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क्रिप्टोकरंसी फर्म की सीईओ के भारत में हुई मौत, 1300 करोड़ रुपये हुए लॉक
Posted Date : 06-Feb-2019 12:00:07 pm

क्रिप्टोकरंसी फर्म की सीईओ के भारत में हुई मौत, 1300 करोड़ रुपये हुए लॉक

वॉशिंगटन ,06 फरवरी । यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह है। सैकड़ों करोड़ रुपये हैं। चाबी की तरह एक पासवर्ड है। केवल एक शख्स के पास वह पासवर्ड है। शख्स भारत के दौरे पर आता है और उसकी एक बीमारी के कारण मौत हो जाती है। शख्स की मौत के बाद 190 मिलियन डॉलर (करीब 1300 करोड़ रुपये) कीमत की क्रिप्टोकरंसी लॉक्ड है। यहां तक कि मृतक की पत्नी को भी यह पासवर्ड पता नहीं है। बड़े-बड़े सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स भी अब इस करंसी को अनलॉक नहीं कर पा रहे हैं।
30 साल का मृतक का नाम गेराल्ड कॉटन और उसकी कंपनी का नाम चड्रिगासीएक्स है। दिसंबर 2018 में आंत संबंधी बीमारी के चलते गेराल्ड की मौत हो गई। कंपनी के सोशल मीडिया पेज के माध्यम से बताया गया कि गेराल्ड की मौत उस दौरान हुई, जब वह भारत की यात्रा पर थे। यह भी बताया गया कि वह भारत में अनाथ बच्चों के लिए एक अनाथालय खोलने वाले थे।
गेराल्ड की पत्नी को भी नहीं पता पासवर्ड 
गेराल्ड के मरने की खबर तब सामने आई जब उनकी पत्नी जेनिफर रॉबर्टसन और उनकी कंपनी ने कनाडा की कोर्ट में क्रेडिट प्रोटेक्शन की अपील दायर की। याचिका में कहा गया कि वे गेराल्ड के इनक्रिप्टेड अकाउंट (जिसमें उनकी संपत्ति है) को अनलॉक नहीं कर पा रहे हैं। इसी अकाउंट में लगभग 190 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरंसी भी लॉक्ड है। दरअसल, गेराल्ड जिस लैपटॉप से अपना सारा काम करते थे, वह इनक्रिप्टेड है और उसका पासवर्ड उनकी पत्नी जेनिफर के पास भी नहीं है। 
31 जनवरी 2018 को चड्रिगासीएक्स ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से नोवा स्कॉटिया सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि उन्हें अनुमति दी जाए, जिससे वह अपनी आर्थिक समस्या को हल कर सकें। कंपनी ने अपने बयान में कहा, पिछले कुछ हफ्तों से हमने अपनी आर्थिक समस्या को हल करने के लिए कई प्रयास किए हैं। हमने क्रिप्टोकरंसी अकाउंट का पता लगाने और उसे सुरक्षित करने की कोशिश की है। हमें अपने कस्टमर्स को उनके डिपॉजिट के हिसाब से पैसा देना है लेकिन हम ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि हम उस अकाउंट को ही ऐक्सेस नहीं कर पा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बन रहीं कई तरह की कहानियां 
वहीं, इस मामले को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यह भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि कहीं यह पूरा मामला धोखाधड़ी का तो नहीं है। लोग इंटरनेट पर यह भी लिख रहे हैं कि अगर गेराल्ड को आंत संबंधी कोई गंभीर बीमारी थी तो वह भारत क्यों गए, जहां कि पीने के पानी की गंभीर समस्या है। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेडइट पर पोस्ट किए गए पोस्टर में पूछा गया है कि इस बात का क्या सबूत है कि गेराल्ड कभी भारत गए भी थे। एक और यूजर ने लिखा है, मुझे एक भारतीय दोस्त ने बताया है कि गेराल्ड की मौत भारत के जयपुर के आसपास कहीं हुई है।

सीबीआई के सामने पेश होंगे पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार
Posted Date : 05-Feb-2019 11:42:17 am

सीबीआई के सामने पेश होंगे पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार

