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रामलीला मैदान से बड़ा वादा कर सकते हैं पीएम मोदी
Posted Date : 11-Jan-2019 10:57:39 am

रामलीला मैदान से बड़ा वादा कर सकते हैं पीएम मोदी

0-भाजपा राष्ट्रीय परिषद बैठक
नई दिल्ली ,11 जनवारी । लोकसभा चुनाव से पहले हो रही अंतिम राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाजपा तय कर सकती है कि सवर्णों को 10 फीसदी रिजर्वेशन देने के बाद अब और किन मुद्दों पर दांव लगाया जाए। पार्टी के भीतर भी इस बात को लेकर उत्सुकता है कि रामलीला मैदान से इस बार पीएम नरेंद्र मोदी किस तरह की एक्शन लाइन का संदेश देते हैं।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक यह राष्ट्रीय अधिवेशन राष्ट्रीय परिषद के रूप में हो रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री इसके समापन भाषण के जरिए कार्यकर्ताओं के साथ देश के मतदाताओं को भी संदेश देंगे। वह सरकार की उपलब्धियों के साथ उन नए मुद्दों को भी सामने रख सकते हैं, जिन पर अभी काम होना है। मोदी बेरोजगारी भत्ते और महिला आरक्षण बिल जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर दांव खेल सकते हैं।
बेरोजगारी भत्ते, महिला आरक्षण पर दांव 
भाजपा युवा मोर्चा की अध्यक्ष पूनम महाजन ने भी गुरुवार को कहा कि महिला रिजर्वेशन बिल पास होना चाहिए। उनका कहना था कि अब भी हाथ से वक्त नहीं गया है। अभी संसद का एक और सत्र बचा हुआ है। इससे पहले पार्टी के ही नेता रविशंकर प्रसाद ने भी इस तरह का संकेत देते हुए कहा था कि सवर्णों को रिजर्वेशन देने वाला फैसला प्रधानमंत्री का पहला छक्का है। ऐसे कई और छक्के लगेंगे। 
पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक तरह का कार्यकर्ता महासंगम होगा। इसका मकसद यही है कि जब कार्यकर्ता चुनाव के लिए मैदान में जाएं तो उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि वह किन मुद्दों पर जनता से बातचीत करेंगे और किन वादों पर वोट मांगेंगे। फिलहाल इस अधिवेशन में तीन प्रस्ताव लाने पर विचार हो रहा है, लेकिन अंतिम फैसला पदाधिकारियों की बैठक में होगा।

भारतीय मूल की अमेरिका की पहली महिला सेनेटर कमला हैरिस ने अपनी मां को बताया अपनी प्रेरणा
Posted Date : 11-Jan-2019 10:52:25 am

भारतीय मूल की अमेरिका की पहली महिला सेनेटर कमला हैरिस ने अपनी मां को बताया अपनी प्रेरणा

वॉशिंगटन,11 जनवारी । राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 2020 के चुनावों में टक्कर देने की तैयारी कर रहीं कमला हैरिस ने अपने राजनीतिक करियर का श्रेय अपनी सुपरहीरो मां को दिया है। हैरिस के मुताबिक उनकी भारतीय मूल की अमेरिकी मां ने उनमें जिम्मेदारी की भावना जगाई जो उनके राजनीतिक करियर को प्रेरित करता है। हैरिस अमेरिका में भारतीय मूल की पहली सेनेटर हैं।
हैरिस की मां श्यामला गोपालन हैरिस 19 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए तमिलनाडु से अमेरिका आई थीं। उन्होंने 1938 में डॉनल्ड हैरिस से विवाह किया था। उन्होंने अपनी किताब, द ट्रूथ्स वी होल्ड: एन अमेरिकन जर्नी में कमला हैरिस लिखा, असल में वह मेरी मां थी जिन्होंने हमारी परवरिश की जिम्मेदारी ली। हम एक महिला के तौर पर कैसी रहेंगी, इसे आकार देने की सबसे अधिक जिम्मेदार वही थीं। और वह बहुत असाधारण थीं। 
हैरिस ने कहा कि उनकी दिवंगत मां ने उन्हें अपने सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर कदम उठाने के लिए सशक्त बनाया- वह एक ऐसी थीम जो उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करती हैं। वहीं, बच्चों के लिए लिखी अपनी दूसरी किताब सुपरहीरोज आर एवरीवेयर में उन्होंने अपनी मां को सुपरहीरों की सूची में सबसे ऊपर रखा है। हैरिस को 2020 के चुनावों में ट्रंप को चुनौती देने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका, मेक्सिको सीमा का दौरा किया
Posted Date : 11-Jan-2019 10:50:56 am

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका, मेक्सिको सीमा का दौरा किया

