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बेटी बनी आईएएस तो हेलीकॉप्टर से की आईपीएस दामाद के साथ विदाई, दोनों यूपी में हैं तैनात
Posted Date : 02-Feb-2024 4:38:38 am

बेटी बनी आईएएस तो हेलीकॉप्टर से की आईपीएस दामाद के साथ विदाई, दोनों यूपी में हैं तैनात

भरतपुर। भरतपुर के रहने वाले एक पिता का सपना था की, जब मेरी बेटी आईएएस बन जाएगी तो, वह उसकी शादी कर विदाई हेलीकॉप्टर से करेंगे। गुरुवार को पिता का सपना पूरा हुआ। पिता ने धूमधाम से अपनी बेटी की शादी आईपीएस दामाद के साथ की, जिसके बाद शहर के कॉलेज ग्राउंड से बेटी और दामाद को हेलीकॉप्टर से विदा किया।आज पूरा हुआ पिता का सपना धौरमुई के रहने वाले अमर सिंह ने बताया की, उन्होंने सपना देखा था की, जब उनकी बेटी ढ्ढ्रस् बन जाएगी तो, वह उसकी विदाई हेलीकॉप्टर से करेंगे। आज वह अपना सपना पूरा कर रहे हैं। अमर सिंह की बेटी अप्रजिता भरतपुर के एक निजी होटल में की, और विदाई हेलीकॉप्टर से की, अमर सिंह और उनकी पत्नी नीतन सिनसिनवार पेशे से डॉक्टर हैं।माता पिता भी डॉक्टरधौरमुई की रहने वाली अप्रजिता के पिता डॉ. अमर सिंह और माता डॉ नीतन सिंह दोनों ही सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे, लेकिन सेवानिवृत्ति लेकर दोनों ने अपना खुद का अस्पताल शुरू किया। उनकी बेटी डॉ. अप्रजिता ने साल 2011 में नीट की परीक्षा पास की, और साल 2017 में हरियाणा के रोहतक से एमबीबीएस पूरी कर ली, लेकिन अप्रजिता आईएएस बनना चाहती थी। इसलिए उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी की और वर्ष 2019 में वह आईएएस बन गई।हेलीकॉप्टर से हुई ढ्ढ्रस् और ढ्ढक्कस् की विदाईवह तीन साल आंध्र प्रदेश कैडर में रहने बाद उत्तर प्रदेश कैडर में आ गई। फिलहाल वह उत्तर प्रदेश के चंदौली में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात हैं। अप्रजिता की शादी देवेंद्र कुमार के साथ हुई है। जो चूरू जिले के खसौली गांव के रहने वाले हैं। देवेंद्र कुमार का सिविल सेवा परीक्षा 2021 में चयन हुआ। वह आईपीएस बने जो फिलहाल उत्तर प्रदेश के बनारस में अंडर ट्रेनी आईपीएस लगे हैं। दोनों की शादी विगत रात भरतपुर की एक निजी होटल में संपन्न हुई और उसके बाद आज कॉलेज ग्राउंड से नवदम्पत्ति हेलीकॉप्टर से रवाना हुआ।

 

ज्ञानवापी के तहखाने में 31 साल बाद जले दीप, देर रात 2 बजे हुई पूजा-अर्चना
Posted Date : 02-Feb-2024 4:37:28 am

ज्ञानवापी के तहखाने में 31 साल बाद जले दीप, देर रात 2 बजे हुई पूजा-अर्चना

वाराणसी । वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है। जिसके बाद आज ज्ञानवापी परिसर में आखिरकार 31 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। जिला अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी के उस व्यास तहखाने में आधी रात को 2 बजे पूजा हुई। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई। वहीं आज सुबह काफी संख्या में लोग पूजा के लिए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पहुंचे हैं। इस मामले में डीएम ने कहा कि जिला कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया गया है।
बता दें कि कोर्ट का आदेश आने के बाद रातोरात तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं। इसके बाद तडक़े ही पूजा के लिए लोग जुटने लगे। पूजा की शुरुआत कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में शुरू हुई है। भारी फोर्स की मौजूदगी में श्रद्धालु व्यास तहखाने की ओर जा रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा करवाई जा रही। दरअसल, वाराणसी कोर्ट के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का फैसला सुनाया था। उन्होंने जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और महज कुछ ही घंटे में बैरिकेडिंग आदि खोलकर व्यास तहखाने में पूजा की व्यवस्था करा दी गई।
कोर्ट के फैसले के 9 घंटे बाद ही लोहे के बाड़ हटा दिए गए और देर रात पूजा की शुरुआत भी कर दी गई। गुरुवार रात 12:00 बजे भारी प्रशासन की मौजूदगी में विश्वनाथ मंदिर की तरफ से, जहां बड़े नंदी विराजमान हैं उनके ठीक सामने बैरिकेडिंग को खोलकर तहखाना पर जाने का रास्ता बनाया गया। सर्वे के दौरान जो मूर्तियां वहां मिली थीं उसे रखकर देर रात तक पूजा-पाठ कराया गया। आरती की गई और भोग और प्रसाद भी वितरित किए गए। आज से व्यास जी के तहखाना में शयन आरती, मंगल आरती सहित पूजा-पाठ की सभी विधियां वहां मौजूद देवी-देवताओं के विग्रह के सामने पूरी की जाएंगी। प्रशासन ने देर रात तहखाना के भीतर के पूजा आदि की व्यवस्था को काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंप दिया।
गौरतलब है कि महज 9 से 10 घंटे के भीतर ही ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने को खोलकर उसमें पूजा-पाठ करने के जिला जज के आदेश का अनुपालन स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने मिलकर करा दिया। कोर्ट के इस आदेश का कंप्लायंस आधी रात को करने के बाद इसकी जानकारी खुद वाराणसी के जिला अधिकारी जो कोर्ट के आदेश पर ही ज्ञानवापी के व्यास तहखाने के रिसीवर बनाए गए हैं के द्वारा साझा की गई।

