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सज्जन कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
Posted Date : 18-Dec-2018 12:36:57 pm

सज्जन कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

नईदिल्ली,18 दिसंबर । पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ कांगे्रसी नेता सज्जन कुमार ने 1984 सिख विरोधी दंगे में दोषी पाये जाने के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है. ज्ञात हो कि सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सिख दंगे के दोषी कांग्रेस के नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. ये फैसला मैंने दिल्ली हाई कोर्ट के सजा सुनाए जाने के बाद लिया है.
ज्ञात हो कि 2013 में सज्जन कुमार को निचली अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा. उम्रकैद के अलावा सज्जन कुमार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके अलावा बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे.
क्या था पूरा मामला?
ये मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 का है. दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में बाक़ी लोगों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है. जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीडि़तों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.

अमेरिकी हमले में अल-शबाब के 62 आतंकवादी मरे
Posted Date : 18-Dec-2018 12:36:25 pm

अमेरिकी हमले में अल-शबाब के 62 आतंकवादी मरे

मॉस्को ,18 दिसंबर । अमेरिकी सेना ने शनिवार और रविवार को सोमालिया में हवाई हमले किए जिसमें अल-शबाब के 62 आतंकवादी मारे गए। अमेरिकी सेना की अफ्रीकी कमान ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी। 
वक्तव्य के मुताबिक 15 दिसंबर को किए गए हवाई हमले में 34 आतंकवादी मारे गए जबकि 16 दिसंबर को किए गए हमले में 28 आतंकवादी मारे गए। अमेरिकी सेना ने कहा कि सभी छह हवाई हमले की जानकारी सोमालिया की सरकार को पहले से ही दी गयी थी। सरकार के सहयोग से ही इन हमलों को अंजाम दिया गया। यह हवाई हमले अल-शबाब के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए थे। इन हवाई हमलों में नागरिकों को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। 
गौरतलब है कि अल-शबाब सोमालिया में 2006 के दौरान एक आतंकवादी संगठन के रूप में उभरा था। इस क्षेत्र में अब तक अल-शबाब कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दे चुका है। अल-शबाब का संबंध अल-कायदा से भी है। अल-शबाब अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में शरिया कानून लागू करना चाहता है।

फैक्ट्री में आग लगने से 11 की मौत
Posted Date : 18-Dec-2018 12:35:47 pm

फैक्ट्री में आग लगने से 11 की मौत

झेंगझोऊ ,18 दिसंबर । चीन के हेनान प्रांत में सोमवार को एक फैक्ट्री में लगी आग के कारण 11 लोगों की मौत हो गयी। स्थानीय प्रशासन ने इस बात की जानकारी दी। शांगकियू शहर की एक फैक्ट्री में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11 बजे आग लग गयी जिस पर दोपहर बाद तक काबू पा लिया गया। 
शुरुआती जांच में पता चला है कि फैक्ट्री के तीन कर्मचारियों ने नियमों का उल्लंघन किया जिसके कारण आग लगी। तीनों को हिरासत में ले लिया गया है। 

7 सक्रिय नक्सलियों ने बिना हथियार किया समर्पण
Posted Date : 17-Dec-2018 11:17:03 am

7 सक्रिय नक्सलियों ने बिना हथियार किया समर्पण

जगदलपुर, 17 दिसंबर । छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर 7 सक्रिय नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष बगैर हथियार आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित सभी माओवादी छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं। 
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा एवं डीआईजी रतनलाल डांगी ने बताया कि बस्तर रेंज में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन पर भारी दबाव बना हुआ है, वहीं सरकार की आकर्षक पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में जुडऩे हेतु कुल 7 नक्सलियों बारसे कैलाश पूर्व प्लाटून नंबर एवं 04 का सेक्सन बी डिप्टी कमांडर। पोडिय़म मासा पूर्व कंपनी नंबर 03 का सदस्य। माड़वी सोमड़ा जनताना सरकार अध्यक्ष गोमपाड़ा व आरपीसी स्थायी वारंटी। ताती लखमा भूमकाल मिलिशिया सदस्य। बेको आयता कृषि कमेटी सदस्य व मेहता आरपीसी। कवासी जोगा सीएनएम डिप्टी कमांडर एवं करटम बुधरा सीएमएम सदस्य बगैर हथियार आत्म समर्पण किया है।  
उन्होंने बताया कि आत्म समर्पित नक्सली बारसे कैलाश एवं पोडिय़म मासा साल 2009 में थाना कोंटा क्षेत्र के ग्राम आसीरगुड़ा के पास टे्रेक्टर वाहन को आईईडी विस्फोट, साल 2011 में थाना भेज्जी के खास भेज्जी के निकट पुलिस गश्त पार्टी पर फायरिंग तथा 2011 में ही थाना कोंटा के बेसकैम्प बंडा के पास पुलिस पार्टी पर फायरिंग की घटनाओं में शामिल रहे हैं। इसी प्रकार आत्म समर्पित नक्सली माड़वी सोमड़ा थाना कोंटा के क्रमश: 1 मार्च 2006 को ग्राम बंडा एतकलपारा निवासी नागरिक का अपहरण करने तथा 16 फरवरी 2006 को ग्राम सुन्नमगुड़ा एवं बंडा के मध्य रोड में आईईडी बिछाने की घटनाओं में संलिप्त था।  
अधिकारियों ने बताया कि सभी आत्म समर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान की जा रही है।

