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दिसंबर के अतं तक चार करोड़ कोरोना वैक्सीन होगी तैयार: अमेरिका
Posted Date : 19-Nov-2020 12:55:25 pm

दिसंबर के अतं तक चार करोड़ कोरोना वैक्सीन होगी तैयार: अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि खाद्य और औषधि प्रशासन प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद देश में अगले वर्ष जनवरी की शुरुआत तक बाजार में पहुंचने के लिए चार करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक तैयार होगी। स्वास्थ्य मंत्री अलेक्स अजर ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा,  हमें उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक हमारे पास कोरोना वायरस की चार करोड़ से अधिक वैक्सीन बाजार में वितरण करने के लिए तैयार होगी और इसके लिए हम खाद्य और औषधि प्रशासन प्राधिकरण से अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे है। 
उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के आते ही यह टीका दो करोड़ अमेरिकी नागरिकों को लगाया जाएगा और जरूरतमंत लोगों को भी प्राथमिकता दी जायेगी।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कोरोना वैक्सीन की खरीद फाइजर और सह-सहयोगी बीओ-एनटेक या मॉडेर्ना से की जाएगी। ट्रम्प प्रशासन के ऑपरेशन स्पीड के मुख्य सलाहकार डॉ मोन्सेप सलोई ने इस संबंध में कहा कि निकट भविष्य में आपातकालीन स्वीकृति के लिए कोरोना के दो अलग-अलग टीके तैयार किए जाएंगे।

दूसरी जांच में भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये जेलेंस्की
Posted Date : 19-Nov-2020 12:54:22 pm

दूसरी जांच में भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये जेलेंस्की

कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दूसरी जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद दी है। उन्होंने टेलीग्राम पर वीडियो पोस्ट कर कहा,  दुर्भाग्य से मेरी दूसरी जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है, लेकिन मैं प्रत्येक दिन काम कर रहा हूं। मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं। आज वास आ रही है, मेरी ताकत लौट रही है। 
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति की प्रवक्ता इयूलिजा मेंडेल था कि श्री जेलेंस्की के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि श्री जेलेंस्की ने नौ नंबर को खुद को कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। बाद में राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमैक ने कहा कि वह भी कोविड-19 से संक्रमित हैं। श्री येरमैक के सलाहकार मिखाइल पोडोलीक ने 12 नवंबर को कहा कि श्री जेलेंस्की और श्री येरमैक का कीव स्थित एक अस्पताल में उपचार चल रहा है।

ईरान में ट्रेन हादसे में 20 घायल
Posted Date : 19-Nov-2020 12:53:41 pm

ईरान में ट्रेन हादसे में 20 घायल

तेहरान । ईरान में दो ट्रेनों की टक्कर में कम से कम लोग घायल हुए हैं। तास्नीम न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के पश्चिमोतर प्रांत काज्विन में एक यात्री ट्रेन मालवाहक ट्रेन से टकरा गयी।
ईरान के आपातकालीन संगठन के प्रमुख मोज्तबा खालिदी के अनुसार सभी घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है। उन्होंने कहा,  इस हादसे में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि यह हादसा रेलवे कर्मचारियों की वजह से हुआ।

समावेश, विविधता और उत्कृष्टता के मेल का प्रतिनिधित्व करता है जेएनयू: कोविंद
Posted Date : 18-Nov-2020 2:21:15 pm

