0-जेटली का राहुल पर हमला
नई दिल्ली ,03 जनवरी । केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आपातकाल की तानाशाह के पोते ने अपना असली डीएनए दिखा दिया। ज्ञात हो कि राहुल ने बुधवार को लोकसभा में अपने भाषण में कहा था कि पीएम मोदी ने ‘पूर्वनियोजित साक्षात्कार दिया। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर से इसका मजाक बनाया था। उन्होंने कहा था, ‘क्या आपने प्रधानमंत्री का मंगलवार का साक्षात्कार देखा? वह हंस रहे थे, अनुकूल पत्रकार साक्षात्कार ले रही थी। वह सवाल पूछ रही थीं और प्रधानमंत्री के जवाब भी दे रहे थे। राफेल मामले पर एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर गांधी ने कहा था कि न जाने मोदी किस दुनिया मे रहते हैं, जबकि हकीकत यह है कि पूरा देश उनसे राफेल पर सवाल पूछ रहा है। उन्होंने कहा था कि इस मामले में प्रधानमंत्री को सच्चाई और विश्वसनीयता के साथ जवाब देना चाहिए। गांधी ने कहा था, राफेल मामले पर प्रधानमंत्री के साथ आमने सामने से बात करने के लिए 20 मिनट दीजिये और फिर आप फैसला करिए कि क्या होता है। लेकिन प्रधानमंत्री के पास साहस नहीं है। उनके पास आपके (मीडिया) सामने आने का साहस नहीं है।
इस पर वित्त मंत्री जेटली ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, आपातकाल की तानाशाह के पोते ने अपना असली डीएनए दिखा दिया है। उन्होंने एक स्वतंत्र संपादक को डराया और धमकी दी है। इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, छद्म उदारवादी चुप क्यों हैं? एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
पीएम मोदी के साक्षात्कार का राहुल गांधी द्वारा मजाक उड़ाए जाने के बाद भाजपा का पारा चढ़ा हुआ है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेलीविजन साक्षात्कार को ‘पूर्वनियोजित कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा था। गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि यह साक्षात्कार एक ‘अनुकूल पत्रकार ने लिया। भाजपा मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने देर रात दिये बयान में मोदी का साक्षात्कार लेने वाली पत्रकार का बचाव किया और कहा कि गांधी द्वारा मीडियाकर्मी पर निशाना साधना पत्रकारों के बारे में कांग्रेस की मानसिकता दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘यह स्वतंत्र पत्रकारिता के बारे में कांग्रेस की मानसिकता रही है। राहुल गांधी का डीएनए आपातकाल का है। उनकी पार्टी का पत्रकारिता को कुचलने का इतिहास रहा है। उन्हें अपनी ओछी टिप्पणियों के लिए देश के पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए।
0-सुप्रीम कोर्ट की राय
नई दिल्ली ,03 जनवरी । शारीरिक संबंधों के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन पार्टनर के बीच सहमति से बना शारीरिक संबंध बलात्कार नहीं होता शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र की एक नर्स द्वारा एक डॉक्टर के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को खारिज करते हुए यह बात कही। दोनों कुछ समय तक लिव-इन पार्टनर थे।
न्यायमूर्ति ए. के. सिकरी और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने हाल में दिए गए एक फैसले में कहा, ‘रेप और सहमति से बनाए गए यौन संबंध के बीच स्पष्ट अंतर है। इस तरह के मामलों को अदालत को पूरी सतर्कता से परखना चाहिए कि क्या शिकायतकर्ता वास्तव में पीडि़ता से शादी करना चाहता था या उसकी गलत मंशा थी और अपनी यौन इच्छा को पूरा करने के लिए उसने झूठा वादा किया था क्योंकि गलत मंशा या झूठा वादा करना ठगी या धोखा करना होता है।’ पीठ ने यह भी कहा, ‘अगर आरोपी ने पीडि़ता के साथ यौन इच्छा की पूर्ति के एकमात्र उद्देश्य से वादा नहीं किया है तो इस तरह का काम बलात्कार नहीं माना जाएगा।’
प्राथमिकी के मुताबिक विधवा महिला चिकित्सक के प्यार में पड़ गई थी और वे साथ-साथ रहने लगे थे। पीठ ने कहा, ‘इस तरह का मामला हो सकता है कि पीडि़ता ने प्यार और आरोपी के प्रति लगाव के कारण यौन संबंध बनाए होंगे न कि आरोपी द्वारा पैदा किए गलतफहमी के आधार पर या आरोपी ने चाहते हुए भी ऐसी परिस्थितियों के तहत उससे शादी नहीं की होगी जिस पर उसका नियंत्रण नहीं था। इस तरह के मामलों को अलग तरह से देखा जाना चाहिए।’
