0- 24 घंटे में 1.27 लाख नए मामले, 2795 मरीजों की मौत
नई दिल्ली ,01 जून । देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी भी जारी है, लेकिन धीरे धीर दैनिक मामलों में कमी आ रही है। वहीं संक्रमण से मरने वाला दैनिक आंकड़ा भी तीन हजार से कम आ गया ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ो के मुताबिक देश में 54 दिन बाद 24 घंटे में कोविड-19 के सबसे कम 1,27,510 नए मामले सामने आए, जिसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या 2,81,75,044 हो गई है। वहीं नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर भी कम होकर 6.62 प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय कक आंकड़ों के अनुसार देश में 2,795 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढक़र 3,31,895 हो गई। देश में 35 दिन बाद संक्रमण से मौत के इतने कम मामले सामने आए हैं। वहीं 43 दिन बाद उपचाराधीन मामले भी 20 लाख से कम दर्ज किए गए। वहीं आंकड़ों के अनुसार संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 19वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही। देश में अभी तक कुल 2,59,47,629 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर भी बढक़र 92.09 प्रतिशत हो गई है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत हो गई है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्तूबर को 70 लाख, 29 अक्तूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।
सक्रिय मामलों की संख्या भी घटी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में सक्रिय मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। वहीं बीते 24 घंटे में सक्रिय मामलों में 1.3 लाख की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक सप्ताह से लगातार मामले घट रहे हैं, जो कि एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि तीन मई को देश में 17.13 फीसदी सक्रिय मामले थे अब वह सिर्फ 6.73 फीसदी रह गए हैं। देश में उपचाराधीन लोगों की संख्या भी 43 दिन बाद 20 लाख से कम हो गई है। अभी 18,95,520 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 6.73 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 1,30,572 की गिरावट आई है।
29 राज्यों में पांच हजार से कम मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां प्रतिदिन 5000 से कम मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 28 अप्रैल से 4 मई के बीच देश में 531 ऐसे जिले थे जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे थे। ऐसे जि़ले अब 295 रह गए हैं।
पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से कम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 34,67,92,257 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 19,25,374 नमूनों की जांच सोमवार को की गई। मंत्रालय ने बताया कि नमूनों के संक्रमित पाए जाने की दैनिक दर अब 6.62 प्रतिशत है, जो लगातार आठ दिन से 10 प्रतिशत से कम बनी हुई है। वहीं, संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 8.64 प्रतिशत हो गई है। लव अग्रवाल ने कहा कि 16-22 फरवरी के बीच प्रतिदिन देश में 7.7 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे थे। अब हम लगभग 20 लाख टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं। अब तक हम देश में कुल 34.67 करोड़ टेस्ट कर चुके हैं।
देश में 21.6 करोड़ का टीकाकरण
लव अग्रवाल ने कहा कि अब तक देश में 21.6 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। 45 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग में 15.48 करोड़ डोज, हेल्थकेयर को 1.67 करोड़ डोज और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 2.42 करोड़ डोज, 18-44 आयु वर्ग को 2.03 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं।
नई दिल्ली ,01 जून । विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर साल पहली जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता।
मंत्री जी ने डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की। जिसकी तीन श्रेणियां हैं द्ब) सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, द्बद्ब) सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और )सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दुग्ध उत्पादक कंपनी / एफपीओ। उन्होंने उल्लेख किया कि पात्र किसान/डेयरी सहकारी समितियां/एआई तकनीशियन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पुरस्कार के लिए पोर्टल 15 जुलाई 2021 से खुलेगा। पुरस्कार के लिए विजेताओं की घोषणा 31 अक्टूबर 2021 को की जाएगी।