समावेश, विविधता और उत्कृष्टता के मेल का प्रतिनिधित्व करता है जेएनयू: कोविंद

राष्ट्रपति ने चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह को किया संबोधित 
नईदिल्ली। भारत के सभी हिस्सों से और समाज के सभी वर्गों से आने वाले छात्र उत्कृष्टता के लिए समान अवसर के माहौल में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अध्ययन करते हैं। अलग तरह के करियर के इच्छुक छात्र जेएनयू में एक साथ आते हैं। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वीडियो संदेश के जरिए बुधवार को जेएनयू के चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय समावेश, विविधता और उत्कृष्टता के मेल का प्रतिनिधित्व करता है।
कोविन्द ने कहा कि जेएनयू में भारतीय संस्कृति के सभी रंग दिखते हैं। विश्वविद्यालय परिसर में स्थित इमारतों, छात्रावासों, सड़कों और प्रतिष्ठानों के नाम भारतीय विरासत से लिए गए हैं। यह भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक तस्वीर का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारतीयता जेएनयू की विरासत है और इसे मजबूत करना इसका कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि जेएनयू के उत्कृष्ट संकाय खुली बहस और विचारों के अंतर का सम्मान करने की भावना को प्रोत्साहित करते रहे हैं। छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में भागीदार माना जाता है और उच्च शिक्षा में ऐसा ही होना चाहिए। विश्वविद्यालय जीवंत चर्चाओं के लिए जाना जाता है, जो कक्षाओं के बाहर, कैफेटेरिया और ढाबों में हर समय होती रहती हैं। उन्होंने प्राचीन भारत के शिक्षण और अनुसंधान के गौरवशाली अतीत का उल्लेख करते हुएकहा कि आज की चुनौतियों से निपटने के लिएहम तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने शिक्षण और अनुसंधान के उच्च स्तर निर्धारित किए थे। विशेष ज्ञान प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के विद्वान और छात्र इन केंद्रों में आए। उस प्राचीन प्रणाली में आधुनिकता के कई तत्व थे और उसने चरक, आर्यभट्ट, चाणक्य, पाणिनि, पतंजलि, गार्गी, मैत्रेयी और थिरुवल्लुवर जैसे महान विद्वानों को जन्म दिया। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, व्याकरण और सामाजिक विकास में अमूल्य योगदान दिया। दुनिया के अन्य हिस्सों के लोगों ने भारतीय विद्वानों के कार्यों का अनुवाद किया और ज्ञान के और विकास के लिएउनकी शिक्षाओं का इस्तेमाल किया। आज के भारतीय विद्वानों को इस तरह के मूल ज्ञान का सृजन करने की कोशिश करनी चाहिए जिसका इस्तेमाल समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाए। जेएनयू उच्च शिक्षा के उन चुनिंदा संस्थानों में से है जो वैश्विक रूप से तुलनीय उत्कृष्टता तक पहुँच सकते हैं।
उन्होंने कोविड-19 महामारी की चर्चा करते कहा कि आज दुनिया इस महामारी के कारण संकट की स्थिति में है। महामारी के वर्तमान परिदृश्य में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बताती है कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए संक्रामक रोगों, महामारी विज्ञान, वायरोलॉजी, डायग्नोस्टिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, वैक्सीनोलॉजी और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में अनुसंधान करने का बीड़ा उठाना महत्वपूर्ण है। संबंधित सामाजिक मुद्दों का भी अध्ययन करने की जरूरत है, विशेषकर बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ ऐसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कोशिश मेंजेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों को विशिष्ट सहायता तंत्र विकसित करने और छात्र समुदायों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सबसे आगे होना चाहिए।

पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए
Posted Date : 18-Nov-2020 2:10:31 pm

पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए

अभी तक 12 लाख से अधिक आवेदनों को मंजूरी
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि-पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए है। इस विशेष सूक्ष्म ऋ ण सुविधा योजना के अंतर्गत 12 लाख से अधिक आवेदनों को अभी तक मंजूरी दी गई है और लगभग 5.35 लाख ऋण वितरित किए गए है। उत्तर प्रदेश में 6.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 3.27 लाख आवदेनों को मंजूरी दी गई है और 1.87 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में स्वनिधि योजना के ऋण समझौते के लिए स्टैम्प शुल्क माफ किया गया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण अपना कारोबारी स्थान छोड़कर पैतृक स्थान जाने वाले वेंडर्स वापसी पर इस योजना के पात्र होते हैं। ऋण प्रावधान को बाधारहित बनाया गया है। किसी भी सामान्य सेवा केन्द्र या पालिका कार्यालय या बैंकों से आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किये जा सकते है। बैंक भी स्ट्रीट वेंडरों के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं, ताकि कारोबार शुरू करने के लिए उन्हें ऋण उपलबध कराया जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सिलसिले में बैंक कर्मियों के कठिन परिश्रम की सराहना करते हुए कहा है कि एक समय था जब स्ट्रीट वेंडर बैंकों के अंदर नहीं जाते थे, लेकिन अब बैंक उनके घर पहुंच रहे हैं। 
पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और निरंतरता के साथ योजना को तेजी से लागू करने के काम को सुनिश्चित करने के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप के साथ डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया गया है, ताकि प्रारंभ से अंत तक के समाधान के साथ योजना को लागू किया जा सके। आईटी प्लेटफार्म ऋण प्रबंधन के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप को सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल से एकीकृत करता है तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय का पोर्टल पैसा से एकीकृत करता है, ताकि स्वत: ब्याज सब्सिडी दिलाई जा सके। यह योजना प्राप्तियों/यूपीआई जैसे डिजिटल साधनों के उपयोग से किए गए भुगतान, भुगतान संग्रहकर्ता के क्यूआर कोड, रुपे-डेबिट कार्ड आदि उपायों से वेंडरों के डिजिटल लेनदेन को मासिक कैश बैक के माध्यम से प्रोत्साहित करती है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पहले ट्वीट किया था कि उनका मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रक्रिया को सहज और प्रयासरहित बनाने के लिए सभी संबंधित हितधारकों के साथ काम कर रहा है। 
कोविड-19 महामारी लॉकडाउन ने स्थानीय व्यापारियों की दृढ़ता को प्रदर्शित किया है और स्थानीय व्यापारी सरकार की सहायता से फिर से कारोबार के लिए तैयार हो सकते हैं और अपनी आजीविका को मजबूत बना सकते हैं। अधिकतर स्ट्रीट वेंडर्स जिन्हें स्वनिधि योजना के माध्यम से ऋण दिये गये थे, वे समय पर ऋण का पुनर्भुगतान कर रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि छोटी अवधि के कर्जदार अपनी ईमानदारी और नेकनियती से किसी तरह का समझौता नहीं करते। पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन की स्थिति और प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया था कि यह योजना आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है, जहां प्रत्येक भारतीय देश की प्रगति में हितधारक है। 
योजना को लागू करने में शहरी और स्थानीय निकाय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। शहरी और स्थानीय निकाय योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में स्ट्रीट वेंडरों के एसोसिएशन, कारोबार अभिकर्ता (बीसी), बैंकों के एजेंट/माइक्रो फाइनेंस संस्थान (एमएफआई), स्वयं सहायता समूह और उनके संघों भीम, पेटीएम, गूगल पे, भारत पे, अमेजॉन पे, फोन पे, आदि डिजिटल भुगतान संग्रहणकर्ताओं जैसे सभी हितधारकों के नेटवर्क का लाभ उठा रहे हैं। 

