाके की गलियों और अशर्फी भवन रोड तक, पुलिसकर्मियों को सडक़ों पर गश्त करते देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने भी शनिवार को अयोध्या में गश्त की थी। शहर के लगभग हर प्रमुख चौराहे पर कंटीले तारों के साथ चलते-फिरते अवरोधक देखे जा सकते हैं, क्योंकि पुलिसकर्मी उनका उपयोग विशेष रूप से अति विशिष्ट जनों के आने-जाने के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए करते हैं।  उप्र के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल में कहा था कि ’’22 जनवरी को होने वाला ’प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सडक़ पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।’’  कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमार ने कहा, इसके लिए पूरे अयोध्या जिले में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ सीसीटीवी कैमरों में हम एआई-आधारित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि हम यात्रियों पर कड़ी निगरानी रख सकें।  कार्यक्रम स्थल पर सादे लिबास में बहुभाषी दक्ष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, हम अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चल रही है। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त भीड़ को हटाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। इसके पहले अयोध्या में ड्रोन की तैनाती के बारे में विस्तार से बताते हुए सुरक्षा मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक गौरव बंसवाल ने बताया था कि वहां एक एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की जा रही है । उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आसपास उडऩे वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन का पता लगाना है, जो तुरंत इसके टेक-ऑफ और गंतव्य बिंदु को बताएगा।
एसपी ने कहा, इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी ड्रोन को आसानी से अपने नियंत्रण में ले सकता है, जिससे इसका रिमोट रखने वाले व्यक्ति का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। यह (अवांछित ड्रोन) तब हमारे नियंत्रण में होगा और हम इसे जहां चाहें वहां उतार सकते हैं।  

 

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगल ध्वनि से गूंजेगा नव्य भव्य राम मंदिर
Posted Date : 21-Jan-2024 9:05:13 pm

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगल ध्वनि से गूंजेगा नव्य भव्य राम मंदिर

-प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर परिसर में 2 घंटे तक विभिन्न वाद्ययंत्रों का होगा वादन
अयोध्या । भक्ति भाव से विभोर अयोध्या धाम में सोमवार को श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से होगी। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनेंगे। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक होगी, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करने का कार्य करेगी। इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के परिकल्पनाकार और संयोजक यतीन्द्र मिश्र हैं, जो प्रख्यात लेखक, अयोध्या संस्कृति के जानकार और कलाविद् है। इस कार्य में उनका सहयोग केंद्रीय संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली ने किया है। श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के पुनीत और ऐतिहासिक अवसर पर प्रात: 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए ’मंगल ध्वनि का आयोजन किया जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है। इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह श्रीअवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहां के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहां श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं। विभिन्न राज्यों के पच्चीस प्रमुख और दुर्लभ वाद्य यन्त्रों के मंगल वादन से अयोध्या में ये प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न होगा। इसे उन वादों के दक्ष कलाकार प्रस्तुत करेंगे। भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्यप्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुडक़ा, ऐसे वाद्ययंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है। ये वादन ऐसे समय में चलेगा जब प्राण प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन नहीं हो रहा होगा। महत्वपूर्ण की बात ये है कि ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां स्वयं प्रेरणा से आ रहे हैं।

 

 

अमान्य विवाह से पैदा बच्चे भी पूर्वजों की संपत्ति में वैध हिस्सेदारी के हकदार : सुप्रीम कोर्ट
Posted Date : 21-Jan-2024 9:04:03 pm

अमान्य विवाह से पैदा बच्चे भी पूर्वजों की संपत्ति में वैध हिस्सेदारी के हकदार : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली ।  सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के हिस्से की हकदारी के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा है कि शून्य और अमान्य विवाह से पैदा बच्चे भी पूर्वज की संपत्ति में वैध हिस्सेदारी के हकदार हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे बच्चों को वैध बच्चा माना जाएगा और संपत्ति में वैध हिस्सा तय करने के उद्देश्य से उन्हें समान (कॉमन) पूर्वज के विस्तारित परिवार के रूप में माना जाएगा। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के निर्णय को पलट दिया। पीठ ने कहा कि एक बार जब समान (कॉमन) पूर्वज ने शून्य व अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को वैध संतान माना हो तो ऐसे बच्चे संपत्ति के उसी तरह हकदार होंगे जैसा वैध विवाह से पैदा बच्चे की तरह उत्तराधिकारी होंगे।
मामले के मुताबिक, मुथुसामी गौंडर (मृत) ने तीन शादियां कीं थी। जिनमें से दो शादियां अमान्य घोषित कर दी गईं। इन तीन शादियों में से गौंडर के पांच बच्चे हैं, चार बेटे और एक बेटी। वैध विवाह से पैदा हुए वैध पुत्र ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष संपत्ति के विभाजन के लिए मुकदमा दायर किया। अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने वैध विवाह के बच्चे के पक्ष में बंटवारे के मुकदमे का फैसला सुनाया।
ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अमान्य विवाह से हुए बच्चों ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही मुथुसामी गौंडर के साथ अपीलकर्ता नंबर 2 और प्रतिवादी नंबर 2 के विवाह अमान्य हों लेकिन मुथुसामी गौंडर के पक्ष में विभाजित की गई काल्पनिक संपत्ति में मुथुसामी गौंडर के बच्चों को हिस्सा देने से इनकार करना कानून और तथ्य के हिसाब से अस्थिर है।

