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जाकिर मूसा के डेप्युटी चीफ समेत 6 आतंकी ढेर
Posted Date : 22-Dec-2018 12:37:51 pm

जाकिर मूसा के डेप्युटी चीफ समेत 6 आतंकी ढेर

0-मुठभेड़ में बड़ी कामयाबी
श्रीनगर ,22 दिसंबर । त्राल में मुठभेड़ के दौरान एनकाउंटर में छह आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। इलाके में अभी सर्च ऑपरेशन जारी है। अवंतीपोरा में आतंकियों के छिपे होने के इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने पूरा इलाका खाली कराया और ऐक्शन शुरू किया। मुठभेड़ में कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा के संगठन से जुड़े डेप्युटी चीफ सोलिहा को भी ढेर कर दिया गया।
आतंकियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिलने के बाद सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ की 180वीं बटैलियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी की ओर से अवंतीपोरा के आरामपोरा में जॉइंट ऑपरेशन चलाया गया। जैसे ही सुरक्षाबलों की जॉइंट टीम संदिग्ध स्थल पर पहुंची, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में छह आतंकी मार गिराए गए। एनकाउंटर में कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा के करीबी के मारे जाने की भी सूचना है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में जाकिर मूसा के संगठन के डेप्युटी चीफ सोलिहा उर्फ रेहान खान को भी मार गिराने में सफलता मिली है। मूसा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अल-कायदा की नई शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद का प्रमुख है।
अंसार गजवत-उल हिंद से आतंकियों का संबंध 
कश्मीर के आईजी एसपी पानी ने पुलवामा मुठभेड़ के बारे में बताया कि सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में छह आतंकी मारे गए। इस दौरान सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। कार्रवाई के दौरान सहयोग करने के लिए हम नागरिकों को धन्यवाद देते हैं। यह एक क्लीन ऑपरेशन था। बताया जा रहा है कि मारे गए सभी आतंकियों का संबंध अंसार गजवत-उल-हिंद से है। मौके से पांच आतंकियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। इससे पहले पिछले हफ्ते भी पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में मोस्ट वॉन्टेड जहूर अहमद ठोकर भी था, जो पिछले वर्ष जुलाई में सेना के कैंप से फरार होकर आतंकी संगठन में शामिल हो गया था।
स्थानीय निवासी ठोकर के मुठभेड़ में घिरे होने की जानकारी मिलने के कारण ही वहां के लोग उग्र हो गए थे और सेना पर पथराव शुरू कर दिया था। इसके बाद सुरक्षाबलों को हालात पर काबू करने के लिए उन पर फायरिंग करनी पड़ी थी। इस दौरान गोली लगने से सात नागरिक भी मारे गए। वहीं सेना का एक जवान भी एनकाउंटर के दौरान शहीद हो गया था।

भारत में 2.8 फीट तक बढ़ सकता है समुद्र स्तर
Posted Date : 22-Dec-2018 12:37:06 pm

भारत में 2.8 फीट तक बढ़ सकता है समुद्र स्तर

0-देश के पश्चिमी तटों पर खतरा
नई दिल्ली ,22 दिसंबर । देश के पश्चिमी तटों पर ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से सदी के आखिर तक समुद्र का जल स्तर 3.5 इंच से 34 इंच (2.8 फीट) तक बढ़ सकता है। मुंबई सहित पश्चिमी तट और पूर्वी भारत के प्रमुख डेल्टाओं में यह बड़े खतरे की घंटी हो सकती है। 
हैदराबाद स्थिति नैशनल सेंटर फॉर ऑशन इन्फॉर्मेशन सर्विस के अनुसार लोकसभा में बताया गया कि मुंबई और अन्य पश्चिमी तट जैसे खम्बाट, गुजरात का कच्छ, कोंकण के कुछ हिस्से और दक्षिण केरल समुद्र स्तर बढऩे की सबसे ज्यादा चपेट में आ सकते हैं। समुद्र स्तर बढऩे को इसलिए भी बड़ा खतरा बताया जा रहा है क्योंकि इससे रिवर सिस्टम पूरी तरह गड़बड़ा सकता है। ऐसे में भारत की खाद्य सुरक्षा पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
बता दें कि बीते दिनों ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ दि नैशनल अकैडमी ऑफ साइंसेस’’ नाम की पत्रिका की एक स्टडी में बताया गया था कि बीते 25 वर्षों में समुद्र के जलस्तर में असमान वृद्धि की वजह केवल प्राकृतिक परिवर्तनशीलता नहीं बल्कि कुछ हद तक इंसानी गतिविधियों की वजह से हुआ जलवायु परिवर्तन है। इनके मुताबिक विश्व के वे हिस्से जहां समुद्री जलस्तर में औसत से कहीं अधिक वृद्धि हुई है वहां यह चलन जारी रह सकता है और इसकी वजह जलवायु का गर्म होना है। 
अमेरिका के नैशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के जॉन फसुलो ने कहा था, यह जानने के बाद कि इन क्षेत्रीय पैटर्न के पीछे एक वजह जलवायु परिवर्तन भी है, हम यह भरोसे से कह सकते हैं कि ये पैटर्न जारी रहेंगे। और अगर भविष्य में जलवायु परिवर्तन लगातार जारी रहता है तो ये पैटर्न और गहरा भी सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया के कुछ हिस्सों में स्थानीय समुद्री जलस्तर में वृद्धि औसत के मुकाबले लगभग दोगुनी है।

