नई दिल्ली ,03 जून । देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है। इस बीच, केंद्र सरकार देश में कोविड टीकों की किल्लत दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई से कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक खरदीने जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित टीका निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-ई के साथ कोविड-19 रोधी टीके की 30 करोड़ खुराकें बनाने तथा उनका भंडारण करने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए मंत्रालय 1,500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर रहा है। मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि टीके की इन खुराकों का उत्पादन एवं भंडारण बायोलॉजिकल-ई इस साल अगस्त से दिसंबर माह के बीच करेगी। बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम सकारात्मक आए हैं। इसके बाद, इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दी। बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन का अभी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित किया जा रहा टीका एक ‘आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट’ टीका है और यह अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो सकता है।
मंत्रालय के बयान के मुताबिक कोविड-19 के लिए टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) द्वारा बायोलॉजिकल-ई के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद इसको स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई। बायोलॉजिकल-ई के साथ समझौता स्वदेशी टीका निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के केंद्र के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत वह टीका निर्माताओं को अनुसंधान एवं विकास में मदद उपलब्ध कराने के साथ ही वित्तीय सहायता भी दे रहा है।
बायोलॉजिकल-ई के संभावित कोविड टीके को केंद्र ने प्रीक्लिनिकल चरण से लेकर तीसरे चरण तक के अध्ययन में मदद उपलब्ध कराई है। जैवप्रौद्योगिकी विभाग ने न सिर्फ 100 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि देकर वित्तीय मदद की है बल्कि सभी तरह के अध्ययन के लिए बायोलॉजिकल-ई के साथ साझेदारी भी की है। बयान में बताया गया कि यह कदम सरकार के ‘मिशन कोविड सुरक्षा, भारतीय कोविड-19 टीका विकास मिशन’ के तहत उठाया गया है, जिसका लक्ष्य कोविड-19 टीका विकास प्रयासों को गति देना है। मिशन का मकसद नागरिकों को सुरक्षित, प्रभावी, किफायती एवं आसान पहुंच वाला कोविड-19 रोधी टीका उपलब्ध कराना है।
0- केंद्र ने राज्यों और जिलाधिकारियों को जारी किए दिशानिर्देश
नई दिल्ली ,03 जून । महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने इसे लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बुधवार को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि जो कदम उठाए जा रहे हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने और सुगम बनाने के लिहाज से प्राथमिक कर्तव्य वाले लोगों की प्रमुख जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं ताकि महामारी के दौरान बच्चों का सर्वश्रेष्ठ हित सुनिश्चित किया जा सके।
मंत्रालय के सचिव मिश्रा ने राज्यों, जिलाधिकारियों, पुलिस, पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों की भूमिकाएं निर्धारित कर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए। राज्यों को सर्वेक्षण और संपर्क के माध्यम से संकटग्रस्त बच्चों का पता लगाना होगा और हर बच्चे की प्रोफाइल के साथ डाटाबेस तैयार करना होगा। उन्हें बच्चों की विशेष जरूरतों का विवरण भी लिखना होगा और इसे ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड करना होगा। मिश्रा ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) को अस्थाई रूप से ऐसे बच्चों को रखने का जिम्मा दिया जाए जिनके माता-पिता कोविड के कारण अस्वस्थ हैं और उनके परिवार में अन्य कोई संबंधी नहीं है। ऐसे बच्चों को जरूरी मदद दी जाए। उन्होंने ने राज्यों से एक स्थानीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने को कहा जिस पर विशेषज्ञ बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहयोग दे सकें।
9346 बच्चों ने खोय अपने माता या पिता
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए गए एक हलफनामे में कहा है कि राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश में 9346 बच्चे ऐसे हैं जो घातक कोरोना संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता में से कम से कम एक को खो चुके हैं। इनमें 1700 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता, दोनों की ही कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु हो गई है।
0-24 घंटे में 1.34 लाख नए मामले, 2887 मरीजों की मौत
