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तमिलनाडु के दो और स्थानों को घोषित किया रामसर स्थल
Posted Date : 02-Feb-2024 4:36:54 am

तमिलनाडु के दो और स्थानों को घोषित किया रामसर स्थल

चेन्नई । केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय और रामसर साइट सचिवालय द्वारा दो पर्यावरण साइटों पर राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार करने और उन्हें रामसर साइटों के रूप में नामित करने के बाद तमिलनाडु सबसे अधिक रामसर साइटों वाला राज्य बन गया है। अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से रामसर स्थलों के लिए एकीकृत प्रबंधन योजना तैयार करने का काम किया है।
इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में रामसर साइटों की संख्या अब तक 16 है, जो देश में सबसे अधिक है। तमिलनाडु सरकार ने नीलगिरी में लॉन्गवुड शोला रिजर्व फॉरेस्ट और अरियालुर में कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय और रामसर साइट सचिवालय ने उन्हें स्वीकार कर लिया और 31 जनवरी को दोनों स्थानों को रामसर साइट के रूप में नामित किया गया।
लॉन्गवुड शोला 116.07 हेक्टेयर में फैला है और महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्रों में से एक है। यह वनस्पतियों और जीवों की 700 से अधिक प्रजातियों का भी घर है। लॉन्गवुड शोला में कम से कम 177 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई है और इन 177 पक्षी प्रजातियों में से 14 पश्चिमी घाट की स्थानिक हैं। लॉन्गवुड शोला हर्पेटोफ़ुना विविधता में समृद्ध है, जिसमें पश्चिमी घाट की कई प्रजातियाँ स्थानिक हैं, और इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (यूसीएन) द्वारा भी ख़तरे में माना जाता है।
यह नाजुक नीलगिरी पारिस्थितिकी तंत्र का भी एक अभिन्न अंग है, और कोटागिरी के लिए पानी का एक प्रमुख स्रोत है, जो नीचे के 18 गांवों को पानी की आपूर्ति करता है। कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य 453.7 हेक्टेयर में फैला है और यह तमिलनाडु के महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्रों में से एक है। यह स्थल वनस्पतियों और जीवों की 500 से अधिक प्रजातियों का घर है। अभयारण्य मध्य एशियाई फ्लाईवे में स्थित है, और जलपक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजनन और चारागाह है।

 

एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए हेमंत सोरेन, ईडी ने मांगा था दस दिन का रिमांड, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
Posted Date : 02-Feb-2024 4:36:00 am

एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए हेमंत सोरेन, ईडी ने मांगा था दस दिन का रिमांड, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

रांची । झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उन्हें रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा ले जाया जा रहा है। सोरेन को ईडी ने बुधवार को करीब आठ घंटे तक पूछताछ के बाद रात 8.30 बजे गिरफ्तार किया था।
इसके बाद बीती रात सोरेन को एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के दफ्तर ले जाया गया। उन्होंने पूरी रात दफ्तर के गेस्ट हाउस में गुजारी। उन्हें गुरुवार दोपहर करीब 3.50 बजे स्पेशल पीएमएलए कोर्ट लाया गया। इस दौरान हेमंत सोरेन ने मुस्कुराते हुए परिसर में मौजूद भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
कोर्ट में ईडी की ओर से सोरेन की दस दिन के लिए रिमांड की मांग की गई। इस पर दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। ईडी के अधिवक्ताओं ने कहा कि रांची के जमीन घोटाले में आगे की जांच के लिए सोरेन से कई बिंदुओं पर पूछताछ जरूरी है।
दूसरी तरफ हेमंत सोरेन के वकीलों ने ईडी की ओर से रिमांड की मांग का विरोध करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है, जिस पर 2 फरवरी को सुनवाई होनी है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रिमांड के सवाल पर फैसला 2 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया और तब तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा ले जाया गया है। इस कारा में उन्हें अपर डिविजन सेल में रखने की तैयारी है।

 

पटना में गंगा नदी के तट पर लगेगी राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा
Posted Date : 01-Feb-2024 3:39:33 am

