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गूगल क्रोम का आया नया फीचर, अब यूजर वेबासाइट पर दी गई जानकारी को कर सकेंगे ट्रैक
Posted Date : 21-Jul-2021 9:09:42 pm

गूगल क्रोम का आया नया फीचर, अब यूजर वेबासाइट पर दी गई जानकारी को कर सकेंगे ट्रैक

नई दिल्ली। गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के लिए नया प्राइवेसी फीचर रोल आउट कर रहा है। इस फीचर के जरिए यूजर अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन में यह पता लगा सकेंगे कि कौन सी वेबसाइड के पास उनकी जानकारी पहुंच रही है।
अपकामिंग रिलीज में, गूगल क्रोम में आपके ब्राउजि़ंग हिस्ट्री से साइट को हटाने का ऑप्शन भी जोड़ेगा।
गूगल ने बीती देर रात एक बयान में कहा किअपडेट किए गए साइट सुरक्षा कंट्रोल के साथ, हमने ट्रैक करना आसान बना दिया है कि किस साइट को किस जानकारी की अनुमति है। अपडेट किए गए पैनल को खोलने के लिए बस क्रोम एड्रेस बार के बाईं ओर लॉक आइकन पर टैप करें, जो दिखाता है कि कौन सी अनुमतियां हैं आपने उस विशेष साइट के लिए अनुमति दी है।
वहां से, आप अपने स्थान और अपने कैमरे जैसी चीजों को साझा करने और साझा न करने के बीच अधिक आसानी से टॉगल कर सकेंगे।
अपने यूजर को सुरक्षित रखने के लिए,गूगल ने पिछले सप्ताह अपनी सर्च में एक और सुविधा शुरू की, जो लोगों को मोबाइल पर पिछले 15 मिनट के ब्राउजि़ंग हिस्ट्री को तुरंत हटाने देगी।
यह सुविधा आईओएस के लिए गूगल ऐप में उपलब्ध है, और इस साल के अंत में एंड्रॉइड गूगल ऐप पर आ रही है। उपकरण अभी तक डेस्कटॉप यूजर के लिए उपलब्ध नहीं है।
गूगल ने कहा कि उसने साइट आइसोलेशन का भी विस्तार किया है, जो एक सुरक्षा सुविधा है जो यूजर्स को गलत वेबसाइटों से बचाती है।
साइट अलगाव अब साइटों की एक ब्रॉडर रेंज के साथ-साथ एक्सटेंशन को भी कवर करेगा, और यह सब कुछ ऐसे ट्वीक के साथ आता है, जो क्रोम की गति में सुधार करते हैं।
कंपनी ने कहा कि आने वाले हफ्तों में एंड्रॉइड और विंडोज, मैक, लिनक्स और क्रोम ओएस पर क्रोम में नए अपडेट और फीचर आएंगे।

ईपीएफओ ने मई में 9.20 लाख सदस्य जोड़े
Posted Date : 21-Jul-2021 9:09:21 pm

ईपीएफओ ने मई में 9.20 लाख सदस्य जोड़े

नई दिल्ली। ईपीएफओ ने मई, 2021 के दौरान कुल 9.20 लाख सदस्य जोड़े हैं। इसका मतलब यह हुआ कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का असर बहुत ही कम पड़ा है। 20 जुलाई को ईपीएफओ द्वारा जारी प्रोविजनल पेरोल डाटा के मुताबिक ईपीएफओ इस वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में अपने कुल सदस्यता आधार में 20.20 लाख की बढ़ोतरी करने में सफल रहा है।
पेरोल डाटा से जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक पेरोल विस्तार पर महामारी की दूसरी लहर का असर उतना गंभीर नहीं रहा है, जितना पहली लहर में रहा था। इसके लिए ईपीएफओ द्वारा ऑनलाइन दावे जमा करने, ऑटो-क्लेम सेटेलमेंट, पीएफ खाते  का ऑनलाइन ट्रांसफर, शिकायत समाधान को मजबूती देना और मोबाइल डिवाइस पर सेवाएं आदि के रूप में भारत सरकार के समयबद्ध समर्थन को श्रेय दिया जा सकता है।
5.37 लाख नए सदस्य पहली बार जुड़े
मई महीने के दौरान जुड़े कुल 9.20 लाख सदस्यों में से, लगभग 5.73 लाख नए सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि योजना के दायरे में आए हैं। वहीं, लगभग 3.47 सदस्य इससे अलग हो गए, लेकिन नौकरी में बदलाव के साथ ही फिर से ईपीएफओ के दायरे में आने वाले संस्थानों से जुड़ गए और उन्होंने फंड ट्रांसफर के जरिए से योजना के तहत अपनी सदस्यता को बरकरार रखा है।
22-25 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा लोगों का पंजीकरण 
पेरोल डाटा की उम्र के आधार पर तुलना करें तो, मई, 2021 के दौरान 2.39 लाख नए सदस्यों के साथ 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में सबसे ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया। वहीं, 29-35 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 1.90 लाख रही। जबकि, इस दौरान जुड़े कुल नए सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 21.77 प्रतिशत रही।
5 राज्यों ने 11.83 लाख सदस्य जोड़े
आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में पंजीकृत प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 5.45 लाख नए सदस्यों के साथ सबसे आगे रहे। इनकी सभी आयु वर्गों में कुल पेरोल विस्तार में लगभग 59.29 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसवित्त वर्ष के दौरान, इन 5 राज्यों ने अभी तक 20.20 लाख सदस्यों में से 11.83 लाख सदस्य जोड़े हैं। ‘एक्सपर्ट सर्विसेज’ कैटेगरी, जिसमें कार्यबल एजेंसियां, निजी सुरक्षा एजेंसियां और छोटे ठेकेदार आदि आते हैं, की इस दौरान कुल सदस्य जोडऩे में 46.77 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। ईपीएफओ मई, 2018 से ही पेरोल डाटा जारी कर रहा है, जिसमें सितंबर, 2017 तक के आंकड़े शामिल किए जाते हैं।

