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सेना व आतंकियों के बीच मुठभेड़ में आईएसजेके कमांडर इशफाक सोफी ढेर
Posted Date : 10-May-2019 1:55:24 pm

सेना व आतंकियों के बीच मुठभेड़ में आईएसजेके कमांडर इशफाक सोफी ढेर

श्रीनगर ,10 मई । जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ की खबर है। इस दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर इशफाक अहमद सोफी को मार गिराया है। बता दें कि जाकिर मूसा के अलावा इशफाक अहमद सोफी कश्मीर में आईएसजेके का बड़ा कमांडर था। जाकिर मूसा अभी भी सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर है। पिछले दिनों उसके पंजाब में छुपे होने की खुफिया रिपोर्ट आई थी।
इशफाक अहमद सोफी जम्मू-कश्मीर के सोपोर का रहने वाला था। उसको एनकाउंटर के दौरान जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मार गिराया गया। आईएसजेके आतंकी इशफाक अहमद सोफी को अब्दुल्ला भाई के नाम से भी जाना जाता था। उसके पास से आर्म्स और एम्युनिशन बरामद हुए हैं। वहीं, आतंकी इशफाक अहमद सोफी के मारे जाने के बाद सोपोर के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ने इलाके के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक सोपोर के अमशिपोरा में शुक्रवार तडक़े सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया। इशफाक अहमद सोफी कश्मीर में आतंकी संगठन आईएसजेके का बड़ा कमांडर था। वह साल 2015 में हरकत-उल-मुजाहिदीन आतंकी संगठन से जुड़ा था। इसके बाद साल 2016 में वह हरकत-उल-मुजाहिदीन को छोडक़र आईएसजेके आतंकी संगठन में शामिल हो गया था।
इससे पहले सुरक्षाबलों ने शोपियां जिले के इमाम साहब गांव में मुठभेड़ के दौरान बुरहान वानी गैंग के आखिरी कमांडर लतीफ टाइगर को ढेर कर दिया था। हिजबुल कमांडर लतीफ अपने 2 अन्य आतंकियों के साथ एक इमारत में छिपा था, तभी सुरक्षा बलों ने धावा बोले दिया। इस दौरान आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें आतंकी लतीफ टाइगर समेत दो आतंकी मारे गए। इस दौरान एक जवान भी जख्मी हो गया।

समान कार्य समान वेतन पर बिहार के लाखों शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका
Posted Date : 10-May-2019 1:54:53 pm

समान कार्य समान वेतन पर बिहार के लाखों शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका

नई दिल्ली ,10 मई । बिहार के करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी निराशा हाथ लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार की अपील मंजूर कर ली है और पटना हाई कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें हाई कोर्ट ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर आंदोलनरत शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 11 याचिकाओं पर सुनवाई की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब से ही सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का लाखों नियोजक शिक्षकों को बेसब्री से इंतजार था। बिहार के 3 लाख 56 हजार टीचर्स की उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट से लगी हुई थीं। 
बिहार में समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। पहले इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था और बिहार सरकार को समान वेतन देने का निर्देश दिया था। हालांकि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखने से पहले याचिका पर सुनवाई की थी। शिक्षक संघ की तरफ से अधिवक्ता ने कहा था कि पटना हाई कोर्ट ने समान काम-समान वेतन के पक्ष में सही फैसला दिया है। सरकार फैसले को लागू नहीं कर बेवजह नियोजित शिक्षकों को परेशान कर रही है। शिक्षक संघ की ओर से कोर्ट में तर्क दिया जा रहा है कि समान काम के लिए समान वेतन, नियोजित शिक्षकों का मौलिक अधिकार है। 
वहीं, केंद्र सरकार नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने के लिए राशि बढ़ाने पर सहमत नहीं दिखी थी। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा था कि शिक्षकों की नियुक्ति और वेतन देना राज्य सरकार का काम है। इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। केंद्र ने तर्क दिया था कि नियमित शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से हुई है। वहीं नियोजित शिक्षकों की बहाली पंचायती राज संस्था से ठेके पर हुई है, इसलिए इन्हें समान वेतन नहीं दिया जा सकता है। 
केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने नियोजित शिक्षकों के बारे में कहा कि सर्व शिक्षा अभियान मद की राशि राज्यों की जनसंख्या और शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर दी जाती है, न कि वेतन में बढ़ोतरी के लिए। सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार राज्यों को केंद्रांश उपलब्ध कराती है। केंद्र इस राशि के अलावा वेतन के लिए राशि नहीं दे सकती है। राज्य सरकार चाहे तो अपने संसाधन से समान काम के बदले समान वेतन दे सकती है। प्रत्येक राज्य अपने संसाधन से ही समान काम समान वेतन दे रही है।

फिर टली अयोध्या मामले की सुनवाई, मध्यस्थता के लिए मिला तीन महीने का समय
Posted Date : 10-May-2019 1:54:34 pm

फिर टली अयोध्या मामले की सुनवाई, मध्यस्थता के लिए मिला तीन महीने का समय

नई दिल्ली ,10 मई । अयोध्या में श्रीराम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन महीने के लिए फिर टल गई है। इस मामले पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस एफएमआई खलीफुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें मध्यस्थता प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 अगस्त तक का समय मांगा गया। इस पर विचार करते हुए कोर्ट ने मामले की मध्यस्थता का समय 15 अगस्त तक बढ़ा दिया।
इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, हम मामले में मध्यस्थता कहां तक पहुंची, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। इसको गोपनीय रहने दिया जाए। इस दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, हम कोर्ट के बाहर बातचीत से समस्या के हल निकालने का समर्थन करते हैं। साथ ही मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से अनुवाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनुवाद में  कई गलतियां हैं। पांच वक्त नमाज और जुमा नमाज को लेकर गलतफहमी है।
इसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकार को अपनी आपत्तियों को लिखित में दाखिल करने की इजाजतत दे दी। अयोध्या मामले में अभी 13 हजार 500 पेज का अनुवाद किया जाना बाकी है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच कर रही है। अब 15 अगस्त के बाद ही पता चलेगा कि मध्यस्थता प्रक्रिया ने क्या हासिल किया, क्योंकि अदालत ने आदेश दिया था कि प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होनी चाहिए।
इससे पहले 8 मार्च को अयोध्या की भूमि पर मालिकाना हक केे मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की इजाजत दी थी। मध्यस्थों की कमेटी में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं। इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला हैं।
इस कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। कोर्ट ने कहा था कि मध्यस्थता पर कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रक्रिया को फैजाबाद में करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मध्यस्थता प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होनी चाहिए। कोई भी मीडिया, न तो प्रिंट और न ही इलेक्ट्रॉनिक को कार्यवाही की रिपोर्ट करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जो 8 हफ्ते की समय सीमा दी थी वो 3 मई को समाप्त हो गई.ऐसे में आज मालूम पड़ सकता है कि 8 हफ्ते की जो मध्यस्थता प्रक्रिया थी उसमें क्या हासिल हुआ। जस्टिस एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाज़ेर की पीठ ने भी मध्यस्थता पैनल से चार सप्ताह के बाद कार्यवाही की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा था, उनका कहना था कि यह मुद्दा 1,500 वर्ग फुट भूमि का नहीं था, बल्कि धार्मिक भावनाओं का था। 
सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल को रामजन्मभूमि करार दिया था। हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ जमीन का बंटवारा कर दिया गया था. इस जमीन को तीन हिस्सों में बांटा गया था, जिसमें ने एक हिस्सा हिंदू महासभा को दिया गया जिसमें राम मंदिर बनना था। दूसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया था. विवादित स्थल का तीसरा निर्मोही अखाड़े को दिया गया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर की गई।

एक बार फिर भारत के सामने हाथ फैलाने मजबूर है पाक
Posted Date : 10-May-2019 1:54:15 pm

एक बार फिर भारत के सामने हाथ फैलाने मजबूर है पाक

नई दिल्ली ,10 मई ।  पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण बने हुए है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट-फेवर्ड नैशन का दर्जा वापस ले लिया था। वहीं अब देखें तो दोनों देशों के मध्य व्यापारिक रिश्ते भी बिल्कुल ना के बराबर है। लेकिन अब पाकिस्तान को भारत की चाय ही पीनी पड़ सकती है, क्योंकि चार के बड़े उत्पादक देश केन्या में इस साल सूखा पडऩे की वजह से उत्पादन घट गया है। ऐसे में केन्या से चाय मंगाना पाकिस्तान के लिए बेहद महंगा होगा। इसीलिए एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि पाकिस्तान भारत से चाय खरीदने के लिए बातचीत को आगे बढ़ा सकता है। पाकिस्तान के लिए भारत के चाय पड़ेगी सस्ती 
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष पाकिस्तान को लगभग 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया था। लेकिन मौजूदा समय में पाकिस्तान के ऊपर 200 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इसके बावजूद पाकिस्तान के लिए भारत के चाय सस्ती पड़ेगी। लिहाजा भारत चाय का निर्यात 2019 में बढक़र 2-2.5 करोड़ किलोग्राम हो सकता है। पाक में बढ़ी चाय की डिमांड
पाकिस्तान में 2007 से 2016 के बीच प्रति व्यक्ति चाय की खपत लगभग 36 पर्सेंट बढ़ी है।  पाकिस्तान में 2027 तक चाय की खपत बढक़र 2,50,800 टन तक पहुंच सकती है। अभी यह आंकड़ा 1,72,911 टन का है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट-फेवर्ड नैशन का दर्जा वापस ले लिया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ने ली थी। चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा कि देश की टी इंडस्ट्री एक्सपोर्ट के लिए नए मार्केट्स में जाने की कोशिश कर रही है। 
2020 तक 30 करोड़ किलोग्राम हो सकता है निर्यात
भारतीय चाय के लिए रूस एक बड़ा मार्केट है. 2018 में रूस ने भारत से लगभग 4.5 करोड़ किलोग्राम चाय खरीदी थी। ईरान का आयात 3.6 करोड़ किलोग्राम और इजिप्ट का करीब 1.13 करोड़ किलोग्राम था। भारतीय चाय निर्यातक अब इराक में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। एग्जिक्युटिव्स ने कहा कि अगर भारत से चाय का आयात करने वाले देश खरीदारी बढ़ाते हैं तो भारत का चाय निर्यात 2020 तक बढक़र 30 करोड़ किलोग्राम हो सकता है।

भगवान केदारनाथ के खुले कपाट, मंदिर के बाहर लगी भक्तों की कतारें
Posted Date : 09-May-2019 12:26:36 pm

भगवान केदारनाथ के खुले कपाट, मंदिर के बाहर लगी भक्तों की कतारें

0 चारधाम यात्रा 
रुद्रप्रयाग ,09 मई । शीतकाल प्रवास के बाद शुभ लग्नानुसार प्रात: 5 बजकर 35 मिनट पर जय केदार के जयकारों के बीच भगवान  केदारनाथ के कपाट गुरुवार को भक्तों के दर्शनाथ के लिए खोल दिए गए हैं। बाबा की पंचमुखी मूर्ति केदार मंदिर में विराजमान हुई। अब अगले छह महीने तक बाबा केदार यहीं पर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
 कपाट खुलने के मौके पर 5 हजार से अधिक भक्त शुभ असवर के साक्षी बने। गुरुवार सुबह तडक़े चार बजे से ही केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियां मंदिर समिति द्वारा शुरू कर दी गई थी। बाबा केदार की उत्सव डोली को मुख्य पुजारी केदार लिंग द्वारा भोग लगाने के साथ ही नित पूजाएं की गई, जिसके बाद डोली को सजाया गया। केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, वेदपाठियों, पुजारियों, हक्क हकूकधारियों की मौजूदगी में कपाट पर वैदिक परंपराओं के अनुसार मंत्रौच्चारण किया गया। जिसके बाद मंदिर के अंदर पूजा अर्चना की गई और मुख्य कपाट भक्तों के दर्शनाथ खोल दिए गए।
भारी बर्फबारी के बावजूद बड़ी संख्या में भक्त केदारनाथ आए। सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी के बेंड की धुनों ने पूरा केदारनाथ का वातावरण भोले बाबा के जयकारो से गुंजायमान हो गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम यात्रा पर आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं का उत्तराखंड में स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत को उत्तराखंड तैयार है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।  

शिवराज के भाई और रिश्तेदार का भी कर्ज माफ : राहुल
Posted Date : 09-May-2019 12:26:19 pm

शिवराज के भाई और रिश्तेदार का भी कर्ज माफ : राहुल

भिंड ,09 मई । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसान कर्जमाफी पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में बुधवार को यहां कहा कि कर्ज तो शिवराज के भाई और चाचा के लडक़े का भी माफ हुआ है। गांधी ने भिंड, मुरैना और ग्वालियर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमत्री चौहान को आड़े हाथों लिया और कहा, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया है कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ हुआ है। उनमें चौहान के भाई राहित सिंह और चाचा के लडक़े भी शामिल हैं।
ज्ञात हो कि राज्य में कांग्रेस की सरकार दावा कर रही है कि 21 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ हो चुका है, जबकि भाजपा राज्य सरकार के दावे को झूठा बता रही है। इसी को लेकर गांधी ने जवाब दिया। गांधी ने कर्जमाफी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा, वह सूची बताइए जो आप मुझे अपने सेल फोन पर दिखा रहे थे, उसमें किसके नाम हैं। इस पर कमलनाथ ने कहा कि चौहान के भाई रोहित सिंह चौहान और चाचा के लडक़े का भी कर्ज माफ हुआ है। राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी के सत्ता में न लौटने का दावा किया, नरेंद्र मोदी लौट कर नहीं आ रहे, फ्लाप शो, खत्म, वह घड़ी गई, उनके चेहरे को देख लो, उनकी ऊर्जा को देख लो। उदास से हैं, वह हार रहे हैं चुनाव। इसलिए कांग्रेस को मध्य प्रदेश में पूरी ताकत लगानी है।
गांधी ने एक बार फिर चौकीदार चोर है का नारा दोहराया। उन्होंने राफेल सौदे का जिक्र किया और कहा, मेरे पास सबूत है कि चौकीदार चोर है। जब भी बोलता हूं सबूत लेकर बोलता हूं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने बोला था कि हिदुस्तान के चौकीदार प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि हवाई जहाज भारत में नहीं फ्रांस में बनेगा और 526 करोड़ रुपये का हवाई जहाज नहीं खरीदा जाएगा, 1600 करोड़ रुपये का हवाई जहाज खरीदा जाएगा। नोटबंदी और जीएसटी से हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, नोटबंदी और गब्बर सिह टैक्स (जीएसटी) के कारण व्यापार बंद हुए। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने माताओं-बहनों से लेकर हर किसी की जेब से पैसा निकाला। इससे देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई।
गांधी ने आरोप लगाया, मोदी ने पांच साल अन्याय की सरकार चलाई और कांग्रेस न्याय की सरकार चलाना चाहती है। इसीलिए न्याय योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत हिदुस्तान के सबसे गरीब लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा डाला जाएगा। 72 हजार रुपये साल के और तीन लाख 60 हजार रुपये पांच सालों में डाले जाएंगे। इस योजना से देश के पांच करोड़ परिवारों के 25 करोड़ लोगों को लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा, 72 हजार रुपये का नंबर उनका नहीं, बल्कि देश की जनता के दिल का नंबर है। कांग्रेस मन की बात नहीं करेगी, बल्कि देश की जनता के मन की बात सुनेगी। उन्होंने आगे कहा, न्याय योजना से लाखों करोड़ रुपये जैसे ही सबसे गरीब परिवारों के खातों में जाएंगे, वैसे ही खरीददारी शुरू होगी। यह खरीदी दुकानों से होगी, जैसे ही माल बिकना शुरू होगा, फैक्टरी चालू होगी। उसके बाद युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस योजना का मकसद गरीबों की मदद तो है ही, साथ में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारना भी है।
न्याय योजना का ब्यौरा देते हुए गांधी ने कहा, जिस भी व्यक्ति की आमदनी 12 हजार रुपये माह से कम है, उसके खाते में इस योजना की राशि तब तक जाएगी, जब तक उसकी आमदनी 12 हजार रुपये प्रति माह नहीं हो जाती। गांधी ने कांग्रेस के सत्ता में आते ही 22 लाख नौकरियों की भर्ती का वादा भी किया और कहा, कांग्रेस सरकार झूठे वादे नहीं करेगी। 22 लाख नौकरियां हैं, तो उतना ही कहा जाएगा। खातों में 15 लाख रुपये आने, हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने जैसे झूठे वादे नहीं किए जाएंगे।