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कोविड-19 संपर्क का पता लगाने वाला सिस्टम एसटीआई के लिए भी हो सकता है फायदेमंद : शोध
Posted Date : 29-Jan-2024 3:55:37 am

कोविड-19 संपर्क का पता लगाने वाला सिस्टम एसटीआई के लिए भी हो सकता है फायदेमंद : शोध

नई दिल्ली ।  एक शोध से यह बात सामने आई है कि कोविड-19 की पहचान के लिए उपयोग किए गए सिस्टम की तरह ही यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के लिए भी प्रणाली तैयार करनेे से बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं और क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस सहित एसटीआई के परिणामों में भी सुधार देखा जा सकता है।
न्यूजीलैंड में ओटागो विश्वविद्यालय के सार्वजनिक स्वास्थ्य रजिस्ट्रार डॉ. कैट्रिओना मरे के अनुसार, कई मरीज अपने संपर्कों को स्वयं बताना पसंद करते हैं और उन्हें अच्छी जानकारी और समर्थन के साथ ऐसा करने में मदद की जरूरत होती है।
मरे ने कहा कि शोध से संकेत मिलता है कि एसटीआई संपर्क अनुरेखण, जिसे पार्टनर नोटिफिकेशन भी कहा जाता है, अक्सर अधूरा होता है और यह प्रक्रिया अपर्याप्त संसाधन वाली होती है।
न्यूजीलैंड मेडिकल जर्नल में प्रकाशित पेपर में उन्होंने कहा, एक केंद्रीकृत प्रणाली एसटीआई की अधिसूचना के लिए अधिक सुसंगत और व्यापक दृष्टिकोण को सक्षम करेगी और पहले से ही बढ़े हुए चिकित्सकों पर कुछ बोझ कम करेगी।
मरे ने कहा, हमें एसटीआई की उच्च और असमान दरों को कम करने और यौन संपर्क के माध्यम से फैलने वाले नए या उभरते संक्रमणों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने की अनुमति देने के लिए अधिक संसाधनों की जरूरत है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर नेशनल कांटेक्ट ट्रेसिंग सर्विस स्थापित की गई तो विश्वास और गोपनीयता को लेकर चिंताएं बनी रहेंगी। उन्होंने स्थानीय क्षेत्र के ज्ञान के महत्व और समलैंगिक, उभयलिंगी और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले अन्य पुरुषों और स्वदेशी लोगों के लिए सांस्कृतिक सुरक्षा की जरूरत पर भी जोर दिया।
उच्च स्तर का विश्वास स्पष्ट रूप से सफल भागीदार अधिसूचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कुछ आबादी के लिए इसे विश्वसनीय स्थानीय प्रदाताओं के जरिए सर्वोत्तम रूप से प्राप्त किया जा सकता है, जिन्हें केंद्रीय विशेषज्ञता द्वारा जरूरत के मुताबिक समर्थित किया जा सकता है।
मरे ने कहा कि हालांकि उद्देश्य सरल है, एसटीआई के लिए भागीदार अधिसूचना को सफलतापूर्वक लागू करना मुश्किल हो सकता है, खासकर ऐसे मामलों में जहां ऐसी जटिलताएं हैं जिनके लिए सांस्कृतिक, चिकित्सा और कानूनी विशेषज्ञता की जरूरत हो सकती है। रोगी की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होती है और हिंसा का खतरा होने पर संपर्कों को सूचित नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एसटीआई सेवाओं की कमी है और एक नेशनल एसटीआई कांटेक्ट ट्रेसिंग वर्कफोर्स सीधे मामलों और संपर्कों को या स्थानीय चिकित्सकों का समर्थन करके लगातार विशेषज्ञ टेलीहेल्थ सेवा प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा, हम एक केंद्रीकृत एसटीआई संपर्क ट्रेसिंग सर्विस की स्थापना के जरिए सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, जो स्थानीय चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण और सहायता भी प्रदान करता है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया : पीएम मोदी
Posted Date : 29-Jan-2024 3:55:19 am