भूमिगत कोयला खदान में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाने से तीन लोगों की मौत
Posted Date : 17-Dec-2018 10:55:48 am

भूमिगत कोयला खदान में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाने से तीन लोगों की मौत

कोरबा, 17 दिसम्बर ।  एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की बगदेवा भूमिगत क ोयला खदान में कार्य के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाने से एक माइनिंग सरदार समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। घटना के बाद रेस्क्यू टीम अंदर गई और माइनिंग सरदार का शव पहले निकाला। डेढ़ घंटे बाद दो अन्य कर्मियों का शव बाहर निकाला गया। एक अन्य माइनिंग सरदार घटना में बाल-बाल बच गया।
एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की भूमिगत परियोजना बगदेवा में रविवार की शाम 6.30 बजे यह घटना हुई। खदान में माइनिंग सरदार लक्ष्मीकांत प्रसाद 40, कैरियर रामाधार तथा मैकेनिकल फिटर अजय दोपहर में ड्यूटी करने अंदर गए हुए थे। बताया जा रहा है कि खदान के 70 लेवल 55 नंबर फेस में कोयला उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। खदान के अंदर दो फेस को जोडऩे की प्रक्रिया पूरी करना था। खदान के बंद पड़े दूसरे फेस में कोई कर्मचारी न हो, इसकी जांच पड़ताल करने लक्ष्मीकांत की अगुवाई में दोनों कर्मी चले गए। इस दौरान कर्मियों के पास गैस डिटेक्टर नहीं था। अंदर पहुंचने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढऩे लगी लगी। तीनों कर्मी इसे समझ नहीं सके और खदान के अंदर चले गए। इस दौरान कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा काफ ी अधिक बढ़ गई और सांस लेने में तकलीफ  होने लगी सीओ टू गैस का ज्यादा रिसाव होने पर तीनों कर्मियों की स्थल पर मौत हो गई। घटना की जानकारी जब सहकर्मियों को हुई, तब वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और रेस्क्यू टीम बुलाया गया। लगभग पांच किलोमीटर खदान के अंदर जाकर रेस्क्यू टीम ने रात आठ बजे माइनिंग सरदार लक्ष्मीकांत का शव बाहर निकाला और एंबुलेंस से बांकीमोंगरा चिकित्सालय भेजा। चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। शेष दो कर्मियों का शव रात 9.30 बजे बाहर निकाला जा सका। 
घटना की जानकारी मिलते ही एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक जे पी द्विवेदी, सब एरिया मैनेजर नितिन फिलीप समेत सभी आला अफसर खदान एवं बांकी हॉस्पिटल पहुंच गए। इन तीनों कर्मियों के काफ ी पीछे एक अन्य माइनिंग सरदार तनवीर अहमद भी था। इन्हें गिरते देख तनवीर पीछे हट गया, इस कारण गैस की चपेट में ज्यादा नहीं आ सका।

सर्वोच्च न्यायालय दे सकता है पोलावरम बांध पर जनसुनवाई का मौका
Posted Date : 17-Dec-2018 10:52:18 am

सर्वोच्च न्यायालय दे सकता है पोलावरम बांध पर जनसुनवाई का मौका

जगदलपुर, 17 दिसंबर  । सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को ओडि़शा और छत्तीसगढ़ में आंध्र में बन रहे पोलावरम बांध पर जनसुनवाई का निर्देश दे सकता है। जानकारी के अनुसार आंध्र में बन रहे पोलावरम बहुदेशीय अंतरराज्यीय परियोजना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटिसन दायर कर मांग की है कि छत्तीसगढ़ और ओडि़शा में परियोजना के निर्माण से संबंधित जनसुनवाई नहीं की गई और आंध्र प्रदेश बिना जनसुनवाई के पोलावरम बांध का निर्माण कर रहा है। 
मुख्य अभियंता ने कहा है कि इस संबंध में उन्हेंअधिकृत जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए इस मामले में जानकारी प्राप्त कर वे कुछ कह सकते हैं। 
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ और ओडि़शा के बहुत बड़े क्षेत्र में सीमा पर उस पार आंध्र प्रदेश में बन रहे पोलावरम बांध से दोनों राज्यों में अत्यधिक भुमि डूबान में आयेगी और इस संबंध में डूबान में आने वाली समूची भूमि का पुन: सर्वेक्षण कराया जा रहा है। यह काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सर्वे का कार्य धीमी गति से चल रहा है।  फिर भी इस बांध से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में करीब 5 हजार हेक्टेयर राजस्व व वन भूमि डूबान में आयेगी और लोखों पेड़ डूब जायेंगे। इसके साथ ही 30 हजार से अधिक ग्रामीण आदिवासी परिवार विस्थापित हो जायेंगे। जबकि इसी डूबान में आने वाली भूमि में विलुप्त होती दोरला जनजाति के लोग रहते हैं। इसी प्रकार की स्थिति ओडि़शा में भी है। इस बांध का निर्माण दोनों राज्यों के लिए लाभ के बजाय हानि का ही सौदा रहेगा। इसलिए ओडि़शा व छत्तीसगढ़ द्वारा इस बांध का विरोध प्रारंभ से ही किया जा रहा है।