उन्होंने उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई गोपाला ऐप के एकीकरण की भी घोषणा की ताकि उमंग प्लेटफॉर्म के 3.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं को ऐप तक पहुंच प्राप्त हो सके। ई-गोपाला ऐप (उत्पादक पशुधन के माध्यम से धन का सृजन) एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए सूचना पोर्टल माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 10 सितंबर 2020 को लॉन्च किया गया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, मंत्री जी ने कहा कि भारत डेयरी देशों में एक वैश्विक लीडर है और 2019-20 के दौरान 198.4 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया। 2018-19 के दौरान दूध के उत्पादन का मूल्य वर्तमान कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक है जो गेहूं और धान के कुल उत्पादन के मूल्य से भी अधिक है।
मंत्री जी ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशतप्रति वर्ष की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2013-14 में जहां 307 ग्राम थी बढक़र 2019-2020 में 406 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन हो गई है जो कि 32.24 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को आजीविका प्रदान करता है इसमें मुख्य रूप से छोटे और सीमांत और भूमिहीन किसानहैद्य देश की डेयरी सहकारी समितियों को अपनी बिक्री का औसतन पचहत्तर प्रतिशत किसानों को प्रदान करती है और 2 करोड़ से अधिक डेयरी किसान डेयरी सहकारी समितियों में संगठित हुए और 1.94 लाख डेयरी सहकारी समितियां दूध गांवों से दूध एकत्र कर रही हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालयान और प्रताप चंद्र सारंगी ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में वस्तुत: किसानों, डेयरी संघों के सदस्यों, डेयरी सहकारी समितियों, अनुसंधान विद्वानों, प्रशासकों आदि ने भाग लिया।
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद आनुवंशिक उन्नयन कार्यक्रम में नस्ल सुधार प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, इस सत्र में कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
नई दिल्ली ,01 जून । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 01 जून, 2021 को ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों ने मौजूदा क्षेत्रीय स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा की। दोनों मंत्रियों ने उस गतिशीलता को याद किया, जिसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग ने जून, 2020 में साझेदारी को उन्नत करके व्यापक रणनीतिक साझेदारी बनाने के दौरान प्राप्त किया है। वहीं इस आगे बढ़ती हुई साझेदारी में अभ्यास मालाबार में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर रही है।
दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों पर संतोष व्यक्त किया है। दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति की समीक्षा की और सशस्त्र बलों के बीच संबंधों को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस बातचीत के दौरान, दोनों मंत्रियों ने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता जल्द से जल्द बुलाने की अपनी इच्छा व्यक्त की।
राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की सहायता के लिए ऑस्ट्रेलिया को धन्यवाद दिया।
नई दिल्ली ,31 मई । मानसून 3 जून को केरल पहुंचेगा। 2 और 3 जून को यहां भारी बारिश की संभावना है। दिल्ली में रविवार को मौसम बदल गया और हल्की बारिश हुई। अगले 2-3 दिन ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक, एक के बाद एक आए दो चक्रवाती तूफानों के कारण इस साल कहीं हीटवेव नहीं चलेगी।
समुद्री तूफान ताऊ ते और यास की वजह से मध्यप्रदेश, यूपी, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मई में भी बारिश हो रही है। साथ ही बादल छाए होने की वजह से अधिकतम तापमान भी 40 डिग्री से नीचे बना हुआ है। रविवार शाम को दिल्ली के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी चली। सोमवार को यहां न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश के अनुमान के बावजूद दिन में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 106 दर्ज किया गया।
इस बार सामान्य रहेगा मानसून
बीती 27 मई को मौसम विभाग ने 31 मई को मानसून के केरल पहुंचने की संभावना जाहिर की थी। आमतौर पर मानसून के आने की तारीख 1 जून होती है। मौसम विभाग ने कहा था कि इस साल सामान्य बारिश का अनुमान है। जून से सितंबर के बीच होने वाली इस मानसूनी बारिश में चावल, मक्का, सोयाबीन और कपास की बुवाई होती है। इस सीजन में होने वाली बारिश पर देश की आधी खेती निर्भर करती है। मौसम विभाग इसके 3 जून को केरल के तट पर पहुंचने की भविष्यवाणी कर रहा है।
नई दिल्ली ,31 मई । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपने ग्राहकों को सहयोग देने के लिए अपने सदस्यों को दूसरे नन-रिफंडेबल (गैर-वापसी) कोविड-19 एडवांस (अग्रिम) का लाभ उठाने की अनुमति दी है। महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष निकासी का प्रावधान मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत किया गया था। इस विषय में श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में संशोधन करके सरकारी गजट में अधिसूचना के माध्यम से पैराग्राफ 68एल के तहत सब-पैरा (3) जोड़ा गया था।