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया : पीएम मोदी

नई दिल्ली ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट सभागार में शीर्ष अदालत के डायमंड जुबली (हीरक जयंती) समारोह को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया है।
पीएम ने कहा, चाहे वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो, व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो या सामाजिक न्याय, सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया है।
पीएम ने इस अवसर पर नागरिक-केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल की भी शुरुआत की, जिसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की एक नई वेबसाइट शामिल है।
पीएम ने कहा कि व्यक्तिगत अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर मील के पत्थर के फैसलों ने देश के सामाजिक-राजनीतिक माहौल को नई दिशा दी है।
भारतीय संविधान के निर्माताओं ने स्वतंत्रता, समानता और न्याय पर आधारित स्वतंत्र भारत का सपना देखा था। सुप्रीम कोर्ट ने इन सिद्धांतों को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की आर्थिक नीतियां कल के जीवंत भारत का आधार बनेंगी। आज जो कानून बनाए जा रहे हैं, वे भारत के उज्ज्वल भविष्य को मजबूत करेंगे। 2014 के बाद अदालतों के भौतिक बुनियादी ढांचे में सुधार की सरकार की प्रतिबद्धता के तहत 7,000 करोड़ रुपये से अधिक पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
पीएम ने वर्तमान सुप्रीम कोर्ट के भवन की समस्याओं को स्वीकार करते हुए कहा कि परिसर के विस्तार के लिए 800 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की डिजिटल पहल पर पीएम मोदी ने फैसलों के डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्धता, कोर्ट के फैसले को स्थानीय भाषा में अनुवाद करने की परियोजना की शुरुआत पर खुशी जताई।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से उनके संबोधन का वास्तविक समय में अंग्रेजी में अनुवाद किया जा रहा है, और इसे भाषिनी ऐप के माध्यम से भी सुना जा सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए एआई तकनीक को अदालतों में लागू किया जा सकता है। लोगों की बेहतर समझ के लिए सरल भाषा में कानूनों का मसौदा तैयार करने के अपने सुझावों को याद करते हुए उन्होंने अदालती फैसलों और आदेशों का मसौदा तैयार करने के लिए एक समान दृष्टिकोण का सुझाव दिया।

 

उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी रामायाण, वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसला
Posted Date : 29-Jan-2024 3:54:41 am

उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी रामायाण, वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसला

उत्तराखंड । उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने फैसला लिया है कि संबद्ध मदरसों में अब रामायण पढ़ाई जाएगी। रामायण को पाठ्यक्रम के तौर पर शामिल किया जाएगा। नया पाठ्यक्रम बोर्ड के तहत कुल 117 मदरसों में से शुरू में 4 मदरसों में शुरू किया जाएगा।
भगवान राम की कहानी को आगामी 2024 शैक्षणिक सत्र से चार मदरसों – देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में से प्रत्येक में पढ़ाया जाएगा। मदरसों में रामायण पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी भर्तियां की जाएंगी। इसके बाद शेष 113 मदरसों में भी इसे शुरू किया जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि जब हम अपने छात्रों को लक्ष्मण के बारे में बता सकते हैं, जिन्होंने अपने बड़े भाई के लिए सब कुछ त्याग दिया, तो उन्हें औरंगजेब के बारे में बताने की क्या जरूरत है, जिसने सिंहासन पाने के लिए अपने भाइयों को मार डाला। 4 पहचाने गए मदरसों में एक उचित ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा।
बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हम कुरान के साथ-साथ छात्रों को रामायण भी पढ़ाएंगे। शादाब शम्स ने कहा कि 4 चयनित मदरसों को स्मार्ट कक्षाओं के साथ मॉडल मदरसों के रूप में विकसित किया जाएगा। इन संस्थानों के शैक्षिक मानकों को उन्नत करने की सख्त जरूरत है और हम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की किताबें पेश करने की प्रक्रिया में भी हैं।

 

अमेरिका से भी इलाज के लिए हेमचंद मांझी के पास आते हैं मरीज
Posted Date : 29-Jan-2024 3:54:06 am

अमेरिका से भी इलाज के लिए हेमचंद मांझी के पास आते हैं मरीज

  • नाड़ी वैद्य हैं और जड़ी बूटियों से पांच दशकों से कर रहे हजारों लोगों का इलाज
  • मुख्यमंत्री ने किया प्रोत्साहित, कहा कि आने वाली पीढ़ी को भी अपनी विद्या का लाभ दें ताकि यह अमूल्य विद्या अगली पीढ़ी को भी ठीक कर सके