अदालत ने कहा कि अगर व्यक्ति की मंशा गलत थी या उसके छिपे इरादे थे तो यह स्पष्ट रूप से बलात्कार का मामला था। मामले के तथ्यों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि वे कुछ समय से साथ रह रहे थे और महिला को जब पता चला कि व्यक्ति ने किसी और से शादी कर ली है तो उसने शिकायत दर्ज करा दी। पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अगर शिकायत में लगाए गए आरोपों को उसी रूप में देखें तो आरोपी (डॉक्टर) के खिलाफ मामला नहीं बनता है।’’ व्यक्ति ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसने उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।
नयी दिल्ली ,03 जनवरी । एनसीआर में घने कोहरे छाए रहने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गुरुवार को फ्लाईट का परिचालन दो घंटे तक बाधित रहा। मिली खबर के मुताबिक दृश्यता कम होने की वजह से फ्लाईट्स को प्रात: साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक प्रस्थान नहीं करने दिया। कोहरे के कारण कम दृश्यता होने के चलते उपरोक्त समय तक प्रस्थान रोका गया। दो घंटे की इस अवधि में विमानों का आगमन सामान्य रहा। दृश्यता बेहतर होने के बाद सुबह करीब साढ़े नौ बजे विमानों का प्रस्थान शुरू हुआ। विमानों को उड़ान भरने के लिए कम से कम 125 मीटर की दूरी की दृश्यता की जरूरत होती है। सूत्र ने बताया, सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे के बीच दिल्ली हवाईअड्डे से कुल आठ विमानों का मार्ग बदला गया। पालम वेधशाला ने सुबह साढ़े आठ बजे 50 मीटर की दृश्यता दर्ज की जबकि सफदरजंग वेधशाला ने 350 मीटर दृश्यता दर्ज की।
नईदिल्ली ,02 जनवरी । राजधानी दिल्ली में अब जुर्म करके भाग जाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने इजराइल से एक ऐसी मशीन मंगाई है जो आवाज की रिकॉर्डिंग मात्र की जांच कर झूठ पकड़ लेगी. इस मशीन को रोहिणी की फॉरेंसिक लैब में रखा गया है. यह अत्याधुनिक मशीन है.
इस नई मशीन को लाई डिटेक्टर टेस्ट के मुकाबले ज्यादा कारगर और सटीक बताया जा रहा है. इस मशीन से टेस्ट के दौरान आरोपी के शरीर पर उपकरण नहीं लगाए जाएंगे. बल्कि जैसे ही आरोपी से सवाल पूछे जाएंगे और वह जवाब देगा, यह मशीन उसकी आवाज से सच और झूठ को पकड़ लेगी.
ज्ञात हो कि अभी तक आरोपी का लाई डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए उसे फॉरेंसिक लैब में बुलाया जाता था. उसके सिर, छाती और कलाइयों पर उपकरण लगाए जाते थे. तब उसके सच और झूठ का पर्दाफाश होता था. इसके लिए आरोपी की इजाजत भी लेनी होती थी. लेकिन यह मशीन एडवांस्ड है. सिर्फ आरोपी की आवाज रिकॉर्ड कर उसे फॉरेंसिक लैब में ले जाने पर भी सच और झूठ का पता चल जाएगा.
ब्यूनस आयर्स ,02 जनवरी । ब्यूनस आयर्स में नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रमों में शहरभर में लगभग 50 लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी एफे की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, तीन विभिन्न अस्पतालों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिखाया गया है कि इन मामलों में पिछले साल की तुलना में कमी आई है। इन अस्पतालों में से दो अस्पताल विशेष तौर पर आंखों संबंधी तथा एक अस्पताल त्वचा जलने का इलाज करते हैं।
त्वचा जलने का इलाज करने वाले अस्पताल में 10 वयस्कों और पांच बच्चों का इलाज किया गया। हॉस्पिटल म्यूनीसिपल क्वेमेडोस के आपातकाल विभाग की प्रमुख सांमथा फोस्टर ने कहा, ये मामले पिछले साल की तुलना में आधे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रव्यापी और ब्यूनस आयर्स शहर के जागरूकता कार्यक्रमों, समाचार रिपोर्ट्स और अग्निशमन कर्मियों के माध्यमों से इन मामलों की संख्या पता लगाने में मदद मिली है। अन्य दो अस्पतालों में 15 बच्चे और 20 वयस्क अपना इलाज करा रहे थे।
लेग्लेज हॉस्पिटल में आपातकाल विभाग प्रभारी रुबेन केसल ने कहा कि आपातकाल में भर्ती होने वाले 20 मरीजों में 16 आतिशबाजी तथा चार लोग शेंपेन की कॉर्क से चोटिल हुए थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल के क्रिसमस और नव वर्ष की तुलना में इस वर्ष घायलों की संख्या में भारी कमी आई है। पिछले साल हमने 60 लोगों का इलाज किया था, वहीं इस साल मात्र 23 लोगों का इलाज किया है।
रोम ,02 जनवरी । मध्य इटली में मंगलवार रात 4.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किये गए। इटली की राष्ट्रीय भूभौतिकी एवं ज्वालामुखी संस्थान ने बताया कि भूकंप के झटके शाम छह बजकर 37 मिनट पर महसूस किये गए और इसका केंद्र एलज् अच्लिा प्रांत के कोल्लेलोंगो शहर के नजदीक धरती की सतह से लगभग 17 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के कारण किसी के हताहत होने या सम्पत्ति नुकसान की सूचना नहीं है।