इस प्रावधान के अंतर्गत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते की सीमा तक गैर-वापसी योग्य निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य की जमा राशि का 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, दिया जाता है। सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
कोविड-19 एडवांस महामारी के दौरान ईपीएफ सदस्यों को बड़ी सहायता रही है विशेषकर उन लोगों के लिए जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपए से कम है। ईपीएफओ ने अब तक 76.31 लाख कोविड एडवांस दावों का निपटान किया है और कुल 18,698.15 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान हाल में म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया गया है। ऐसे कठिन समय में ईपीएफओ का प्रयास अपने सदस्यों की मदद करना रहा है ताकि सदस्य अपनी वित्तीय आवश्यकताएं पूरी कर सकें। पहला कोविड-19 एडवांस का लाभ उठाने वाले सदस्य दूसरे कोविड-19 एडवांस का विकल्प भी चुन सकते हैं। दूसरे कोविड-19 एडवांस का प्रावधान और प्रक्रिया पहले एडवांस की तरह ही है।
संकट के समय में सदस्यों के लिए वित्तीय सहयोग की आवश्यकता पर विचार करते हुए कोविड-19 दावों को उच्च प्रथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। ईपीएफओ दावों की प्राप्ति के तीन दिनों के अंदर उन्हें निपटाने के लिए संकल्पबद्ध है। ईपीएफओ ने इसके लिए ऐसे सभी सदस्यों के संबंध में एक प्रणाली संचालित ऑटो-क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया की तैनाती की है, जिनकी केवाईसी आवश्यकताएं सभी दृष्टि से पूर्ण हैं। निपटान का ऑटो-मोड ईपीएफओ को 20 दिनों के भीतर दावों को निपटाने के लिए वैधानिक आवश्यकता की जगह दावा निपटान चक्र को केवल 3 दिनों तक कम करने में सक्षम बनाता है।
नई दिल्ली ,31 मई । हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अर्थात् प्रत्येक घर को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर सुनिश्चित नल के पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए जल जीवन मिशन के तहत गुजरात राज्य को 3,410.61 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में आवंटित किए हैं। इस आवंटन की पहली किस्त के रूप में 852.65 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुजरात राज्य को जलापूर्ति के लिए अनुदान आवंटन में चार गुना वृद्धि को मंजूरी दी। वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार का आवंटन 390.31 करोड़ रुपये था, जिसे 2020-21 में बढ़ाकर 883.08 करोड़ रुपये कर दिया गया।
जीवन बदलने वाला जल जीवन मिशन-हर घर जल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को शुरू किया गया था ताकि 2024 तक गांवों में रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर ग्रामीण घर में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। गुजरात में, 2020-21 के दौरान, 10.94 लाख ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं और 2021-22 में भी राज्य की योजना 10 लाख से अधिक घरों में नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने की है। गुजरात में 92.92 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से अब 77.21 लाख (83 प्रतिशत) घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
पिछले वर्ष केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ समीक्षा बैठक के दौरान, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राष्ट्रीय लक्ष्य से दो साल पहले, 2022 तक राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन को तेजी से और बड़े पैमाने पर लागू करने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर जोर दिया है। जल जीवन मिशन इस सिद्धांत के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि गांव के हर घर में नल के पानी की आपूर्ति हो। गुजरात में करीब 18 हजार गांवों में से 6700 से ज्यादा गांवों में हर घर में नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। 2020-21 में, प्रत्येक घर को नल के पानी का एक चालू कनेक्शन प्रदान करके लगभग 5,900 गांवों को हर घर जल वाला बनाया गया था। राज्य के 5 जिलों में, प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल के पानी की आपूर्ति है।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा अनुमोदित राज्य की वार्षिक कार्य योजना के अनुसार, अन्य 18 जिलों तथा 6,400 और गांवों में नल के पानी की आपूर्ति के साथ 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण कोई भी छूटे नहीं के अनुरूप राष्ट्रीय जल जीवन मिशन राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाइप से जलापूर्ति व्यवस्था वाले सभी गांवों में प्राथमिकता के साथ हर घर को नल का पानी कनेक्शन दिया जाए। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में गुजरात के 12 हजार से ज्यादा गांव और 23 जिले हर घर जल वाले गांव बन जाएंगे यानी हर घर में नल के पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 100 दिनों के अभियान के तहत और 2 अक्टूबर, 2020 को स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और आश्रम शालाओं में नल के पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए शुरू किये गये अभियान के अंतर्गत, राज्य सरकार ने सभी 29,754 ग्रामीण स्कूलों और 42,279 आंगनबाड़ी केंद्रों में नल के पानी के कनेक्शन सुनिश्चित किए। इस योजना के अंतर्गत 98.5 प्रतिशत स्कूलों और लगभग 91 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में हाथ धोने की सुविधा भी प्रदान की है। इस अभियान और इसके सफल कार्यान्वयन ने सुनिश्चित किया है कि हमारे बच्चों को अब सभी शिक्षण और डे-केयर केंद्रों में सुरक्षित पानी उपलब्ध है, इस प्रकार उनके बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर स्वच्छता और सफाई की सुविधा उपलब्ध है।
गुजरात सामुदायिक जुड़ाव और ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए पानी समितियों की स्थापना के लिए देश में अग्रणी रहा है। वर्ष 2002 के आरम्भ में जल और स्वच्छता प्रबंधन संगठन (डब्ल्यूएएसएमओ) की स्थापना के साथ इसकी शुरुआत की गई थी। राज्य के 17,255 गांवों में, 10-15 सदस्यों वाली ग्राम जल और स्वच्छता समितियां (वीडब्ल्यूएससी) योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और गांवों में जलापूर्ति व्यवस्था का रखरखाव के कार्य में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अब तक, 17,107 गांवों में, दीर्घकालिक जल सुरक्षा और बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, 15वें वित्त आयोग अनुदान अवधि के साथ 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना (वीएपी) सह-टर्मिनस तैयार किए गए हैं। यह एक निम्न से उच्च का दृष्टिकोण है जहां समुदाय शुरू से ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुदाय के लोग उपलब्ध जल स्रोतों का नक्शा बनाते हैं और गाँव में आवश्यकता के आधार पर जन स्वास्थ्य अभियंता के तकनीकी सहयोग से एक योजना तैयार करते हैं।
राज्य ने गैर सरकारी संगठन-एनजीओ/सीबीओ और स्वयंसेवी संगठनों के साथ भागीदारी की है ताकि स्थानीय समुदाय को संगठित करने और उसे योजना से जोडऩे के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आईएसए) के रूप में काम किया जा सके। वर्तमान में, ऐसे 21 आईएसए काम कर रहे हैं और अन्य 25 को आईएसए के रूप में शामिल करने की योजना है। डब्ल्यूएएसएमओ के पास उपलब्ध 400 सामाजिक कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम के साथ यह दल समुदाय को ग्राम कार्य योजना, अपशिष्ट जल प्रबंधन, ओ एंड एम और स्रोत सुदृढ़ीकरण आदि की तैयारी के लिए सौंपेगी। इस वर्ष, राज्य सरकार ने अपनी एक प्रमुख गतिविधि के अंतर्गत क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बनाई है। हर घर में जलापूर्ति की योजना और नल के पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए पानी समिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियंता, आईएसए आदि के 8 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने की योजना है। इसका राज्य के प्रत्येक परिवार को जल सुरक्षा प्राप्त करने पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।
राज्य ने आकांक्षी जिलों और एसएजीवाई गांवों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने में तेजी लाई है। गुजरात में कुल 86 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें से 8 प्रयोगशालाएं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं। राज्य ने अगले कुछ महीनों में सभी जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं को एनएबीएल से मान्यता प्रदान करवाने की योजना बनाई है। ग्रामीण परिवारों को प्रदान किए जाने वाले नल के पानी की निगरानी को मजबूत करने के लिए, गुजरात ने 20 गांवों में स्मार्ट जल निगरानी व्यवस्था शुरू की है। दाहोद जिले में चार प्रमुख योजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। राज्य इस साल आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित स्मार्ट जलापूर्ति निगरानी योजना के अंतर्गत 500 से अधिक गांवों को लेने की योजना बना रहा है।
जल जीवन मिशन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना से गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति क्षेत्र में इस वर्ष 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा प्रदान कर रहा है। जल जीवन मिशन के लिए 2021-22 में 50,000 करोड़ का बजट, राज्य के संसाधनों के साथ सामंजस्य कर 15वें वित्त आयोग ने पंचायती राज संस्थाओं को पानी और स्वच्छता के लिए 26,940 करोड़ रुपये का फंड प्रदान किया है।