ईवीएम में छेड़छाड़ मुमकिन नहीं: सीईसी
Posted Date : 21-Dec-2018 1:22:47 pm

ईवीएम में छेड़छाड़ मुमकिन नहीं: सीईसी

नई दिल्ली ,21 दिसंबर । मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जाने पर दुख व्यक्त करते हुये कहा है कि मतदान की यह सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति है क्योंकि मशीन गलत रखरखाव की शिकार तो हो सकती है,लेकिन इसमें छेड़छाड़ मुमकिन ही नहीं है। 
नवनियुक्त सीईसी अरोड़ा ने ईवीएम पर राजनीतिक दलों के आरोपों के दायरे में अब चुनाव आयोग के भी आने के मुद्दे पर कहा कि चुनाव में मतदाताओं के बाद राजनीतिक दल ही मुख्य पक्षकार होते हैं। उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है। लेकिन इस बात से मुझे क्षोभ होता है, हमने ईवीएम को ‘फुटबॉल’ बना दिया। किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा ईवीएम पर फोडऩे की प्रवृत्ति के बारे में अरोड़ा ने दलील दी कि 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत थे। इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा तमाम उपचुनाव के परिणाम बिल्कुल भिन्न रहे। अरोड़ा ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव परिणाम की व्याख्या अपनी सुविधानुसार करने का जिक्र करते हुये कहा कि ईवीएम महज एक मशीन है जो आंकड़े दर्ज कर उनकी गिनती करती है। मशीन में खास प्रोग्रामिंग कर विशेष परिणाम हासिल करने की संभावना को वह पूरी तरह से नकार सकते हैं।
पांच राज्यों के चुनाव में ईवीएम की मतदान केन्द्रों से इतर अन्य स्थानों पर बरामदगी के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि मशीन में छेड़छाड़ करना और इसका गलत रखरखाव दो अलग मुद्दे हैं। जो शिकायतें इन चुनावों के दौरान मिलीं, वे कर्मचारियों द्वारा गलत रखरखाव की श्रेणी में आती हैं। इस तरह के जो चार-पांच मामले सामने आये हैं, हालांकि यह संख्या नगण्य है लेकिन फिर भी आयोग की कोशिश इस संख्या को शून्य पर लाने की है। राजनीतिक दलों की मतपत्र की तरफ वापस लौटने की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा ‘मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं है। यह चुनाव आयोग का स्पष्ट रुख है। इस विषय पर कई बार विचार विमर्श करने के बाद आयोग ने यह सोच कायम की है।

सोमालिया में अमेरिकी सेना के हवाई हमले में 11 आतंकवादी ढेर
Posted Date : 21-Dec-2018 1:22:10 pm

सोमालिया में अमेरिकी सेना के हवाई हमले में 11 आतंकवादी ढेर

मोगादिशु ,21 दिसंबर । सोमालिया की राजधानी के बाहरी क्षेत्र में अमेरिकी सेना के हवाई हमलों में आतंकवादी संगठन अल-शबाब के 11 आतंकवादी मारे गए हैं।
अमेरिका की अफ्रीका कमान (अफ्रीकाम) की ओर से जारी बयान के मुताबिक अमेरिकी सेना ने सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से 40 किलोमीटर दूर दक्षिणी बेलेद अमिन के नजदीक अल शबाब के आतंकवादियों को निशाना बनाकर दो हवाई हमले किये।
बयान के मुताबिक पहले हवाई हमले में आठ और दूसरे हवाई हमले में तीन आतंकवादियों के मारे जाने की रिपोर्ट है। पिछले कई महीनों ने अमेरिकी सेनाओं ने सोमाली और अफ्रीकी संघ की सेनाओं के साथ मिलकर अल शबाब के हवाई हमले तेज किये है और अपनी पकड़ को मजबूत किया है।