भारत का एआई सुपरकम्प्यूटर परम सिद्धी को 63वां स्थान मिला
Posted Date : 18-Nov-2020 2:09:26 pm

भारत का एआई सुपरकम्प्यूटर परम सिद्धी को 63वां स्थान मिला

नईदिल्ली। सी-डैक के राष्ट्रीय सुपर-कम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत बने उच्च कार्य प्रदर्शन वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एचपीसी-एआई) सुपरकम्प्यूटर परम सिद्धी को विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली 500 नन-डिस्ट्रीब्यूटेड कम्प्यूटर प्रणालियों में 63वां स्थान प्राप्त हुआ है। रैंकिंग का परिणाम 16 नवम्बर, 2020 को जारी किया गया। 
एआई प्रणाली एडवांस मैटेरियल, कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री तथा एस्ट्रोफिजिक्स जैसे क्षेत्रों में ऐप्लीकेशन विकास पैकेज को मजबूत बनाएगी। मिशन के अंतर्गत प्लेटफार्म पर ड्रग डिजाइन, रोकथाम करके वाली स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए अनेक पैकेज विकसित किये जा रहे हैं। मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, पटना तथा गुवाहाटी जैसे बाढ़ की संभावना वाले शहरों के लिए बाढ पूर्वानुमान पैकेज विकसित किया जा रहा है। इससे कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में अनुसंधान और विकास को तेज सिमुलेशन्स, मेडिकल इमेजिंग, जीनोम अनुक्रमण तथा पूर्वानुमान के माध्यम से तेजी आएगी। यह भारतीय जनता और स्टार्टअप तथा विशेष रूप से एमएसएमई के लिए वरदान है।
यह ऐप्लीकेशन विकसित करने वालों के लिए वरदान है और इससे एनसीएमआरडब्ल्यूएफ तथा आईआईटीएम द्वारा मौसम पूर्वानुमान पैकेज की जांच तेल तथा गैस निकासी के लिए जिओ-एक्सप्लोरेशन, ऐरो-डिजाइन अध्ययन, कम्प्यूटेशनल भौतिकी तथा गणित संबंधी ऐप्लीकेशनों की जांच में मदद मिलेगी और शिक्षा के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भी सहायता मिलेगी। 
5.267 पेटाफ्लॉप्स के आरपिक तथा 4.6 पेटाफ्लॉप्स आरमैक्स (सस्टेन्ड) के साथ इस सुपर कम्प्यूटर की परिकल्पना सी-डैक द्वारा की गई और राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन-एनएसएम के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के समर्थन से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। 
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा है कि यह ऐतिहासिक है। भारत के पास विश्व में सबसे बड़ी सुपर कम्प्यूटिंग सरंचना है और यह आज परम सिद्धी-एआई की रैंकिंग से साबित हो गया है। 
प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि मेरी सच्ची मान्यता है कि परम सिद्धी-एआई हमारे राष्ट्रीय शैक्षिक तथा अनुसंधान और विकास संस्थानों को सशक्त बनाएगा और नेशनल नॉलेज नेटवर्क (एनकेएन) के ऊपर राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटर ग्रिड के नेटवर्क पर देश में फैले उद्योगों तथा स्टार्टअप को मजबूती प्रदान करेगा। 
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि परम सिद्धी-एआई के साथ देश में वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी समुदाय स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, ऊर्जा, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, एआई ऐप्लीकेशनों, मौसम तथा जलवायु मॉडलिंग, शहरी नियोजन की बहुविषयी चुनौतियों के समाधान में और अधिक सक्षम और सशक्त होगा। 
उन्होंने कहा कि यह विज्ञान और टैक्नोलॉजी नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता की हमारी यात्रा में महत्वपूर्ण कड़ी है।
परम सिद्धी सुपरकम्प्यूटर सी-डैक के स्वदेश में विकसित एचपीसी-एआई इंजन, सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क तथा क्लाउड प्लेटफार्म के साथ एनवीआईडीआईए डीजीएक्स सुपर-पीओडी रेफरेंस आर्किटैक्चर नेटवर्किंग पर बना है। यह डीप लर्निंग, विजुअल कम्प्यूटिंग, वर्चुअल रियल्टी एक्सेलेरेटेड कम्प्यूटिंग और ग्राफिक्स वर्चुअलाइजेशन में मददगार साबित होगा।