आयकर विभाग की जांच में ठेले लगाने वाले करोड़पति निकले, कबाड़ी, चाट और फल बेचने वाले भी धनकुबेर
Posted Date : 20-Jul-2021 7:45:31 pm

आयकर विभाग की जांच में ठेले लगाने वाले करोड़पति निकले, कबाड़ी, चाट और फल बेचने वाले भी धनकुबेर

कानपुर । सडक़ किनारे ठेले-खोमचे में पान, खस्ते, चाट और समोसे बेच-बेचकर सैकड़ों व्यापारी करोड़ों में खेल रहे हैं। गली-मोहल्ले के छोटे-छोटे किराना और दवा व्यापारी भी करोड़पति हैं। फल बेचने वाले भी सैकड़ों बीघा कृषि जमीन के मालिक हैं। आपके पास शायद एक ही कार हो, लेकिन कुछ कबाडिय़ों के पास तीन-तीन कारें हैं। लेकिन ये न तो आयकर के नाम पर एक पैसा टैक्स दे रहे हैं न ही जीएसटी। बिग डेटा सॉफ्टवेयर, आयकर विभाग और जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच में ऐसे 256 ठेले वाले करोड़पति निकले हैं। देखने में ‘गरीब‘ दिखने वाले छुपे धन्नासेठों पर आयकर विभाग की लंबे समय से खुफिया नजरें थीं। केवल इनकम टैक्स देने वाले और रिटर्न भरने वाले करदाताओं की मानीटरिंग के अलावा गली मोहल्लों में धड़ल्ले से मोटी कमाई कर रहे ऐसे व्यापारियों का डेटा भी विभाग लगातार जुटा रहा है। अत्याधुनिक टेक्नोलाजी ने खुफिया करोड़पतियों को पकडऩा शुरू कर दिया है।
चार साल में खरीद ली 375 करोड़ की प्रापर्टी
जीएसटी रजिस्ट्रेशन से बाहर इन व्यापारियों ने एक पैसा टैक्स का नहीं दिया लेकिन चार साल में 375 करोड़ रुपए की प्रापर्टी खरीद ली। ये संपत्तियां आर्यनगर, स्वरूप नगर, बिरहाना रोड, हूलागंज, पीरोड, गुमटी जैसे बेहद महंगे कामर्शियल इलाकों में खरीदी गईं। दक्षिण कानपुर में रिहायशी जमीनें भी खरीदीं। 30 करोड़ से ज्यादा के केवीपी खरीद डाले। 650 बीघा कृषि जमीन के मालिक भी ये बन गए। ये जमीनें कानपुर देहात, कानपुर नगर के ग्रामीण इलाकों, बिठूर, नारामऊ, मंधना, बिल्हौर, ककवन, सरसौल से लेकर फरुखाबाद तक खरीदी गईं हैं।
दो पान वालों ने कोरोना काल में पांच करोड़ की प्रापर्टी खरीदी
आर्यनगर की दो, स्वरूप नगर की एक और बिरहाना रोड की दो पान दुकानों के मालिकों ने कोरोना काल में पांच करोड़ की प्रापर्टी खरीदी है। मालरोड का खस्ते वाला अलग-अलग ठेलों पर हर महीने सवा लाख रुपए किराया दे रहा है। स्वरूप नगर, हूलागंज के दो खस्ते वालों ने दो इमारतें खरीद लीं। लालबंगला का एक और बेकनगंज के दो कबाडिय़ों ने तीन संपत्तियां दो साल में खरीदी हैं, जिनकी बाजार कीमत दस करोड़ से ज्यादा है। बिरहाना रोड, मालरोड, पी रोड के चाट व्यापारियों ने जमीनों पर खासा निवेश किया। जीएसटी रजिस्ट्रेशन से बाहर छोटे किराना व्यापारियों और दवा व्यापारियों की संख्या 65 से ज्यादा है जिन्होंने करोड़ों रुपए कमाए हैं।
इस तरह खुल गया कच्चा चि_ा
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जब अकूत कमाई हो रही हो तो निवेश के रास्ते हर व्यक्ति तलाशता है। चूंकि ठेले-खोमचे वालों का लाइफस्टाइल बेहद सादा होता है, इसलिए उनके खर्च सीमित और बचत ज्यादा होती है। पैसा किसी विभाग के नजरों में न आ पाए इसके लिए उन्होंने चालाकी तो दिखाई, लेकिन गच्चा खा गए। नजऱ से बचने के लिए सहकारी बैंकों और स्माल फाइनेंस में खाते खुलवाए। प्रापर्टी में ज्यादातर निवेश भाई, भाभी, चाचा, मामा और बहन के नाम किया गया है, लेकिन पैन कार्ड अपना लगा दिया। केवल एक प्रापर्टी में पैन कार्ड और आधार आते ही पूरा कच्चा चि_ा खुल गया।

