वाशिंगटन,11 अपै्रल । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ से सर्वाधिक कहर वाले दस देशों में से छह में संक्रमितों की मौत का प्रतिशत दस फीसदी से अधिक है तथा विश्व में स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से दूसरा स्थान रखने वाले इटली की स्थिति सबसे अधिक खराब है।
इटली में कोरोना संक्रमण से मरने वालों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 12.8 प्रतिशत है और संक्रमितों की संख्या 147,577 है तथा करीब 18849 मरीजों की अबतक मौत हो चुकी है जो संक्रमितों का 12.8 प्रतिशत है।
जोन होपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कोरोना से संक्रमितों की संख्या विश्व भर में सर्वाधिक 501,301 है और यहां मरने वालों की संख्या विश्व में दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के लिये राहत की खबर हालांकि यह है कि यहां 496,535 संक्रमितों की संख्या में से 18586 की मौत हुयी है जो 3.7 प्रतिशत है। पिछले एक सप्ताह की तुलना में आंकड़ा हालांकि करीब एक प्रतिशत बढ चुका है।
जर्मनी में संक्रमितों में मरने वालों का प्रतिशत सबसे कम 2.3 है। देश में संक्रमण प्रभावितों की संख्या 122,171 है जिसमें से 2767 की मृत्यु हुई है। स्पेन संक्रमित और मौत के मामले में तीसरे स्थान पर है। यहां संक्रमण प्रभावित की संख्या 158,273 और मरने वालों की 16081 है जो संक्रमितों का 10.2 प्रतिशत है।
फ्रांस में 125, 931 लोग कोरोना से पीडि़त है और अबतक 13,216 संक्रमितों की मौत हो चुकी है जो साढे दस प्रतिशत है। ब्रिटेन में कोरोना प्रभावित में मरने वालों का प्रतिशत काफी अधिक 12 प्रतिशत है। यहां 74,065 लोग संक्रमित है और अबतक करीब 8974 लोगों की मौत हुई है।
हालैंड में जानलेवा कोरोना वायरस से अभी तक 23249 लोग संक्रमित हुए हैं और 2520 की मृत्यु हो चुकी है जो संक्रमण प्रभावित का 10.8 प्रतिशत है। ईरान में 68,192 लोग अबतक संक्रमण की चपेट में आए हैं और 4232 की मौत हुई है जो 6.2 प्रतिशत है।
इसके अलावा बेल्जियम में 26,667 मामले सामने आये है जो संक्रमितों का 11.3 प्रतिशत है। बेल्जियम में अबतक 3019 संक्रमितों की जान जा चुकी है । चीन के वुहान में जहां इस संक्रमण की शुरुआत हुई हैं वहां 82941 लोग इससे प्रभावित हुये और अबतक चार प्रतिशत यानि 3340 लोगों की इस वायरस से चपेट में आने के कारण मौत हुई है।
वाशिंगटन,11 अपै्रल । अमेरिका में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने विकराल रूप ले लिया है और इसके कारण अब तक 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच लाख से अधिक संक्रमित हुए हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से पहली बार दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 18 हजार को पार कर 18693 पहुंच गयी है जबकि 500399 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।
अमेरिका में कोरोना से शुक्रवार को 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार को सर्वाधिक 1936 लोगों की मौत हुई थी। कोरोना के कारण इटली के बाद अमेरिका में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। इटली में इस महामारी के कारण अब तक 18849 लोगों की मौत हो चुकी है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 60 प्रतिशत से अधिक मौतें न्यूयॉर्क (777), न्यूजर्सी (232) और मिशीगन (205) प्रांत में हुई हैं।
वहीं, विश्व में कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत मौत यूरोप में हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, विश्व में कोरोना वायरस 1,00,661 लोगों की जान ले चुका है जिनमें से 70,245 लोगों की मौत यूरोप में हुई है। इटली में 18,849 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक मौत हुई हैं, जबकि उसके बाद अमेरिका में 17,925 लोगों की मौत हुई है। वहीं, स्पेन में 15,843 लोगों की मौत हुई है।
नई दिल्ली,11 अपै्रल । कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार 31.77 करोड़ लोगों के खाते में कैश भेजकर मदद कर चुकी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए जनधन खाता धारक महिलाओं, विधवा, दिव्यांग, बुजुर्ग, मजदूर और किसानों के खातों में कुल 28,256 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
सरकार की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि 19.86 करोड़ प्रधानमंत्री जन-धन खाता धारक महिलाओं को 9930 करोड़ रुपए की मदद भेजी जा चुकी है। 2.82 करोड़ विधवा महिलाओं, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के खातों में कुल 14.5 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत 8 करोड़ किसानों में से 6.93 करोड़ किसानों के खातों में अग्रिम किस्त के रूप में 13,855 करोड़ रुपए दिए गए हैं। निर्माण कार्य और दूसरे पंजीकृत 2.16 करोड़ मजदूरों को 3066 करोड़ रुपए की मदद दी गई है।
