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ईरान में बड़ा फिदायीन हमला, 27 सैनिकों की मौत
Posted Date : 14-Feb-2019 11:00:50 am

ईरान में बड़ा फिदायीन हमला, 27 सैनिकों की मौत

तेहरान ,14 फरवरी । दक्षिणपूर्वी ईरान में रेवॉलूशनरी गार्ड्स की बस पर आत्मघाती कार हमले में 27 सैनिकों की मौत हो गई है। हाल के वर्षों में यह एलीट बलों पर सबसे खतरनाक हमलों में से एक है। गार्ड्स ने एक बयान में कहा कि यह हमला बुधवार को ऐसे समय में हुआ है जब सैनिक सीमा पर गश्त अभियान से लौट रहे थे। बयान में कहा गया है, इस आतंकवादी हमले में इस्लाम के 27 बहादुर योद्धाओं की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए।
बयान में यहूदी खुफिया एजेंसियों पर हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने कहा, इस्लामिक रेवॉलूशनरी गार्ड्स कोर पर आत्मघाती हमला खाश-जाहेदन रोड पर हुआ। 
गार्ड्स ने बताया बस के पीछे विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट हुआ। ईरान 14 साल तक निर्वासित जीवन व्यतीत करने के बाद 1979 में अयातुल्लाह रुहल्लाह खमेनी के तेहरान में लौटने और पश्चिम समर्थक शाह को बाहर करने की 40वीं वर्षगांठ मना रहा है। उनके आगमन से इस्लामिक क्रांति की शुरुआत हुई और इस्लामिक गणतंत्र का उदय हुआ। रेवॉलूशनरी गार्ड्स पर हमला दक्षिणपूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ जहां बड़ी संख्या में जातीय बलूची समुदाय के सुन्नी मुस्लिम रहते हैं। इस प्रांत की सीमा पाकिस्तान से लगती है। 
एसआईटीई खुफिया समूह ने बताया कि हमले की जिम्मेदारी जैश-अल-अद्ल ने ली है। यह संगठन सुन्नी चरमपंथी समूह जुंदल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में 2012 में बना। एसआईटीई ने कहा कि ईरान में आतंकवादी समूह के रूप में काली सूची में दर्ज जैश-अल-अद्ल ने 13 फरवरी 2019 को पर्शिया भाषा में एक संक्षिप्त संदेश में हमले की जिम्मेदारी ली है। यह हमला ऐसे दिन हुआ है जब अमेरिका ने पश्चिम एशिया और ईरान पर एक कांफ्रेंस के लिए करीब 60 देशों को पोलैंड में एकजुट किया। उन्हें उम्मीद है कि इससे तेहरान पर दबाव बढ़ेगा।

न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को किया निरस्त
Posted Date : 13-Feb-2019 10:40:42 am

न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को किया निरस्त

0-कोरेगांव-भीमा हिंसा मामला
नयी दिल्ली,13 फरवरी । उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को निरस्त कर दिया जिसमें उसने महाराष्ट्र पुलिस को कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में आरोपपत्र दायर करने के लिए अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने हालांकि यह भी कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने आरोपपत्र दायर कर दिया है इसलिए मामले में गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ता अब नियमित जमानत की मांग कर सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पहले बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें उसने मामले में निचली अदालत के फैसले को दरकिनार कर दिया था। निचली अदालत ने राज्य पुलिस को मामले में आरोपपत्र दायर करने की अवधि में 90 दिन का विस्तार दे दिया था। मामले में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि वे कानूनी रूप से जमानत के हकदार हैं क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस ने निर्धारित 90 दिन और उसके बाद भी आरोपपत्र दायर नहीं किया। ऐसी स्थिति में निचली अदालत द्वारा समय सीमा बढ़ाना कानूनी दृष्टि से सही नहीं था। गौरलतब है कि पुणे पुलिस ने माओवादी से कथित संबंधों के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत वकील सुरेंद्र गडलिंग, नागुपर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शोमा सेन, दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले, कार्यकर्ता महेश राउत और केरल के रोना विल्सन को जून में गिरफ्तार किया था।

अंतरिम बजट और राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को राज्यसभा से पारित करने पर बनी सहमति
Posted Date : 13-Feb-2019 10:38:16 am

अंतरिम बजट और राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को राज्यसभा से पारित करने पर बनी सहमति

नयी दिल्ली ,13 फरवरी । राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण पिछले सात दिनों से लगातार बाधित चल रही बैठक बुधवार को सुचारु बनाने पर विपक्षी दलों के साथ सहमति बन गयी है। सदन की बैठक शुरु होने से पहले सभापति वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में आज सभी दलों के नेताओं के साथ हुयी बैठक में विपक्ष के नेताओं ने अंतरिम बजट और राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूर करने पर सहमति कायम हो गयी। सूत्रों के अनुसार संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल के अनुरोध पर विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक सुचारु बनाने पर सहमति दी। उल्लेखनीय है कि बजट सत्र का आज अंतिम दिन है। बजट सत्र के दौरान उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर लगातार गतिरोध कायम रहने के कारण बैठक सुचारु नहीं हो पायी। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार बैठक में सत्र के अंतिम दिन पहले से लंबित तीन से चार विधेयक बिना विस्तृत चर्चा कराये पारित किये जाने पर सहमति कायम हुयी है।

सपा, तृणमूल सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में नहीं चल सका प्रश्नकाल
Posted Date : 13-Feb-2019 10:37:48 am

सपा, तृणमूल सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में नहीं चल सका प्रश्नकाल

