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प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण, 500 साल पुराना सपना साकार
Posted Date : 23-Jan-2024 12:55:44 pm

प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण, 500 साल पुराना सपना साकार

अयोध्या। अयोध्या में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के हिस्से के रूप में मंगल ध्वनि के बीच लाल कपड़े पर रखा चांदी का छत्र लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवनिर्मित राम मंदिर की सीढिय़ों पर चढ़े और 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त के भीतर संकल्प लेकर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा किया।
इसके बाद वह शेष अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए मंत्रोच्चार के बीच गर्भ गृह में चले गए।
पांच साल पुरानी रामलला की भव्य पांच फीट ऊंची प्रतिमा का आखिरकार दुनिया के सामने अनावरण किया गया।
मंदिर के गर्भगृह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
यह समारोह शंखनाद और हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर पर फूलों की वर्षा के बीच पूरा हुआ।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई और 500 साल का सपना आखिरकार साकार हो गया।

 

राम मंदिर के गर्भगृह में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
Posted Date : 23-Jan-2024 12:55:25 pm

राम मंदिर के गर्भगृह में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

0-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चढ़ाए आस्था के फूल
अयोध्या। उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुभ मूहुर्त में संपन्न हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आज शुभ मूहुर्त के हिसाब से मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने प्राण प्रतिष्ठा की वैदिक प्रक्रिया संपन्न कराई और रामलला बरसों बाद अपने मूल स्थान पर स्थापित हुए.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देशभर के गणमान्य अतिथि भी मंदिर परिसर में मौजूद रहे. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर के गर्भगृह में सिर्फ पांच लोग ही मौजूद थे, इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल थे. पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले ग्यारह दिन का यम तप किया था. पीएम मोदी हाथों में पूजा की सामग्री लेकर मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे थे. इसके बाद पीएम ने पूजन में हिस्सा लिया और आराध्य श्रीराम को कमल के फूल चढ़ाए. शुभ मूहुर्त में प्रतिष्ठा संपन्न होने करीब आधे घंटे तक पीएम रामलला के गर्बगृह में रहे और पूजन अर्चन किया.
सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया. प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का छत्र भी लेकर आए.
गर्भगृह में मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए ‘संकल्प’ लिया. अनुष्ठान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्यान्ह में साढ़े बारह बजे (12-29) बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गयी.
राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला के श्यामल रंग की 51 इंच की प्रतिमा को विराजित किया गया है. जो भगवान राम के पांच वर्षीय बाल स्वरूप की है. इसका वजन 200 किलोग्राम है.  पीएम मोदी ने पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा के सभी अनुष्ठान किए. जिसके बाद रामलला गर्भगृह में स्थापित हो गए हैं. 23 जनवरी से श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आज सकेंगे. मंगलवार से अयोध्या में बड़ी संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचेंगे.  
रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था. बताया जाता है भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने अयोध्या में उनका मंदिर बनवाया था. 5वीं शताब्दी में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया था, लेकिन 1528 में मुगल बादशाह बाबर के कहने पर मंदिर तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण करवाया गया था. बाद में इसे ही बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाने लगा. 1813 में पहली बार हिंदू संगठनों ने राम जन्मभूमि पर दावा किया था. अंग्रेजी शासन के दौरान 1853 में पहली बार यहां सांप्रदायिक हिंसा हुई. 1859 में अंग्रेजों ने विवादित वाली जगह के आसपास बाड़ लगवा दी थी.

 

 

अयोध्या में फिल्मी सितारों का लगा जमघट, खींची सेल्फी
Posted Date : 23-Jan-2024 12:54:44 pm

