सीएम का बड़ा ऐलान
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। इस बीच बिहार चुनाव के लिए अपनी आखिरी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धमदाहा में बड़ा ऐलान कर दिया है। नीतीश ने कहा है कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव है। नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं लेकिन यह पहला मौका है जब उन्होंने ऐसी कोई बात कही है।
नीतीश कुमार के इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि वह 2020 के बाद अब राजनीति से खुद को अलग कर लेंगे। उन्होंने अपने इस चुनाव को आखिरी चुनाव बताते हुए लोगों से आखिरी मौका देने की अपील की। नीतीश ने कहा कि अंत भला तो सब भला इसलिए आप आखरी मौका दे। नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और इसके पहले सीएम रेलवे मंत्री, कृषि मंत्री भी रह चुके हैं।
इस दौरान मंच से नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों की कठिनाइयों के बारे में सोचकर उसके हिसाब से काम किया जा रहा है। गांवों को सड़कों से जोड़ा गया। लड़कियों को साइकिल और पोशाक दिया गया। हर घर तक नल का जल और हर घर बिजली पहुंचाया। जब से मौका मिला है तब से बिहार के लिए वह काम करते आ रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोगों को काम से मतलब नहीं था। जब उनको काम करने का मौका मिला तो हॉस्पिटल का क्या हाल था, सबको पता है। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। एक पीएचसी में हर माह करीब 10 हजार लोग इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टर मौजूद रहते हैं दवा भी मिलता है। एक-एक चीज पर काम किया जा रहा है।
बिहार में तीसरे और अंतिम चरण के विधानसभा चुनाव के लिए सात नवंबर को 78 सीटों के मतदाता मतदान करेंगे। इस चरण का चुनाव तो ऐसे सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के लिए जहां अपनी पुरानी सीटों को बचाए रखना चुनौती है वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता 2010 के चुनाव वाली सफलता दोहराने के लिए मेहनत कर रही है।
रोजगार के मुद्दे साधा निशाना
नईदिल्ली। अर्थव्यवस्था में गिरावट तथा बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेरने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब देश में घटती नौकरियों को लेकर हमला बोला है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र के फैसलों ने लोगों को बहुत प्रभावित किया है। आज लोगों के पास न तो रोजगार और न ही कोई नौकरियां.. ऐसे में समाधान खोजने की बजाय सरकार खोखले वादे कर सिर्फ लोगों को बरगलाने का काम कर रही है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर कहा कि आज सरकार के गैरजिम्मेदाराना रवैये से बेरोजगारी एक राष्ट्रीय आपदा बन गई है। उन्होंने कहा कि 'रोजग़ार की कमी एक ऐसी राष्ट्रीय आपदा है जो गहराती जा रही है। मोदी सरकार सिफऱ् खोखले वादे करना जानती है, समाधान करना नहीं।Ó रोजगार के मुद्दे पर अगर सरकार गंभीर होती तो लॉकडाउन के दौरान और बाद संकट गहराया नहीं होता।
अपने इस ट्वीट के साथ राहुल ने एक खबर का स्क्रीनशॉट भी साझा किया गै, जिसमें लिखा है कि सितम्बर माह की तुलना में अक्टूबर में देश में 60 फीसदी तक नौकरियां घटी हैं। यह आंकड़ा नेशनल करियर सर्विस पोर्टल द्वारा जारी किया गया है।
नईदिल्ली। भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने का विरोध करते हुए आज कहा कि इससे पता चल गया है कि पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के उत्पीडऩ एवं अत्याचार लगातार करती आ रही है। विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में कहा, हमने उन रिपोर्टों को देखा जिनके अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है।
बयान में कहा गया, पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है। ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का आह्वान किया कि वह सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को बदले। बयान में कहा गया कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का यह अधिकार है।
बडग़ाम में पुलिस मुलाजिम की हत्या कर पेड़ से लटकाई लाश
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां से बड़ी खबर सामने आई है। यहां आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर बैंक की कैश वैन से 60 लाख रुपए लूट लिए। उक्त वैन वैन गुरुवार सुबह पैसे लेकर निकली थी। कैश वैन अभी जम्मू कश्मीर बैंक के पास ही थी कि पहले से घात लगाए बैठे आतंकियों ने फायरिंग कर कैश वैन को लूट लिया और वैन लेकर फरार हो गए। वैन में 60 लाख रुपए थे। वैसे रकम में फेरबदल संभव है क्योंकि कुछ रिपोट्र्स में बताया जाता है कि वैन में 80 लाख रुपए थे। सूत्रों ने कहा, लुटेरों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान लांच किया गया है।
उधर, बडगाम में एक लापता पुलिसकर्मी का शव वीरवार को पेड़ से लटका मिला। उसके दोनों हाथ भी बंधे हुए थे। पुलिस ने हत्या व अगवा का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस में आईआरपी की 21वीं वाहिनी का एक कांस्टेबल मोहम्मद अशरफ बुधवार की रात को अचानक गायब हो गया था। वह बडगाम जिले के अरचंद्रहामा, मागाम का रहने वाला था। बीते कुछ समय से उत्तरी कश्मीर के परिहासपोरा पट्टन में तैनात था।
सभी दलों ने झोंकी ताकत
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे और अंतिम चरण के मतदान वालों क्षेत्रों में गुरुवार की शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा। अंतिम दिन चुनाव प्रचार को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। चुनावी मैदान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भाजपा के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह भी चुनावी प्रचार के लिए बिहार पहुंचे हैं।
इसके अलावा राजग ने प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से राजद नेता तेजस्वी यादव सहित कई नेता चुनावी रैली कर रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण के चुनाव में 12 मंत्रियों सहित कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है। सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, मधेपुरा से नरेंद्र नारायण यादव, केवटी से राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी, बोचहा से रमई राम, सहरसा से लवली आनंद सहित कई दिग्गज चुनावी मैदान में हैं। इस चरण में 1204 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है।
बिहार के चुनावी दंगल में राजग से सीधी टक्कर विपक्षी दल के महागठबंधन से मानी जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं, जबकि केंद्र में राजग की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) यहां अलग होकर चुनाव मैदान में है।
कोरोना से बचाव के लिये की जा रही थी इस्तेमाल
नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से बचाव के नाम पर इस्तेमाल हो रहे डिसइंफेक्शन टनल बंद करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह एक महीने के भीतर इस बारे में निर्देश जारी करे। सरकार यह स्वीकार कर चुकी है कि लोगों पर केमिकल का छिड़काव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
पिछले 07 सितम्बर को केंद्र सरकार ने कहा था कि कोरोना से बचाव के लिए डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल सही नहीं है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इसमें होने वाला छिड़काव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर ये नुकसान पहुंचा सकते हैं तो इस पर रोक क्यों नहीं लगा रहे हैं। तब मेहता ने कोर्ट को बताया कि डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल बंद करने के लिए निर्देश जारी कर दिया जाएगा।
याचिका लॉ छात्र गुरसिमरन सिंह नरुला ने दायर की थी। याचिका में डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल बंद करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरे अथॉरिटीज ने इस टनल के दुष्परिणाम के बारे में चेतावनी दी है। याचिका में कहा गया था कि कोरोना संकट के दौरान डिसइंफेक्शन उपकरणों के विज्ञापन की बाढ़ आ गई है।