नई दिल्ली ,03 जून कोरोना वायरस की दूसरी लहर में पीक का समय खत्म होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन देश में पिछले लगातार दो दिनों में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में मामूली बढ़ोतरी देखी जा रही है। मसलन बुधवार की तुलना में गुरुवार को कोरोना वायरस के दैनिक मामले बढक़र 1,34,154 सामने आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में एक दिन में 1,34,154 कोरोना के नए मामले आए, जिसके बाद देश में महामारी के कुल मामले 2,84,41,986 पर पहुंच गए। हालांकि संक्रमण दर गिरकर 6.21 प्रतिशत रह गई है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्तूबर को 70 लाख, 29 अक्तूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।
महाराष्ट्र में ज्यादा मौतें
बीते 24 घंटे में जिन 2,887 और लोगों की मौत हुई है, उनमें से 553 की महाराष्ट्र, 483 की तमिलनाडु, 463 की कर्नाटक, 213 की केरल, 135 की पश्चिम बंगाल, 115 की उत्तर प्रदेश और 103 लोगों की मौत दिल्ली में हुई। इस महामारी से अब तक कुल 3,37,989 लोग जान गंवा चुके है। इनमें से सबसे अधिक 96,751 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। इसके बाद 30,017 की मौत कर्नाटक में, 25,205 की तमिलनाडु में, 24,402 की दिल्ली में, 20,787 की उत्तर प्रदेश में, 15,813 की पश्चिम बंगाल में, 14,748 की पंजाब में और 13,117 लोगों की मौत छत्तीसगढ़ में हुई।
सक्रिय मामलों में कमी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से 2,887 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 3,37,989 पर पहुंच गई जबकि कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन 20 लाख से नीचे है। मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 17,13,413 मरीज कोरोना वायरस का इलाज करा रहे हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 6.02 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले वाली लोगों की राष्ट्रीय दर 92.79 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में 2,11,499 मरीज कोरोना से ठीक हुए। स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या लगातार 21वें दिन नए मामलों से अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढक़र 2,63,90,584 हो गई है जबकि मृत्यु दर बढक़र 1.19 प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को कोविड-19 के लिए 21,59,873 नमूनों की जांच की गई और इसके साथ ही अब तक देश में 35,37,82,648 नमूनों की जांच की जा चुकी है। संक्रमण दर 6.21 प्रतिशत दर्ज की गई। यह लगातार 10वें दिन 10 प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी गिरकर 7.66 प्रतिशत रह गई है।
0- पूछा अब तक कितने लोगों को दी गई खुराक
नई दिल्ली ,02 जून । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अब तक कितने लोगों को कोविड-19 टीके की एक या दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। अदालत ने यह भी पूछा है कि गांवों और शहरों में कितनी फीसदी आबादी को टीका लग चुका है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने वैक्सीन खरीद का पूरा ब्योरा भी मांगा है। न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कोविड-19 टीकाकरण नीति पर अपनी सोच दर्शाने वाले प्रासंगिक दस्तावेज और फाइल नोटिंग रिकॉर्ड पर रखे।
शीर्ष अदालत ने कहा, हमने देखा है कि केंद्र सरकार के नौ मई के शपथपत्र में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अदालत के सामने इसे स्वीकार या इससे इनकार करें। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 30 जून तय कर दी। अदालत ने केंद्र से दो सप्ताह के अंदर शपथपत्र दाखिल करने के लिए कहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर उन्होंने (राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने) अपने नागरिकों का टीकाकरण निशुल्क करने का फैसला किया है तो यह जरूरी है कि यह नीति उनके शपथपत्र के साथ संलग्न की जाए जिससे उनके क्षेत्रों की आबादी राज्य के टीकाकरण केंद्र में मुफ्त टीकाकरण के अपने अधिकार के प्रति आश्वस्त हो सके। अदालत ने कहा कि हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी दो सप्ताह में शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी सहित अब तक के सभी कोविड-19 टीकों की खरीद पूरा विवरण देने के लिए कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि अब तक कितने लोगों को वैक्सीन का एक या दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। शीर्ष अदालत कोर्ट ने आदेश दिया कि टीकों की खरीद के वितरण में स्पष्ट करना चाहिए कि सभी तीन टीकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सभी खरीद आदेशों की तारीखें होनी चाहिए। तिथि के अनुसार आदेशित टीकों की मात्रा बताने के लिए कहा गया है।
टीकाकरण कैसे और कब होगा?
