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पब्लिक एग्जामिनेशन बिल लोकसभा में पास : पेपर लीक-चीटिंग पर होगा 10 साल जेल, 1 करोड़ रुपए जुर्माना
Posted Date : 07-Feb-2024 4:16:00 am

पब्लिक एग्जामिनेशन बिल लोकसभा में पास : पेपर लीक-चीटिंग पर होगा 10 साल जेल, 1 करोड़ रुपए जुर्माना

नई दिल्ली । देश के सरकारी सेवाओं के लिए भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाओं को अनुचित साधनों से प्रभावित करने वाले अपराधियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक प्रावधानों वाले सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को आज लोकसभा में पारित कर दिया गया। कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सदन में संक्षिप्त चर्चा के बाद उत्तर देते हुए कहा कि यह विधेयक राजनीति से परे है। भारत के बेटी बेटों से जुड़ा है। पेपर लीक होने, प्रश्नपत्र बाहर हल किये जाने, नकल किये जाने आदि प्रकार की घटनाओं का परिणाम परिश्रम करने वाले बच्चों को भुगतना पड़ता है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है। कई बच्चे भावुकता में अतिवादी कदम उठा लेते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में कोटा में एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली और उसकी चि_ी पढ़ कर सारे देश में लोगों की आंखें नम हो गयीं थीं। हम अपने बच्चों के भविष्य को किसी के हाथों खिलवाड़ के लिए नहीं छोड़ सकते। हमारी भावी पीढ़ी को विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है। इसलिए इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करना जरूरी है।
डॉ. सिंह ने सदस्यों की उस आशंका का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक में किसी भी प्रकार से उम्मीदवार को पक्ष नहीं बनाया गया है। उन पर किसी भी तरह की कार्यवाही या प्रताडऩा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सदस्यों के उस सुझाव को नोट कर लिया गया है कि अनुचित साधनों के कारण रद्द होने वाली परीक्षा को दोबारा जल्द से जल्द कराया जाये ताकि बच्चों का साल और परीक्षा में भाग लेने का मौका ना बरबाद हो। उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि भाषाई आधार पर लोगों में भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि 13 भाषाओं में परीक्षा का आयोजन किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि सबको समझना चाहिए कि यह विधेयक किसी को परेशान के लिए नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार एक संवेदनशील सरकार है। यह कानून भी पूरी संवेदनशीलता के साथ बनाया गया है। हमें युवाओं को पूरी क्षमता के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करना है तो हमें योग्य प्रतिभावान युवाओं को ऐसे संगठित अपराध का शिकार नहीं बनने देना होगा।
बाद में सदन ने विपक्ष के कुछ संशोधन प्रस्तावों को अस्वीकार करके ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य पांच सार्वजनिक परीक्षाओं – संघ लोकसेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेल भर्ती बोर्ड, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी, बैंक कार्मिक चयन संस्थान तथा केन्द्र सरकार के विभागों एवं उनसे संबद्ध कार्यालयों में भर्ती की परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकना है।
केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित इन परीक्षाओं में प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी की अनधिकृत पहुंच या लीक होना, सार्वजनिक परीक्षा के दौरान उम्मीदवार की सहायता करना, कंप्यूटर नेटवर्क या संसाधनों के साथ छेड़छाड़, योग्यता सूची या रैंक को शॉर्टलिस्ट करने या अंतिम रूप देने के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़, और फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना या नकल करने या पैसा कमाने के लिए प्रस्ताव पत्र जारी करने के साथ साथ समय से पहले परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी का खुलासा करना और व्यवधान पैदा करने के लिए अनधिकृत लोगों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने पर रोक लगाता है। इन अपराधों पर तीन से पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
विधेयक में कहा गया है कि सेवा प्रदाताओं को पुलिस और संबंधित परीक्षा प्राधिकारी को रिपोर्ट करना होगा। सेवा प्रदाता एक ऐसा संगठन है जो सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकरण को कंप्यूटर संसाधन या कोई अन्य सहायता प्रदान करता है। ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट न करना अपराध होगा। यदि सेवा प्रदाता स्वयं कोई अपराध करता है, तो परीक्षा प्राधिकारी को इसकी सूचना पुलिस को देनी होगी। विधेयक सेवा प्रदाताओं को परीक्षा प्राधिकरण की अनुमति के बिना परीक्षा केंद्र स्थानांतरित करने से रोकता है। सेवा प्रदाता द्वारा किए गए अपराध पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे सेवा प्रदाता से जांच की आनुपातिक लागत भी वसूल की जाएगी। इसके अलावा, उन्हें चार साल तक सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने से भी रोक दिया जाएगा। इसी तरह से यदि यह स्थापित हो जाता है कि सेवा प्रदाताओं से जुड़े अपराध किसी निदेशक, वरिष्ठ प्रबंधन, या सेवा प्रदाताओं के प्रभारी व्यक्तियों की सहमति या मिलीभगत से किए गए थे, तो ऐसे व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा। इन्हें तीन साल से लेकर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये जुर्माने की सजा होगी।
उक्त विधेयक में संगठित अपराधों के लिए उच्च सज़ा के प्रावधान हैं। एक संगठित अपराध को सार्वजनिक परीक्षाओं के संबंध में गलत लाभ के लिए साझा हित को आगे बढ़ाने के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा किए गए गैरकानूनी कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है। संगठित अपराध करने वाले व्यक्तियों को पांच साल से 10 साल तक की सजा और कम से कम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि किसी संस्था को संगठित अपराध करने का दोषी ठहराया जाता है, तो उसकी संपत्ति कुर्क और ज़ब्त कर ली जाएगी, और परीक्षा की आनुपातिक लागत भी उससे वसूल की जाएगी।
विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। यदि यह साबित हो जाए कि आरोपी ने नियमानुसार उचित कार्य किया था, तब कोई भी कार्रवाई अपराध नहीं मानी जाएगी। उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त रैंक से नीचे का अधिकारी अधिनियम के तहत अपराधों की जांच नहीं करेगा। केंद्र सरकार जांच को किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर सकती है।
विधेयक पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस के के सुरेश ने कहा कि वह इस बात से सहमत है कि सभी बच्चे हमारे साझा हैं। इसलिए वह विधेयक का समर्थन करते हैं। भाजपा की ओर से डॉ. सत्यपाल सिंह, द्रमुक के डी एम कथीर आनंद, वाईआरएस कांग्रेस की चिंता अनुराधा, शिवसेना के राहुल शेवाले, बीजू जनता दल के अच्युतानंद सामंत और बहुजन समाज पार्टी केे मलूक नागर ने भी विधेयक का समर्थन किया।

