नईदिल्ली। फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन से मिले चार और फाइटर जेट राफेल को भारत लाने के लिए वायुसेना की एक टीम फ्रांस पहुंच गई है। विशेषज्ञों की इस टीम में पायलटों और तकनीशियनों के अलावा सहायक कर्मचारी भी हैं। चार राफेल जेट का दूसरा बैच इस माह के अंत तक भारत आने की उम्मीद है। फ्रांस ने भारत के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्धता जताई है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि लॉजिस्टिक मुद्दों की देखरेख के लिए एक टीम फ्रांस भेजी गई है। इस टीम ने फ्रांस के अधिकारियों के साथ वहां के सेंट-डिजायर एयरबेस में चल रहे भारतीय पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा की है। यही टीम राफेल जेट विमानों के दूसरे बैच को भारत लाने की तैयारी करेगी। वायुसेना की राफेल परियोजना प्रबंधन टीम का पेरिस में एक कार्यालय है, जिसका नेतृत्व ग्रुप कैप्टन रैंक का अधिकारी करता है। इस टीम को विमानों के उत्पादन की समय अवधि के साथ-साथ चालक दल के प्रशिक्षण के समन्वय का भी काम सौंपा गया है। भारत को मिले पहले जत्थे में पांच विमान 29 जुलाई को भारत आ चुके हैं। इन्हें ऑपरेशनल करके पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तैनात किया गया है जो इन दिनों उड़ान भरकर एलएसी की निगरानी कर रहे हैं। वायुसेना के 12 पायलटों का एक समूह वर्तमान में पूर्वी फ्रांस के सेंट-डिजायर एयरबेस में राफेल जेट का प्रशिक्षण ले रहा है। भारतीय वायुसेना की कई टीमों ने जनवरी से अब तक भारतीय विशिष्ट संवर्द्धन और हथियार प्रणालियों के एकीकरण सहित राफेल परियोजना की प्रगति की देखरेख के लिए फ्रांस के कई दौरे किये हैं। भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन ने पिछले माह जानकारी दी थी कि फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने चार फाइटर जेट राफेल का दूसरा जत्था भारत को सौंप दिया है।
अभी वे फ्रांस में हैं और यह भारतीय वायुसेना पर निर्भर है कि उन्हें भारत कब लाना है। भारतीय वायुसेना के पास राफेल के प्रशिक्षित पायलट हैं, इसलिए वे कभी भी अपनी सुविधानुसार ला सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत फ्रांस रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्ध है।
बॉलीवुड कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
मुंबई। भारत की पहली ऑस्कर पुरस्कार विजेता कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानू अथैया के निधन पर बॉलीवुड के कई कलाकारों ने शोक जताया। लंबे समय से बीमार चल रहीं अथैया का 91 वर्ष की आयु में बृहस्पतिवार को मुंबई स्थित आवास पर निधन हो गया था।
आमिर खान, रेणुका शहाणे और सिमी ग्रेवाल समेत कई कलाकारों ने उनके निधन पर दुख जताया। रिचर्ड एटनबरो की 1983 में आई फिल्म 'गांधी में अपने काम के लिए अथैया को ऑस्कर पुरस्कार मिला था। अथैया की बेटी राधिका गुप्ता ने बताया कि आठ वर्ष पहले उनकी मां को ब्रेन ट्यूमर हुआ था तथा तीन वर्ष पहले पक्षाघात हुआ था। उनके खास मित्रों में से एक सिमी ग्रेवाल ने बताया कि अथैया डिमेंशिया से पीडि़त थीं और उन्हें फिल्म 'गांधी के अलावा और कोई फिल्म याद नहीं थी।
उन्होंने कहा कि अथैया अपने पीछे एक विरासत छोड़कर गई हैं। आमिर खान ने अथैया के साथ 2001 में आई फिल्म 'लगान में काम किया था। उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, 'भानुजी फिल्मी जगत के ऐसे कुछ लोगों में से थीं जो सटीक शोध और सिनेमाई रूझान का बहुत खूबसूरत मेल करके निर्देशक की कल्पना को साकार कर देती थी। भानुजी आपकी कमी खलेगी। रेणुका शहाणे ने अथैया को एक 'शानदार तथा समर्पित कास्ट्यूम डिजाइनर बताया। निर्माता बोनी कपूर ने कहा कि अथैया की उपलब्धि से देश गौरवान्वित हुआ है। ऑस्कर पुरस्कार विजेता साउंड डिजाइनर रसेल पोकुट्टी ने अथैया को ''मार्गदर्शक बताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'जब किसी ने ऑस्कर का नाम भी नहीं सुना था, तब आपने उसे हमारे लिए जीता। आप प्रेरणा हैं। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। अथैया का जन्म कोल्हापुर में हुआ था।
