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20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदान जारी
Posted Date : 11-Apr-2019 11:14:43 am

20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदान जारी

0-वोट को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह
0-बूथों पर लंबी कतारे

नई दिल्ली ,11 अपै्रल । लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए 20 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की 91 लोकसभा सीटों पर आज सुबह से मतदान हो रहा हैं। आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा (पहले चरण) में लोकसभा के साथ ही विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान हो रहे हैं। इन राज्यों के मतदाता दोनों के लिए वोट कर रहे हैं। अभी तक किसी भी राज्य से किसी प्रकार की गड़बड़ी व हिंसा की खबर नहीं मिली है। 
10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों- आंध्र प्रदेश (25), तेलंगाना (17), अरुणाचल प्रदेश (2), मेघालय (2), उत्तराखंड (5), मिजोरम (1), नागालैंड (1), सिक्किम (1), लक्षद्वीप (1), और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (1) की सभी सीटों पर मतदान हो रहा है।
उत्तर प्रदेश की 80 में से पहले चरण के लिए आठ लोकसभा सीटों पर भी मतदान जारी है, जिनमें सहारनपुर, कैराना, गाजियाबाद, बागपत और गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बिजनौर और मुजफ्फरनगर, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से चार-औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई, पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से दो लोकसभा सीटों- कूचबिहार और अलीपुरद्वार के लिए मतदान हो रहा है। 
प्रथम चरण में महाराष्ट्र के 48 निर्वाचन क्षेत्रों में विदर्भ क्षेत्र की सात संसदीय सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसमें नागपुर (आरएसएस का मुख्यालय) और इसके प्रमुख मोहन भागवत का गृहनगर चंद्रपुर पर सबकी निगाहें हैं। 
तेलंगाना में जिन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहे हैं उनमें निजामाबाद, नलगोंडा, खम्मम और हैदराबाद शामिल हैं। असम में पांच निर्वाचन क्षेत्रों में, ओडिशा में चार, जम्मू एवं कश्मीर जम्मू और बारामूला) में दो और छत्तीसगढ़ के जगदलपुर (बस्तर), मणिपुर (बाहरी मणिपुर) और त्रिपुरा (त्रिपुरा पश्चिम) में एक-एक लोकसभा सीट के लिए मतदान हो रहा है। 

खशोगी के परिवार ने सऊदी के साथ समझौते से किया इनकार
Posted Date : 11-Apr-2019 11:13:50 am

खशोगी के परिवार ने सऊदी के साथ समझौते से किया इनकार

दोहा ,11 अपै्रल । सऊदी अधिकारियों के मुखर आलोचक मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी के बच्चों ने मीडिया रिपोर्टों में उन दावों से इनकार किया जिसमें कहा गया कि उन्होंने पिछले साल इस्तांबुल में देश के वाणिज्य दूतावास में अपने पिता की हत्या के मद्देनजर सऊदी अधिकारियों के साथ समझौता को लेकर चर्चा की।
इससे पहले अप्रैल में वाशिंगटन पोस्ट अखबार जहां खशोगी ने स्तंभकार के रूप में काम किया, ने अधिकारियों और उनके परिवार के करीबी लोगों का हवाला देते हुए लिखा था कि पत्रकार के चार बच्चों को सऊदी अरब से कम से कम 10 हजार डॉलर मासिक मिलता है। इसके अलावा उनके पिता के संदिग्ध हत्यारों पर मुकदमे के बाद मुआवजे के रूप में लाखों डॉलर अधिक मिल सकते हैं।
पत्रकार के सबसे बड़े बेटे सलाह खशोगी ने ट्वीट कर कहा, जमाल खशोगी एक सम्मानित पत्रकार एवं देशभक्त सऊदी नागरिक थे। उनकी विरासत को तोडऩे और टकराव पैदा करने के हाल के प्रयास दुखद और अनैतिक हैं, वर्तमान में मामले में सुनवाई हो रही है और इस पर कोई समझौता नहीं हुआ था या चर्चा की गई। 
बच्चों की ओर से यह भी चेतावनी दी गई कि ख़शोगी के बच्चों की ओर से बोलने के लिए किसी को भी अधिकृत नहीं किया गया, सिवाय अपने और वकील के। बयान में कहा गया, मामले के बारे में जानने की उत्सुकता कि क्या हुआ, इसे हम समझ सकते हैं, कानूनी स्वीकार्यता के अनुरूप हम घटनाक्रम साझा करेंगे। 
खशोगी की हत्या के मामले में वर्तमान में कुल 11 लोगों पर सऊदी अरब में मुकदमा चलाया जा रहा है, अभियोजन पक्ष पांच अभियुक्तों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है।