रायपुर। आयुर्वेद में एक कहानी बताई जाती है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में जब चरक और साथियों की गुरुकुल में शिक्षा पूरी हुई तो उनके गुरु ने अंतिम परीक्षा के लिए उन सभी को बुलाया। उनसे कहा कि ऐसे पौधे लाकर दें जिसमें औषधीय गुण हों और जिसके बारे में अब तक बताया न गया हो। सभी विद्यार्थी कुछ पौधे लेकर आये, केवल चरक कुछ नहीं लाये। जब चरक से गुरू ने पूछा कि पौधे क्यों नहीं लाए। चरक ने कहा कि मुझे सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण मिले, चूंकि सभी को लाना संभव नहीं था, इसलिए मैं खाली हाथ आया। गुरु जी ने कहा कि परीक्षा में केवल चरक उत्तीर्ण हुए। संसार में हर पौधे में कुछ न कुछ औषधीय गुण मौजूद हैं। यह कहानी बताती है कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अनुसंधान की बड़ी गुंजाइश होती है।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में रहने वाले वैद्य हेमचंद मांझी ने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज की और लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों को ठीक किया है। आम जनता की इस अहर्निश सेवा के चलते केंद्र सरकार ने इन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में मांझी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। आपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है। अमेरिका जैसे देशों से भी पेशेंट आपके पास आये हैं। यह ऐसी विद्या है जिसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।
उल्लेखनीय है कि मांझी ने छोटे डोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर के अलावा दूसरे जिलों के मरीज भी उनके पास आने लगे।
वैद्य मांझी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम तो सेवा का कार्य कर रहे थे। लोगों का उपचार कर रहे थे और खुश थे। जब पता चला कि मोदी जी ने पद्मश्री के लिए चुनने का निर्णय लिया है तो पहले तो आश्चर्य हुआ। हमें लगा कि दिल्ली में भी बैठकर मोदी जी की सरकार पूरे देश में हो रहे अच्छे कामों पर नजर बनाये हुए हैं और सेवा का काम करने वालों को सम्मानित करते जा रही है। मांझी ने बताया कि बस्तर की वनौषधियों में जादू है। हम जंगल से अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी इक_ी करते हैं। इन्हें उचित अनुपात में मिलाते हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों का इस तरह से उपचार करते हैं। नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाते हैं और इसके मुताबिक इलाज करते हैं। कई बार जब एलोपैथी से लोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के संबंध में हतोत्साहित हो जाते हैं तब वे यहां आते हैं और ईश्वर की अनुकंपा से हमारी औषधियों के कमाल से वो ठीक हो जाते हैं। मांझी के पास हर दिन अमूमन सौ से अधिक मरीज पहुँचते हैं। कल भी असम और आंध्रप्रदेश से कुछ मरीज पहुंचे थे। मांझी यह सब मामूली शुल्क में करते हैं। जो खर्च वे लेते हैं वो दवाइयों के बनाने में लगता है। उन्होंने बताया कि वनौषधियों में उपयुक्त मात्रा में शहद, लौंग एवं अन्य मसाले डालने होते हैं। उनका खर्च हम मरीजों से लेते हैं। उन्होंने बताया कि जब तक साँसों में साँस हैं तब तक यह सेवा का काम करता रहूँगा। मुख्यमंत्री ने मांझी से कहा कि आप सेवा का काम कर रहे हैं। ये बहुत पुण्य का काम है। आपकी विद्या से बहुत सारे लोग ठीक हो रहे हैं। आपको पद्मश्री मिलने से आपकी ख्याति और भी फैलेगी। आप आने वाली पीढ़ी को इसकी शिक्षा दें। यह बहुत मूल्यवान विद्या है इसे आपकी पीढ़ी में ही समाप्त नहीं होना चाहिए। मांझी ने कहा कि आपसे मिले सम्मान से मेरा उत्साह और बढ़ गया है। अभी नई पीढ़ी को नाड़ी से मर्ज जानना सिखा रहा हूँ अब जड़ी-बूटी के गुणों के बारे में भी बताऊंगा।

 

भगवान राम का शासन संविधान निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत : पीएम मोदी
Posted Date : 29-Jan-2024 3:53:05 am