साथ ही आपूर्ति की अनुमानित तिथि के बारे में भी खुलासा करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी जानना चाहा है कि फेज-एक, दो और तीन में शेष आबादी का टीकाकरण कैसे और कब होगा। सरकार को इसकी रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने यह आदेश पारित किया है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को यह भी ब्यौरा देने के लिए कहा है कि टीकाकरण अभियान के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों में से कितनी फीसदी जनसंख्या को एक खुराक या दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। सरकार को यह भी बताने के लिए कहा गया है कि गांवों और शहरों में कितनी फीसदी आबादी को कोविड-19 का टीका लग चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इन सभी विवरणों को दो हफ्ते के भीतर एक हलफनामे के माध्यम से दाखिल करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली ,02 जून । सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। मिश्रा ने आज बुधवार को अपना पदभार संभाल लिया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने सोमवार को इनकी नियुक्ति पर मुहर लगाई थी।
एनएचआरसी में जस्टिस एचएल दत्तू पिछले साल दिसंबर महीने में अध्यक्ष पद अध्यक्ष से रिटायर होने के बाद से पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से यह पद खाली था, जिस पर अरुण मिश्रा ने कार्यभार ग्रहण किया है। खास बात ये है कि इस पद के लिए तीन पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था, लेकिन समिति ने जस्टिस मिश्रा को तरजीह दी। जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार और खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव जैन को भी एनएचआरसी के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया गया है। हालांकि इस संबंध में अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। चयन समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े शामिल थे।
खडग़े ने खुद को किया अलग
इस दौरान कांग्रेस नेता खडग़े ने सुझाव दिया था कि चूंकि एनएचआरसी में अधिकांश शिकायतें दलित, आदिवासी या अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़ी होती हैं, इसलिए आयोग में इन समुदायों का कम से कम एक प्रतिनिधि होना चाहिए। इसे नहीं माने जाने पर मल्लिकार्जुन खडग़े ने अपना विरोध दर्ज कराया। सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आयोग के नए अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन करने वाली नियुक्ति समिति की बैठक के दौरान खडग़े ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए नामों के पैनल की सिफारिश किए जाने से संबंधित समिति के फैसले पर अपना विचार रखा था। कांग्रेस नेता ने प्रस्ताव रखा था कि यदि फिलहाल यह संभव नहीं है तो नियुक्ति समिति की बैठक को एक सप्ताह के लिए टाला जा सकता है और बाद में इन वर्गों के उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित किए जा सकते हैं।खडग़े ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि समिति ने उनके एक भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है, ऐसे में वह खुद को इस प्रक्रिया से अलग करते हैं।
0- 24 घंटे में 1.32 लाख नए मामले, 3207 मरीजों की मौत
नई दिल्ली ,02 जून । देश में एक बार फिर कोरोना के दैनिक मामलों में मामूली इजाफा देखा गया, जिसमें मौतों का दैनिक आंकड़े ने फिर तीन हजार की संख्या को पार कर लिया। जबकि एक दिन पहले ही मौतों का आंकड़ा तीन हजार से नीचे गिरा था। मसलन पिछले 24 घंटे में देश में 1,32,788 नए मामले सामने आये और 3207 मरीजों की मौत दर्ज की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,32,788 नए मामले आने के बाद देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढक़र 2,83,07,832 हो गई है, हालांकि संक्रमण की दैनिक दर गिरकर 6.57 प्रतिशत रह गई है। पिछले एक दिन में संक्रमण से 3,207 और लोगों के मरने के बाद देश में अब तक कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बढक़र 3,35,102 हो गई है। देश में कोरोना से राष्ट्रीय मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से ज्यादा हो गई थी। वहीं संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्तूबर को 70 लाख, 29 अक्तूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए।
स्वस्थ होने की दर 92.48 फीसदी
मंत्रालय के अनुसार देश में संक्रमण की साप्ताहिक दर गिरकर 8.21 प्रतिशत रह गई है। कोविड-19 से उबरने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 92.48 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढक़र 2,61,79,085 हो गई है। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 2,31,456 लोग ठीक हुए हैं।
सक्रिय मामलों में गिरावट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी में लगातार दूसरे दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या 20 लाख से कम दर्ज की गई है। यानि सक्रिय मामले अब 17,93,645 रह गये हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 6.34 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों में 1,01,875 की कमी आयी है।
24 घंटे में 20.19 लाख लोगों की जांच
मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को 20,19,773 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। अभी तक देश में कुल 35,00,57,330 नमूनों की जांच की जा चुकी है जबकि संक्रमण की दैनिक दर 6.57 प्रतिशत दर्ज की गई। संक्रमण दर लगातार नौवें दिन 10 प्रतिशत से कम रही है। अब तक कुल 35 करोड़ जांच की गयी और राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लोगों को टीके की 21.85 करोड़ खुराक दी गयीं