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सेबी ने कारोबार सुगमता, स्टार्टअप को मजबूती देने, अनुपालन बोझ कम करने के लिये उठाये कदम
Posted Date : 07-Aug-2021 2:10:08 pm

सेबी ने कारोबार सुगमता, स्टार्टअप को मजबूती देने, अनुपालन बोझ कम करने के लिये उठाये कदम

नई दिल्ली ,07 अगस्त। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नये जमाने की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी युक्त कंपनियों के लिये स्वेट इच्टिी नियमों में ढील और विभिन्न खुलासा नियमों समेत कई उपायों की घोषणा की। इन कदमों का मकसद स्टार्टअप को बढ़ावा, अनुपालन बोझ कम करना और कारोबार सुगमता बढ़ाना है। इसके साथ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने सूचीबद्ध कंपनियों में प्रवर्तकों से नियंत्रणकारी हिस्सेदार की धारणा को अपनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इसके अलावा आरंभिक शेयर बिक्री के बाद न्यूनतम लॉक इन अवधि में भी कमी की।
बैठक में सेबी निदेशक मंडल ने वैकल्पिक निवेश कोष के संचालन से संबंधित नियमन में संशोधन को भी मंजूरी दी। सेबी ने स्वेट इच्टिी की संख्या पर छूट प्रदान करने का निर्णय किया है जिसे इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म (अईजीपी) पर सूचीबद्ध नए जमाने की प्रौद्योगिकी कंपनियों को जारी किया जा सकता है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कई स्टार्टअप विदेशी निवेशकों समेत अन्य से उल्लेखनीय निवेश आकर्षित कर रहे हैं।
आईजीपी पर सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में स्वेट इच्टिी शेयरों की वार्षिक सीमा 15 प्रतिशत होगी, जबकि समग्र सीमा किसी भी समय चुकता पूंजी का 50 प्रतिशत होगी। यह बढ़ी हुई समग्र सीमा कंपनी के गठन की तारीख से 10 वर्षों के लिए लागू होगी। मुख्य बाजार में कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए, वार्षिक स्वेट इच्टिी सीमा भी 15 प्रतिशत होगी, लेकिन कुल सीमा 25 प्रतिशत पर सीमित होगी।
सेबी दो नियमों ...सेबी (शेयर आधारित कर्मचारी लाभ और स्वेट इच्टिी) विनियमन, 2021 को एक करेगा। स्वेट इच्टिी से तात्पर्य किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को बिना नकदी के जारी किए गए शेयरों से है। स्टार्टअप और प्रवर्तक आमतौर पर अपनी कंपनियों के वित्तपोषण के लिए स्वेट इच्टिी का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा किसी कर्मचारी की मृत्यु या स्थायी अपंगता (जैसा कि कंपनी द्वारा परिभाषित किया गया है) की स्थिति में सभी शेयर लाभ योजनाओं के लिए न्यूनतम निर्धारित अवधि और लॉक-इन अवधि को समाप्त कर दिया जाएगा।
सेबी निदेशक मंडल ने प्रवर्तक से नियंत्रणकारी हिस्सेदार की धारणा को अपनाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जतायी। साथ ही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के बाद प्रर्वतकों के लिये न्यूनतम लॉक इन अवधि कम करने का निर्णय किया। सेबी ने लॉक इन अवधि के बारे में कहा कि यदि निर्गम के उद्देश्य में किसी परियोजना के लिए पूंजीगत व्यय के अलावा अन्य बिक्री पेशकश या वित्तपोषण का प्रस्ताव शामिल है, तो आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में आबंटन की तारीख से प्रवर्तकों का न्यूनतम 20 प्रतिशत का योगदान 18 महीने के लिये लॉक किया जाना चाहिए। वर्तमान में, लॉक-इन अवधि तीन वर्ष है।
सेबी के अनुसार इसके अलावा, इन सभी मामलों में, प्रवर्तक की न्यूनतम योगदान से ऊपर की हिस्सेदारी मौजूदा एक वर्ष के बजाय छह महीने के लिए अवरुद्ध रहेगी। सेबी निदेशक मंडल ने एक सहज, प्रगतिशील और समग्र तरीके से प्रवर्तक की अवधारणा से नियंत्रणकारी शेयरधारक को अपनाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की। इसके अलावा, सेबी ने अलग से कंपनियों का अधिग्रहण करने वालों और प्रवर्तकों के लिए कुछ खुलासा जरूरतों को समाप्त कर दिया है। नियामक ने नियमों में भी संशोधन किया है जिससे कॉरपोरेट बांड बाजार को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी। बयान के अनुसार प्रणाली आधारित खुलासे (एसडीडी) के क्रियान्यन के मद्देनजर अधिग्रहण नियमनों में संशोधन को मंजूरी दी गई। 
नियामक ने कहा, अधिग्रहणकर्ता/प्रवर्तकों आदि के लिए कुछ खुलासा प्रतिबद्धताओं को एक अप्रैल, 2022 से समाप्त किया जा रहा है। यह पांच प्रतिशत शेयरों के अधिग्रहण और उसके बाद दो प्रतिशत के किसी बदलाव और वार्षिक शेयरधारिता खुलासे के संदर्भ में लागू होगा। साथ ही बाजार नियामक ने वैकल्पिक निवेश कोष और शेयर बाजार समेत बाजार बुनियादी ढांचा संस्थान (एमआईआई) के लिये नियमन में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसका मकसद कारोबार को सुगम बनने के साथ अनुपालन जरूरतों को सरल बनाना है।
बयान के अनुसार निदेशक मंडल ने दो प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें सभी पात्र शेयरधारकों के लिए 2-5 प्रतिशत शेयरधारिता के अधिग्रहण के लिए सेबी की बाद में मंजूरी की आवश्यकता को समाप्त करना शामिल है। दो प्रतिशत से कम शेयरधारिता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की उपयुक्त और उचित स्थिति के निर्धारण के संबंध में सूचीबद्ध शेयर बाजारों/डिपॉजिटरी पर लागू प्रावधान गैर-सूचीबद्ध शेयर बाजारों/डिपॉजिटरी पर भी लागू होंगे। एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष के के महेश्वरी ने कहा कि सेबी निदेशक के फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूंजी बाजार में कारोबार सुगमता के उद्देश्य के अनुरूप हैं।
उन्होंने कहा, ....विशेष रूप से यह निर्णय कि पात्र शेयरधारकों के लिये 5 प्रतिशत तक के अधिग्रहण के लिए नियामक अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी, यह एमआईआई (बाजार बुनियादी ढांचा संस्थान) से अनुमोदन प्राप्त करने में बाधाओं को दूर करने वाला एक सकारात्मक कदम है। 

कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश में भारतीय रेल ने लगाई लंबी छलांग, अब हाइड्रोजन ऊर्जा से चलेंगी ट्रेनें
Posted Date : 07-Aug-2021 2:09:48 pm

कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश में भारतीय रेल ने लगाई लंबी छलांग, अब हाइड्रोजन ऊर्जा से चलेंगी ट्रेनें

नई दिल्ली ,07 अगस्त । भारतीय रेल ने हरित ऊर्जा और शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए हाइड्रोजन ईंधन सेल के जरिए ट्रेन चलाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। जर्मनी और पोलैंड के बाद भारत विश्व का तीसरा देश होगा, जहां शुद्धतम हरित ऊर्जा का प्रयोग शुरू किया जा रहा है। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि आरंभ में डेमू गाडिय़ों के दो रैक में बदलाव करके हाइड्रोजन ईंधन सेल लगाये जायेंगे। बाद में नैरो गेज के इंजन हाइड्रोजन ईंधन सेल सिस्टम में परिवर्तित किए जायेंगे।
भारतीय रेलवे ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के अंतर्गत हरियाणा में सोनीपत - जींद के 89 किलोमीटर मार्ग पर चलने वाली डीजल चालित डेमू गाड़ी में हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित प्रौद्योगिकी फिट करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। निविदा 21 सितंबर से पांच अक्टूबर के बीच दाखिल की जा सकेंगी। निविदा पूर्व बैठक 17 अगस्त को होगी।
हाइड्रोजन ऊर्जा चालित डेमू ट्रेन के परिचालन से सालाना करीब 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी और 11.12 किलो टन नाइट्रोजन डाई आक्साइड एवं 0.72 किलो टन कार्बन कणों का उत्सर्जन कम होगा। इस प्रणाली में सौर ऊर्जा के प्रयोग से पानी को विघटित करके हाइड्रोजन प्राप्त की जाती है। यह अब तक का सर्वाधिक स्वच्छ ऊर्जा मॉडल माना गया है। इस प्रयोग की सफलता के बाद सभी डीजल चालित इंजनों को हाइड्रोजन चालित इंजन में परिवर्तित किया जाएगा। 