पटना में गंगा नदी के तट पर लगेगी राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा

पटना । बिहार की राजधानी पटना में गंगा तट पर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी। यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से भी ऊंची होगी। पटना नगर निगम इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजेगा।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एनआरआई सेल के संयोजक और इंडिया पॉजिटिव के सचिव मनीष सिन्हा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा लगाए जाने के निर्णय का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि यह मुहिम कई महीनों से चलाया जा रही थी।
उन्होंने बताया कि पटना की मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति में इस प्रस्ताव को भेजने का निर्णय लिया था। इसके बाद प्रतिमा बनाने से संबंधित प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया गया है। अब राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही राज्य सरकार प्रतिमा को लेकर अपनी मंजूरी देगी, इसे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
मनीष सिन्हा ने इस अभियान में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली, पटना, सिवान एवं विदेशों में अनगिनत कार्यक्रम संगठन ने काम किया। इस यात्रा में कई लोग जुड़े, साथ दिया, धीरे धीरे एक सामाजिक व राजनीतिक मुहिम का रूप लिया।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले सांसद संजय जायसवाल ने कहा था कि भाजपा की सरकार आएगी तो प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी 2023 में बापू सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 243 मीटर लम्बी मूर्ति के निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था।
सिन्हा ने कहा कि पटना में राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का निर्माण ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की तर्ज पर होना चाहिए, जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी, म्यूजिय़म व अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी हो।

 

वैश्विक संकटों के बावजूद सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा : राष्ट्रपति मुर्मू
Posted Date : 01-Feb-2024 3:39:09 am

वैश्विक संकटों के बावजूद सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों — लोक सभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया कि बीते वर्षों में विश्व ने दो बड़े युद्ध देखे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया लेकिन ऐसे वैश्विक संकटों के बावजूद केंद्र सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा और सामान्य भारतीय पर बोझ नहीं बढऩे दिया।
उन्होंने कहा कि दुनिया में गंभीर संकटों के बीच भारत तेजी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना, लगातार 2 क्वार्टर में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत से ऊपर रही।
मोदी सरकार द्वारा किए गए कामों और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने राष्ट्र-हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते हुए देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था। राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी,जो आज सच हो चुका है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने को लेकर शंकाएं थी ,जो आज इतिहास हो चुकी है और इसी संसद ने तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून बनाया है।
नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आजादी के अमृत काल की शुरुआत में यह भव्य भवन बना है। यहां एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है। उन्होंने 25 करोड़ देशवासियों के गरीबी रेखा से बाहर निकलने की बात कहते हुए कहा कि हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे थे। अब हम जीवन में पहली बार बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को केंद्र सरकार द्वारा लगातार जारी रखने की बात कहते हुए राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है। बीते दशक में सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का मुख्य आधार बनाया है। भारत में बिजनेस करने को लगातार आसान बनाया जा रहा है, इज ऑफ डूइंग बिजऩेस में लगातार सुधार हो रहा है। एमएसएमई और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम हो रहा है। डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में किए गए सबसे बड़े रिफार्म का परिणाम सामने आ रहा है और आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेन-देन का 46 प्रतिशत भारत में होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मज़बूत स्तंभों पर खड़ी होगी। ये स्तंभ हैं – युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब। इसलिए इन 4 स्तंभों को सशक्त करने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही सरकार समाज के हर वर्ग को उचित अवसर देने में जुटी है।
आंतरिक शांति के लिए सरकार के प्रयासों के सार्थक परिणाम का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ नीति के तहत जवाब दे रही है। आज जम्मू कश्मीर में सुरक्षा का वातावरण है। आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं है, भीड़ भरे बाजार की चहल-पहल है। नॉर्थ ईस्ट में अलवागववद की घटनाओं में कमी आई है।
राष्ट्रपति ने वैश्विक विवादों और संघर्षों के दौर में भी भारत सरकार द्वारा भारत के हितों को मजबूती से दुनिया के सामने रखने का दावा करते हुए कहा कि सरकार ने दुनिया भर में काम कर रहे भारतीयों में नया भरोसा जताया है। ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन कावेरी और वंदे भारत जैसे अभियान चलाकर जहां-जहां संकट आया, वहां-वहां से हर भारतीय को तेजी से सुरक्षित वापस लेकर आई।

