वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन पर तंज कसते हुए कहा कि वह महज एक कठपुतली हैं और उनके नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर अमेरिका में ‘क्रांति’ आ जाएगी।
उन्होंने कहा, बिडेन चीजों को दुरुस्त नहीं करेंगे बल्कि उन पर अपना कब्जा जमा लेंगे। वह एक कमजोर इंसान के साथ ही महज एक कठपुतली हैं। इसलिए चीजें सहीं नहीं होने वाली हैं। वह आपके शहरों पर कब्जा कर लेंगे। यह एक क्रांति है जिसे आप समझते हैं। यह एक क्रांति है और देशवासी इसके साथ खड़े नहीं होंगे।
ट्रम्प के मुताबिक इस ‘क्रांति’ के लिए वित्तीय सहायता ऐसे मूर्ख लोगों से प्राप्त हो रही है जो बहुत अमीर हैं लेकिन उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं कि अगर कभी वास्तव में श्री बिडेन विजयी हुए तो उन्हें सबसे पहले दरकिनार किया जायेगा।
बिडेन ने सोमवार को आरोप लगाया कि ट्रम्प विरोध-प्रदर्शनों से त्रस्त राष्ट्र को एकजुट करने के बजाय इसे और विभाजित कर रहे हैं तथा उनके शब्द और संदेश कानून-व्यवस्था कायम करने की बजाय अराजकता का बीज बो रहे हैं।
बिडेन की यह टिप्पणी श्री ट्रम्प समेत कई रिपब्लिकन नेताओं द्वारा बार-बार उनकी और डेमोक्रेटिक की आलोचना के बाद आई है। श्री ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्यों और शहरों में तीन महीने से ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मुद्दे पर हो रही हिंसा आधारित आंदोलन की निंदा नहीं की।
अयोध्या (आरएनएस)। अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे। जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशाी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है, जो कभी राममंदिर के पक्ष में दबे स्वर में ही बोलते रहे हों।
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया है। मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।
नईदिल्ली। भारतीय डाक ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में कैंसर से पीडि़त एक 8 साल की बच्ची के लिए दवाएं पहुंचाईं। ऊना में उसकी कई नियमित दवाओं को खरीदने में कठिनाई होती है और वह दिल्ली से कूरियर की सहायता से अपनी दवाएं मंगवाती है। शालिनी के परिवार ने दिल्ली में अपने एक मित्र से संपर्क किया और उनसे दिल्ली से ऊना दवाओं को भेजने में सहायता करने का आग्रह किया। लॉकडाउन के कारण संभार तंत्र की बाधाओं को देखते हुए उनके परिवार के मित्र ने केंद्रीय संचार,विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद से सहायता का अनुरोध किया।
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हाल में अचानक किए गए लॉकडाउन के कारण शालिनी के दवाओं का स्टॉक खत्म हो रहा था और उसके पास केवल 19 अप्रैल तक की ही दवाएं बची थीं।
मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऊना में शालिनी को 19 अप्रैल से पहले दवाएं मिल जाएं, त्वरित रूप से भारतीय डाक को सभी आवश्यक संभार तंत्र सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
भारतीय डाक के दिल्ली,हरियाणा,पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश सर्कलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि दवाएं समय पर पहुंच जाएं एक बहुत सुनियोजित प्रयास किया। लॉकडाउन की बाधाओं के कारण, भारतीय डाक के पंजाब सर्किल ने पोस्टल मोटर वाहन के लिए विशेष प्रबंध किया जो ऊना को छोड़ते हुए 19 अप्रैल की सुबह सीधे शालिनी के घर पहंच गया।
भारतीय डाक का एक डाकिया दवाओं को देने के लिए 19 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से पहले शालिनी के घर पहुंच गया। शालिनी की मां ने अपने घर पर इन दवाओं को प्राप्त किया और अपनी बेटी को बचाने के लिए भारतीय डाक के आने पर उसे बहुत धन्यवाद दिया।
यह जानने के बाद कि दवाएं समय पर नियत स्थान पर पहुंच गईं हैं,संचार मंत्री ने अपनी प्रसन्नता जताते हुए ट्वीट किया कि जिस वक्त इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है,भारतीय डाक लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। उन्होंने नन्हीं बच्ची शालिनी के स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता की भी शुभकामनाएं प्रकट कीं।
उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने भारतीय डाक को दवाओं, कोविड-19 संबंधित वस्तुओं और अनिवार्य सेवाओं की समय पर प्रदायगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। कोरोना के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी केलिए सरकार बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है। सरकार दूतावासों और उच्चायोगों के जरिए दूसरे देशों में फंसे छात्रों, रोजगार गंवाने वालों और पर्यटन वीजा पर दूसरे देशों में जा कर फंस गए लोगों की सूची तैयार करा रही है। इनके स्वदेश वापसी के लिए सरकार में शीर्ष स्तर पर लगातार माथापच्ची हो रही है। इस क्रम में सेना के डाक्टरों की भी मदद लेने पर मंथन हुआ है। इसके अलावा एयर इंडिया को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
दरअसल कोरोना के संक्रमण का दौर शुरू होने के बाद आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, रूस, जर्मनी, अमेरिका, मलेशिया, फीलीपिंस में जैसे कई देशों में हजारों छात्र फंसे हुए हैं। कोरोना के कारण इन देशों में लॉकडाउन है और शिक्षण संस्थाओं के साथ साथ हॉस्टल भी बंद हैं। इसके अलावा करीब 5000 ऐसे लोग हैं जो घूमने या अपने परिजनों से मिलने विदेश गए थे, मगर इसी बीच हवाई सेवा बंद होने के कारण फंस गए। जबकि खाड़ी सहित कई देशोंं में हजारों की संख्या में लोग रोजगार गंवाने के कारण संकट में हैं।
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल विभिन्न देशों में कार्यरत दूतावास और उच्चायोग ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रहा है। अब तक की सूचना के मुताबिक करीब 35 हजार ऐसे लोग हैं जिन्हें तत्काल मदद की जरूरत है। यही कारण है कि सरकार में उच्च स्तर पर इनकी स्वदेश वापसी का रोडमैप तैयार करने पर लगातार मंथन चल रहा है। इसी क्रम में दो दिन पूर्व देश के डाक्टरों के कोरोना के मोर्चे पर व्यस्त होने के कारण ऐसे लोगों की स्वदेश वापसी के लिए सेना के डाक्टरों की मदद लेने पर भी चर्चा हुई।
कोरोना संक्रमितों के लिए लंबा होगा इंतजार
फिलहाल 55 देशों में 3336 भारतीय कोरोना पॉजिटिव हैं। अकेले खाड़ी देशों में यह संख्या 2000 है। कोरोना पॉजिटिव लोगों को स्वदेश लाने की फिलहाल संभावना नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य मुश्किल खाड़ी सहित कई देशों में कोरोना के कारण हजारों की संख्या में लोगों के बेरोजगार होने का है। बेरोजगार हुए लोग भी स्वदेश वापसी के लिए दूतावासों-उच्चायोगों से लगातार मदद मांग रहे हैं।
छात्रों को मिल सकती है वरीयता
फिलहाल सरकार स्वदेश वापसी के लिए विदेशों में अध्ययनरत छात्रों को वरीयता देने का मन बना रही है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए विदेशों में फंसे छात्रों की सूची करीब करीब तैयार है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी लगातार एयर इंडिया के संपर्क में हैं।
नई दिल्ली। तीन मई को खत्म हो रहे राष्ट्रीय लॉकडाउन के बाद भी देश में रेल और हवाई यातायात सेवा बहाल होने की उम्मीद कम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने लॉकडाउन खत्म होते ही किसी भी प्रकार की यातायात सेवा शुरू नहीं करने की सलाह दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस आशय का फैसला लेने से पूर्व सरकार को स्वास्थ्य मंत्रालय से सलाह लेनी चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही रेलवे और विमानन कंपनियोंं को तीन मई के बाद टिकटों की बुकिंग नहीं करने का निर्देश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि महानगरों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के फंसे होने और दूसरे राज्यों के लोगों के अपने अपने राज्य पहुंचने की इच्छा है। ऐसे में यातायात सेवा बहाल किए जाने की स्थिति में सोशल डिस्टेंडिंग का पालन संभव नहीं होगा। इसके अलावा सेवा बहाल होने की स्थिति में रेलवे स्टेशनों-बस अड्डïों पर भारी भीड़ इक_ïा होने का खतरा है।
जीओएम ने यातायात सेवा बहाल करने के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय से विस्तृत अध्ययन कराने और मंत्रालय की राय लेने का भी सुझाव दिया है। दरअसल सरकार की योजना जनजीवन को धीरे धीरे पटरी पर लाने की है। इसी क्रम में सोमवार से सरकार ने कई मोर्चे पर लोगों को राहत दी है। कई दफ्तरों को खोलने, ऑनलाइन जरूरी सामान मंगाने, कृषि-बागवानी गतिविधियोंं को शुरू करने, मछली पकडऩे, निर्माण कार्य शुरू करने की कुछ शर्तों के साथ छूट देने की घोषणा की है।
0-दहशत में इलाका, 2000 लोग चरंटीन
आगरा। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देखभर में सख्ती बरती जा रही है। यहां तक कि देशभर में लॉकडाउन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के आगरा जिले एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक सब्जी बेचने वाला कोरोना पाजि़टिव निकला, जिसके बाद पूरे इलाके में हडक़ंप मच गया। आसपास की बस्ती में इसे लेकर दहशत फैल गई है। यह खबर मिलने के बाद तकरीबन दो हजार लोगों ने खुद को चरंटीन कर लिया है। यह मामला आगरा के थाना हरीपर्वत के फ्रीगंज क्षेत्र के चिम्मन लाल बाड़ा का है।
शुक्रवार रात केजीएमयू से आई 24 संक्रमितों की रिपोर्ट में यह सब्जी वाला भी शामिल है। इसके बाद यह क्षेत्र हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है। स्वास्थ विभाग की टीम सब्जी विक्रेता के संपर्क में आए लोगों का पता लगा रही है। हरीपर्वत थाना के प्रभारी निरीक्षक अजय कौशल ने बताया कि फ्रीगंज रोड एरिया में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है।
बता दें कि संक्रमित के परिजन ने बताया कि उसने लॉकडाउन में ही सब्जी बेचना शुरू किया था। इससे पहले वह ऑटो चलाता था। आमदनी बंद होने पर सब्जी और फल बेचने लगा। सब्जियां सिकंदरा मंडी से लाता था। पांच दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद टेस्ट कराने के लिए वह खुद ही जिला अस्पताल गया था। वहां उसे भर्ती कर लिया गया।
बताते चलें कि शनिवार को आगरा में कोरोना वायरस से संक्रमण के 24 नये मामले आने के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 196 हो गई है। आगरा में कुल पांच लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है जबकि 13 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी है। जिले में संक्रमित लोगों में 73 का संबंध दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से है।