 

रामभक्तों के लिए गुड न्यूज , अयोध्या के लिए इन आठ शहरों से शुरू हुई सीधी उड़ान सेवा
Posted Date : 02-Feb-2024 4:37:08 am

रामभक्तों के लिए गुड न्यूज , अयोध्या के लिए इन आठ शहरों से शुरू हुई सीधी उड़ान सेवा

लखनऊ । अयोध्या के नव्य-दिव्य-भव्य मंदिर में विराजित श्रीरामलला के दर्शन की चाह रखने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अयोध्या पहुंचना और आसान हो गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य मंत्री वीके. सिंह ने आठ शहरों से अयोध्या आने-जाने के लिए स्पाइसजेट की सीधी उड़ान सेवा का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा, अहमदाबाद, चेन्नई, जयपुर, पटना, दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु से अयोध्या के लिए स्पाइसजेट की नॉन-स्टॉप उड़ान सेवाएं शुरू होने से अयोध्या की कनेक्टिविटी और बेहतर हो गई है, इससे पर्यटन में भी वृद्धि होगी। इससे पहले दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए अयोध्या से वायु सेवा प्रारंभ हो चुकी है, जो सफलतापूर्वक संचालित हो रही है।
उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री ने अयोध्या धाम के नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। अभी एक माह ही हुआ है, लेकिन, इस अल्प अवधि में ही अयोध्या की कनेक्टिविटी देश के इतने महत्वपूर्ण नगरों के साथ होना, अयोध्या के बेहतर भविष्य का संकेत देती है। लोग नई वायु सेवा का समुचित उपयोग करें और अयोध्या की सुंदरता और परंपरा को दुनिया के साथ साझा करें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या देश की आस्था का प्रतीक है। जनभावनाएं अयोध्या के साथ जुड़ी हैं, प्रभु श्रीरामलला के साथ जुड़ी हैं। हर अयोध्यावासी की एक अभिलाषा थी कि अयोध्या का भी विकास होना चाहिए। आज वह सपना साकार हो रहा है। वास्तव में अयोध्या इसकी हकदार थी। लेकिन, किन्हीं कारणों से अयोध्या की उपेक्षा हुई। आज से 10 वर्ष पहले कोई सोचता भी नहीं था कि अयोध्या में भी कोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। कोई सोचता भी नहीं था कि अयोध्या की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। पांच सदी पूर्व जो एक कलंक अयोध्या पर लगाने का प्रयास हुआ था, उससे मुक्त होकर भव्य मंदिर में रामलला फिर से विराजमान हो गए, इस सपने को साकार होते देखकर आज पूरी दुनिया प्रफुल्लित है।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का कार्यक्रम केवल एक कार्यक्रम मात्र नहीं है। प्रभु तो सर्वव्यापी हैं। लेकिन, यह वास्तव में भारत के गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा हुई है। जबसे श्रीरामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है, भारत के हर नागरिक के चेहरे पर जो तेज है, जो उत्साह है, जो उमंग है, वह एक नए भारत की तस्वीर को प्रस्तुत करती है। यही ऊर्जा 2047 तक भारत को दुनिया के एक विकसित देश के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस दिनों के अंदर अयोध्या में 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रभु रामलला के दर्शन किए हैं। उन्होंने अयोध्या के लिए नई उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए स्पाइस जेट के सीएमडी अजय सिंह को भी धन्यवाद दिया।

 

तमिलनाडु के दो और स्थानों को घोषित किया रामसर स्थल
Posted Date : 02-Feb-2024 4:36:54 am