 

राम मंदिर उद्घाटन : अयोध्या जाने वाले भक्तों के लिए नेपाल के जनकपुर से विशेष ट्रेन चलाएगा भारत
Posted Date : 21-Jan-2024 9:03:45 pm

राम मंदिर उद्घाटन : अयोध्या जाने वाले भक्तों के लिए नेपाल के जनकपुर से विशेष ट्रेन चलाएगा भारत

काठमांडू ।  हिमालयी राष्ट्र के पड़ोसी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भगवान राम के भक्तों को अयोध्या ले जाने के लिए भारत की ओर से एक विशेष ट्रेन सीता के जन्मस्थान नेपाल के जनकपुर से चलाई जायेगी। एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार श्रद्धालुओं को लाने के लिए नेपाल में एक समर्पित ट्रेन भेजेगी, जबकि नेपाल से हजारों लोग पहले ही अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं। नेपाल भारत के अलावा हिंदू-बहुल देशों में से एक है। श्रद्धालु जयनगर-जनकपुर रेलवे मार्ग से होकर जाएँगे जो नेपाल और भारत के बीच एकमात्र सीमा पार रेल कनेक्शन है। यह भारत की सहायता से बिछाया गया था। भारतीय रेलवे 20 कोच वाली ट्रेन भेजेगा।
नेपाल रेलवे कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक निरंजन झा ने कहा, अधिकारियों के अनुसार, विशेष ट्रेन रविवार को जनकपुर से अयोध्या के लिए रवाना होगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नेपाल में श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। सोमवार को समारोह में नेपाल से हजारों हिंदू श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। नेपाल के कई शहरों ने स्थानीय निवासियों से इस दिन को दीपोत्सव के साथ मनाने का आग्रह किया है। कुछ शहरों में अधिकारियों ने सोमवार को शराब और गैर-शाकाहार खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
नेपाली विदेश मंत्रालय ने 22 जनवरी के लिए एक समर्पित रेलवे सेवा की व्यवस्था करने के लिए भारतीय दूतावास को अनुरोध भेजा था। झा ने कहा कि टिकट बुकिंग शनिवार दोपहर को खुल गई। रविवार की सुबह विशेष रेल अयोध्या के लिए रवाना होगी। किराया श्रद्धालुओं द्वारा वहन किया जाएगा। झा ने बताया कि सेकेंड एसी कोच का किराया तीन हजार नेपाली रुपये (लगभग 1,882 रुपये), थर्ड एसी कोच का किराया दो हजार नेपाली रुपये (लगभग 1255 रुपये) और स्लीपर क्लास का किराया एक हजार नेपाली रुपये (लगभग 627 रुपये) होगा।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के अनुरोध पर ट्रेन का किराया कम कर दिया गया है। ट्रेन प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सोमवार रात 11 बजे अयोध्या से वापस आएगी। इस बीच, जनकपुर में जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास ने मधेश प्रांत के मुख्यमंत्री सरोज कुमार यादव से राम मंदिर के उद्घाटन के दिन मधेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने का अनुरोध किया है। महंत राम रोशन ने सोमवार को सार्वजनिक अवकाश की मांग करते हुए मुख्यमंत्री यादव को ज्ञापन भी सौंपा है।

 

बीमार बच्चे को नहीं दी भारतीय हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट की इजाजत, हुई मौत; मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के फैसले पर सवाल
Posted Date : 21-Jan-2024 9:03:31 pm

बीमार बच्चे को नहीं दी भारतीय हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट की इजाजत, हुई मौत; मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के फैसले पर सवाल

माले  ।  मालदीव और भारत के बीच रिश्तों में खटास आ गई है। ये उस समय आई जब मालदीव के मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद से लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के एक गलत फैसले ने एक बच्चे की जान ले ली है। 14 साल के बच्चे को मेडिकल इमरजेंसी के लिए भारतीय हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल करना था, जिसकी अनुमति मालदीव सरकार नहीं दी। इसकी वजह से इलाज में हुई देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई।
भारत ने पहले चिकित्सा निकासी और अन्य उच्च उपलब्धता आपदा रिकवरी गतिविधियों के लिए दो नौसैनिक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान मालदीव को मुहैया कराया हुआ है। मालदीव की मीडिया के मुताबिक, लडक़े को ब्रेन ट्यूमर था और उसे अचानक स्ट्रोक आ गया था। उसकी हालत गंभीर थी। परिजनों ने उसे गैफ अलिफ विलिंगिली स्थित घर से राजधानी शहर माले ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस का अनुरोध किया था। परिवार का आरोप है कि अधिकारी तुरंत मेडिकल एयरलिफ्ट की व्यवस्था करने में विफल रहे।
मालदीव की मीडिया के मुताबिक, मृतक लडक़े के पिता का कहना है कि उन्होंने स्ट्रोक आने के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया, लेकिन उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 8.30 बजे फोन का जवाब दिया। इस तरह के केस के लिए केवल एयर एंबुलेंस ही समाधान है। इमरजेंसी एयरलिफ्ट का अनुरोध करने के 16 घंटे बाद लडक़े को माले लाया गया, लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी।
इधर, भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के मालदीव सरकार की जिद के कारण भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का भाग्य अधर में है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मुद्दे का समाधान खोजने के लिए बातचीत अभी भी जारी है।