वाशिंगटन ,11 जनवारी । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका, मेक्सिको सीमा का दौरा किया और सीमा पर दीवार के निर्माण की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बढ़ रहे मानवीय और सुरक्षा संकट को खत्म करने के लिए दीवार का निर्माण जरूरी है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप गुरुवार को मैकएलेन पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों की त्रासदीपूर्ण आपबीती सुनी। इनमें से एक महिला ने बताया कि उनके बेटे को एक अवैध आव्रजक ने मार दिया था।
इस दौरान ट्रंप के साथ सीमा गश्ती अधिकारी और होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री कर्स्टजेन नील्सन थीं। ट्रंप ने आंशिक संघीय कामबंदी के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया। यह कामबंदी 20वें दिन तक जारी है। ट्रंप ने कहा, यदि हम स्टील या कंक्रीट की दीवार बना देंगे तो वे (आव्रजक) घुस नहीं पाएंगे। हम इसे रोक सकते हैं। 
ट्रंप ने दीवार के निर्माण के लिए कांग्रेस से फंड की मांग दोहराते हुए कहा कि इस दीवार के निर्माण के लिए मेक्सिको भी किसी तरह फंड दे देगा। ट्रंप ने सीमा पर दौरे से एक दिन पहले सरकारी कामबंदी को खत्म करने के लिए डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के साथ बैठक की थी लेकिन वह बैठक बीच में ही छोडक़र चले गए थे और इस बैठक को समय की बर्बादी बताया था।

जस्टिस ललित ने बेंच से खुद को अलग किया, 29 जनवरी को फिर होगी सुनवाई
Posted Date : 10-Jan-2019 11:05:02 am

जस्टिस ललित ने बेंच से खुद को अलग किया, 29 जनवरी को फिर होगी सुनवाई

0-अयोध्या विवाद
नई दिल्ली,10 जनवारी । अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है। आज जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, सीजेआई ने स्पष्ट किया कि आज शेड्यूल पर फैसला होगा न कि मामले की सुनवाई होगी। जल्द ही मामले में तब बड़ा मोड़ आ गया, जब 5 सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल जस्टिस यू. यू. ललित ने बेंच से खुद को अलग कर लिया। आखिरकार, बेंच ने बिना किसी सुनवाई के इस मामले में 29 जनवरी को अगली तारीख मुकर्रर कर दी।
दरअसल, मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने जस्टिस ललित के बेंच में होने पर यह कहकर सवाल उठाया कि वह एक समय अयोध्या केस से जुड़े एक मामले में वकील के तौर पर पेश हो चुके हैं। सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यू. यू. ललित 1994 में कल्याण सिंह की तरफ से बतौर वकील पेश हुए थे। इस पर वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जिस मामले में जस्टिस ललित पेश हुए थे, वह इस मामले से बिल्कुल अलग था। वह एक आपराधिक मामला था। इस पर धवन ने कहा कि वह यह मांग नहीं कर रहे हैं कि जस्टिस ललित बेंच से अलग हो जाएं, वह बस जानकारी के लिए यह बता रहे थे। इसके बाद, खुद जस्टिस ललित ने केस की सुनवाई से हटने की इच्छा जताई।
जस्टिस ललित द्वारा बेंच से खुद को अलग करने की इच्छा जताने के बाद सीजेआई ने कहा कि जस्टिस ललित अब इस बेंच में नहीं रहेंगे, लिहाजा सुनवाई स्थगित करनी पड़ेगी। अब अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच गठित होगी और जस्टिस ललित की जगह पर किसी और जज को बेंच में शामिल किया जाएगा। बता दें कि 6 जनवरी को सीजेआई गोगोई ने अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच का गठन किया था, जिसमें सीजेआई के अलावा जस्टिस एस. ए. बोबडे जस्टिस एन. वी. रमन्ना, जस्टिस यू. यू. ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। अब जब जस्टिस ललित ने खुद को सुनवाई से दूर कर लिया है तो अब नई संवैधानिक बेंच का गठन होगा।
आज की सुनवाई में क्या हुआ? 
सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने बताया कि मामले में कुल 88 लोगों की गवाही होगी। इस मामले से जुड़े 257 दस्तावेज रखे जाएंगे जो 13,860 पेज के हैं। बेंच को यह बताया गया है कि ऑरिजिनल रेकॉर्ड 15 बंडलों में हैं। सीजेआई ने कहा कि कुछ दस्तावेज हिंदी, अरबी, गुरुमुखी और उर्दू में हैं, और अभी यह निश्चित नहीं है कि सभी का अनुवाद हो चुका है या नहीं। 
सीजेआई गोगोई ने कहा कि ऐसी स्थिति में रजिस्ट्री को रेकॉर्ड्स के निरीक्षण करने और इस बात का आकलन करने का निर्देश दिया गया है कि अगर कुछ दस्तावेजों का अनुवाद बाकी है तो सरकारी अनुवादक उसका कितने समय में अनुवाद कर सकेंगे। आधिकारिक अनूदित रेकॉर्ड्स को 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है।

 