कोरोना लॉकडाउन में गरीबों की मदद के लिए 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत जरूरतमंद लोगों को अनाज और कैश ट्रांसफर की घोषणा की गई थी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि था कि योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी। किसानों को 2 हजार रुपये की पहली किस्त देने का वादा किया गया था। मनरेगा मजदूरों के लिए दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब बुजुर्गों, गरीब विधवा और गरीब दिव्यांगों को दो किस्तों में अतिरिक्त एक हजार रुपये देने का ऐलान किया। 20 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं को 500 रुपये प्रति महीने अगले तीन महीनों तक मिलेंगे।
0-देश में 313 स्थानों पर गरीबों व जरुरतमंदों की मिटाई जा रही है भूख
नई दिल्ली,11 अपै्रल । भारतीय रेलवे के कर्मचारियों, आईआरसीटीसी, आरपीएफ, जोनल रेलवे जैसे कई रेलवे संगठनों के साथ अन्य लोगों ने देशभर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद गरीबों और जरूरतमंद लोगों को निस्वार्थ और स्वैच्छिक रूप से गर्म पका भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। अब तक 10.2 लाख से ज्यादा भोजन वितरित किया गया है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार भारतीय रेलवे के विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों जैसे आईआरसीटीसी, आरपीएफ, जोनल रेलवे और अन्य संगठनों द्वारा कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंद लोगों को निस्वार्थ और स्वैच्छिक रुप से गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के रेलवे की समाज सेवा वाली प्रतिबद्धता को जीवित रखने का अथक प्रयास किया जा रहा है। रेलवे द्वारा 28 मार्च 2020 से आईआरसीटीसी बेस किचनों, आरपीएफ संसाधनों और एनजीओ के योगदान से बड़ी मात्रा में पका हुआ भोजन, पेपर प्लेट के साथ लंच के लिए और खाद्य पैकेट डिनर के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। अब तक लगभग 10.2 लाख भोजन वितरण के साथ यह आंकड़ा एक मिलियन पार कर गया। गरीबों, बच्चों, कुलियों, प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व्यक्तियों और जो लोग रेलवे स्टेशनों या उसके आसपास भोजन की तलाश में आते हैं उन्हें भोजन वितरित किया जा रहा है, और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों से कुछ दूरी पर रहने वाले लोगों के लिए भी। जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरित करते समय, सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार इस प्रकार मिल रहे सहयोग से अब तक लगभग 10.2 लाख पका हुआ भोजन वितरित किया जा चुका है। इनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा पका हुआ भोजन आईआरसीटीसी द्वारा उपलब्ध कराया गया है, आरपीएफ द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से लगभग 2.3 लाख भोजन उपलब्ध कराया गया है जबकि रेलवे संगठनों के साथ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगभग 2 लाख भोजन प्रदान किया गया है। भोजन का वितरण आरपीएफ, जीआरपी, ज़ोन के वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। आईआरसीटीसी के इन प्रयासों का विस्तार करने के लिए, संबंधित ज़ोन और डिवीजन के जीएम/ डीआरएम आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, यहां तक कि जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों की मदद से स्टेशन के क्षेत्रों से आगे बढक़र रेलवे स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।
नई दिल्ली,11 अपै्रल । देश में लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबिक 24 घंटे में कोरना पॉजिटिव के 1035 नए मामले सामने आए और 40 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 7447 हो गई है। जिसमें 6565 सक्रिय हैं, 642 स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 239 लोगों की मौत हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अगर लॉकडाउन नहीं किया गया होता तो कोविड-19 के मामलों में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई होती और 15 अप्रैल तक देश में 8.2 लाख मामले सामने आए होते। संयुक्त सचिव ने बताया कि कोविड-19 के लिए भारत की प्रतिक्रिया सक्रिय रही है। हमने एक वर्गीकृत दृष्टिकोण का पालन किया है। उन्होंने बताया कि देश में कोविड-19 से निपटने के लिए 586 अस्पताल और एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड हैं। अग्रवाल ने कहा कि कोरोना से लडऩे के लिए लॉकडाउन और रोकथाम के उपाय महत्वपूर्ण हैं। अगर हमने कोई उपाय नहीं किया होता तो इस समय हमारे सामने दो लाख मामले आ गए होते।
सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू खाने, थूकने पर रोक लगाएं