मौत के 10 महीने बाद कोर्ट से मिला न्याय
Posted Date : 20-Dec-2018 12:20:46 pm

मौत के 10 महीने बाद कोर्ट से मिला न्याय

0-बेटी ने लगाया था रेप का आरोप
नई दिल्ली ,20 दिसंबर । हाईकोर्ट के एक फैसले ने 17 साल पहले अपनी ही नाबालिग बेटी से कथित दुष्कर्म मामले में शख्स दोषमुक्त कर दिया है। ज्ञात हो कि उक्त शख्स को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहरा गया था। हालांकि वह व्यक्ति सजा सुनने के लिए अब जिंदा नहीं है। आखिरकार अपनी मौत के 10 महीने बाद उसे इंसाफ  मिला जबकि वह पहले दिन ही से अपनी बेगुनाही का दावा करता रहा था। इस मामले को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। 
कोर्ट ने बुधवार को अपने एक फैसले में मृतक को इस मामले में बरी कर दिया। ट्रायल कोर्ट के गलत दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में न तो जांच सही ढंग से की गई और न ही ट्रायल सही हुआ। इसके चलते अभियुक्त को 10 साल जेल में गुजारने पड़े। जस्टिस आरके गाबा ने अपने 22 पेज के फैसला में कहा कि अभियुक्त पहले दिन से ही इस मामले में उसकी लडक़ी को अगवा करने और बहकाने वाले लडक़े द्वारा साजिश का आरोप लगाता रहा।
जनवरी 1996 में दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने के वक्त लडक़ी गर्भवती थी लेकिन जांच एजेंसी और ट्रायल कोर्ट ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। अभियुक्त पिता ने भ्रूण का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराने को भी कहा लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। इतना ही नहीं, ट्रायल कोर्ट ने भी जांच एजेंसी को इस मुद्दे पर कोई निर्देश नहीं दिए।
जस्टिस गाबा ने कहा कि जांच पूरी तरह से एकपक्षीय थी। इतने वक्त बाद, यह कोर्ट केवल सभी संबंधित पक्षों की निष्क्रियता पर खेद ही जता सकता है। इस कोर्ट के विचार से इस मामले के कई तथ्यों और परिस्थितियों की ट्रायल कोर्ट द्वारा दुर्भाग्य से अनदेखी की गई।
अभियोजन पक्ष ने अविश्वसनीय और असंभव तथ्य पेश किए। इस साल फरवरी में मृत व्यक्ति को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि न तो जांच एजेंसी और न ही ट्रायल कोर्ट ने किसी भी चरण में अभियुक्त के साथ न्याय किया। बचाव पक्ष के सुबूतों खासकर परिवार के करीबी सदस्यों के बयान को नकार दिया गया। यह बहुत ही दुख की बात है कि ट्रायल कोर्ट के जज ने आंख मूंदकर अभियोजन की कहानी को स्वीकार कर लिया। अभियुक्त के निधन के बाद भी उसकी पत्नी ने मामले को आगे बढ़ाया। 
कोर्ट ने यह भी पाया कि 16 वर्षीय अपनी बेटी के लापता होने के बाद पिता ने अगवा होने की एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन इस शिकायत को बिना किसी जांच के इसलिए बंद कर दिया गया कि बेटी ने शिकायत की थी कि उसका पिता 1991 से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। ट्रायल कोर्ट के सामने दिए गए लडक़ी के बयान का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की शिकायत करने के लिए लडक़ी पर कोई रोक नहीं थी। 1991 से उत्पीडऩ के बावजूद उसे कभी अपनी मां, भाई-बहनों या परिवार के अन्य बुजुर्ग से इसका जिक्र करने से नहीं रोका गया। यदि उसका 1991 में दुष्कर्म किया गया तो वह उस वक्त मात्र 12 साल की रही होगी।
जस्टिस गाबा ने कहा कि पुलिस ने डीएनए टेस्ट भी कराना उचित नहीं समझा, जबकि अभियुक्त लगातार जोर देता रहा कि उसका और लडक़े का टेस्ट करा लिया जाए। जांच एजेंसी और अभियोजन का कहना था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है तथा यह पूरी तरह से खुला मामला है। उनका कहना था कि आखिर कोई बेटी अपने पिता पर ऐसे आरोप क्यों लगाएगी। कोर्ट ने कहा कि इसकी संभावना है कि लडक़े और लडक़ी के बीच शारीरिक संबंध बन गए हों। इसकी गहराई से जांच की जरूरत थी लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।
लडक़ी की शिकायत के अनुसार, उसके पिता सैन्य इंजीनियरिंग सेवा में इलेक्ट्रिशियन थे। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में रहने के दौरान 1991 में पिता ने दुष्कर्म किया। घटना के वक्त उसकी मां अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने गई थी। इसके बाद जब भी वह अकेली होती तो उसके पिता उसके साथ दुष्कर्म करते। यह सिलसिला दिल्ली आने के बाद भी जारी रहा। 
बेटी द्वारा पिता पर लगाए गए आरोपों का उसकी मां के साथ ही उसके बड़े भाई और बहन ने भी विरोध किया और खंडन किया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पाया कि अभियुक्त ने ट्रायल कोर्ट में अपना सर्विस रिकॉर्ड भी पेश किया था, जिसके अनुसार, 1991 में जिस वक्त उसकी पत्नी घर पर नहीं थी उसकी तैनाती परिवार से 40 किलोमीटर दूर थी और उसे कोई छुट्टी भी नहीं मिली थी।

