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बर्फबारी से हिमाचल में संकट, लाहौल में हिमस्खलन से दुकानें क्षतिग्रस्त; इन इलाकों में खतरे की घंटी
Posted Date : 04-Mar-2024 2:57:18 am

बर्फबारी से हिमाचल में संकट, लाहौल में हिमस्खलन से दुकानें क्षतिग्रस्त; इन इलाकों में खतरे की घंटी

शिमला । हिमाचल प्रदेश के सुदूर लाहौल-स्पीति जिले में रविवार को भारी बर्फबारी के बाद हिमस्खलन की सूचना मिली है। राजस्व अधिकारी के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लाहौल उपमंडल में तांदी पुल के पास हिमस्खलन हुआ। इसके नीचे कुछ दुकानें आंशिक रूप से दब गई हैं। हालांकि, इस आपदा में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
हिमस्खलन के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यात्रा परामर्श भी जारी किया है। अधिकारियों ने कहा कि चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू जिलों के अंदरूनी इलाकों में हिमस्खलन का खतरा है।
इस बीच, मौसम कार्यालय ने कहा कि मंगलवार से पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र से लौटना शुरू हो जाएगा, जो – कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाली और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आगे बढऩे वाली तूफान प्रणाली है। इसमें कहा गया है कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पिछले 24 घंटे में राज्य के कई स्थानों पर व्यापक बारिश और बर्फबारी हुई। मंगलवार रात से क्षेत्र में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है।

 

शाहबाज शरीफ चुने गए पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री
Posted Date : 04-Mar-2024 2:56:58 am

शाहबाज शरीफ चुने गए पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री

इस्लामाबाद  । शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। शरीफ को नेशनल असेंबली में 201 सांसदों का साथ मिला। समर्थक उम्मीदवार उमर अयूब के लिए 92 सांसदों ने वोट किया। नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने नतीजों की घोषणा की। शाहबाज कुछ ही देर में संसद को संबोधित करेंगे।
शहबाज़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार थे। पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज (72) पाकिस्तान के तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (74) के छोटे भाई हैं। सभी को हैरत में डालते हुए नवाज शरीफ ने गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए शहबाज का समर्थन किया था। बता दें, नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद का चुनाव न लडऩे का फैसला किया है क्योंकि उनकी पार्टी पीएमएल-एन को अपने दम पर सरकार बनाने के लिए आठ फरवरी को हुए चुनाव में पर्याप्त सीटें नहीं मिली हैं।

 

उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से आएगा 75,000 करोड़ का निवेश
Posted Date : 03-Mar-2024 3:34:18 am

उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से आएगा 75,000 करोड़ का निवेश

उज्जैन । मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शुक्रवार से दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शुरू हो रहा है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 75 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आने की संभावना जताई जा रही है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, विक्रमोत्सव और विक्रम व्यापार मेले का शुभारंभ किया। मुख्य कार्यक्रम उज्जैन जिले के कालिदास अकादमी में आयोजित किया जायेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना अंतर्गत लाडली बहनों को राशि का भी वितरण करेंगे।
इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में जो प्रोजेक्ट आ रहे हैं, वह प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, इंदौर सहित 20 जिलों में हैं। इन 56 प्रोजेक्ट्स से 75 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आएगा, जिससे 17,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 35 कंपनियों से 74,711 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। यह आंकड़ा कॉन्क्लेव तक और बढ़ेगा।
कॉन्क्लेव में 800 से अधिक इन्वेस्टर्स शामिल होंगे। साथ ही 30 फॉरेन डेलिगेट्स भी सहभागिता करेंगे। कॉन्क्लेव में बड़े उद्योगपतियों को आमंत्रित करने और बड़े एमओयू साइन करने की बजाय सरकार का फोकस है कि ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट्स धरातल पर उतारा जाए। इसी रणनीति के तहत सरकार ऐसी कंपनियों और इंडिविजुअल इन्वेस्टर को प्राथमिकता दे रही है जो तुरंत निवेश के लिए तैयार हों।
कॉन्क्लेव में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बायर-सेलर मीट पर फोकस किया जा रहा है। अभी तक 3,200 से ज्यादा यूनिट्स ने बायर-सेलर मीट में रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके जरिए प्रदेश के उत्पादकों, कृषि उत्पादों, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट्स को वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे। इससे निवेशक सीधे अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख सकेंगे। प्रदेश की औद्योगिक नीति के बारे में विस्तार से चर्चा करने और उद्योगपतियों को जानकारी प्रदान करने के लिए पांच सेक्टोरियल सेशन भी होंगे। इसमें विषय विशेषज्ञ उद्योगपतियों को प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य और नीतियों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