रक्षा मंत्री पर बयान दे फंसे राहुल गांधी
Posted Date : 10-Jan-2019 10:56:47 am

रक्षा मंत्री पर बयान दे फंसे राहुल गांधी

0-महिला आयोग ने भेजा नोटिस
नई दिल्ली ,10 जनवारी । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को महिला आयोग ने एक बयान के संबंध में नोटिस जारी किया है। बुधवार को राजस्थान में एक रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि प्रधानमंत्री डर गए हैं और अपने बचाव के लिए उन्होंने महिला मंत्री को सामने कर दिया। राहुल के इस बयान पर केंद्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी उनके बयान को अपमानजनक बताया था।
महिला आयोग ने राहुल गांधी के इस बयान को पुरुषवादी मानसिकता करार देते हुए उन्हें नोटिस भेजा है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा, राहुल गांधी महिला को कमजोर मानते हैं? उन्होंने जो बयान दिया वह निंदनीय, महिला के लिए अपमानजनक है। हमने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है कि बयान के पीछे उनकी क्या मंशा थी।
राहुल गांधी राफेल पर बेहद आक्रामक तेवर में नजर आ रहे हैं। जब उनके बयान पर पीएम मोदी ने पलटवार किया तो ट्विटर पर राहुल ने भी हल्ला बोला। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि हमारी संस्कृति में महिलाओं के लिए सम्मान घर से शुरू जाता है। उन्होंने लिखा कि मोदीजी, बातों को अलग दिशा में मत ले जाइए और जवाब दीजिए।
उन्होंने ट्वीट में पूछा कि जब आपने राफेल डील में बदलाव हुआ तो क्या रक्षा मंत्रालय और वायुसेना ने आपत्ति जताई थी? मेरे इस सवाल का जवाब हां या ना में दीजिए।

मिशन 2019 की शुरूआत करेगी बीजेपी
Posted Date : 10-Jan-2019 10:54:30 am

मिशन 2019 की शुरूआत करेगी बीजेपी

0-रामलीला मैदान में 11 से राष्ट्रीय परिषद की बैठक 
नई दिल्ली,10 जनवारी । बीजेपी लोकसभा चुनाव ‘‘मिशन 2019’’ की शुरुआत 11-12 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक से करेगी,  जहां देशभर के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘जीत’ का मंत्र देंगे । यह अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रीय परिषद होगी, जिसमें देशभर से लगभग 12 हजार प्रमुख कार्यकर्ता जुटेंगे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मिशन 2019’ के लिए पार्टी का मुख्य चुनावी नारा भी देंगे। 
इस बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने बताया कि यह देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं का ‘महासंगम’ होगा जहां से हम अपने विजय अभियान की शुरूआत करेंगे। बैठक में हर प्रदेश से पार्टी कार्यकर्ता आयेंगे।यह पहला मौका है जब भाजपा अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक को विस्तृत स्वरूप देने जा रही है। इसमें हर लोकसभा क्षेत्र के लगभग दस प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे। बैठक में सभी सांसदों, विधायकों, परिषद के सदस्यों, जिला अध्यक्षों व महामंत्रियों के साथ हर क्षेत्र के विस्तारकों को भी बुलाया गया है। बैठक में राजनीतिक व आर्थिक मुद्दों समेत तीन प्रमुख प्रस्तावों पारित किये जाने की संभावना है। इसमें राम मंदिर के मुद्दे पर भी पार्टी का रूख स्पष्ट किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित हो रही है। बैठक में 12,000 पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के शामिल होने की संभावना है। महासचिव अनिल जैन के अनुसार, रामलीला मैदान में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ी बैठक होगी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय और राज्यों के पदाधिकारियों समेत अन्य नेता भी शामिल होंगे। बहरहाल, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मौजूद रहेंगे। 
समझा जाता है कि बैठक में कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकारों के साठ साल के कामकाज की तुलना भी रखी जाएगी और बताया जाएगा कि वर्तमान सरकार के दौरान कितनी तेजी से विकास हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा जोर भ्रष्टाचारमुक्त सरकार पर दिया जायेगा और कांग्रेस की पिछली सरकारों के घोटालों की तुलना करते हुए भाजपा अपनी बेदाग सरकार को जनता के सामने लेकर जाएगी। यह बैठक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से तेलुगु देशम पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, असम गण परिषद के अलग होने तथा शिवसेना, अपना दल (एस), ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ तल्ख रिश्तों की पृष्ठभूमि में हो रही है। समझा जाता है कि इन्हीं चुनौतियों के बीच सरकार ने समान्य वर्ग के गरीब लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसला किया। इस संबंध में संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक 2 और 3 फरवरी को भुवनेश्वर में होगी जबकि ओबीसी मोर्चा की बैठक 15 और 16 फरवरी के पटना में होगी। पार्टी की अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक 19 और 20 जनवरी को नागपुर में होगी जिसमें अमित शाह हिस्सा लेंगे। 21 और 22 फरवरी को भाजपा किसान मोर्चे का राष्ट्रीय अधिवेशन उत्तर प्रदेश में होगा, जिसको प्रधानमंत्री मोदी भी संबोधित करेंगे। 31 जनवरी और एक फरवरी को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में होगा।