 

लद्दाख में चीनी सैनिकों से भिड़े निहत्थे चरवाहे, बख्तरबंद वाहनों पर चलाए पत्थर
Posted Date : 01-Feb-2024 3:38:51 am

लद्दाख में चीनी सैनिकों से भिड़े निहत्थे चरवाहे, बख्तरबंद वाहनों पर चलाए पत्थर

जम्मू । लेह-लद्दाख के सुदूर पर्वतीय इलाके में एक बार फिर से चीनी सेना का नापाक इरादा सामने आया है। चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के जवानों ने भारतीय चरवाहों को रोकने की कोशिश की। इस पर निहत्थे भारतीय चरवाहे ने साहस का परिचय देते हुए हथियार से लैस चीनी सेना के जवानों से भिड़ गए। भारतीय चरवाहों ने चीनी सेना की बख्तरबंद गाडिय़ों पर पत्थरबाजी भी की। चीनी सेना के जवानों और भारतीय चरवाहों के बीच झड़प का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब चीन की ओर से उकसावे वाली कार्रवाई की गई है।
जानकारी के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी सैनिकों की नापाक हरकत सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारतीय चरवाहों को चीनी सैनिकों ने चारागाह में जानवर ले जाने से रोक दिया। इसके बाद चीनी सैनिकों और भारतीय चरवाहों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में गुत्थम-गुत्थी होने लगी। यहां यह बता दें कि चीनी सैनिक हथियार से लैसे थे, जबकि भारत के स्थानीय चरवाहे निहत्थे थे। इसके बावजूद स्थानीय चरवाहों ने क्करु्र के कदम का विरोध करने से पीछे नहीं हटे। चुशूल के काउंसलर कॉनचॉक स्टेंजिन ने सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प का वीडियो शेयर किया है। विडियो में चीनी सैनिक चरवाहों को रोकते दिख रहे हैं और चरवाहे उनसे बहस कर रहे हैं। उस जगह से वापस जाने से मना कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों और पूर्वी लद्दाख के स्थानीय चरवाहों के बीच जानवरों को चारागाह ले जाने को लेकर हुए विवाद का यह विडियो जनवरी के पहले हफ्ते का है। गांव वालों ने चीनी सैनिकों से खूब बहस की और चीनी सैनिकों की गाड़ी पर पत्थर भी मारे। वीडिया में चीनी सैनिक पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड करते दिख रहे हैं।
लद्दाख में चीनी सैनिकों और स्थानीय चरवाहों के बीच झड़प का यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ सप्ताह पहले ही सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने वहां के हालात पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (रु्रष्ट) पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील बनी हुई है। बता दें कि उच्च पर्वतीय इलाके डोकलाम में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की घटनाएं सामने आ चुकी है। इसको लेकर भारत और चीन के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे।

 

ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष को मिला पूजा का अधिकार, 31 साल से बंद था पूजा-पाठ
Posted Date : 01-Feb-2024 3:38:30 am

ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष को मिला पूजा का अधिकार, 31 साल से बंद था पूजा-पाठ

वाराणसी । ज्ञानवापी मामले में बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह है कि वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा की इजाजत दे दी है। इस तहखाने में 31 सालों से यानी 1993 से तहखाने में पूजा-पाठ बंद था। कोर्ट के कहा कि वाराणसी के जिलाधिकारी 7 दिन के अंदर पुजारी नियुक्त करेंगे, इसके साथ ही व्यास परिवार पूजा-पाठ शुरू कर सकता है। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें एक देवता के विग्रह की पूजा का काम सोमनाथ व्यास किया करते थे। जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए। याचिका में सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक ने तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी। 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था। एएसआई सर्वे कार्रवाई के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी।