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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों में जुटा दुबई
Posted Date : 29-May-2019 12:52:45 pm

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों में जुटा दुबई

दुबई ,29 मई। दुबई के स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थानों को पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए तैयार किया जा रहा है। योग दिवस अमीरात के खेल कैलेंडर का एक महत्त्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। हर साल 21 जून को अंतररष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में सर्वसम्मति से इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। दुबई खेल परिषद के महासचिव सईद हारेब ने कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत विपुल से हाल ही में मुलाकात की थी। हारेब ने कहा, हमें गर्व है कि 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करने वालों में दुबई विश्व का पहला शहर था और हम तब से पूरे विश्व में इसका विकास देखकर प्रसन्न हैं। वहीं विपुल ने कहा कि हर साल इसे एक बड़ा कार्यक्रम बनाने के लिए वह दुबई खेल परिषद के साथ साझेदारी में काम करते रहे हैं।

मोदी ने भारत को एकजुट किया: टाइम मैगजीन
Posted Date : 29-May-2019 12:52:10 pm

मोदी ने भारत को एकजुट किया: टाइम मैगजीन

न्यूयॉर्क ,29 मई। टाइम मैग्जीन, जिसने भारत के आम चुनाव से पहले अपनी कवर स्टोरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को च्डिवाईडर इन चीफज् बताया था, उसने चुनाव परिणाम के तत्काल बाद पलटी मारते हुए एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है, मोदी ने भारत को इतना एकजुट किया, जो कि दशकों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया। यह लेख टाईम की वेबसाइट पर मंगलवार को प्रकाशित हुआ। इसमें एक सवाल पूछा गया है कि, कैसे यह कथित विभाजनकारी शख्सियत न केवल सत्ता में कायम रह पाया है, बल्कि उसके समर्थक और भी ज्यादा बढ़ गए हैं? और, इस प्रश्न के जवाब में लेख में कहा गया है, एक प्रमुख कारक यह रहा है कि मोदी भारत की सबसे बड़ी कमी : जातिगत भेदभाव को पार करने में कामयाब रहे हैं। इसके लेखक, मनोज लाडवा ने मोदी के एकजुटता के सूत्रधार के रूप में उभरने का श्रेय उनके पिछड़ी जाति में पैदा होने को दिया है। 
लेख में लाडवा ने लिखा है, नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक में हुआ था। बिल्कुल शीर्ष पर पहुंचते हुए, वह आकांक्षापूर्ण कामगार वर्ग को प्रतिबिंबित करते हैं और अपने देश के सबसे गरीब नागरिकों के रूप में अपनी पहचान पेश कर सकते हैं, जैसा कि आजादी के बाद 72 सालों में सबसे ज्यादा समय भारत की सत्ता पर रहने वाला नेहरू-गांधी राजनीतिक वंश कभी नहीं कर सकता। उन्होंने 1971 में इंदिरा गांधी को मिली भारी जीत का जिक्र करते हुए कहा, लेकिन, फिर भी उनके पहले कार्यकाल के पूरे समय के दौरान और उनकी इस बार की चुनावी दौड़ के दौरान मोदी की नीतियों के खिलाफ कड़ी और अक्सर अनुचित आलोचनाओं के बावजूद, पिछले पांच दशकों में कोई भी प्रधानमंत्री भारत के मतदाताओं को इतना एकजुट नहीं कर पाया, जितना उन्होंने किया है। 
इस लेख से पहले, चुनाव पूर्व टाईम में प्रकाशित हुए आतिश तासीर के लेख को चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के विरोधियों द्वारा खूब इस्तेमाल किया गया और मोदी के आलोचकों ने इसे एक वैश्विक मीडिया पावरहाउस द्वारा उन्हें च्विभाजनकारीज् के रूप में आरोपित करना करार दिया। हकीकत में, टाइम एक संकटग्रस्त पत्रिका है जिसका स्वामित्व एक ही साल में दो हाथों में जा चुका है। पिछले साल मार्च में इसे बेटर होम्स और गार्डन्स जैसी मैग्जीन्स के प्रकाशक मेरेडिथ ने खरीदा था और उसके बाद सितंबर में यह फिर बिकी, जब इसे सेल्सफोर्स के संस्थापक और टेक उद्यमी मार्क बेनिऑफ तथा उनकी पत्नी ने खरीदा था।
यहां तक कि टाईम के प्रमुख अमेरिकी संस्करण ने मोदी पर प्रकाशित इस लेख को कवर स्टोरी के रूप में प्रकाशित नहीं किया, बल्कि इसकी जगह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार एलिजाबेथ वॉरेन पर लेख प्रकाशित किया था। भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दिवंगत गवर्नर सलमान तासीर के ब्रिटेन में जन्मे बेटे तासीर ने कवर स्टोरी में लिखा था, मोदी का आर्थिक करिश्मा ही साकार होने में असफल नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारत में जहरीले धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल बनाने में भी मदद की है। 
हालांकि, नवीनतम लेख में लाडवा लिखते हैं, सामाजिक रूप से विकासशील नीतियों के जरिए, उन्होंने (मोदी) कई भारतीयों - हिंदू और धार्मिक अल्पसंख्यक दोनों - को किसी भी पिछली पीढ़ी की तुलना में गरीबी से तेज रफ्तार से बाहर निकाला है। लाडवा इंडिया ग्लोबल बिजनेस प्रकाशित करने वाली ब्रिटेन की मीडिया कंपनी इंडिया इंक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

ऑनलाइन नीलामी में दिखेंगी गायटोंडे की कलाकृतियां
Posted Date : 28-May-2019 12:53:29 pm