अयोध्या में फिल्मी सितारों का लगा जमघट, खींची सेल्फी

मुंबई । बॉलीवुड सितारों ने अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने पर खुशी जताई है। राम लला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पूरा होने के बाद देश में खुशी का माहौल है. बॉलीवुड सितारे भी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। अजय देवगन ने सोशल मीडिय पर लिखा,विश्वास नहीं हो रहा कि मैं अपने जीवनकाल में प्तराममंदिरप्राणप्रतिष्ठा जैसी ऐतिहासिक और शुभ घटना का गवाह बनने के लिए भाग्यशाली हूं। यह देखकर गर्व होता है कि कैसे हमारा पूरा देश अयोध्या में अपने रामलला के स्वागत के लिए एकजुट हुआ है!यह दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद रखा जाएगा जब हमारे देश की हर सडक़ जय श्री राम के जयकारे से गूंज उठी थी। 
संजय दत्त ने लिखा,राम जन्मभूमि के पवित्र मैदान से भव्य राम मंदिर तक, आस्था और लचीलेपन से बुनी गई एक यात्रा ,आज का दिन सभी के लिए आशीर्वाद और समृद्धि लेकर आए।जय भोलेनाथ, जय श्री राम। कपिल शर्मा ने लिखा,,सभी राम भक्तों को अयोध्या में प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के इस शुभ दिवस पर बहुत बहुत बधाई।प्रभु श्री राम सब का भला करें।आर माधवन ने लिखा, इस शुभ अवसर पर प्यार, करुणा, शांति और समृद्धि का एक लंबा युग शुरू हो सकता है और दुनिया और इसमें मौजूद सभी लोगों को सर्वश्रेष्ठ का आशीर्वाद मिले। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। रामलला की पहली झलक सामने आ चुकी है। इस कार्यक्रम में फिल्म जगत के कई सितारे आए। सभी ने एक साथ फोटोग्राफर्स को पोज दिए। ये सितारे भव्य राम मंदिर परिसर में सेल्फी ले रहे थे, उसी दौरान इन्हें कैमरे में कैद किया गया। तस्वीर में सितारों की खुशी देखते बन रही है।

 

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में झूमीं कंगना रनौत, लगाया ‘श्रीराम’ का जयकारा
Posted Date : 23-Jan-2024 12:54:22 pm

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में झूमीं कंगना रनौत, लगाया ‘श्रीराम’ का जयकारा

अयोध्या ।  बॉलीपुड अभिनेत्री कंगना रनौत अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने पर बेहद खुश है। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश के साथ ही बॉलीवुड सितारे भी जश्न मना रहे है। बॉलीवुड सितारों ने 500 साल के संघर्ष के बाद राममंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा पर अपनी खुशी जाहिर की है। इस मौके पर कंगना रनौत ने अयोध्या से अपना एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में कंगना रनौत मंदिर परिसर में नजर आ रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता हैं कि जैसे ही भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होती है, आकाश से हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाती है और शंखों की ध्वनि से पूरा माहौल ही बदल जाता है। यह सब देख कंगना खुशी से झूम उठती हैं और जोर-जोर से जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगती हैं। इस वीडियो को कंगना के सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है।वीडियो शेयर करते हुए कंगना ने लिखा,‘राम आ गए।कंगना रनौत रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंच गई थीं और वहां उन्होंने सभी धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था।

 

हमारे राम लला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे :  पीएम मोदी
Posted Date : 23-Jan-2024 12:53:51 pm

