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कोर्ट ने टिक टॉक के प्रतिबंध पर लगाई अस्थाई रोक
Posted Date : 31-Oct-2020 12:16:21 pm

कोर्ट ने टिक टॉक के प्रतिबंध पर लगाई अस्थाई रोक

अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप को बड़ा झटका
वॉशिंगटन । अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव होने में अब बस दो दिन शेष रह गए हैं लेकिन उससे पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक अमरीकी अदालत ने लोकप्रिय चाइनीज ऐप टिक टॉक को बैन करने के ट्रंप के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह रोक दो टिक टॉक यूजर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। पेंसिल्वेनिया कॉमेडियन और अन्य दो ने ट्रंप के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि टिक टॉक को बैन करना उनके मुक्त होकर बोलने की आजादी के खिलाफ है। शुक्रवार को अमरीकी जिला न्यायाधीश वेंडी वीटलस्टोन ने अगले आदेश तक वाणिज्य विभाग की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वाणिज्य विभाग अगले कुछ दिनों में टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाली थी।
आपको बता दें कि ट्रंप सरकार ने चीनी कंपनी बाइटडांस की डाउटर कंपनी टिक टॉक को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। ट्रंप सरकार का कहना है कि टिक टॉक यूजर्स के डाटा का चारी और जासूसी करने की पूरी संभावना है। इसी के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन की ओर से टिक टॉक को बैन करने को लेकर जारी किए गए कार्यकारी आदेश को 12 नवंबर को लागू करने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद 12 नवंबर को टिक टॉक पर बैन नहीं लग सकेगा।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब टिक टॉक बैन करने को लेकर ट्रंप सरकार की ओर से लिए गए फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले सितंबर में अमरीकी संघीय जज ने राष्ट्रपति ट्रंप के टिक टॉक बैन फैसले को स्थगित कर दिया था। अमरीका में टिक टॉक (टिक टॉक) के करीब 100 मिलियन यानी 10 करोड़ यूजर्स हैं। इधर, इस फैसले के बाद से वाणिज्य विभाग और व्हाइट हाउस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह 1977 के कानून के तहत राष्ट्रपति ट्रंप आपातकालीन प्राधिकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो कि एक राष्ट्रपति को असामान्य खतरों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य को विनियमित करने में सक्षम बनाता है।

शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में कोरोना ने 6 नये मामले मिले
Posted Date : 31-Oct-2020 12:15:50 pm

शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में कोरोना ने 6 नये मामले मिले

बीजिंग । चीन के स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग उइगुर में कोरोना के छह नये मामले सामने आये हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को यह जानकारी दी।आयोग ने अपनी दौनिक रिपोर्ट में कहा कि बिना किसी लक्ष्ण वाले कोरोना के 38 मामले सामने आये हैं जिनमें 23 स्वायत्त क्षेत्र से बाहर के आये हैं। इसके अलावा शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 27 पुष्ट मामले भी क्षेत्र से बाहर से आये लोगों में देखे गये।
रिपोर्ट के अनुसार शंघाई में चीन से बाहर के कोरोना के दो नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इस वैश्विक महामारी से जुड़ी कोई नयी मौत नहीं हुई। बाहर से आये नये मामलों में से, आठ शंघाई में, तिआनजिन में पांच, सिचुआन में चार, झेजियांग और ग्वांगडोंग में तीन-तीन और हेबै, इनर मंगोलिया, हुनान और युन्नान में एक-एक हैं।
चीनी में कोरोना से स्वस्थ होने के बाद शुक्रवार को 17 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। शुक्रवार तक देश में बाहर से आये कुल 3,359 मामले दर्ज किए गए थे जिनमें से 3,060 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई और 299 अस्पताल में भर्ती हैं।इन मामलों से कोई मौत नहीं हुई थी। शुक्रवार तक देश में कोरोना की कुल संख्या 85,973 तक पहुंच गई थी, जिनमें 355 रोगियों का इलाज चल रहा है। इनमें नौ गंभीर हैं। आयोग के अनुसार कुल मिलाकर 80,984 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और 4,634 लोगों की मौत हो गई।

अर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों नटसाकनयन और बायरामोव बीच हुई मुलाकात
Posted Date : 31-Oct-2020 12:15:13 pm

अर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों नटसाकनयन और बायरामोव बीच हुई मुलाकात