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जो लोग चेहरे पर मास्क पहनते हैं वे ''हर समय ÓÓ कोरोना वायरस से संक्रमित रहते हैं। हालांकि उनके इस दावे के पीछे कोई साक्ष्य नहीं है। मियामी में बृहस्पतिवार को एनबीसी न्यूज के टाउन हॉल कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने यह दावा किया। राष्ट्रपति से 26 सितंबर को व्हाइट हाउस में बड़े पैमाने पर हुए एक कार्यक्रम के बारे में सवाल पूछा गया था जिसके बारे में माना जाता है कि वह संक्रमण का स्रोत रहा और उसमें शामिल होने वाले कई मेहमान कोविड-19 से पीडि़त हुए। कार्यक्रम में शामिल होने वाले ज्यादातर लोगों ने मास्क नहीं पहने थे। संक्रमित होने वाले लोगों में खुद राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया शामिल हैं। राष्ट्रपति स्वयं कभी-कभार ही मास्क पहनते हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्हें मास्क से कोई दिक्कत नहीं हालांकि इसके बाद दावा किया कि ''मास्क पहनने वाले लोग इससे (संक्रमण) हर वक्त पीडि़त रहते हैं।ÓÓ
पीएम ने एफएओ की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये का स्मारक सिक्का किया जारी
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किए गए कृषि सुधारों को देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में 'महत्वपूर्ण करार दिया और स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वाभाविक है।
प्रधानमंत्री ने ये बातें शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस मौके पर उन्होंने 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। साथ ही हाल ही में विकसित की गई आठ फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाला 'वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम लागू हो चुका है। हाल में तीन बड़े कृषि सुधार हुए हैं। देश के कृषि क्षेत्र के सुधार और किसानों की आय बढ़ाने में ये बहुत ही महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों के जरिए किसान को ज्यादा विकल्प देने के साथ ही उन्हें कानूनी रूप से संरक्षण देने का भी काम किया गया है। उन्होंने कहा, 'न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है। कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था सालों से देश में चली आ रही है, जिसकी अपनी एक पहचान है और अपनी ताकत भी है। बीते छह सालों में कृषि मंडियों के आधारभूत संरचना विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अब ढाई हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, 'यह मंडिया आगे भी जारी रहे, इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। नए विकल्पों से छोटे किसान, मंडियों तक पहुंच ना होने के कारण पहले मजबूरी में बिचौलियों को अपनी उपज बेच देते थे। अब बाजार स्वयं छोटे-छोटे किसानों के दरवाजे तक पहुंचेगा। इससे किसान को ज्यादा दाम तो मिलेंगे ही, बिचौलियों से मुक्ति भी मिलेगी। युवाओं के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को ताकत देने के लिए एफपीओ का एक बड़ा नेटवर्क देश भर में तैयार किया जा रहा है। कृषि उत्पादक संघ बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
भारत में अनाज की बर्बादी को बहुत बड़ी समस्या बताते हुए मोदी ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से अब स्थितियां बदलेंगी। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम चिंताओं के बीच भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा, ''इस दौरान भारत ने करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न गरीबों को मुफ्त बांटा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में जहां पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है, वहीं भारत के किसानों ने इस बार पिछले साल के उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
नईदिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के मौसम में सर्वाधिक प्रदूषित स्थलों पर नजर रखने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमों को गुरुवार को तैनाती की और पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने की अपील की। हालांकि उन्होंने कहा कि पराली जलाना दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं है। उन्होंने यहां अपने आवास में संवाददाताओं से कहा, ''केवल चार प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण है। इसके अलावा, 96 प्रतिशत प्रदूषण बायोमास जलाने, कचरा फेंकने, कच्ची सड़कों, धूल, निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधियों गतिविधियों इत्यादि के कारण है।ÓÓ जावड़ेकर ने कहा कि हाल में जब वह लुधियाना के दौरे पर गए थे, तो पराली जलाने के कारण उठ रहे धुंए से उनका दम घुटने लगा था। उन्होंने कहा, ''मैं पंजाब सरकार से अपील करता हूं कि वह कार्रवाई करे और पराली जलाए जाने पर रोक लगाए। मैं पिछले साल लुधियाना में एक कार्यक्रम में गया था। वहां से लौटते समय पराली जलाए जाने के कारण मेरा दम घुटने लगा था, जबकि मैं वातानुकूलित कार में था। यह वहां रह रहे लोगों समेत हरेक के लिए हानिकारक है। पंजाब सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस बार पराली जलाने के मामले कम हों।ÓÓ उन्होंने सीपीसीबी दलों के नोडल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ''आप आगामी दो महीने के लिए काम करेंगे और सभी गतिविधियों एवं शिकायतों का संज्ञान लेंगे। आप निरीक्षण करेंगे। आपके पास रिपोर्ट दायर करने का अधिकार होगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।ÓÓ जावड़ेकर ने कहा, ''जिस प्रकार कोरोना वायरस योद्धाओं की प्रशंसा की जाती है, आप (सीपीसीबी अधिकारी) सभी योद्धा भी प्रदूषण से लड़ रहे हैं और हम आपकी बहुत सराहना करते हैं। हम दो महीने बाद मिलेंगे।ÓÓमंत्री ने कहा कि एक ओर जहां पराली जलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर आम लोग, ''यहां तक कि कर्मचारीÓÓ भी कचरा जला रहे हैं। उन्होंने कहा, ''हमें उन पर भी नजर रखनी होगी।ÓÓजावड़ेकर ने लोगों से निकट स्थानों पर जाने के लिए साइकिलों का इस्तेमाल करने की अपील की।
तेल अवीव । देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम निधन हो गया। वह 84 साल के थे। उनकी ब्रेन सर्जरी के बाद हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। उनके निधन पर इजरायली राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन, नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिहसमेत कई कई देशों ने शोक जताया है।
इजरायल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन ने सोमवार को भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर संवेदना जताते हुए उन्हें इजरायल का सच्चा मित्र बताया। रिवलिन ने कहा कि मुखर्जी ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद की। रिवलिन ने ट्वीट किया कि इजरायल पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन से दुखी भारत के लोगों और मुखर्जी के परिवार के साथ खड़ा है। मुखर्जी देश और विदेश में एक बहुत सम्मानित राजनेता थे और इजरायल के एक सच्चे दोस्त थे जिन्होंने हमारे देशों और लोगों के बीच गहरे संबंधों को और मजबूत किया।
मुखर्जी अक्टूबर 2015 में इजरायल की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति बने थे। मुखर्जी की इस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इजरायल की यात्रा की थी। रिवलिन ने 2016 में मुखर्जी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा की थी। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने 2018 में भारत की यात्रा की थी जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध रणनीतिक साझेदारी वाले बने थे।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी ट्वीट कर प्रणव मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति संवेदनाएं। प्रणब मुखर्जी एक जनसेवक थे, जिन्होंने हर तरह से लोगों की सेवा की। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र की बड़ी क्षति है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी प्रणव मुखर्जी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से दुख पहुंचा। भारत की सरकार, उनके परिवारीजनों और भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं।
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