भगवान राम का शासन संविधान निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत : पीएम मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम का शासन संविधान निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 109वें को संबोधित करते हुए कहा, इसी संविधान की मूल प्रति के भाग तीन में भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि भाग तीन के आरंभ में ही हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को उचित स्थान दिया था।
पीएम ने कहा, प्रभु राम का शासन हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था। इसीलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने देव से देश की बात की थी, मैंने राम से राष्ट्र की बात की थी। साथियों, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का अवसर देश के करोड़ों लोगों को एक सूत्र में बांधता हुआ नजर आ रहा है। सबकी भावनाएं एक हैं, सबकी भक्ति एक है... सबकी बातों में राम हैं, सबके दिल में राम हैं।
इस दौरान देश के कई लोगों ने श्री राम के चरणों में समर्पित करते हुए राम भजन गाए। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने राम ज्योति जलाई और दिवाली मनाई। इस दौरान देश ने एकजुटता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी प्रमुख आधार है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, मैंने देश की जनता से मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता अभियान चलाने का अनुरोध किया था। मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने भक्तिभाव से जुडक़र अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की सफाई की। कई लोगों ने मुझे इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो भेजे हैं। ये भावना कम नहीं होनी चाहिए, ये मुहिम रुकनी नहीं चाहिए। सामूहिकता की यही शक्ति हमारे देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

 

जयपुर पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, पीएम मोदी के साथ किया भव्य रोड शो
Posted Date : 28-Jan-2024 2:57:26 am

जयपुर पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, पीएम मोदी के साथ किया भव्य रोड शो

जयपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार शाम को राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर के परकोटे में रोड शो किया। मोदी एवं मैक्रों ने ऐतिहासिक जंतर मंतर के सामने से खुली जीप में सवार होकर जयपुर शहर के त्रिपोलिया बाजार गेट से निकलकर रोड़ शो शुरु किया और बड़ी चौपड़ पर हवामहल के सामने चाय पी और हवामहल को निहारा। इस दौरान मैक्रो ने कुछ खरीददारी भी की।
रोड शो वाले मार्ग पर जगह जगह मोदी एवं मैक्रों के पोस्टर लगाये गये है और चारों तरफ सजावट भी की गई हैं। रोड़ शो के मार्ग के दोनों और बड़ी संख्या में लोग दोनों बड़े नेताओं के स्वागत के लिए खड़े थे और उनमें जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा था। इस दौरान ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ लोगों ने हाथ हिलाकर एवं मोदी मोदी के नारे लगाकर दोनों नेताओं का जोरदार स्वागत किया। इस पर मोदी एवं मैक्रों ने हाथ हिलाकर एवं हाथ जोडक़र लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
इसके बाद रोड़ शो सांगानेरी गेट पर समाप्त हो गया। इस दौरान दोनों नेता सांगानेरी गेट पर कुछ क्षण रुककर वहां मौजूद लोगों की भारी भीड़ को हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के लिए रवाना हो गए।
इसके बाद दोनों नेता होटल राम बाग पहुंचे जहां दोनों के बीच द्विपक्षी बातचीत होगी। इसके बाद स्वर्ण महल में डीनर होगा जिसमें राजस्थानी व्यंजन परोसे जायेंगे। डीनर में राजस्थानी दाल बाटी चूरमा, केर सांगरी की सब्जी आदि पारंपरिक व्यंजन शामिल बताये जा रहे है। इसके बाद वे नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
इससे पहले मोदी ने मैक्रों का ऐतिहासिक स्थल जंतर मंतर पर स्वागत किया। इस दौरान मोदी ने उनसे हाथ मिलाया और दोनों गले मिले। इसके बाद प्राचीन खगोलीय वेधशाला जंतर मंतर का भ्रमण किया और उन्हें इसके बारे में बताया गया। इससे पूर्व मैक्रों ने आमेर महल का भ्रमण किया और उन्होंने महल का अवलोकन किया। मैक्रों आमेर किले का भ्रमण एवं जंतर मंतर को देखकर अभिभूत हो गए।
मैक्रों अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत गुरुवार अपराह्न करीब ढाई बजे जयपुर पहुंचे जबकि मोदी अपनी एक दिवसीय जयपुर यात्रा पर करीब सवा चार बजे जयपुर पहुंचे थे।