जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रमाफोसा ने हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले ३५ अतिथियों में से एक के सप्ताहांत में कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद खुद को क्वारंटीन कर लिया है।
राष्ट्रपति भवन ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। राष्ट्रपति के कार्यकारी प्रवक्ता टिरोन सीले ने बयान में कहा,उक्त समारोह में कोविड-१९ के प्रोटोकॉल और निर्देशों, स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी बातों का कड़ाई से पालन किया गया और इसी दौरान मेहमानों के साथ खाना खाते समय और लोगों को संबोधित करने के दौरान राष्ट्रपति ने भी अपना मास्क हटा दिया था। अतिथियों में रविवार को कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये तथा मंगलवार में उनकी जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
रमाफोसा को अतिथियों के कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी मंगलवार देर रात को चली। उस समय तक वह दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तांबू की एक प्रतिमा का हवाई अड्डा पर अनावरण तथा एक नये होटल का सरकारी उद्घाटन समारोह में भाग ले चुके थे। सिले ने कहा कि राष्ट्रपति में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया है। वह अभी कोविड-१९ स्वास्थ्य निर्देशों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। लक्षण पाये जाने पर उनकी कोरोना जांच भी करायी जाएगी। गौरतलब है कि रमाफोसा वर्ष २०१९ में गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि थे।
ओटावा । कनाडा में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों के बीच मंगलवार को देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या दस हजार को पार कर गई। अमेरिका को जॉन हॉपकिंस युनिवेर्सिटी के अनुसार कनाडा ऐसा बिस्वा देश बन गया है जहां दस हजार से अधिक कोरोना मरीजों की मौत हुई हैं। कनाडा दरअसल कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। देश में फिलहाल कोरोना के कुल २२२,६७० मामले है जिसमे से ४.५ प्रतिशत संक्रमित लोगों की मौत हो चुकी हैं। देश का क्यूबेक प्रांत कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जहां कोविड-१९ से अबतक ६१७२ लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा ओंटारियो में इस संक्रमण से ३१०३ लोगों की मौत हुई हैं।
मिलवॉकी । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप ने अपने पति के लिए चुनाव प्रचार करते हुए मंगलवार को कहा कि अमेरिका के लोगों का मनोबल कोरोना वायरस से अधिक शक्तिशाली है और राष्ट्रपति एक योद्धा हैं। उन्होंने कहा, डोनाल्ड एक योद्धा हैं। वह अपने देश से प्रेम करते हैं और आप लोगों के लिए प्रतिदिन संघर्ष करते हैं। मेलानिया ने कहा, इतिहास में पहली बार, इस देश के नागरिकों ने सोशल मीडिया के जरिये प्रतिदिन अपने राष्ट्रपति के साथ तत्काल और सीधा संवाद किया। वह अपनी बात जिस तरह से रखते हैं उससे मैं हमेशा सहमत नहीं होती लेकिन उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह उन लोगों से सीधा संवाद कर सकें जिनके लिए वह काम कर रहे हैं। पेंसिल्वेनिया राज्य में पहली बार सार्वजनिक तौर पर प्रचार अभियान में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें न केवल एक मरीज बल्कि च्च्चिंतित मां और पत्नी के तौर पर भी कोविड-१९ के प्रभावों का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ है। मेलानिया ने कहा, मैं जानती हूं कि इस शांत दुश्मन ने बहुत से लोगों की जान ली है। इस कठिन समय में मेरे परिवार की प्रार्थनाएं और संवेदनाएं आप सभी के साथ हैं। उन्होंने कहा, हम सभी जानते हैं कि अमेरिका के लोगों का मनोबल इस वायरस से अधिक शक्तिशाली है। हमने यह साबित किया है कि हम इस अप्रत्याशित चुनौती से निपट सकते हैं और हम यह करके दिखाएंगे। अनिश्चितता के इस समय में आगे आकर जिन्होंने सहायता की है मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं। अग्रिम मोर्चे पर काम काम करने वाले- शिक्षकों, स्वास्थ्य कर्मियों और बहुत से अन्य लोगों के प्रति मेरा और मेरे पति का आभार।
हाथरस मामला: केस ट्रांसफर का मामला बाद में आएगा
नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट को भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाथरस केस की छानबीन से संबंधित मामले की मॉनिटरिंग इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा। मामले की छानबीन सीबीआई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि विक्टिम परिवार की सुरक्षा, गवाहों की सुरक्षा से लेकर अन्य तमाम पहलुओं को इलाहाबाद हाई कोर्ट देखेगा। मामले में सीबीआई अपनी स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेगी। हाई कोर्ट मामले को मॉनिटर करेगा। जहां तक केस ट्रांसफर करने का मसला है तो अभी उसका स्टेज नहीं है। अभी सीबीआई मामले की छानबीन कर रही है। जब मामले की छानबीन पूरी हो जाएगी तो तब इस मसले को देखा जा सकता है इस मामले को अभी ओपन छोड़ा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए 15 अक्टूबर को ही संकेत दिया था कि मामले में सीबीआई जांच की निगरानी से लेकर अन्य तमाम तरह की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजी जा सकती है। मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच समेंत विक्टिम परिवार की सुरक्षा के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए और वहीं निपटान होना चाहिए हम तो आखिरी मॉनिटरिंग बॉडी हैं। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि हाथरस मामले में विक्टिम फैमिली व गवाहों को तीन स्तरीय का प्रोटेक्शन दिया गया है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर विक्टिम परिवार के सदस्यों को दी गई सुरक्षा का डिटेल पेश किया है। यूपी सरकार ने कहा कि सरकार गवाहों और विक्टिम परिवार की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हाथरस कांड की विक्टिम का अंतिम संस्कार रात में इसलिए करना पड़ा क्योंकि खुफिया रिपोर्ट में लॉ ऐंड ऑर्डर का खतरा था और सुबह तक इंतजार में हिंसा होने का अंदेशा था। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश की हुई है। सुप्रीम कोर्ट खुद मामले की निगरानी करे और मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दे ताकि सच्चाई सामने आ सके। सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर हाथरस रेप केस में सीबीआई या एसआईटी जांच की मांग की गई थी। पीआईएल में कहा गया है कि पीडि़त पक्ष के साथ पुलिस ने अपनी ड्यूटी का सही तरह से पालन नहीं किया। आरोपी का बचाव किया जा रहा है। साथ ही आधी रात को परिजनों को बताए बिना अंतिम संस्कार किया गया। विक्टिम फैमिली ने मामले का ट्रायल यूपी से बाहर किए जाने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
नई दिल्ली।। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) ने राजनीतिक दलों के लिए कोष जुटाने वाली 2018 की चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है।
जल्द सुनवाई की वजह बताते हुए इस संगठन ने कहा है कि राजनीतिक दलों द्वारा भ्रष्टाचार और गैरकानूनी विदेशी चंदे के माध्यम से लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की जाती है इसलिए जल्द से जल्द इसपर सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो जनवरी, 2018 की अधिसूचना में चुनावी बांड की बिक्री के महीने हर साल जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर हैं, परंतु अप्रैल और जुलाई में इनकी बिक्री नहीं की गई थी जबकि बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, अक्टूबर में, इसे फिर से खोल दिया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि पिछली सुनवाई की तारीख से नौ महीने बीत चुके हैं और बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान नया घटनाक्रम हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। गैर सरकारी संगठन 'एसोसिएशन ऑर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्सÓ ने इससे पहले इस साल जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इस याचिका पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए आवेदन दाखिल किया था। शीर्ष अदालत ने इस योजना पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अंतरिम राहत के लिए दाखिल आवेदन पर केन्द्र और निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह के भीतर 20 जनवरी तक जवाब मांगा था, लेकिन इसके बाद यह याचिका अभी तक सूचीबद्ध ही नहीं हुई।
नई दिल्ली।। भारत और अमेरिका ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी। टू प्लस टू वार्ता के तीसरे चरण के दौरान बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (बीईसीए) पर दोनों रणनीतिक भागीदारों के बीच दस्तखत ने द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को आगे और प्रगाढ़ करने का संकेत दिया है।
यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ वार्ता की । दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य और रक्षा अधिकारिायें ने इसमें सहयोग दिया। टू प्लस टू वार्ता में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच पहले से कायम करीबी संबंधों को आगे और घनिष्ठ करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। रणनीतिक संबंधों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण बीईसीए पर दस्तखत के साथ दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण करार को अंतिम रूप दे दिया गया। दोनों देशों ने जनरल सिक्युरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए)पर 2002 में दस्तखत किए थे। रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट किया था। भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था जिसे कोमकासा कहा जाता है । बीईसीए के बारे में अधिकारियों ने कहा कि समझौते से भारत की गोपनीय भूस्थैतिक डाटा के साथ ही अन्य सैन्य अनुप्रयोगों के संबंध में सूचनाओं तक पहुंच होगी ।