जेफ बेजोस स्पेस मिशन को तैयार, अंतरिक्ष की सैर के लिए आज भरेंगे उड़ान
Posted Date : 20-Jul-2021 7:44:45 pm

जेफ बेजोस स्पेस मिशन को तैयार, अंतरिक्ष की सैर के लिए आज भरेंगे उड़ान

नई दिल्ली । दुनिया के सबसे बड़े रईस जेफ बेजोस आज स्पेस मिशन पर जाने को तैयार हैं। जेफ बेजोस अंतरिक्ष में जाने वाले सबसे पहले अरबपति भले ही न हों, लेकिन वह इस उड़ान के साथ एक नया इतिहास रचने वाले हैं। आज यानी बेजोस अपने भाई के साथ तो स्पेस में जा रहे हैं। वह सबसे बुजुर्ग और सबसे युवा ऐस्ट्रोनॉट को लेकर जा रहे हैं। मिशन से पहले बेजोस ने अपने साथियों से रिलैक्स करने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस यात्रा के दौरान  बेजोस कुल 11 मिनट तक ही अंतरिक्ष में रहेंगे। बेजोस ने अपने साथी यात्रियों से कहा, सिट बैक, रिलैक्स, खिडक़ी के बाहर देखिए और बाहर व्यू को महसूस कीजिए। बेजोस और उनके भाई मार्क बेजोस जिस रॉकेट से जा रहे हैं, यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस है, हालांकि इसमें भी खतरा बना हुआ है। बेजोस और अपने सहयात्रियों के साथ अंतरिक्ष में ऊपर जाएंगे और 11 मिनट में लौट आएंगे। सीएनएन के मुताबिक बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। बेजोस का न्यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाएगा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहेगा, जब तक कि उसका ज्यादातर ईंधन खत्म नहीं हो जाता है।
बेजोस और उनके भाई मार्क बेजोस जिस रॉकेट से जा रहे हैं, यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस है। हालांकि इसमें भी खतरा बना हुआ है। बेजोस यह अंतरिक्ष यात्रा जान हथेली पर रखकर करने जा रहे हैं। बेजोस और उनके साथ जाने वाले अन्य यात्री ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। इसे बाहरी अंतरिक्ष की शुरुआत माना जाता है।
बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन का न्यू शेफर्ड कैप्सूल को पायलट की जरूरत नहीं है। अब तक कि 15 टेस्ट उड़ान में इस कैप्सूल को लेकर कभी कोई हादसा नहीं हुआ है। यानी बेजोस की अंतरिक्ष की उड़ान में खतरा कम है।  सबऑर्बिटल फ्लाइट की वजह से इस रॉकेट को बहुत ज्यादा स्पीड और धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने के जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इससे खतरा कम होगा। दरअसल, अंतरिक्ष यान के धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने पर उसका तापमान 3500 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है। इससे उसके अंदर बैठे अंतरिक्षयात्रियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है।  बेजोस करीब 3,50,000 फुट की ऊंचाई पर जा रहे हैं। यहां पर जिस कैप्सूल में वह जा रहे हैं, उन्हें स्पेसशूट पहनने की जरूरत नहीं होगी। अगर केबिन में ऑक्सीजन मास्क रहेंगे, जिससे वह सांस ले सकेंगे।

केडबरी के सभी प्रोडक्ट 100 प्रतिशत शाकाहारी, बीफ मिलावट पर कंपनी का आया जवाब
Posted Date : 19-Jul-2021 8:18:25 pm

