मैसुरु। मैसुरु का विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व कोरोना वायरस संक्रमण के बीच शनिवार से शुरु हो गया।
मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा और बेंगलुरु के श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ सी एन मंजूनाथ ने चामुंडी पर्वत पर बनी देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प चढ़ाए और इसी के साथ 'नाडा हब्बाÓ (राजकीय त्योहार) की शुरुआत हुई।
डॉ मंजूनाथ संक्रमण की जांच के लिए नोडल अधिकारी भी हैं और चिकित्सकों तथा कोरोना योद्धाओं को सम्मान देते हुए उन्हें इस वर्ष पूजा का शुभारंभ करने के लिए चुना गया था।
प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम10 दिन चलता है जिसमें कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत को लोक कला के जरिए शानदार तरीके से पेश किया जाता है लेकिन इस बार संक्रमण को देखते हुए कार्यक्रम को सीमित किया गया है। मैसुरु प्रशासन ने लोगों से घरों पर रहने की अपील की है और पर्व का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है।
पराली जलाने से बढ़ सकता है प्रदूषण
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता शनिवार को 'खराब श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन हवा की गति ठीक होने से इसमें आंशिक सुधार होने की संभावना है। सरकारी एजेंसियों ने यह जानकारी दी।
बृहस्पतिवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले आठ महीने में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया, लेकिन शुक्रवार को हवा की गति ठीक होने से प्रदूषक कण में बिखराव हुआ और वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज की गई। वहीं पराली जलाए जाने ने दिल्ली में पीएम 2.5 कण के जमा होने में 18 फीसदी का योगदान दिया है। शहर में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 263 दर्ज किया गया। शुक्रवार को यह 239 दर्ज किया गया और बृहस्पतिवार को यह 315 दर्ज किया गया, जो कि इस साल 12 फरवरी को दर्ज किए गए आंकड़े 320 से खराब है। वायु गुणवत्ता 0 से 50 के बीच 'अच्छा, 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक और 101 से 200 के बीच 'मध्यम और 201 से 300 के बीच 'खराब और 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब और 401 से 500 के बीच 'गंभीर श्रेणी में मानी जाती है। भारत मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि शुक्रवार को हवा की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी। शनिवार को इसके 12 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है। हवा की गति शांत रहने और ठंडे मौसम की वजह से प्रदूषक कणो का बिखराव नहीं हो पाता है। शनिवार को हवा की गति उत्तर से उत्तर पश्चिम की ओर रहने की संभावना है, जिससे दिल्ली में वायु गुणवत्ता पर पराली जलाने का असर बढ़ सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया है कि शनिवार को प्रदूषक कणों के बिखराव के लिए हवा की गति अनुकूल है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) के अनुसार दिल्ली के पीएम 2.5 कणों के जमाव में पराली जलाए जाने का योगदान बृहस्पतिवार को छह फीसदी रहा और शुक्रवार को यह 18 फीसदी तक पहुंच गया। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का गंभीर श्रेणी में पहुंच जाना एक सालाना परेशानी है और इसके लिए हवा की गति, पड़ोसी राज्यों में खेतों में आग लगाया जाना और स्थानीय प्रदूषण स्रोत जिम्मेदार हैं। दिल्ली के एक थिंक टैंक 'काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वारनमेंट एंड वाटर के विश्लेषण के अनुसार दिल्ली में 18 से 39 फीसदी वायु प्रदूषण परिवहन की वजह से है। इसके बाद शहर में सड़कों की धूल 18 से 38 फीसदी तक वायु प्रदूषण में योगदान देते हैं। वहीं उद्योग भी 2 से 29 प्रतिशत और थर्मल पॉवर प्लांट (तीन से 11 फीसदी) और निर्माण से आठ फीसदी तक योगदान देता है।
इस साल अब तक 200 का किया सफाया
जम्मू। सुरक्षाबलों ने कश्मीर में शनिवार को मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर कर दिया। शुक्रवार को भी एक आतंकी मारा गया था तथा एक को जीवित पकड़ लिया था। इसके साथ ही इस साल अब तक 200 आतंकी मारे गए हैं। पिछले साल 163 आतंकी 12 महीनों में मारे गए थे। इस साल 48 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं तथा आतंकियों ने 26 नागरिकों की जान ली है।
अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को मार गिराया है। सुरक्षाबलों का इलाके में तलाशी अभियान जारी है। खुफिया एजेंसी से सूचना मिली थी कि अनंतनाग के लारनु इलाके में आतंकी छिपे हैं, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया। घेरा सख्त होने पर आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक आतंकी ढेर हो गया। सुरक्षाबलों ने एक एके-47 राइफल भी बरामद की है।
इससे पहले शुक्रवार को बडगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एसपीओ मौके से फरार हो गया। पकड़ा गया आतंकी कुछ दिन पहले ही लश्कर में शामिल हुआ था।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2010 के बाद सबसे अधिक आतंकी 2018 में मारे गए थे, जब इनकी संख्या 271 थी और वर्ष 2010 के बाद सबसे कम आतंकी 2012 में मरे थे। तब 84 आतंकियों को मार गिराने के लिए 18 सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान देनी पड़ी थी।
बिहार चुनाव के लिए संकल्पपत्र जारी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी महागठबंधन ने शनिवार को अपना संकल्पपत्र जारी कर दिया। इसमें युवाओं को रोजगार देने, पलायन रोकने, शिक्षकों को समान कार्य के लिये समान वेतन देने, उद्योगों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न वादे किये गए हैं। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, शक्ति सिंह गोहिल व वाम दलों के प्रमुख नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन का संकल्प पत्र 'बदलाव के संकल्प को जारी किया। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण विषय बेरोजगारी है। हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है, ऐसे में हमने यह संकल्प किया है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से राज्य में शासन कर रहे हैं, लेकिन इसे विशेष दर्जा नहीं दिया गया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि यह चुनाव 'नयी दिशा बनाम दुर्दशा, नया रास्ता बनाम हिन्दू-मुसलमान, नयी तरूणाई बनाम फेल तजुर्बे तथा खुद्दारी बनाम नफरत के बीच का है। उन्होंने नीतीश कुमार पर बिहार की जनता को 'धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस चुनाव में भाजपा के तीन गठबंधन हैं, जिनमें से एक जदयू के साथ, दूसरा लोजपा के साथ और तीसरा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ है। सुरजेवाला ने हाल में बने तीन कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए आरोप लगााया कि भाजपा हरित क्रांति को विफल बनाना चाहती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तब पहले विधानसभा सत्र में तीनों कानून को खत्म करने के लिए कदम उठाया जायेगा। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी चीनी मिल को लेकर कुछ वादे किये थे लेकिन वे पूरे नहीं हुए।
नईदिल्ली। भारत ने चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच चरम सर्दियों में लद्दाख की 15 हजार फीट ऊंची बर्फीली पहाडिय़ों पर तैनात सैनिकों के लिए अमेरिका और यूरोप से सर्दियों के कपड़े और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों के लिए युद्धक किट खरीदी हैं। माइनस 50 डिग्री तक तापमान को झेलने वाले तंबू भी इन सैनिकों को उपलब्ध कराए गए हैं। पिछले चार दशकों में पड़ोसी चीन के साथ सबसे खराब गतिरोध ने भारत को सीमा पर हजारों सैनिकों, टैंकों और मिसाइलों को तैनात करने के लिए मजबूर किया है जबकि लड़ाकू जेट स्टैंड पर हैं। चीन से वार्ताओं के सात दौर बीतने के बाद भारत अब भी एलएसी पर लम्बी तैनाती नहीं चाहता लेकिन अगर ऐसी स्थिति बन रही है तो उसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली है।
भारत ने यह खरीददारी अमेरिका से 2016 में हुए लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम (लेमोआ) समझौते के तहत की है। इस समझौते से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच युद्धपोतों, विमानों के लिए ईंधन, स्पेयर पार्ट्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सप्लाई और अन्य सेवाओं की सुविधा मिलती है। इनमें कपड़े, भोजन, स्नेहक, स्पेयर पार्ट्स, अन्य आवश्यक वस्तुओं के बीच चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं। भारत अब तक मुख्य रूप से यूरोप या चीन से अपने रक्षा बलों के लिए उच्च-ऊंचाई वाली किट बनवाता था लेकिन इस बार चीन से ही टकराव के चलते युद्धक किट अमेरिका और यूरोप से खरीदी गई है। भारतीय सेना में दूसरी सबसे बड़ी रैंक के अधिकारी वाइस चीफ एसके सैनी अन्य आपातकालीन खरीद और निर्माण क्षमताओं पर चर्चा करने के लिए 17 अक्टूबर से तीन दिन की अमेरिकी यात्रा पर हैं। हालांकि भारतीय सेना और भारत में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सूत्रों ने बताया कि चीन सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूरोपीय देशों से भी आपातकालीन खरीद की गई है। भारत ने तत्काल आधार पर अमेरिका से सर्दियों के कपड़े और उच्च ऊंचाई वाले युद्धक किट खरीदे हैं। भारतीय सेना ने लद्दाख की सर्दियों में खुद को लंबी दौड़ के लिए तैयार रखने की यह तैयारियां तब की हैं जब पांच महीने पुराने गतिरोध का हल खोजने के लिए कोर कमांडर स्तर पर सैन्य वार्ता के सात दौर हो चुके हैं लेकिन गतिरोध जारी है। भोजन और अन्य आवश्यक चीजों का अच्छी तरह से स्टॉक करने के लिए लगभग हर दिन विशाल सैन्य काफिलों में सामग्री के ट्रक एयरबेस पर पहुंच रहे हैं। भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान सी-17 ग्लोब मास्टर से भी उक्त सामग्रियों को लेह एयरबेस पर लाकर अनलोड किया जा रहा है।
इस समय पूरे जोश में दिख रही भारतीय वायु सेना ने अमेरिकी चिनूक भारी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को अग्रिम चौकियों तक इन आवश्यक सामानों की आपूर्ति करने के लिए लगाया है। आने वाले दिनों में बर्फबारी और भीषण ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए सेना ने एक साल के लिए पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक कर लिया है। याद रहे कि चीन ने सन 1962 का युद्ध अक्टूबर के महीने में ही शुरू किया था, इसलिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के जरिये पांच माह का समय बिताकर इस बार फिर चीन की तरफ से सर्दियों में किसी भी तरह का दुस्साहस किये जाने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। सैनिकों के लिए सामानों का स्टॉक करने में लगे सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत एलएसी पर लम्बी तैनाती नहीं चाहता लेकिन अब ऐसी स्थिति बन रही है तो हम उसके लिए भी पूरी तरह तैयार हैं।
एयर कमाडोर डीपी हिरानी ने कहा कि फ्रंटलाइन पर तैनात जवानों को भेजे गए टेंट माइनस 50 डिग्री तक तापमान को झेलने की क्षमता रखते हैं। भारतीय सेना के राशन गोदाम एलएसी माउंट पर भरे हुए हैं। लेह में सेना का ईंधन डिपो तेल टैंकर लाइन से भरा हुआ है। सेना ने राशन, गरम कपड़े, उच्च ऊंचाई वाले टेंट और ईंधन का भी बड़े पैमाने पर स्टॉक कर लिया है। सेना के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत के पास ऐसे स्ट्रैटजिक एयरलिफ्ट प्लेटफॉर्म हैं, जिससे सड़क मार्ग कटने पर भी भारतीय सेना और एयरफोर्स मिलकर एक-डेढ़ घंटे के भीतर ही दिल्ली से लद्दाख और अग्रिम चौकियों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा सकता है। इसी महीने 3 अक्टूबर को रोहतांग टनल का उद्घाटन होने के बाद लद्दाख रीजन तक हर मौसम में पहुंच आसान हो गई है।
इससे पहले संसद में पेश एक रिपोर्ट में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए सर्दियों के कपड़े और उपकरणों की कमियों को इंगित करते हुए शीतकालीन गियर की कमी का मुद्दा उठाया था। कैग के निष्कर्षों का जवाब देते हुए सेना ने हाल ही में लोक लेखा समिति को जानकारी दी है कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और यूरोप से सभी आवश्यक वस्तुओं की अतिरिक्त खरीद के साथ भंडार में कमी अब पूरी हो गई है।
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर में शनिवार को बोलेरो जीप और रोडवेज बस के बीच टक्कर होने से 9 लोगों की मौत हो गई तथा करीब 30 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। घायलों को जिला अस्पताल एंबुलेंस से ले जाया जा रहा है। पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश यादव भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुये मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश यादव ने बताया कि शनिवार तडके पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में रोडवेज बस और बोलेरो जीप के बीच जोरदार टक्कर हो गई, जिसमें बस पलट गई और बोलेरो जीप के परखच्चे उड़ गए। इस भीषण हादसे में दोनों वाहनों में सवार नौ लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक यादव ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस बचावकार्य में जुटी है। घायल लोगों को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है। इस दुर्घटना में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह बस लखनऊ से पीलीभीत आ रही थी और ज्यादा यात्री पीलीभीत तथा आसपास के लोग थे।लखनऊ में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पीलीभीत की दुर्घटना पर गहरा शोक व्यवक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायल लोगों का समुचित उपचार कराने का भी निर्देश दिया है।