 

मंदिर में ले जाकर नाबालिग से रेप, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को सुनाई 30 साल की सजा
Posted Date : 07-Feb-2024 4:15:40 am

मंदिर में ले जाकर नाबालिग से रेप, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को सुनाई 30 साल की सजा

नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के एक मंदिर में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में एक व्यक्ति की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे बिना छूट के 30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा, हमने याचिकाकर्ता-दोषी द्वारा मंदिर ले जाने के बाद पीडि़ता की असहाय स्थिति पर ध्यान दिया है। सबूतों से पता चलता है कि जगह की पवित्रता की परवाह किए बिना उसने उसे और खुद को निर्वस्त्र किया और उसके साथ बलात्कार किया। पीठ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 एबी के तहत दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
पीठ ने कहा कि घटना के समय दोषी की उम्र 40 साल थी। 30 साल की सजा की एक निश्चित अवधि कारावास की संशोधित सजा होनी चाहिए। इसमें पीडि़ता को उसके चिकित्सा खर्च और पुनर्वास के लिए दिए जाने वाले जुर्माने की राशि 1 लाख रुपये भी निर्धारित की गई है। एफआईआर के मुताबिक, 7 साल की बच्ची आम लेने जा रही थी और रास्ते में आरोपी उससे मिला। आरोप उसे नमकीन देने के बहाने मंदिर में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
निचली अदालत ने आरोपी को मौत की सज़ा सुनाई थी। लेकिन, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील में हाईकोर्ट से दी गई सजा को कम करने की चुनौती दी गई थी। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि किया गया अपराध बर्बर और क्रूर नहीं था। पीडि़ता की गर्दन, गाल, छाती, पेट, जांघ और जननांग के बाहरी हिस्से पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई थी।
इस पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारा मानना है कि जब ‘बर्बर’ और ‘क्रूर’ शब्दों का एक साथ उपयोग किया जाता है तो वे पर्यायवाची का चरित्र नहीं लेते हैं, बल्कि विशिष्ट अर्थ लेते हैंज् यह कहना सही हो सकता है कि याचिकाकर्ता-दोषी ने बलात्कार का अपराध क्रूरतापूर्वक किया था, लेकिन फिर, निश्चित रूप से उसकी कार्रवाई बर्बर थी। हमें यह मानने में कोई झिझक नहीं है कि तथ्य यह है कि उसने इसे क्रूरतापूर्वक नहीं किया है, इससे इसका कृत्य गैर-बर्बर नहीं हो जाएगा।