केडबरी के सभी प्रोडक्ट 100 प्रतिशत शाकाहारी, बीफ मिलावट पर कंपनी का आया जवाब

नई दिल्ली । सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कैडबरी चॉकलेट में बीफ होता है. एक वेबसाइट से लिए गए एक स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पब्लिश कर दावा किया गया कि यदि किसी उत्पाद में जिलेटिन एक इंग्रिडियंट के रूप में मिलाया जाता है, तो इसका मतलब है कि यह गोमांस का इस्तेमाल हुआ है. ये संवेदनशील मैसेज सामने आते ही सोशल मीडिया पर ये तेजी के साथ वायरल होने लगा. सोशल मीडिया यूजर्स कैडबरी के प्रोडक्ट की आलोचना करने लगे. कैडबरी की चॉक्लेट्स को बायकॉट किए जाने की मांग उठने लगी. जिसके बाद खुद कम्पनी को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर सामने आकर बयान जारी कर वायरल होते मैसेज का खंडन करना पड़ा. 
कंपनी की ओर से कहा गया कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा संदेश भ्रामक है क्योंकि यह भारत से संबंधित नहीं है. भारत में मॉन्डलेज़ / कैडबरी के बेचे या उत्पाद किए जाने वाले उसके प्रोडक्ट्स में कोई बीफ या दूसरे मांस आधारित सामग्रियां नहीं है. भारत में तैयार किया जानेवाला प्रोडक्ट 100त्न वेजिटेरियन है. जिस प्रोडक्ट में ग्रीन (हरा) मार्क है वह पूरी तरह से शाकाहारी उत्पाद है. कम्पनी की ओर से ऐसे भ्रामक मैसेजेस सोशल मीडिया पर डालने से पहले उसकी जांच करने की अपील की गई है. कस्टमर केयर से संपर्क करने की भी हिदायत दी गई है.
क्या है मामला, क्यों हुआ विवाद
सोशल मीडिया पर एक वेबसाइट का स्क्रीनशॉट मैसेज तब वायरल होने लगा जब उसमें दावा किया गया कि कैडबरी के प्रोडक्ट्स में बीफ मिला होता है. उस वायरल मैसेज में बताया गया कि यदि किसी उत्पाद में जिलेटिन का इस्तेमाल होता है, तो इसका मतलब है कि उस सामान को गोमांस के प्रयोग से तैयार किया गया है. सोशल मीडिया में वायरल होते इन मैसेजेस पर कम्पनी का ध्यान तब गया जब यूजर्स ने सीधे कम्पनी को ही टैग कर मैसेजेस पोस्ट डाले.
कम्पनी ने इसकी गंभीरता को देखते हुए अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से मैसेज डाला कि जिन प्रोडक्ट का जिक्र किया जा रहा है वे भारत में नहीं बनती हैं. वायरल मैसेजेस के प्रोडक्ट्स मोंडलेज़ इंटरनेशनल के हैं जो एक अमेरिकी कंपनी है, लेकिन जिसपर अब ब्रिटिश कंपनी कैडबरी की मालिक है. इसके साथ ही कंपनी ने जोर देते हुए बताया कि, चॉकलेट के रैपर पर हरे रंग का सर्कल बताता है कि भारत में निर्मित और बेची जाने वाली चीजें 100त्न शाकाहारी हैं.

सीईएल में ई-ऑफिस के साथ डिजिटलीकरण का शुभारंभ
Posted Date : 18-Jul-2021 12:17:49 pm

सीईएल में ई-ऑफिस के साथ डिजिटलीकरण का शुभारंभ

नयी दिल्ली ।  केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का डिजिटल इंडिया मिशन एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देकर देश के विकास में मदद कर रहा है। डॉ सिंह ने आज साहिबाबाद स्थित केंद्रीय उद्यम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) में डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ई-ऑफिस के उद्घाटन के साथ डिजिटलीकरण का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश ने कोविड -19 लॉकडाउन अवधि के दौरान डिजिटलीकरण के फल का स्वाद चखा है और डिजिटल तकनीकों के उपयोग के कारण काम बंद नहीं हुआ है। 
उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस और डिजिटलीकरण कार्य निष्पादन की गति को तेज करेगा, पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, जवाबदेही लाएगा और कागज के कम उपयोग से कार्बन फुट प्रिंट को कम करेगा।
डॉ. सिंह ने पौधारोपण कर सीईएल में वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने परिसर में विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों के साथ अपने परिसर को हरा और स्वच्छ रखने के लिए कंपनी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उद्योग को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कदमों के साथ सूक्ष्म स्तर पर अपने पर्यावरण और परिवेश की देखभाल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस संबंध में सीईएल के प्रयासों की सराहना की।