 

भारत का एक और दुश्मन खत्म: लश्कर की खुफिया शाखा के चीफ और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड की मौत
Posted Date : 03-Mar-2024 3:31:46 am

भारत का एक और दुश्मन खत्म: लश्कर की खुफिया शाखा के चीफ और 26/11 हमले के मास्टरमाइंड की मौत

मुंबई । भारत के दुश्मनों का एक-एक कर नाश हो रहा है। कुछ समय से पाकिस्तान में छिपे बैठे कई आतंकियों की मौत हो चुकी है। किसी की मौत प्राकृतिक तौर पर हुई तो किसी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इसी कड़ी में पाकिस्तान में लश्कर आतंकी आजम चीमा की पाकिस्तान के फैसलाबाद में मौत हो गई। आजम चीमा 26/11 हमले का मास्टरमाइंड भी है।
70 वर्षीय चीमा आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की खुफिया शाखा का प्रमुख था। उसकी मौत के बाद पाकिस्तानी के जिहादियों में भय का संचार हो गया है। जानकारी के मुताबिक, लश्कर आतंकी चीमा अपने जीवन के शुरुआती समय में पाकिस्तान के बहावलपुर में अपने बीवी-बच्चों के साथ रहता था। ये वक्त 2000 का दशक था। वह पंजाबी बोलता था। पाकिस्तान में अक्सर उसे अपने बॉडीगार्ड्स के साथ लैंडक्रूजर कार में शान से घूमते देखा गया था। वह बहावलपुर में चल रहे आतंकी शिविरों में इस्लामिक जिहादियों का ब्रेनवाश करने के लिए ढ्ढस्ढ्ढ चीफ जनरल हामिद गुल, ब्रिगेडियर रियाज और कर्नल रफीक को बहावलपुर ले आया था।
इतना ही नहीं चीमा के अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के साथ भी संबंध थे। उसने 2008 में पाकिस्तान के बहावलपुर में लश्कर के कमांडर के तौर पर काम किया था और जकी उर रहमान लखवी का एडवाइजर भी रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी चीमा को मानचित्र का अच्छा अनुभव था वो भारत के मैप पर आतंकियों को देश के प्रमुख सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में बताता था।

 

बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट : सीसीटीवी में आरोपी का चेहरा आया सामने- एआई की मदद से पहचान करेगी पुलिस
Posted Date : 03-Mar-2024 3:31:23 am

बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट : सीसीटीवी में आरोपी का चेहरा आया सामने- एआई की मदद से पहचान करेगी पुलिस

बेंगलुरु । बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे में हुए आईडी ब्लास्ट में 10 लोग घायल हो गए हैं। कैफे में हुए ब्लास्ट की लेटेस्ट वीडियो भी सामने आई है। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा साफ नहीं दिख सका। ऐसे में पुलिस अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से आरोपी की पहचान करेगी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी 25 से 30 साल का शख्स है।
कर्नाटक के डी शिवकुमार ने कहा कि पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है। सीसीटीवी में कैप्चर उसके चेहरे को फेशियल रिकग्निशन सिस्टम से मैच कराया जा रहा है। इससे उसे ट्रैक किया जाएगा।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि मास्क लगाए हुए एक व्यक्ति कैफे के पास बस से उतरता है और 11:30 बजे कैफे में दाखिल होता है। इसके बाद वह इडली ऑर्डर करता है, काउंटर पर पेमेंट करके टोकन लेता है। इसके बाद 11:45 बजे एक बैग को डस्टबिन के पास रखकर चला जाता है। एक घंटे बाद इसी बैग में टाइमर के जरिए धमाका किया गया।
इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज अभी सामने नहीं आया है। जो सीसीटीवी फुटेज और फोटोज अभी सामने आए हैं, वो भी आधिकारिक सोर्स से नहीं मिले हैं। ये सोशल मीडिया पर हैं।
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बड़ी टेक कंपनियों के लिए केंद्र की एडवाइजरी, एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले लेनी होगी अनुमति
Posted Date : 03-Mar-2024 3:26:30 am