 

लिव-इन रिलेशनशिप का भी होगा रजिस्ट्रेशन, पैदा हुए बच्चों को मिलेंगे सभी अधिकार, यूसीसी बिल में ऐसे प्रावधान
Posted Date : 07-Feb-2024 4:15:19 am

लिव-इन रिलेशनशिप का भी होगा रजिस्ट्रेशन, पैदा हुए बच्चों को मिलेंगे सभी अधिकार, यूसीसी बिल में ऐसे प्रावधान

देहरादून । उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने आज समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश किया है। जब ये विधेयक कानून बन जाएगा तब लिव इन रिलेशनशिप को भी व्यवस्थित और शादी की तरह सुरक्षित बनाने के लिए कई प्रावधान लागू हो जाएंगे। जैसे कि नए कानून के बाद लिव इन रिलेशन बनाने और खत्म करने की प्रक्रिया तय होगी। लिव इन रिलेशन को रजिस्टर कराना और खत्म करते समय भी इसकी रजिस्ट्रार को देना अनिवार्य होगा। इसकी सूचना थाने को भी दी जाएगी। यदि लिव इन पार्टनर में किसी की उम्र 21 वर्ष से कम है तो माता-पिता को भी सूचना दी जाएगी। मंगलवार सुबह उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए समान नागरिक संहिता में लिव-इन रिलेशनशिप पर अन्य प्रमुख बिंदुओं में यह है कि लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को कानूनी मान्यता मिलेगी यानी, वे दंपति की वैध संतान होंगे। एक अधिकारी ने बताया, इसका मतलब है कि लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान पैदा हुए सभी बच्चों को वे अधिकार मिलेंगे, जो शादी के बाद हुए बच्चों को मिलते हैं। किसी भी बच्चे को ‘नाजायज’ के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकेगा।

 

अभी भी आफत बनी हुई है बर्फबारी, हिमाचल में चार हाईवे बंद, 645 सड़कों पर थमी आवाजाही
Posted Date : 06-Feb-2024 2:27:56 am

अभी भी आफत बनी हुई है बर्फबारी, हिमाचल में चार हाईवे बंद, 645 सड़कों पर थमी आवाजाही

शिमला । हिमाचल प्रदेश में फरवरी के महीने में जबरदस्त बफऱ्बारी हो रही है। राज्य के पहाड़ी इलाकों में पिछले दो दिन भारी बर्फ गिरी है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, शिमला और चंबा जिलों में जमकर बर्फबारी हुई है।
राज्य के पहाड़ी इलाकों में इस विंटर सीजन में शुक्रवार से लेकर रविवार रात तक भारी बफऱ्बारी हुई है। इस बर्फबारी की वजह से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होने से लोगों की परेशानियां बढ़ी है। फिलहाल, अगले पांच दिन के लिए मौसम साफ रहने के आसार हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक बर्फबारी और बारिश से प्रदेश भर में 645 सडक़ें और 1416 बिजली के ट्रांसफॉर्मर ठप हैं।
बफऱ्बारी की वजह से चार नेशनल हाइवे पर भी आवाजाही प्रभावित है। रिपोर्ट के अनुसार शिमला जिले में सबसे ज्यादा 242 सडक़ें बंद है। शिमला जिला के ऊपरी इलाकों में पिछले पांच दिनों से बस सेवा ठप पड़ी है। इसके अलावा लाहौल-स्पीति में 157, कुल्लू में 93, चम्बा में 61, मंडी में 51, किन्नौर में 24 और सिरमौर में 16 सडक़ें बंद हैं। लाहौल स्पीति और कुल्लू जिलों में दो-दो नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पिछले करीब एक हफ्ते से ठप है।
बर्फबारी का बिजली आपूर्ति पर भारी असर पड़ा है। राज्य में 1416 बिजली ट्रांसफॉर्मर के बंद होने से सैकड़ों परिवार अंधेरे में हैं, जिससे लोगों को कड़ाके की सर्दी में बिजली ना होने से ठिठुरना पड़ रहा है। कुल्लू जिला में 485, चंबा में 319, सिरमौर में 245, मंडी में 221, शिमला में 113 और किन्नौर जिला में 30 ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति बाधित है।
मौसम विभाग के अनुसार शिमला जिला के चिडग़ांव में 35, खदराला में 30 और नारकंडा में 25 सेंटीमीटर ताजा बर्फ गिरी है। वहीं कुल्लू जिला के पर्यटन स्थल मनाली में 23, गुंडला में 16 और केलांग व शिलारू में 15-15 सेंटीमीटर बराबरी दर्ज की गई है। राज्य के उच्च पर्वतीय इलाकों में सोमवार को भी हल्का हिमपात हुआ, जबकि शिमला व मैदानी भागों में आसमान पर बादल छाए रहे।
राज्य में बर्फबारी से प्रचण्ड ठंड पड़ रही है। राज्य के छह शहरों का न्यूनतम तापमान माइनस में चला गया है। लाहौल-स्पीति जिला का कुकुमसेरी सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम पारा -6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा शिमला में -0.1, कल्पा में -2.4, मनाली में -0.9, नारकंडा में -3.6 डिग्री, समधो में -2.8 और कुफऱी व सराहन में शून्य और भरमौर में 0.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग शिमला के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में अगले पांच दिन बारिश-बर्फबारी होने की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि छह फरवरी से 11 फरवरी तक प्रदेश भर में मौसम साफ बना रहेगा। इस दौरान तापमान में सुधार आने से ठंड से राहत मिल सकती है।