येरेवान। अर्मेनिया के विदेश मंत्री जोहराब नटसाकनयन और अजरबैजान के विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव के बीच स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में चल रही बैठक समाप्त हो गयी है।
अर्मेनिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता अन्ना नाघडालयन ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैठक के बारे में अब तक विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है। दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले दोनों ही मंत्रियों ने मिंस्क समूह के नेताओं के साथ भी बैठक की थी।
दरअसल, अर्मेनिया और अजरबैजान की सेना के बीच 27 सितंबर से ही नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में एक इलाके पर कब्जे को लेकर हिंसक संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक दोनों ओर से कई लोगों की मौत हो चुकी है। दोनों देशों के बीच कई बार युद्ध विराम लागू करने को लेकर सहमति भी बनी है, लेकिन संघर्ष दोबारा शुरू हो जाता है।
अजरबैजान ने आंशिक रूप से देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। अजरबैजान ने अपने हवाई अड्डों को सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया है। केवल तुर्की को इससे छूट दी गयी है। तुर्की ने खुले तौर पर अजरबैजान को समर्थन देने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि अर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ही देश पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा थे। लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद दोनों देश स्वतंत्र हो गए। अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबख इलाके को लेकर विवाद हो गया। दोनों देश इस पर अपना अधिकार जताते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इस 4400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अजरबैजान का घोषित किया जा चुका है, लेकिन यहां आर्मेनियाई मूल के लोगों की जनसंख्या अधिक है।
इसके कारण दोनों देशों के बीच 1991 से ही संघर्ष चल रहा है। वर्ष 1994 में रूस की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम हो चुका था, लेकिन तभी से दोनों देशों के बीच छिटपुट लड़ाई चलती आ रही है। दोनों देशों के बीच तभी से 'लाइन ऑफ कंटेक्टÓ है। लेकिन इस वर्ष जुलाई के महीने से हालात खराब हो गए हैं। इस इलाके को अर्तसख के नाम से भी जाना जाता है।

तुर्की में शक्तिशाली भूकंप से मची तबाही, 17 की मौत
Posted Date : 31-Oct-2020 12:14:47 pm

तुर्की में शक्तिशाली भूकंप से मची तबाही, 17 की मौत

ताश के पत्तों की तरह ढहीं इमारतें
इस्तांबुल। तुर्की और यूनान के तट के बीच शुक्रवार देर रात आए शक्तिशाली भूकंप में तुर्की में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 709 लोग घायल हो गए। तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी ने इस बात की पुष्टि की है। बचाव और राहत कार्य में चिकित्सा बचाव टीमें इजमिर में काम में जुटी हैं। तुर्की जमीन के भीतर मौजूद बड़ी फॉल्ट लाइन के ऊपर बसा देश है और इस कारण इसकी गिनती उन देशों में होती है जहां सबसे अधिक भूकंप आते हैं।  यूरोपीय- मूध्यसागर भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि शुरुआत में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7 थी और इसका केंद्र यूनान के उत्तर-उत्तरपूर्व में सामोस द्वीप में था। वहीं, अमेरिका के भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप की तीव्रता 7.0 थी। तुर्की के तट और यूनान के सामोस प्रायद्वीप के बीच आए इस शक्तिशाली भूंकप के चलते पश्चिमी तुर्की के इजमिर प्रांत में कई इमारतें जमींदोज हो गईं। यूनान के सामोस में भी कुछ नुकसान हुआ है। इजमिर में मलबे के अंदर और लोग दबे हुए हैं।
तुर्की के आपदा एवं आपात प्रबंधन विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र एजियन सागर में 16.5 किलोमीटर नीचे था। भूकंप की तीव्रता 6.6 दर्ज की गई है। विभाग ने कहा कि उसने खोज एवं बचाव टीमों को इजमिर भेजा है। तुर्की की मीडिया में मध्य इजमिर में बहुमंजिला इमारत का मलबा दिखाया गया है। इसके अलावा बचावकर्मी भी तैनात दिखाई दे रहे हैं। मध्य इजमिर में कई जगह धुआं उठने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। यूनान की मीडिया ने कहा कि भूकंप के दौरान सामोस और अन्य प्रायद्वीपों के निवासी अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर भागे। 

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लिप्त आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए
Posted Date : 30-Oct-2020 4:21:53 pm

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लिप्त आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए

भारत ने सुरक्षा परिषद से कहा
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधों की व्यवस्था से महिला, शांति और सुरक्षा से जुड़े विषयों को प्रभावी ढंग से जोडऩे की जरूरत है, साथ ही उसने कहा कि सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में लिप्त आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल करना चाहिए। भारत ने सुरक्षा परिषद में महिला, शांति एवं सुरक्षा विषय पर खुली चर्चा के दौरान बृहस्पतिवार को एक वक्तव्य में कहा, 'आतंकवादियों द्वारा महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ हिंसा की हमें कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए। महिलाओं के खिलाफ हिंसा सभ्य समाजों की बुनियाद को तहस-नहस करती है। भारत ने कहा कि संघर्ष के बाद के हालात में लोकतांत्रिक ढांचों का विकास करना और कानून का शासन कायम करना महिलाओं के प्रति असमानताओं को दूर करने में तथा शांतिपूर्ण एवं समग्र विकास में महिलाओं के अर्थपूर्ण योगदान को सुनिश्चित करने में मददगार होगा। भारत ने कहा, 'यह आवश्यक है कि परिषद 'महिला, शांति एवं सुरक्षा विषयों को प्रतिबंधों की व्यवस्था से प्रभावी ढंग से जोडऩे के प्रयास करे और सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में लिप्त आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाले। भारत ने कहा कि संषर्घ और मानवीय संकटों ने महिलाओं और लड़कियों को प्रगति की राह पर बढऩे से पहले से ही रोक रखा है। उसने कहा, 'कोविड-19 के कारण पड़े आर्थिक असर तथा स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र पर पड़े अतिरिक्त बोझ के कारण युद्धग्रस्त, कमजोर और मानवीय संदर्भों में महिलाएं और लड़कियां और भी अधिक जोखिम में हैं। भारत ने कहा कि एक्शन फॉर पीसकीपिंग पहल के जरिए सदस्य देश महिला, शांति एवं सुरक्षा एजेंडे को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और ऐसा वह शांतिरक्षा मिशनों में महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर कर रहे हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद शांतिरक्षा मिशनों में सैन्यकर्मियों में महिलाओं की संख्या महज 5.4 फीसदी और पुलिसकर्मियों में महज 15.1 फीसदी है। 

वियतनाम में टाइफून तूफान और लैंडस्लाइड से मची तबाही, 35 की मौत
Posted Date : 30-Oct-2020 4:21:17 pm

वियतनाम में टाइफून तूफान और लैंडस्लाइड से मची तबाही, 35 की मौत

कई दर्जन लोग लापता
हनोई । वियतनाम में टाइफून तूफान ने जमकर तबाही मचाई है। तूफान के साथ-साथ भारी बारिश और भूस्खलन ने कई लोगों को जान ले ली है। जानकारी के मुताबिक वियतनाम में पिछले 20 वर्ष में टकराने वाले सबसे शक्तिशाली तूफान टाइफून ने लाखों लोगों को प्रभावित किया। गुरुवार को आए इस तूफान में अब तक 35 लोगों के मारे जाने और 50 से अधिक लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है।
आंधी-तूफान के कारण गुरुवार को वियतनाम में दो अलग-अलग भूस्खलन में 8 लोगों की मौत हो गई। आपको बता दें कि लगातार हो रही भारी बारिश के चलते सभी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस तूफान में लापता हुए लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं। बचाव दल का पूरा फोकस देश के मध्य क्षेत्र के तीन गांवों पर है, जहां भूस्खलन से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी और 40 से अधिक अन्य लोगों के मलबे में दबे होने का शंका है।
उप प्रधानमंत्री त्रिन्ह दीन्ह डंग ने भूस्खलन से प्रभाविक इलाकों का दौरा किया। यहां सेना के जवान बुलडोजर से मलबे को हटाने के लिए काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को मदद के लिए और अधिक सैनिकों को भेजने का आदेश दिया। उन्होंने कहा जब मलबा हटाने के मशीनें पहुंचने में काफी समय लगेगा इससे बेहतर होगा कि बड़ी संख्या सैनिक उन स्थानों तक पहुंचकर लोगों के सुरक्षित स्थान तक पहुंचाएं।
बता दें कि मारे जाने वाले लोगों में 12 मछुआरे भी थे जिनकी नाव टाइफून तूफान के चलते 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं से पलट गई थी। वहीं 14 अन्य मछुआरे अब भी लापता हैं।
वियतनाम कई सालों में सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है। यहां बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन में सेना के बैरक भी जमींदोज हो गए हैं। भूस्खलन के कारण सेना के जवान भी लापता हो गए हैं। करीब 11 जवानों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि पिछले सप्ताह में वियतनाम के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। वियतनाम में बाढ़ और बारिश के कारण कई लोग मारे जा चुके हैं। आने वाले दिनों में बाढ़ के पानी का स्तर और अधिक बढऩे का खतरा बना हुआ है।