बड़ी टेक कंपनियों के लिए केंद्र की एडवाइजरी, एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले लेनी होगी अनुमति

नई दिल्ली ।  केंद्र ने शनिवार को एआई के दुरुपयोग पर बड़े इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की कड़ी आलोचना की और कहा कि सभी मध्यस्थों को किसी भी पूर्वाग्रह या भेदभाव की अनुमति नहीं देनी चाहिए या चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को खतरे में नहीं डालना चाहिए। उसने कहा कि देश में कोई भी एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार की अनुमति अवश्य लें। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि मध्यस्थ या प्लेटफॉर्म नए आईटी नियम, 2021 के तहत उल्लिखित उचित जाँच दायित्वों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
पिछले साल दिसंबर में जारी एडवाइजरी के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अब कहा है कि सभी मध्यस्थों/प्लेटफॉर्मों को सलाह दी जाती है कि वे एआई के कारण यूजरों को होने वाले नुकसान और गलत सूचना, विशेष रूप से डीपफेक संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
डिजिटल प्लेटफार्मों को तत्काल प्रभाव से नए दिशानिर्देशों का पालन करने और इस एडवाइजरी के 15 दिन के भीतर मंत्रालय को की गई कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा, हाल ही में गूगल जेमिनी एआई विवाद के आलोक में, एडवाइजरी अब विशेष रूप से एआई से संबंधित है। डिजिटल प्लेटफॉर्म को पूरी जवाबदेही लेनी होगी और यह कहकर नहीं बच सकते कि ये एआई मॉडल परीक्षण के चरण में हैं।
सोशल मीडिया मीडिएटर्स को परीक्षण के तहत एआई प्लेटफार्मों को लेबल करना होगा, सरकार की अनुमति लेनी होगी और अंतिम यूजरों की सहमति भी लेनी होगी कि उनके एआई मॉडल और सॉफ्टवेयर में त्रुटियां होने की संभावना है ताकि नागरिकों को उनके परिणामों के बारे में पता चल सके।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी मध्यस्थों या प्लेटफार्मों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई मॉडल/एलएलएम/जेनरेटिव एआई, सॉफ्टवेयर या एल्गोरिदम का उपयोग अपने यूजरों को किसी भी चीज़ को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, स्टोर, अपडेट या साझा करने की अनुमति नहीं देता है।
नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि परीक्षण से गुजर रहे/अविश्वसनीय एआई मॉडल का उपयोग और भारतीय इंटरनेट पर यूजरों के लिए इसकी उपलब्धता भारत सरकार की स्पष्ट अनुमति के साथ की जानी चाहिए और उत्पन्न आउटपुट की संभावित और अंतर्निहित गलतियों या अविश्वसनीयता को उचित रूप से लेबल करने के बाद ही ऐसा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ‘सहमति पॉपअप’ तंत्र का उपयोग यूजरों को उत्पन्न आउटपुट की संभावित और अंतर्निहित गलतियों या अविश्वसनीयता के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित करने के लिए किया जा सकता है।
आईटी मंत्रालय की सलाह में कहा गया है, यह दोहराया जाता है कि आईटी अधिनियम और/या आईटी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन न करने पर मध्यस्थों या प्लेटफार्मों या इसके यूजरों की पहचान होने पर संभावित दंडात्मक परिणाम होंगे, जिसमें आईटी अधिनियम और आपराधिक संहिता के कई अन्य कानूनों के तहत अभियोजन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।
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