 

अनियंत्रित होकर कार नाले में गिरी, 4 बच्चों समेत 6 की मौत
Posted Date : 06-Feb-2024 2:27:09 am

अनियंत्रित होकर कार नाले में गिरी, 4 बच्चों समेत 6 की मौत

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोमवार तडक़े एक कार अनियंत्रित होकर बड़े और गहरे नाले में जा गिरी। हादसे में कार सवार 4 बच्चों समेत 6 लोगों की मौत हुई है।पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि घटना करीब 2:00 बजे कानपुर देहात के सिकंदरा संदलपुर मार्ग पर जगन्नाथपुर गांव के पास हुई।हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला, जिनमें से 6 की मौत हो चुकी थी।
एसपी ने बताया कि हादसे के समय कार में कानपुर के रहने वाले 8 लोग सवार थे। वे सभी एक तिलक समारोह में शामिल होकर मध्य प्रदेश के भिंड से लौट रहे थे।पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे में कार चालक विकास (42), खुशबू (17), प्राची (13), संजय (55), गोलू (16) और प्रतीक (10) को मृत घोषित किया गया।कार में सवार 18 वर्षीय विराट और उसकी 16 वर्षीय बहन वैष्णवी घायल हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात में बचाव अभियान चलाने में काफी समस्या आई। कार से लोगों को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया।बताया जा रहा है कि कार की रफ्तार होने से चालक उसे नियंत्रित नहीं कर सका और वह मार्ग से सटे बड़े नाले में जा गिरी। आशंका है कि चालक को नींद की झपकी आ थी।पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

 

कुशीनगर में अज्ञात वाहन ने ऑटो में मारी टक्कर, हादसे में चार लोगों की हुई मौत, चार लोग घायल
Posted Date : 06-Feb-2024 2:26:41 am

कुशीनगर में अज्ञात वाहन ने ऑटो में मारी टक्कर, हादसे में चार लोगों की हुई मौत, चार लोग घायल

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दिन में कोहरे ने एक बार फिर कहर बरपा कर हाटा कोतवाली इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 28 दुल्हनिया चौराहे पर देर रात लगभग 12बजे के बाद अज्ञात वाहन ने एक ऑटो को जबरदस्त टक्कर मार दी ।जिसमें सवार आठ लोगों में चार की मौत हो गई ।जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए घायलों को पुलिस ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज भेज कर भर्ती कराया गया ।जहां पर उनका इलाज किया जा रहा है ।
इस हादसे में हाटा  कोतवाली क्षेत्र के पीडरा  निवासी श्री राम उम्र 70 वर्ष, गुलाबी देवी पत्नी राजेंद्र शर्मा उम्र 65 वर्ष तथा पैकौली निवासी बिद्रावती पत्नी विनोद यादव और शंखापार  निवासी उषा देवी पत्नी सरवन उम्र 55 वर्ष की मौत हो गई । इसके अलावा चार अन्य सुशीला पत्नी गुलाब उम्र 50 वर्ष निवासी पैकाली ,गुनेश्वर उम्र 75 वर्ष निवासी पिडरा के अलावा संखापार माफी की सुमित्रा पत्नी बुंदेल उम्र 55 वर्ष तथा बास्कली पत्नी स्वामीनाथ उम्र 70 वर्ष घायल हो गए। जिसे स्थानीय सरकारी अस्पताल हाटा के डाक्टर ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया। मृतकों को स्थानीय पुलिस ने 100 को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम एक भेज दिया।