हमारे राम लला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे : पीएम मोदी

-राम विवाद नहीं समाधान हैं : पीएम मोदी
-देश वासियों में पैदा हो रहा नया उत्साह

अयोध्या । भव्य राम मंदिर में  श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे राम आ गये हैं, सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गये हैं, कंठ अवरुद्ध है, चित्त उस पल में लीन है, हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, रामलला दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये पल पवित्रतम है, आज नव इतिहास का सृजन हो गया है, ये समय सर्वकालिक अमिट रेखाएं खींच रहा है। संविधान में भगवान राम विराजमान हैं, न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली ,आज शाम दीपोत्सव मनाइए, सागर से सरयू तक उत्सव भाव छाया हुआ है। भारतीयों के मन में राम हैं, पर्व से परंपराओं तक में राम हैं, राम रस जीवन प्रवाह की तरह बहता रहता है, राम कथा असीम है, रामायण अनंत है। कुछ लोग कहते थे राम मंदिर बना तो आग लग जायेगी, वो लोग भारत के आपसी सद्भाव को नहीं समझ पाय। यह मंदिर आग नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। विरोधी सुनें-राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं, राम सबके हैं, राम विवाद नहीं समाधान हैं। राम अनंत काल हैं, यह राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं अपितुभारत की संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा है। यह मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है ,यह भारत के दर्शन का मंदिर है, यह भारत की चेतना का मंदिर है। राम भारत की चिंतन हैं, राम विश्वास हैं व्यापक हैं, राम नीति हैं, राम निरंतर हैं। सवाल है मंदिर तो बन गया अब आगे क्या - इसलिए मैं कहता हूँ-कालचक्र बदल रहा है, हमारी पीढ़ी को कालचक्र ने चुना है। यही समय है सही समय है, आगे एक हज़ार साल के समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य, भारत की नींव रखनी है। आदिवासी माँ शबरी का ध्यान आते ही विश्वास जागृत होता है कि राम आयेंगे। देव से देश, राम से राज्य की चेतना का विस्तार, निषादराज और राम का संबंध अपनत्व विश्वास के संबंध का संदेश देता है। कोई छोटा नहीं है, गिलहरी को याद करिये, छोटे बड़े हर प्रयास की अपनी ताक़त होती है। संकल्प लीजिए राम काज से राष्ट्र काज के लिये पल पल लगा देंगे। अहम से वयम की ओर चलना है। भारत को वैभवशाली बनाना है, ये अमृत काल है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है, हमे अब चूकना नहीं है, युवाओं अब बैठना नहीं है, चाँद से सूर्य तक नवप्रभात हो रहा है ,इसे अनंत तक ले जाना है। ये मंदिर साक्षी बनेगा भव्य भारत के अभ्युदय का, अगर लक्ष्य प्रमाणिक हो तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं है। अब हम रुकेंगे नहीं विकास की ऊँचाई तक जायेंगे। आज 22 जनवरी को अयोध्या में राम लाल प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। राम लला अपने स्थान पर विराजमान हो चुके हैं। राम लला के विराजमान होते ही जहां पूरा देश भावुक हो गया वहीं दूसरी ओर जय श्रीराम के नारों से भी पूरा देश गूंज उठा।  प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद जहां सबसे पहले सीएम योगी ने संबोधन किया उसके बाद संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने लोगों को संबोधित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी संबोधन शुरू करने से पहले सभी भारतवासियों के सामने हाथ जोडक़र कहा साथियों सभी को राम आज प्रभु राम आ गये हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सदियों की प्रतिक्षा के बाद आज हमारे प्रभु राम आ गये हैं। हमारे राम लला अब टेंट में  नहीं रहेंगे। हमारे राम लला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा मेरा पक्का विश्ववास है। जो कृतित हुआ है इसकी अनुभूति देश व विश्व के कोने-कोने में राम भक्तों में हो रही होगी। ये माहौल ये वातारण ये उर्जा, ये घड़ी सब पर प्रभु राम का आर्शीवाद है। पीएम मोदी ने कहा आज 22 जनवरी का ये सूरज एक अदभुत आभा लेकर आया है। ये एक नये काल चक्र का उ्दगम है।  पीएम मोदी ने कहा राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से हर दिन पूरे देश में हर दिन उमंग व उत्साह लोगों में बढ़ता जा रहा है। निर्माण कार्य देखकर हर दिन लोगों में विश्ववास बढ़ता जा रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है। आज हमें प्रभु राम का मंदिर मिला है। पीएम मोदी ने कहा आज के हजार के साल बाद भी आज के इस पल की चर्चा लोग करेंगे। पीएम मोदी ने कहा ये कितनी बड़ी प्रभु श्रीराम की कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं। इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज का दिन दिशायें दिव्यता से परिपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा ये समय सामान्य समय नहीं है। ये कालचक्र पर अमिट स्मृति है। हम सभी जानते हैं कि जहां राम का काम होता है वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं रामभक्त हनुमान व हनुमान गढ़ी को प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकारी, भरत शत्रुहन, लक्ष्मण सभी को प्रणाम करता हूं। मैं दिव्य आत्माओं को भी नमन करता हूं जिनके वजह से आज ये कार्य पूरा हुआ।   पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोडक़र उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल, तारीख की चर्चा करेंगे। राम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं। मैं पावन अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। मैं इस समय दैवीय अनुभूति कर रहा हूं। वे दैवीय अनुभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूं। प्रभु राम से क्षमायाचना भी करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल ये काम नहीं कर पाए। आज ये कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे।
जो विपत्ति आई थी वह खत्म हो गई
-पीएम मोदी ने कहा कि त्रेता में राम आगमन पर तुलसी ने लिखा- प्रभु के अयोध्या आगमन से सभी देशवासी हर्ष से भर गए। जो विपत्ति आई थी, वो खत्म हो गई। वो 14 वर्षों का था। अब तो हमने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली। आज गांव-गांव में कीर्तन-संकीर्तन हो रहे हैं। स्वच्छता अभियान चल रहा है। देश दीपावली बना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योत जलेगी। कल मैं धनुषकोडि में था। जिस घड़ी राम समुद्र पार करने निकले थे, उसे कालचक्र बदला था। अब कालचक्र फिर बदलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि अनुष्ठान के दौरान सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला। राम भारतवासियों के मन में विराजे हुए हैं। किसी के भी मन को छुएंगे तो एकत्व की अनुभूति होगी। मुझे देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला। मोदी ने कहा पिछले 11 दिनों में रामायण अलग-अलग राज्यों में, अलग-अलग भाषाओं में सुनने का मौका मिला। ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है। पीएम मोदी ने कहा ये क्षण विजय ही नहीं, विनय का भी है। कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। पीएम ने कहा जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया तो मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। हम जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। ये समन्वय, उज्ज्वल भविष्य के पथ पर बढऩे की प्रेरणा लेकर आया है। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। आज रामलला की प्रतिष्ठा, वसुधैव कुटुंबकम् की भी प्रतिष्ठा है। ये राम के रूप में साक्षात भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा है। साथ ही मानवीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा है।