सुप्रीम कोर्ट से ममता को झटका
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने साथ ही यह साफ किया राजीव की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी।कोर्ट ने राजीव को बंगाल से बाहर शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है। बता दें कि बंगाल की सीएम ममता सीबीआई के खिलाफ तीन दिन से धरने पर बैठीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से उनको झटका लगा है। अदालत ने साथ ही राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई की मानहानि याचिका पर नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एसआईटी ने की सबूतों के साथ छेड़छाड़ 
बहस के दौरान सीबीआई की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की सही तरीके से जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी डेटा और लैपटॉप को सुरक्षित नहीं रख पाई। एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल्स डेटा दिया था। बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है।
गोगोई बोले- पूछताछ में दिक्कत क्या है? 
इसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ में क्या दिक्कत है? चीफ जस्टिस ने कहा कि आखिर कमिश्नर सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? चीफ जस्टिस ने पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार को हमारे जांच के आदेश से किस तरह की दिक्कत है।

 चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर को जांच में शामिल होने का आदेश देने में दिक्कत नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मानहानि की याचिका मामले में राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और राजीव कुमार को नोटिस देगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि राजीव कुमार को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होना होगा।
सीबीआई ने सोमवार को दाखिल की थी याचिका 
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूत लाकर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था यदि राजीव कुमार यदि सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं तो सीबीआई उनके खिलाफ सबूत लाकर दे, हम उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेंगे कि वह पछताएंगे। 
कलकत्ता हाई कोर्ट में राजीव की याचिका पर टली सुनवाई 
इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के कारण इसकी सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। बता दें कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सीबीआई पूछताछ के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट गए थे। उन्होंने हाई कोर्ट से सीबीआई पूछताछ से अंतरिम राहत मांगी थी। कलकत्ता हाई कोर्ट राजीव कुमार की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और इस मामले में आज सुनवाई की तारीख दी थी। 
इसलिए शुरू हुआ विवाद? 
सीबीआई की 40 अधिकारियों की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गई थी लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें जीप में भरकर थाने ले जाया गया। टीम को थोड़े समय के लिए हिरासत में भी रखा गया। घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार की रात 8:30 बजे से धरने पर बैठी हुई हैं। इसे वह ‘संविधान बचाओ’ विरोध प्रदर्शन कह रही हैं।

एक साल की मासूम की गर्दन और हाथ बांधकर दरिंदगी
Posted Date : 05-Feb-2019 11:41:26 am

एक साल की मासूम की गर्दन और हाथ बांधकर दरिंदगी

नई दिल्ली। राजधानी में फिर एक नन्ही बच्ची के साथ दरिंदगी हुई है। बच्ची महज एक साल की है। अमन विहार में बीती रात उस मासूम बच्ची को जानवरों की तरह बांधकर दुष्कर्म किया गया है। बच्ची की तलाश करते परिजन जब आरोपी के ठिकाने पर पहुंचे तो मासूम की हालत देख सन्न रह गए। नन्ही बच्ची जो ठीक से बैठ नहीं पाती, दुष्कर्मी ने उसकी गर्दन और हाथ कपड़े से बंध रखे थे। उसके शरीर के निचले हिस्से पर कपड़े नहीं थे। वह खून से लथपथ थी।
परिजन बच्ची को फौरन मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल लेकर भागे। अस्पताल में उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दूसरी ओर मौके पर लोगों ने आरोपी की जमकर पिटाई की, लेकिन पुलिस के पहुंचने से उसकी जान बच गई। 
लोकल पुलिस ने आरोपी की अस्पताल से पट्टियां वगैरह करवाने के बाद हिरासत में ले लिया। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभी खामोश हैं। हमने वारदात के सिलसिले में रोहिणी डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन न उन्होंने कॉल्स रिसीव कीं, न वॉट्सऐप मेसेज का रिप्लाई किया। 
आरोपी की पहचान धर्मेंद्र उर्फ गोलू (20) के तौर पर हुई है। वह बच्ची के ताऊ का जानने वाला बताया जा रहा है। मूलरूप से बदायूं (उप्र) का रहने वाला है। साप्ताहिक बाजारों में छोले-भटूरे बेचने का काम करता है। बताया जा रहा है कि वह बीती रात बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने घर से ले गया था। 

