0-गुजरात में पकड़े गए 9 ईरानी नागरिक
अहमदाबाद,27 मार्च । गुजरात में समुद्र तट से दूर भारतीय सीमा क्षेत्र में इंडियन कोस्ट गार्ड ने रविवार को एक संदिग्ध पाकिस्तानी बोट पकड़ी है। बताया जा रहा है कि इस पाकिस्तानी बोट ने सुबह करीब 10.15 बजे जैसे ही भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश किया तो पोरबंदर के पास गुजरात एटीएस और ड्रग माफिया के बीच मुठभेड़ हुई।
इस मुठभेड़ में एटीएस अधिकारियों के साथ भारतीय तटरक्षक बल ने गुजरात के तट से दूर एक नाव से 9 ईरानी नागरिकों को पकड़ा है और उनके पास से लगभग 100 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। बीच सागर में किए गए ऑपरेशन की फोटोज भी सामने आई है। तस्वीर में तस्करों की नाव धू-धू कर चलती दिखती है। रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार की रात सुरक्षा एजेंसियों ने 100 किलो हेरोइन के साथ आ रहे पाकिस्तानी नाव को इंटरसेप्ट किया था।
खबरों के मुताबिक, तस्करों ने ड्रग को नष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन एटीएस ने सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपी ईरानी मूल के हैं। एटीएस के मुताबिक, नाव को पोरबंदर आईसीजी स्टेशन पर लाया जा रहा था। बोट में 500 करोड़ की ड्रग्स बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि बोट में भरी ड्रग का कंसाइनमेंट पाकिस्तान के हमीद मलिक ने भेजा था। मामले की जांच की जा रही है।
0-सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
नईदिल्ली ,27 मार्च । क्या मच्छर के काटने से हुई मौत को पर्सनल एक्सिडेंट (दुर्घटना) का केस माना जा सकता है और क्या इस सूरत में पीडि़त पक्ष को बीमा क्लेम मिलेगा? दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में यह सवाल उठाए गए.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को पलटते हुए कहा कि कोई व्यक्ति फ्लू या वायरल का शिकार हो तो उसे दुर्घटना नहीं कहा जा सकता. यह महज इत्तफाक है. आयोग ने अपने फैसले में मलेरिया से हुई मौत को दुर्घटना के दायरे में बताया था.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि मलेरिया और इससे मौत होने को दुर्घटना के कारण हुई मौत कतई नहीं ठहराया जा सकता. वह भी खासकर मोजाम्बिक जैसे देश में, क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां हर तीसरा शख्स मलेरिया से पीडि़त होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ 2018 में जारी मलेरिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2017 में मोजांबिक में करीब 1 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आए थे और इनमें से 14.7 हजार लोगों की की मलेरिया के कारण मौत हो गई थी.
इससे पहले जिला व राज्य उपभोक्ता अदालत ने भी बीमाकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए मलेरिया से हुई मौत को दुर्घटना करार दिया था. नेशनल इंश्योरेंस ने राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बीमा कंपनी का कहना था कि बीमा पॉलिसी के दायरे में दुर्घटना आती है. इस मामले में बीमाकर्ता की मौत मोजाम्बिक में मलेरिया से हुई और यह दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आता.
दरअसल पश्चिम बंगाल के रहने वाले देवाशीष भट्टाचार्य ने जून 2011 में बैंक ऑफ बड़ौदा से 13.15 लाख रुपये का होम लोन लिया था. देवाशीष पर 19105 रुपये की 113 किश्त बनी थी. उसने नेशनल इंश्योरेंस से होम लोन सुरक्षा बीमा ले रखा था.
इस बीमा के तहत भूकंप, आग के साथ-साथ निजी दुर्घटना को कवर किया गया था. देवाशीष असम के चाय बगान में बतौर मैनेजर काम करता था. वर्ष 2012 में उसने मोजाम्बिक की एक चाय कंपनी में नौकरी कर ली और 14 नवंबर को उसे मलेरिया के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और 22 नवंबर को उसकी मौत हो गई थी.
0-पत्नी की हैवानियत
नईदिल्ली ,27 मार्च । राजधानी दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। इस इलाके के एक मकान में मिट्टी में टुकड़े-टुकड़़े कर दबाया गया शव मिला। यह टुकड़े राजेश नामक एक व्यक्ति के थे, जिसकी ये निर्मम हत्या उसी की पत्नी सुनीता ने की थी।
जांच में ये सामने आया है कि सुनीता अपनी शादीशुदा जिन्दगी से खुश नहीं थी, इसी लिए उसने अपने पति का कत्ल कर लाश को टुकड़़ों में दफना दिया। वारदात संबंधी तब पता चला जब मकान मालिक ने जमीन खुदवाने का कारण पूछा, जिसका सुनीता को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। जिस कारण गड्ढे को फिर से खुदवाया गया और उसके अंदर टुकड़ों में पड़ी लाश को देखकर सभी हक्के बक्के रह गए। खुदाई में शरीर के टुकड़े मिले लेकिन सिर गायब मिला।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी महिला सुनीता और राजेश की शादी साल 2006 में हुी थी। उस वक्त राजेश 50 साल के थे और सुनीता 25 साल की। बताया गया है कि जब वे करीब एक साल पहले नए घर में शिफ्ट हुए। पति को सुनीता पर शक होने लगा। राजेश को शक था कि पड़ोस में रहने वाले युवक के साथ सुनीता के अवैध संबंध थे।
पुलिस के मुताबिक, वारदात के दिन सुनीता ने अपने बेटे को उसके दोस्त के घर भेज दिया था और लेट लौटने को कहा था। इसके बाद उसने अपने पति राजेश को नशीला ड्रिंक दिया और जैसे ही उसने होश खोए, उसका गला दबा दिया। इसके बाद उसने तब तक चाकू घोंपे जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इसके बाद सुनीता ने राजेश के शव के टुकड़े किए। इसके बाद अपने कमरे के बाहर खाली जगह को खोदा और टुकड़ों को उसमें गाड़ दिया। इसके बाद राजेश के सिर को एक प्लास्टिक बैग में पैक कर वह घर से एक किलोमीटर दूर भलस्वा डेरी के नाले में फेंक आई। राजेश के पैरों को उसने दूसरे बैग में पैक किया और कहीं और फेंका। घर लौटकर उसने घर की सफाई की और खुदे फ्लोर पर बजड़ी और मिट्टी डालकर उसे ढक दिया।
0-ईडी को बड़ी कामयाबी