 

छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की जड़ें आदिम काल से, मुरिया दरबार में हुई जीवंत
Posted Date : 23-Jan-2024 12:52:56 pm

छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की जड़ें आदिम काल से, मुरिया दरबार में हुई जीवंत

भारत लोकतंत्र की जननी थीम पर बनी छत्तीसगढ़ की झांकी ‘बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार’ 
छत्तीसगढ़ की झांकी को मिली सराहना 

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में आदिम काल से लोकतंत्र की जड़ें विद्यमान हैं, इसका जीवंत उदाहरण मुरिया दरबार में देखने को मिलता है। भारत लोकतंत्र की जननी थीम पर बनी छत्तीसगढ़ की झांकी ने राष्ट्रीय मीडिया को खासा आकर्षित किया है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्यपथ पर निकलने वाली राज्यों की झांकियों का आज नई दिल्ली की राष्ट्रीय रंगशाला में प्रेस प्रीव्यू आयोजित किया गया।जहां ‘बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार’ विषय पर बनी राज्य की झांकी को राष्ट्रीय मीडिया की काफी सराहना मिली। इस दौरान झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने परब नृत्य का प्रदर्शन किया। वहीं, मांदर की थाप के साथ बांसुरी की मधुर तान ने सबका मनमोह लिया। यह झांकी छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिम काल से उपस्थित लोकतांत्रिक व्यवस्था को दिखाती है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के समारोह में शामिल मुरिया दरबार की परंपरा आजादी के 75 साल बाद भी जारी है, जहां जनप्रतिनिधि व आमजन शामिल होकर क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करते हैं। रियासत काल में जहां इसमें राजा शामिल होता था, वहीं अब मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं। झांकी के अलग-अलग हिस्सों में दिखी आदिम संस्कृति की झलक मुरिया दरबार में बस्तर में आदिम काल से लेकर अब तक हुए सांस्कृतिक विकास की झलक भी दिखाई पड़ रही है। झांकी के सामने के हिस्से में बस्तर के आदिम काल से स्त्री प्रधान जनजातीय समाज को दिखाया गया है। अपनी पारंपरिक वेशभूषा में एक स्त्री को अपनी बात रखते हुये दर्शाया गया है। युवती की पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से बस्तर के रहन-सहन, सौंदर्यबोध और सुसंकारित पहनावे को दर्शाया गया है। मध्य भाग में बस्तर की आदिम जनसंसद को दर्शाया गया है, जिसे मुरिया दरबार के नाम से जाना जाता है। 600 से अधिक वर्षों से यह परंपरा विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे का हिस्सा है। लेकिन इसकी शुरुआत के प्रमाण आदिम काल के मिलते हैं। 
झांकी के पीछे के हिस्से में बस्तर की प्राचीन राजधानी बड़े डोंगर में स्थित लिमऊ राजा नाम के स्थान को दर्शाया गया है। लोककथाओं के मुताबिक आदि काल में जब कोई राजा नहीं था, तब जनजातीय समाज एक नीबू को पत्थर के प्राकृतिक सिंहासन पर रखकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था। इसी परंपरा को बाद में मुरिया दरबार के रूप में विस्तार पाया। 
झांकी की सजावट जनजातीय समाज की शिल्प-परंपरा के बेलमेटल और टेरकोटा शिल्पों से की गयी है। बेलमेटल शिल्प का नंदी सामाजिक आत्मविश्वास और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। टेरकोटा शिल्प का हाथी लोक की सत्ता का प्रतीक है।लोक कलाकारों ने परब नृत्य की दी प्रस्तुति -परब नृत्य बस्तर की धुरवा जनजाति का लोकप्रिय नृत्य है। जिसमें युवक-युवतियाँ मिलकर नृत्य करते हैं। ये सभी कतारबद्ध होकर नृत्य करते हैं, एवं नृत्य के साथ विशेष करतब भी करते हैं।