तमिलनाडु के दो और स्थानों को घोषित किया रामसर स्थल

चेन्नई । केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय और रामसर साइट सचिवालय द्वारा दो पर्यावरण साइटों पर राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार करने और उन्हें रामसर साइटों के रूप में नामित करने के बाद तमिलनाडु सबसे अधिक रामसर साइटों वाला राज्य बन गया है। अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से रामसर स्थलों के लिए एकीकृत प्रबंधन योजना तैयार करने का काम किया है।
इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में रामसर साइटों की संख्या अब तक 16 है, जो देश में सबसे अधिक है। तमिलनाडु सरकार ने नीलगिरी में लॉन्गवुड शोला रिजर्व फॉरेस्ट और अरियालुर में कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय और रामसर साइट सचिवालय ने उन्हें स्वीकार कर लिया और 31 जनवरी को दोनों स्थानों को रामसर साइट के रूप में नामित किया गया।
लॉन्गवुड शोला 116.07 हेक्टेयर में फैला है और महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्रों में से एक है। यह वनस्पतियों और जीवों की 700 से अधिक प्रजातियों का भी घर है। लॉन्गवुड शोला में कम से कम 177 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई है और इन 177 पक्षी प्रजातियों में से 14 पश्चिमी घाट की स्थानिक हैं। लॉन्गवुड शोला हर्पेटोफ़ुना विविधता में समृद्ध है, जिसमें पश्चिमी घाट की कई प्रजातियाँ स्थानिक हैं, और इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (यूसीएन) द्वारा भी ख़तरे में माना जाता है।
यह नाजुक नीलगिरी पारिस्थितिकी तंत्र का भी एक अभिन्न अंग है, और कोटागिरी के लिए पानी का एक प्रमुख स्रोत है, जो नीचे के 18 गांवों को पानी की आपूर्ति करता है। कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य 453.7 हेक्टेयर में फैला है और यह तमिलनाडु के महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्रों में से एक है। यह स्थल वनस्पतियों और जीवों की 500 से अधिक प्रजातियों का घर है। अभयारण्य मध्य एशियाई फ्लाईवे में स्थित है, और जलपक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजनन और चारागाह है।

 

एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए हेमंत सोरेन, ईडी ने मांगा था दस दिन का रिमांड, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
Posted Date : 02-Feb-2024 4:36:00 am

एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए हेमंत सोरेन, ईडी ने मांगा था दस दिन का रिमांड, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

रांची । झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उन्हें रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा ले जाया जा रहा है। सोरेन को ईडी ने बुधवार को करीब आठ घंटे तक पूछताछ के बाद रात 8.30 बजे गिरफ्तार किया था।
इसके बाद बीती रात सोरेन को एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के दफ्तर ले जाया गया। उन्होंने पूरी रात दफ्तर के गेस्ट हाउस में गुजारी। उन्हें गुरुवार दोपहर करीब 3.50 बजे स्पेशल पीएमएलए कोर्ट लाया गया। इस दौरान हेमंत सोरेन ने मुस्कुराते हुए परिसर में मौजूद भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
कोर्ट में ईडी की ओर से सोरेन की दस दिन के लिए रिमांड की मांग की गई। इस पर दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। ईडी के अधिवक्ताओं ने कहा कि रांची के जमीन घोटाले में आगे की जांच के लिए सोरेन से कई बिंदुओं पर पूछताछ जरूरी है।
दूसरी तरफ हेमंत सोरेन के वकीलों ने ईडी की ओर से रिमांड की मांग का विरोध करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है, जिस पर 2 फरवरी को सुनवाई होनी है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रिमांड के सवाल पर फैसला 2 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया और तब तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा ले जाया गया है। इस कारा में उन्हें अपर डिविजन सेल में रखने की तैयारी है।

 

पटना में गंगा नदी के तट पर लगेगी राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा
Posted Date : 01-Feb-2024 3:39:33 am

पटना में गंगा नदी के तट पर लगेगी राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा

पटना । बिहार की राजधानी पटना में गंगा तट पर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी। यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से भी ऊंची होगी। पटना नगर निगम इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजेगा।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एनआरआई सेल के संयोजक और इंडिया पॉजिटिव के सचिव मनीष सिन्हा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा लगाए जाने के निर्णय का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि यह मुहिम कई महीनों से चलाया जा रही थी।
उन्होंने बताया कि पटना की मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति में इस प्रस्ताव को भेजने का निर्णय लिया था। इसके बाद प्रतिमा बनाने से संबंधित प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया गया है। अब राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही राज्य सरकार प्रतिमा को लेकर अपनी मंजूरी देगी, इसे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
मनीष सिन्हा ने इस अभियान में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली, पटना, सिवान एवं विदेशों में अनगिनत कार्यक्रम संगठन ने काम किया। इस यात्रा में कई लोग जुड़े, साथ दिया, धीरे धीरे एक सामाजिक व राजनीतिक मुहिम का रूप लिया।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले सांसद संजय जायसवाल ने कहा था कि भाजपा की सरकार आएगी तो प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी 2023 में बापू सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 243 मीटर लम्बी मूर्ति के निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था।
सिन्हा ने कहा कि पटना में राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का निर्माण ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की तर्ज पर होना चाहिए, जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी, म्यूजिय़म व अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी हो।