ऑनलाइन नीलामी में दिखेंगी गायटोंडे की कलाकृतियां

नईदिल्ली,28 मई । सैफ्रोनार्ट की 12 से 13 जून तक चलने वाली वार्षिक ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन नीलामी में आधुनिकतावादी पेंटर वी एस गायटोंडे की 1958 की एक बिना शीर्षक वाली कलाकृति सहित कई अग्रणी आधुनिकतावादी और समकालीन कलाकारों की 120 कलाकृतियां कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र होगी। गायटोंडे की बिना शीर्षक वाली कलाकृति की अनुमानित कीमत 4-6 करोड़ रुपये है। इसके अलावा इस नीलामी में बिना शीर्षक वाली उनकी एक और कलाकृति होगी जो 1970 के अंत में बनाई गई थी। इस पेंटिंग की अनुमानित कीमत 12.42-16.56 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही गायटोंडे की दो अन्य कलाकृतियां भी नीलामी में बिक्री के लिए रखी जाएंगी। नीलामी में एफ एन सूजा की 1964 की बिना शीर्षक वाली वह कलाकृति भी होगी जो अब तक कभी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है। इसकी अनुमानित कीमत 1.72 - 2.41 करोड़ रुपये बताई जाती है। सैफ्रोनार्ट के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक दिनेश वजीरानी ने कहा, ‘‘इस साल की हमारी ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन नीलामी का केंद्रबिन्दु भारत के दो अग्रणी आधुनिकतावादियों- वीएस गायटोंडे और एफ एन सूजा की दुर्लभ और अब तक न दिखीं कलाकृतियां होंगी।’’ नीलामी में अन्य प्रमुख समकालीन भारतीय और दक्षिण एशियाई कलाकारों की कलाकृतियां भी होंगी।

भाजपा प्रवेश कर सकते हैं टीएमसी के कई पार्षद और विधायक
Posted Date : 28-May-2019 12:53:13 pm

भाजपा प्रवेश कर सकते हैं टीएमसी के कई पार्षद और विधायक

0-ममता को लगेगा झटका
कोलकाता,28 मई । भाजपा की प्रदेश इकाई के मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय के अपने समर्थकों समेत भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से निलंबित शुभ्रांशु के साथ कुछ विधायक और पार्षद भी मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। नई दिल्ली रवाना होने से पहले शुभ्रांशु ने कहा कि वह अब जो भी कहेंगे, दिल्ली में कहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर और दक्षिणी बंगाल से कुछ विधायकों तथा कंचरापाड़ा, हालिसहर और नैहाटी के 32 मौजूदा पार्षद शुभ्रांशु के साथ हैं। उल्लेखनीय है कि शुभ्रांशु को उनके उस खुलासे के बाद 24 मई को तृणमूल कांग्रेस से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बैरकपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार दिनेश त्रिवेदी को बीजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बढ़त नहीं दिला सकते। बैरकपुर से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन सिंह ने चुनाव जीता है। शुभ्रांशु ने कहा, मुझे अपने पिता की योग्यता और राजनीतिक समझबूझ पर गर्व है। वह तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और वही बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को समाप्ति पर ले जायेंगे। 

बीजेपी की विजय रैली में फेंका बम, टीएमसी पर आरोप
Posted Date : 28-May-2019 12:52:41 pm

बीजेपी की विजय रैली में फेंका बम, टीएमसी पर आरोप

कोलकाता,28 मई । लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प अब भी जारी है. ज्ञात हो ंकि अब तक दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई. अब बीजेपी की एक विजय रैली में समर्थकों के ऊपर बम फेंकने का मामला सामने आया है. आरोप है कि बीरभूम के लोकपुर कॉलेज के पास सोमवार शाम जब बीजेपी की विजय रैली टीएमसी पार्टी ऑफिस के सामने से गुजर रही थी, तभी पर बम फेंका गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं. वहीं, इस हमले के बाद घटनास्थल पर भारी पुलिस बल मौजूद है. हालांकि पुलिस का दावा है कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.

आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के 8 जवान समेत 11 घायल
Posted Date : 28-May-2019 12:51:17 pm

आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के 8 जवान समेत 11 घायल

0-सरायकेला में नक्सली हमला
रांची,28 मई । झारखंड के नक्सल प्रभावित सरायकेला में नक्सलियों ने मंगलवार की सुबह एक आईईडी विस्फोट किया जिसमें 8 सीआरपीएफ जवानों सहित कुल 11 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। स्थानीय पुलिस के अनुसार उक्त सुरक्षाकर्मी लंबी दूरी की गश्त पर थे उनका वाहन इसी दौरान आईईडी की चपेट में आ गया। विस्फोट के बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी गोलीबारी की। 
नक्सलियों के द्वारा किये गए इस विस्फोट में कोबरा के आठ जवान समेत जिला पुलिस के तीन जवान घायल हो गए हैं। उपरोक्त घटना सरायकेला जिला के कुचाई में जंगलों में हुई है। विस्फोट में घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए हेलीकाप्टर से रांची भेजा गया है। 
अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ की विशेष जंगल युद्ध इकाई कोबरा और राज्य पुलिस का संयुक्त दल जिले में कुचाई इलाके के जंगलों में एक अभियान चला रहा था तभी तडक़े करीब पांच बजे यह विस्फोट हुआ। पुलिस अधिकारियों के अनुसार संदेह है कि आईईडी को कच्ची सडक़ के नीचे दबा कर रखा गया था।