नईदिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस जांच का आंकड़ा 10 करोड़ को पार करने पर कहा कि जांच की रफ़्तार में आई अभूतपूर्व तेज़ी कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को और मजबूती दे रही है।
डा. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, देश ने पार किया 10 करोड़ कोरोना जांच का आंकड़ा! कोविड के संक्रमण को नियंत्रित करने में जांच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोरोना जांच की रफ़्तार में आई अभूतपूर्व तेज़ी कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को और मज़बूती दे रही है।
गौरतलब है कि विश्व में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर है और इसकी रोकथाम के लिये जांच पर जोर दिया जा रहा है। देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये अधिक से अधिक जांच कर संक्रमितों का पता लगाने की मुहिम में 22 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन 14 लाख से अधिक जांच की गई और कुल परीक्षण का आंकड़ा दस करोड़ को पार कर गया। अक्टूबर माह में एक दिन में तीसरी बार 14 लाख से अधिक जांच की गई।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से 23 अक्टूबर को जारी आंकड़ों में बताया गया कि देश में 22 अक्टूबर तक कोरोना वायरस नमूनों की कुल जांच का आंकड़ा 10 करोड़ एक लाख 13 हजार 85 पर पहुंच गया। इसमें से 14 लाख 42 हजार 722 जांच 22 अक्टूबर को की गईं।
देश में प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना जांच का औसत 72 हजार 441 पर पहुंच गया है। बाईस अक्टूबर के आंकड़ों में एक दिन में 14 लाख 69 हजार 984 जांच की गई थी। इससे पहले एक अक्टूबर के आंकड़े में 14 लाख 23 हजार 52 जांच की गई थी। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिये देश में दिन प्रतिदिन इसकी अधिक से अधिक जांच की मुहिम में 24 सिंतबर को एक रोज में 14 लाख 92 हजार 409 नमूनों की रिकॉर्ड जांच की गई थी।
नईदिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
नायडू ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि श्री शेखावत लोकप्रिय जननायक थे और उन्होंने समाज के दुर्बल तबके के उत्थान के लिए कई सार्थक प्रयास किए।
उपराष्ट्रपति ने कहा, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री भैरों सिंह शेखावत जी की जन्म जयंती पर उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन करता हूं। अपने लंबे यशस्वी सार्वजनिक जीवन में मुख्यमंत्री तथा लोकप्रिय जन नायक के रूप में समाज के दुर्बल वर्गों के कल्याण के लिए अनेक सार्थक प्रयास किए।
नईदिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिये अधिक से अधिक जांच कर संक्रमितों का पता लगाने की मुहिम में 22 अक्टूबर को लगातार दूसरे दिन 14 लाख से अधिक जांच की गई और कुल परीक्षण का आंकड़ा दस करोड़ को पार कर गया।
अक्टूबर माह में एक दिन में तीसरी बार 14 लाख से अधिक नमूनों की कोरोना जांच की गई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से 23 अक्टूबर को जारी आंकड़ों में बताया गया कि देश में 22 अक्टूबर तक कोरोना वायरस नमूनों की कुल जांच का आंकड़ा 10 करोड़ एक लाख 13 हजार 85 पर पहुंच गया। इसमें से 14 लाख 42 हजार 722 जांच 22 अक्टूबर को की गईं।
देश में प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना जांच का औसत 72 हजार 441 पर पहुंच गया है। बाईस अक्टूबर के आंकड़ों में एक दिन में 14 लाख 69 हजार 984 जांच की गई थी। इससे पहले एक अक्टूबर के आंकड़े में 14 लाख 23 हजार 52 जांच की गई थी।
कोरोना वायरस संक्रमण के बड़े स्तर पर प्रसार की रोकथाम के लिये देश में दिन प्रतिदिन इसकी अधिक से अधिक जांच की मुहिम में 24 सिंतबर को एक रोज में 14 लाख 92 हजार 409 नमूनों की रिकॉर्ड जांच की गई थी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तेजी से बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ जब पूरे देश में संक्रमण कम होता जा रहा है तो दूसरी तरफ बंगाल में यह तेजी से बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को राज्यपाल ने ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चाहिए कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी प्रतिबंधों को लागू करें। 