देर तक बच्ची को लेकर नहीं लौटा तो परिजनों को शक हुआ। उसे तलाशना शुरू किया। आरोपी न अपने घर में मिला, न अपने छोले-भटूरे बेचने वाले ठिकाने पर। लोगों ने उसे हर जगह खोजने की कोशिश की। आखिरकार वह वहां मिला, जहां उसने छोले-भटूरे तैयार करने की किचन बनाई थी। वहां बच्ची की हालत देख लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। 
बता दें कि अमन विहार में बच्चियों से दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। लोगों का कहना है कि आपराधिक तत्व पुलिस की सख्ती न होने का फायदा उठाते हैं।

इन किसानों को सालाना छ: हजार रुपये देगी सरकार
Posted Date : 05-Feb-2019 11:40:57 am

इन किसानों को सालाना छ: हजार रुपये देगी सरकार

बन गया पीएम किसान योजना का नियम
नई दिल्ली। अगर किसी ने 1 फरवरी के बाद खेती योग्य जमीन का छोटा सा टुकड़ा भी खरीदा तो उसे अगले पांच वर्षों तक पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6 हजार रुपये नहीं मिलेंगे। 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने पीएम किसान के नाम से किसानों को तयशुदा आमदनी की योजना का ऐलान किया।
1 फरवरी की डेडलाइन 
अब इस योजना के नियम-शर्तों का ब्योरा आ चुका है। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों का नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रेकॉर्ड्स में पाया जाएगा, वे ही इस पीएम किसान योजना का लाभ पाने के हकदार होंगे। उसके बाद लैंड रेकॉर्ड्स में हुए बदलाव के जरिए जमीन के नए मालिक बने किसानों को अगले पांच वर्षों तक योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
उत्तराधिकारी अंदर, खरीदार बाहर 
केंद्रीय कृषि सचिव संजय अगरवाल ने योजना के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया, हालांकि उत्तराधिकार के कारण कृषियोग्य भूमि के मालिकाना हक में 1 फरवरी की समयसीमा के बाद हुए बदलाव के बावजूद योजना का लाभ दिया जाएगा, लेकिन जमीन खरीद के मामले में अगले पांच वर्षों तक सालाना 6,000 रु. का लाभ नहीं मिलेगा। 
दिशा-निर्देश तय 
उन्होंने आगे कहा, हमने विस्तृत दिशा-निर्देश तय कर लिया है। अगर राज्यों को कुछ सुझाव देना होगा तो उन पर विचार करते हुए इसे मंगलवार तक जारी कर दिया जाएगा। 
पहली किस्त के लिए आधार जरूरी नहीं 
पीएम किसान स्कीम के तहत पांच एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रु. देने का ऐलान किया गया है। खबरें आ रही हैं कि केंद्र सरकार आम चुनाव से पहले किसानों को एक या दो किस्त जारी कर देना चाहती है। इसके लिए राज्यों से कहा गया है कि 2,000 रु. की पहली किस्त लेने के लिए किसानों को आधार देने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। हालांकि, 31 मार्च के बाद से जारी होने वाली किस्तों के लिए आधार नंबर देना जरूरी होगा। 
कौन हैं छोटे एवं सीमांत किसान? 
छोटे एवं सीमांत किसान परिवार की परिभाषा में वैसे परिवारों को शामिल किया गया है जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों। 
आएगा एक्सक्लूसिव पोर्टल 
बजट ऐलान के कुछ घंटों बाद ही राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय जल्द ही एक विशेष पोर्टल लॉन्च करेगा जहां सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को लाभार्थियों की जिलावार सूची अपलोड करनी होगी। 
बनेगा लाभार्थियों का जिलावार डेटाबेस 
डेटाबेस में जमीन मालिक का नाम, लिंग, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर आदि शामिल होंगे। एक अधिकारी ने बताया, जनधन बैंक अकाउंट नंबर, आधार और मोबाइल नंबर से योग्य लाभार्थियों और अयोग्य दावेदारों की पहचान में मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम बजट के खिलाफ याचिका दायर
Posted Date : 02-Feb-2019 12:25:48 pm

सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम बजट के खिलाफ याचिका दायर

0-निरस्त करने की मांग
नई दिल्ली ,02 फरवरी । संसद में शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश होने के कुछ घंटों के भीतर, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में इसे निरस्त करने का अनुरोध किया गया। याचिका में आरोप लगाया गया कि अंतरिम बजट का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि संविधान के तहत, केवल पूर्ण वार्षिक बजट और लेखानुदान पेश करने का प्रावधान है।
याचिका में कहा गया है कि लेखानुदान चुनावी वर्ष में सीमित अवधि के लिए सरकारी खर्च को मंजूरी देना होता है। बाद में नई चुनी हुई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। लोकसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया जिसमें मध्यम वर्ग और किसानों के लिए कई लुभावनी घोषणाएं की गईं। इसी साल कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं।
पिछले साल दिसंबर में, शीर्ष अदालत ने रिजर्व बैंक की आरक्षित पूंजी से संबंधित मुद्दे पर तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने पर शर्मा पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। बता दें, शुक्रवार को पेश केंद्र सरकार का अंतरिम बजट निम्न और लोअर मिडिल इनकम ग्रुप्स के लिए खास सौगात लाया है। वेतनभोगी और पेंशनर्स के लिए बजट 2019 के प्रस्तावों का सबसे बड़ा फायदा टैक्स का बोझ कम होना है।
बता दें, बजट प्रस्ताव में 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा , लोगों के खाली पड़े दूसरे घर के डीम्ड रेंट पर लगने वाले टैक्स को भी खत्म कर दिया गया है। यही वजह है कि बजट को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार का दांव माना जा रहा है।

सरकार जल्द कर सकती है सीबीआई निदेशक की घोषणा
Posted Date : 02-Feb-2019 12:25:13 pm

सरकार जल्द कर सकती है सीबीआई निदेशक की घोषणा

0-कांग्रेस की आपत्ति नजरअंदाज
नयी दिल्ली ,02 फरवरी । सीबीआई के निदेशक को चुनने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में प्रस्तावित नामों को लेकर समिति के सदस्य कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की आपत्ति के बावजूद केंद्र जल्द ही एजेंसी के अगले प्रमुख के नाम की घोषणा कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि समझा जाता है कि तीन सदस्यीय चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान सरकार ने ऐसे कुछ अधिकारियों के नाम सामने रखे, जिन्हें सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति के योग्य माना गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि इन नामों पर खडग़े ने ऐतराज जताया। समझा जाता है कि पद के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जावेद अहमद, रजनी कांत मिश्रा, एस एस देसवाल और शिवानंद झा का नाम दौड़ में सबसे आगे है। चयन समिति की बैठक का ब्यौरा दिए बिना एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘बैठक के दौरान कोई फैसला नहीं हो पाया।’’ इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के ‘खिलाफ’ नहीं है लेकिन केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील है और लंबे समय तक इस पद पर अंतरिम निदेशक को रखना अच्छी बात नहीं है। पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही सरकार से जानना चाहा कि अभी तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गयी। आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था। वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वर्मा के हटाए जाने के बाद से एम. नागेश्वर राव अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं । शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई। यह बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ओर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े बैठक में शामिल हुए। पद के लिए जिन अधिकारियों का नाम आगे चल रहा है उसमें अहमद उत्तरप्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जो वर्तमान में राष्ट्रीय अपराधशास्त्र एवं विधि विज्ञान संस्थान के प्रमुख हैं। उसी बैच के मिश्रा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख हैं। हरियाणा कैडर के 1984 बैच के आईपीएस देसवाल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक हैं जबकि 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी झा गुजरात पुलिस के प्रमुख हैं। इससे पहले 24 जनवरी को बैठक हुई थी लेकिन सीबीआई प्रमुख पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। पिछली बैठक में समिति के सदस्यों से कुछ योग्य अधिकारियों की सूची और उनकी फाइलें साझा की गयी । प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति द्वारा सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद वर्मा को महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा बनाया गया था। हालांकि, वर्मा ने इस पद को स्वीकार नहीं किया।