नईदिल्ली ,26 मार्च । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3,600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे मामले में दिल्ली से एक रक्षा एजेंट को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि एजेंसी के अधिकारियों ने सुशेन मोहन गुप्ता को धन शोधन निरोधक कानून के तहत सोमवार देर रात को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि गुप्ता अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे समेत कई रक्षा सौदों में कथित तौर पर शामिल रहा। उसे मंगलवार को यहां विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
ईडी इस मामले में वकील गौतम खेतान और कथित ब्रिटिश बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को गिरफ्तार कर चुका है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि मामले में हाल ही में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना के खुलासों के आधार पर गुप्ता की भूमिका सामने आई। सक्सेना को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किया गया था और ईडी ने यहां उसे गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि ऐसा संदेह है कि गुप्ता के पास वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में भुगतान संबंधी कुछ जानकारियां है और उसके संपर्कों का पता लगाया जाना है। उन्होंने बताया कि इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि एक जनवरी 2014 को भारत ने भारतीय वायु सेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति करने के लिए ब्रिटेन की फिनमैकेनिका की अनुषंगी इकाई अगस्ता वेस्टलैंड के साथ सौदा रद्द कर दिया था। भारत ने उस पर सौदे की शर्तों का उल्लंघन करने और सौदा हासिल करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगाए थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने मामले में कई आरोपपत्र दाखिल किए हैं और पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी तथा उनके परिवार के सदस्यों समेत कई लोगों को बतौर आरोपी नामजद किया है।
0-माल्या ने भारतीय बैंकों से की अपील
नईदिल्ली ,26 मार्च । भारत के सरकारी बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेकर लंदन फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से अपील की है कि वह उसका पैसा लेकर कर्ज निपटारे की दिक्कतों से जूझ रही जेट एयरवेज को उबार लें. माल्या ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, यह देखकर खुशी हुई कि पीएसयू बैंकों ने जेट एयरवेज को नौकरी, कनेक्टिविटी और उद्यम की बचत के लिए जमानत दी है. किंगफिशर के लिए भी सिर्फ यही किया गया था.
इसके साथ ही उन्होंने लिखा, भाजपा प्रवक्ता ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को मेरे पत्रों को पढक़र सुनाया और आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के तहत पीएसयू बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस का गलत तरीके से समर्थन किया था. मीडिया ने मुझे वर्तमान पीएम के लिए लिखने के लिए उकसाया. मैं हैरान हूं कि एनडीए सरकार के तहत अब क्या बदलाव आ गया है.
माल्या ने आगे लिखा- मैंने किंगफिशर एयरलाइंस और उसके कर्मचारियों को बचाने के लिए कंपनी में 4000 करोड़ से अधिक का निवेश किया, जिसे नहीं पहचाना गया. वहीं पीएसयू बैंक भारत की सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों और कनेक्टिविटी वाली बेहतरीन एयरलाइन को विफल कर देते हैं. एनडीए सरकार का दोहरा मापदंड.
माल्या ने लिखा, और ये मैं एक बार फिर से दोहराता हूं कि मैंने पीएसयू बैंकों और अन्य सभी लेनदारों को भुगतान करने के लिए माननीय कर्नाटक हाइकोर्ट के समक्ष चल संपत्ति रखी है. बैंक मेरे पैसे क्यों नहीं लेते. यह जेट एयरवेज को बचाने में उनकी मदद करेगा अगर कोई और रास्ता नहीं है तो.
जेट एयरवेज पर 8 हजार करोड़ कर्ज
फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है. इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं. पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं. अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा. एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है. जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे.
वहीं माल्या पर बैंकों का लगभग 9400 करोड़ रुपये बकाया है. उनके खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी. माल्या की तरफ से कहा गया है कि तेल के रेट बढऩे, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था. हालांकि वह अभी करीब 1800 करोड़ रुपए के विलफुल डिफॉल्टर हैं. बाकी बैंक अब भी माल्या के खिलाफ कोर्ट नहीं गए हैं.
छिंदवाड़ा,26 मार्च । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक यात्री बस के अनियंत्रित होकर खाई में गिर जाने से तीन यात्रियों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए हैं। यह हादसा सोमवार की रात को हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार सुबह जिला अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना।
पुलिस नियंत्रण कक्ष से मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार की रात को अमरवाड़ा थाना क्षेत्र में छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर मार्ग पर दूल्हादेव घाटी में यात्री बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में तीन यात्रियो की मौत हो गई, वहीं 50 से ज्यादा घायल हुए हैं।
बताया गया है कि, निजी बस से अमरवाड़ा क्षेत्र के पौनार गांव के लोग एक व्यक्ति के अस्थि विसर्जन के लिए नर्मदा नदी के बरमान घाट गए थे, वहां से लौटते समय यह हादसा हुआ। घायलों का आरोप है कि बस में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। सडक़ हादसे की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार की सुबह अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। साथ ही सभी को बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों छिंदवाड़ा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।