22 अक्टूबर को राज्य में इस महामारी की वजह से 64 लोगों की मौत हुई है। अब तक कुल 6308 लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन में 4167 लोग पॉजिटिव हुए हैं और कुल 337283 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस हालात में तत्काल कदम उठाएं क्योंकि पूरे देश में जब कोरोना वायरस घट रहा है तब बंगाल में यह बढ़ रहा है। यह चिंता की बात है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा से पहले महामारी का संक्रमण तेजी से बढऩे लगा है। इसे लेकर कई विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है। दुर्गा पूजा की भीड़ के बाद इस महामारी के और अधिक बढऩे की आशंका है जिसके कारण राज्य प्रशासन भी चिंता में पड़ा हुआ है।
नईदिल्ली। पाक की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए सेना ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में काफी सुधार किया है। सीमा पर मौजूदा बाड़ को कई सेंसर के साथ एकीकृत करके हाईब्रिड स्मार्ट बाड़ लगाई जा रही है। इस हाईटेक बाड़ को लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सेंसर, इंफ्रारेड सेंसर और अन्य कैमरों के साथ जोड़ा जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट बाड़ के नए हाइब्रिड मॉडल की लागत लगभग 10 लाख रुपये प्रति किमी होगी और इस वर्ष सीमा पर 60 किमी. हाईटेक बाड़ लगाने का कार्य पूरा किया जायेगा। चूंकि इस सेंसरयुक्त हाइब्रिड मॉडल की बाड़ की लागत ज्यादा है, इसलिए 700 किमी. की पूरी एलओसी पर इसके लगाने का अभी फैसला नहीं किया गया है। पहले 2.4 किमी एरिया में हाईटेक बाड़ के लिए लगभग 10 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया था। हाल के महीनों में सेना ने नियंत्रण रेखा के करीब सैनिकों को कम-कम दूरी पर तैनात किया है, जिससे इस साल घुसपैठ में गिरावट आई है। इस बार अभी तक पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ 30 आतंकियों ने घुसपैठ की है जबकि पिछले साल इस समय तक 130 आतंकी सीमा पार से आ चुके थे।
सूत्रों का कहना है कि एलओसी पर एंटी-इंफि़ल्ट्रेशन ग्रिड को कई स्तरों पर मजबूत किया गया है। निगरानी के लिए सैनिकों को बड़े और छोटे दोनों तरह के ड्रोन दिए गए हैं। लगभग 700 किमी. की सीमा पर लगी मौजूदा बाड़ को एंटी-इंट्रस्ट्रेशन ऑब्सट्रेल सिस्टम कहा जाता है। कंसर्टिना तार से बनी दोहरी पंक्ति वाली यह बाड़ 2003 और 2005 के बीच लगाई गई थी। इन 15-17 साल के बीच बर्फबारी के कारण हर साल इसकी गुणवत्ता में गिरावट आती गई। इसीलिए सेना ने पाकिस्तान की सीमा को मजबूत करने के इरादे से विभिन्न सेंसर के साथ एक स्मार्ट बाड़ लगाने की योजना बनाई और यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया।
सूत्र बताते हैं कि तंगधार क्षेत्र में 10-15 फीट तक बर्फबारी होती है, जिससे कुछ स्थानों पर पूरी मौजूदा लोहे की बाड़ या तो पूरी तरह दब जाती है या टूट जाती है। बर्फ गिरने का मौसम खत्म होने के बाद हर साल मार्च से जून तक चार महीनों में 60-70त्न बाड़ की मरम्मत करानी पड़ती है। सेना के लिए हर साल यह एक अतिरिक्त कार्य होता है। यह पुरानी बाड़ लगभग 740 किलोमीटर लंबे एलओसी के अधिकांश हिस्से में मौजूद है। बर्फबारी के कारण सबसे कम पीरपंजाल के दक्षिण में और सबसे ज्यादा उत्तरी कश्मीर में बाड़ को नुकसान पहुंचता है। बाड़ के अलावा सेना ने दिन और रात दोनों के दौरान लोगों और छोटे वाहनों का पता लगाने के लिए लंबी दूरी की निगरानी प्रणाली तैनात की है।
पालघर। महाराष्ट्र के पालघर जिले में जावहर के एक सरकारी अस्पताल में जुड़वा बच्चे को जन्म देने के कुछ दिन बाद 32 वर्षीय एक महिला अस्पताल से लापता हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना पतंगशाह कॉटेज अस्पताल की है।
बृहस्पतिवार को जावहर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, '' दहानु के महालक्ष्मी की रहने वाली महिला ने छह अक्टूबर को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इसके बाद वह 10 अक्टूबर रात 10 बजे के आसपास लापता हो गई। महिला के परिवार के सदस्यों ने गुमशुदगी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है।ÓÓ उन्होंने बताया कि पुलिस महिला की तलाश में जुटी है।