बर्फबारी से कड़ाके की ठंड, पारा 5.2 डिग्री तक पहुंचा
Posted Date : 20-Dec-2018 12:15:58 pm

बर्फबारी से कड़ाके की ठंड, पारा 5.2 डिग्री तक पहुंचा

नईदिल्ली ,20 दिसंबर । राजधानी दिल्ली समेत समस्त उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के साथ ही घने कोहरे से लोग ठिठुरन महसूस कर रहे हैं। बुधवार को राजधानी में तापमान 5.2 डिग्री तक पहुंच गया. पहाड़ों में हो रही बर्फबारी की वजह से यहां ठंड बढऩे लगी है. दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में गुरुवार सुबह घने कोहरे और सर्द हवाओं ने कड़ाके की ठंड का एहसास कराया. मौसम वैज्ञानिकों ने भी गुरुवार की सुबह धुंध और कोहरा छाने का पूर्वानुमान जताया था. अभी ठंड और बढऩे की आशंका जताई गई है. मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ती बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. जिसने दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत को ठंड की चपेट में ले लिया है. सर्दी के साथ ही कोहरे ने भी लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. अब इसका असर यातायात पर भी पडऩे लगा है. कोहरे के कारण कई ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं.
मौसम वैज्ञानिकों ने पूर्व में घोषणा की थी कि गुरुवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 22 और 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. दिल्ली में पिछला मंगलवार इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा. मंगलवार को पारा 5.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढक़ गया. यह इस सीजन के औसम से तीन डिग्री कम था.
आदमपुर में पारा पहुंचा 1.5 डिग्री सेल्सियस
पंजाब एवं हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से शीतलहर का प्रकोप जारी है. बुधवार को अधिकतर स्थानों पर तापमान इस मौसम में सामान्य तापमान से कम रहा. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब में आदमपुर एक बार फिर दोनों राज्यों में सबसे ठंडा स्थान रहा. यहां न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. फरीदकोट का भी न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि बठिंडा का तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक गया.
वहीं अमृतसर का तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, हलवाड़ा का 4.8 डिग्री सेल्सियस, लुधियाना में चार डिग्री सेल्सियस, पटियाला में 5.6 डिग्री सेल्सियस, पठानकोट में पांच डिग्री सेल्सियस और गुरदासपुर में पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हरियाणा राज्य में नारनौल सबसे ठंडा स्थान रहा. यहां का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
जम्मू और कश्मीर में जारी है ठंड का प्रकोप
घाटी के कई इलाको में तापमान शून्य से नीचे ही बना हुआ है. मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि जम्मू के इलाकों में रात का पारा पहले से बेहतर हुआ है. मंदिरों के इस शहर में तापमान छह डिग्री सेल्सियस रहा. यह इस मौसम में सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है. जम्मू में सोमवार को रात का तापमान सबसे कम 4.4 डिग्री सेल्सियस था. वहीं राज्य के डोडा जिले के भद्रवाह कस्बे में रात का तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस रहा. जबकि इससे पहले यहां रात का तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे पर था.
जम्मू को कश्मीर से जोडऩे वाले राजमार्ग जम्मू श्रीनगर राजमार्ग के किनारे बसे बनिहाल में न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विभाग ने बताया कि कश्मीर घाटी के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे ही बना रहा. श्रीनगर में रात का तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे से सुधर कर शून्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस नीचे पर आ गया. इन दिनों यहां पर सामान्य तापमान शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे पर रहता है.