कोरोना वायरस की चपेट में इस समय पूरा देश आ गया है। इसके प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार अपने स्तर पर हर तरह के जरूरी उपाय कर रही है। इसी बीच कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से सार्वजनिक स्थानों पर चबाने वाले तंबाकू के इस्तेमाल और थूकने पर रोक लगाने को कहा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गैर धूम्र रहित चबाने वाले तंबाकू, पान मसाला और सुपारी से शरीर में लार अधिक बनने लगती है और इससे थूकने की अत्याधिक इच्छा होती है। सार्वजिनक स्थानों पर थूकने से कोविड-19 के प्रसार में तेजी आ सकती है। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा परिषद (आईसीएमआर) ने जनता से चबाने वाले तंबाकू के उत्पादों के सेवन से दूर रहने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने की अपील की है।
पत्र के मुताबिक, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के पास विभिन्न कानूनों के तहत कोविड-19 से निपटने के जरूरी अधिकार हैं। इसमें कहा गया है कि इसी के तहत, यह अपील की जाती है कि सार्वजनिक रूप से चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग और थूकना प्रतिबंधित करने के लिए उचित कानून के तहत आवश्यक उपाय किए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आज सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चि_ी लिखकर अस्पतालों और पृथक केंद्रों में कार्य कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है।
0-प्रधानमंत्री की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक
नई दिल्ली,11 अपै्रल । भारत में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की। प्रधानमंत्री इस दौरान मुख्य रूप से मुख्यमंत्रियों से उनकी राय ले रहें कि संक्रमण लीड संक्रमण को रोकने के लिये 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं।
प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक शनिवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है। पंजाब और ओडिशा ने पहले ही 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न आयामों को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है। वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। लॉकडाउन लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री इस विषय पर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर रहे हैं। इससे पहले 2 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान मोदी ने उनसे लॉकडाउन से ‘क्रमवार’ तरीके से बाहर आने बारे में सुझाव मांगा था। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के असर को देखते हुए देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 30 अप्रैल तक किया जा सकता है। भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार देशव्यापी बंद को बढ़ाने के लिए आज हुई अहम बैठक में अधिकांश राज्यों ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया जाए, जिसके बाद केंद्र सरकार इस अनुरोध पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए जारी कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान मुख्य रूप से इस बात पर मुख्यमंत्रियों की राय ली कि संक्रमण रोकने के लिए 21 दिनों के देशव्यापी बंद को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं। समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों की भी राय ली है।
बैठक की प्रारंभिक तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी संवाद के दौरान उजला मास्क पहन कर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे थे। संवाद में शामिल मुख्यमंत्रियों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि हैं। समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों के विचार प्राप्त कर लिये हैं।
मोदी का लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला उचित: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कोरोना वायरस (कोविड 19) की वजह से देश भर में लगाए गए लॉकडाउन की अवधि को और आगे बढ़ाए जाने का संकेत दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज सभी मुख्यमंत्रियों की करीब चार घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, पीएम ने आज लॉकडाउन बढ़ाने का ठीक फैसला किया है। भारत की कई अन्य विकासशील देशों की तुलना में कोरोना को लेकर बेहतर स्थिति में है क्योंकि हमने लॉकडाउन पहले ही लगा दिया था। यदि इसे अभी हटा दिया गया तो इसके जो फायदे मिले हैं वो सब बेकार हो जाएंगे। लॉकडाउन के फायदों को और मजबूती मिले इसके लिए महत्वपूर्ण है कि इसे और आगे बढ़ाया जाय।
गृह मंत्रालय ने भी राज्यों से मांगी राय
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न आयामों को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है। वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। लॉकडाउन लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री इस विषय पर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर रहे हैं।