नयी दिल्ली ,13 फरवरी । बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को लोकसभा में समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका और सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दसवीं लोकसभा के सदस्य रहे कुंजी लाल के निधन की सूचना दी। सदस्यों ने राजस्थान के सवाई माधोपुर से सदस्य रहे कुंजी लाल को श्रद्धांजलि देते हुए कुछ क्षण का मौन रखा।इसके बाद समाजवादी पार्टी के सदस्य धर्मेंद्र यादव मंगलवार को उत्तर प्रदेश में पुलिस के बल प्रयोग में स्वयं समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के चोटिल होने का मुद्दा उठाने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को प्रश्नकाल के बाद बोलने देने की अनुमति दी और उन्होंने प्रश्नकाल शुरू कराया। हालांकि सपा के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में खबरों की कतरनें और कल के घटनाक्रम की तस्वीरें थीं। धर्मेंद्र यादव के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी। सपा नेता मुलायम सिंह यादव भी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहने का प्रयास करते देखे गये। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समीप आकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष महाजन ने कुछ ही मिनट बाद सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दिये जाने के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गयी जिसमें सपा सांसद धर्मेंद्र यादव समेत कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गये।

इजरायल से मंगाए जाएंगे 54 हारोप ड्रोन
Posted Date : 13-Feb-2019 10:35:24 am

इजरायल से मंगाए जाएंगे 54 हारोप ड्रोन

0-मोदी सरकार का एयरफोर्स को बड़ा तोहफा
नईदिल्ली ,13 फरवरी । भारतीय वायु सेना की मानवरहित युद्ध क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 54 इजरायली हारोप ड्रोन की खरीद को मंजूरी दे दी है. ये किलर ड्रोन दुश्मन के हाई-वैल्यू मिलिट्री टारगेट को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर सकता है.
सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते एक उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्रालय ने इन 54 हमलावर ड्रोनों की खरीद को मंजूरी दे दी थी. खबरों के मुताबिक ये ड्रोन चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किए जाएंगे.
क्या है खासियत?
आपको बता दें ये ड्रोन इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर से लैस होते हैं. जो विस्फोट करने से पहले हाई वैल्यू वाले सैन्य ठिकानों जैसे निगरानी के ठिकाने और रडार स्टेशनों पर निगरानी भी कर सकते हैं. इजराइल के हारोप ड्रोन दुश्मन ठिकानों पर क्रैश होकर उन्हें तबाह कर देते हैं. इनमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर भी लगा होता है, जिससे ठिकाने के बारे में भी पता लगाया जा सकता है. मौजूदा समय में वायुसेना के पास ऐसे 110 ड्रोन हैं, जिनका नाम पी-4 रखा गया है.
वैसे सिर्फ वायुसेना ही नहीं, मोदी सरकार ने नौसेना के लिए 111 हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला किया है. ये सभी हेलिकॉप्टर रणनीतिगत साझेदारी (एसपी) मॉडल के तहत खरीदे जाएंगे. आर्मी के लिए भी 72 हजार सिग सॉर असॉल्ट राइफल्स खरीदे जाएंगे. इसके लिए मोदी सरकार ने जर्मनी की कंपनी से करार किया है. यह निर्णय फास्ट्रैक प्रक्रिया के तहत लिया गया है.

तीन तलाक बिल पास कराने का सरकार के पास आखिरी मौका आज
Posted Date : 13-Feb-2019 10:34:21 am

तीन तलाक बिल पास कराने का सरकार के पास आखिरी मौका आज

0-राज्यसभा में हंगामे के आसार
नईदिल्ली ,13 फरवरी । आज राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे. ये बिल पहले ही लोकसभा से पारित हो चुका है. आशंका है कि विपक्ष राज्यसभा में इस विधेयक पर हंगामा कर सकता है. आज बजट सत्र का आखिरी दिन है. ऐसे में सरकार के लिए इसे पास कराना मुश्किल चुनौती होगी.
विपक्ष की मांग है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 को सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भी तीन तलाक से संबंधित विधेयक के महिला विरोधी होने का आरोप लगाया है.
ट्रिपल तलाक में सज़ा का प्रावधान
इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा और ऐसा करने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है. यह अपराध तब संज्ञेय होगा जब विवाहित मुस्लिम महिला या फिर उसका करीबी रिश्तेदार उस व्यक्ति के खिलाफ सूचना देगा, जिसने तत्काल तीन तलाक दिया है.
लोकसभा में पास हो चुका है ये बिल
पिछले साल दिसंबर में तीन तलाक बिल (2018) को लोकसभा ने पारित कर दिया था. इस बिल को लेकर सदन में लंबी बहस हुई थी. बिल में जरूरी संशोधन को लेकर कांग्रेस और एआईएडीएमके समेत कई दलों ने सदन से वॉक आउट किया था. हालांकि, इसके बाद भी बिल पर वोटिंग कराई गई. सदन में मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 सदस्यों ने इसके खिलाफ अपना वोट दिया था. इससे पहले दिसंबर 2017 में भी लोकसभा से तीन तलाक बिल को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन राज्यसभा में ये गिर गया था. इसके बाद सरकार को तीन तलाक पर अध्यादेश लाना पड़ा था. बाद में सरकार ने एक बार फिर से निचले सदन में संशोधित बिल पेश किया था.
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त, 2017 को तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था. कोर्ट ने कहा था कि इस तरीके से दिए गए तलाक को कानूनी रूप से तलाक नहीं माना जाएगा. हालांकि इस फैसले में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के संबंध में कोई गाइडलाइन तय नहीं किये गए थे. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार इस संबंध में बिल तैयार करे और संसद में उसे पास करवाकर कानून बनाए. पिछले साल मानसून सत्र में राज्यसभा में बिल पास करवाने में असफल रहने के बाद के केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अध्यादेश लेकर आई.