मुठभेड़ में सात आतंकवादी सहित 15 की मौत
Posted Date : 11-Apr-2019 11:13:03 am

मुठभेड़ में सात आतंकवादी सहित 15 की मौत

कुंदुज,11 अपै्रल । अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत कुंदुज में गुरुवार को चारदारा जिले में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों और सात आतंकवादियों की मौत हो गयी। 
स्थानीय सुरक्षा अधिकारी अब्दुल हादी जमाल ने बताया कि तालिबानी आतंकवादियों के एक समूह ने चारदारा जिला मुख्यालय में सुरक्षा चौकियों पर हमला कर दिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गयी जिसमें आठ पुलिसकर्मी और सात आतंकवादी मारे गये। अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी में छह से अधिक आतंकवादी और 10 सुरक्षाकर्मी घायल हो गये है। सुरक्षाकर्मियों की सहायता के लिए अन्य सुरक्षा बलों के पहुंचने पर आतंकवादी वहां से फरार हो गये। गौरतलब है कि चारदारा जिले के अधिकतर हिस्सों पर तालिबानी आतंकवादियों का कब्जा है। आतंकवादी समूह ने अभी तक इस मुठभेड़ को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की लालू की जमानत याचिका
Posted Date : 10-Apr-2019 9:52:43 am

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की लालू की जमानत याचिका

0-चारा घोटाला मामला
नई दिल्ली,10 अपै्रल । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। चारा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। 
सुप्रीम कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू के वकील से कहा कि लालू यादव के बाहर आने पर कोई खतरा नहीं है खतरा यही है कि वे दंडित किए गए हैं। इससे पहले सीबीआई ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया था। लालू ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की थी। झारखंड हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद लालू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फिलहाल लालू का रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में इलाज चल रहा है। 
सीबीआई ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से यादव की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। जांच ब्यूरो ने कहा कि राजद प्रमुख लोकसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और अपनी जमानत का दुरूपयोग कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि वैसे भी लालू प्रसाद यादव आठ महीने से ज्यादा वक्त से अस्पताल के वार्ड में हैं और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं।
गौरतलब है कि लालू को चारा घोटाले का सरगना बताते हुए सीबीआई ने कहा था कि लालू को चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। उन्हें 27.5 वर्ष कैद की सजा मिली हुई है, लेकिन अब तक उन्होंने महज 20 महीने कैद की सजा काटी है। हाईकोर्ट ने पहले से ही उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखने का आदेश दिया है।  

देशभर में आयकर विभाग की छापेमारी पर चुनाव आयोग सख्त
Posted Date : 10-Apr-2019 9:50:57 am

देशभर में आयकर विभाग की छापेमारी पर चुनाव आयोग सख्त

0-कहा-रेड से पहले हमें बताएं एजेंसियां
नई दिल्ली,10 अपै्रल । मध्य प्रदेश और दिल्ली में आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि छापेमारी करने से पहले हमे कोई भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। आयकर विभाग की छापेमारी से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। कांग्रेसी नेताओं के करीबियों के घर में की गई छापेमारी में विपक्षी पार्टियों ने भी बदले की कार्रवाई कहा है। चुनाव आयोग के सूत्रों की मानें हाल ही में मध्य प्रदेश में की गई छापेमारी की ईसी को जानकारी ही नहीं थी। ना सिर्फ केंद्रीय चुनाव आयोग बल्कि प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी को भी इसके बारे में किसी तरह की सूचना नहीं दी गई थी।
चुनाव आयोग ने जांच एजेंसियों को दो टूक कह दिया है कि चुनाव आचार संहिता लागू है ऐसे में भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी रेड या कार्रवाई की जानकारी वो चुनाव आयोग या राज्य के निर्वाचन अधिकारी से साझा करें। चुनाव आयोग की सख्ती पर आयकर विभाग का कहना है कि आचार संहिता और कार्रवाई से पहले आयोग को लूप में रखने की बात उन्हें पता है। इस पर ईसी ने दो टूक कहा कि जब इस बात की जानकारी आपको थी तो फिर बताया क्यों नहीं गया।
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी में कैश, करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इसके अलावा 20 करोड़ रुपये के हवाला का भी मामला सामने आया था, जिसके तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के अकाउंटेंट से जुड़े थे। इतना ही नहीं प्रवीण कक्कड़ के करीबी के घर से टाइगर की खाल और अवैध हथियार भी बरामद किए गए थे। इस छापेमारी को कांग्रेस ने केंद्र सरकार की बौखलाहट बताया था और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक सभा में भी इस छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा था कि जो लोग चौकीदार को चोर कह रहे थे, उनके दरबारियों के घर से ही नोटों के बंडल निकल रहे हैं।

एनआईए ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को किया गिरफ्तार
Posted Date : 10-Apr-2019 9:50:03 am

एनआईए ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को किया गिरफ्तार

जम्मू ,10 अपै्रल । अलगाववादी नेता और जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक को बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। इससे एक दिन पहले ही उन्हें जम्मू की कोट बलवाल जेल से नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल भेजा गया था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्हें बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि मलिक को मंगलवार शाम को एयर इंडिया के विमान से जम्मू से दिल्ली लाया गया था। मलिक को सात मार्च को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जम्मू जेल में डाल दिया गया था। पीएसए के अंतर्गत किसी व्यक्ति को दो साल तक बिना किसी अदालती दखल के हिरासत में रखा जा सकता है।