चीन पर कोरोना की मार, सुस्त पड़ी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार
Posted Date : 07-Aug-2021 2:09:15 pm

चीन पर कोरोना की मार, सुस्त पड़ी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार

नई दिल्ली  ,07 अगस्त । चीन का निर्यात और आयात जुलाई महीने में बढ़ा है, लेकिन इसकी वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी है। इसकी वजह यह है कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट पर नियंत्रण के प्रयासों के बीच कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है तथा उपभोक्ता खर्च में कमी आई है। सीमा शुल्क विभाग के शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चीन का निर्यात जुलाई में एक साल पहले के समान महीने की तुलना में 18.9 प्रतिशत बढक़र 282.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, जून में चीन का निर्यात 32.2 प्रतिशत बढ़ा था।  इसी तरह जुलाई में चीन का आयात एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 28.7 प्रतिशत बढक़र 227.1 अरब डॉलर रहा। जून में चीन का आयात 36.7 प्रतिशत बढ़ा था। समीक्षाधीन अवधि में अमेरिका को चीन का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 13.4 प्रतिशत बढक़र 49.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, जून में अमेरिका को चीन का निर्यात 17.8 प्रतिशत बढ़ा था। शुल्क को लेकर विवाद जारी रहने के बावजूद अमेरिका को चीन का निर्यात बढ़ रहा है। जुलाई में अमेरिका से चीन का आयात 25.6 प्रतिशत बढक़र 14.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले महीने अमेरिका से आयात 37.6 प्रतिशत बढ़ा था।

जीएसटी रिटर्न नहीं भरने वालों के 15 अगस्त से ईवे बिल होगा ब्लाक
Posted Date : 07-Aug-2021 2:51:39 am

जीएसटी रिटर्न नहीं भरने वालों के 15 अगस्त से ईवे बिल होगा ब्लाक

नयी दिल्ली ,06 अगस्त ।  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों को अब दिक्कत हो सकती है क्योंकि 15 अगस्त से उनके ईवे बिल ब्लाक कर का निर्णय लिया गया है। जीएसटी का प्रबंधन करने वाली इकाई माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन)ने इस संबंध में करदाताओं को एक
एडवाइजरी जारी करते हुये कहा कि सिस्टम जीएसटीआर थ्री बी फार्म या जीएसटी सीएमपी 08 दाखिल करने के स्टेटस की जांच 15 अगस्त से शुरू करेगा और जून 2021 तक दो या इससे अधिक रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के ई वे बिल जारी करने से रोक दिया जायेगा। इसमें कहा गया कि ई वे बिल को जारी करने से रोके जाने से बचने के लिए करदाताओं को लंबित जीएसटीआर थ्री बी रिटर्न या सीएमपी 08 तत्काल दाखिल करना चाहिए।
पचास हजार रुपये से अधिक के माल के आवाजाही के लिए ऑनलाइन ई वे बिल जारी किया जाता है। इसमें माल भेजने और पाने वालों दोनों के विवरण के साथ ही गंतव्य स्थल और मार्ग आदि का उल्लेख होता है। कर चोरी को रोकने के लिए यह व्यवस्था की गयी हुयी है।

केमप्लास्ट सन्मार का 3,850 करोड़ का आईपीओ 10 अगस्त को खुलेगा
Posted Date : 05-Aug-2021 8:38:43 pm

केमप्लास्ट सन्मार का 3,850 करोड़ का आईपीओ 10 अगस्त को खुलेगा

नई दिल्ली , ।  स्पेशलिटी केमिकल निर्माता कंपनी केमप्लास्ट सनमार लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने 3,850 करोड़ रुपये के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए प्रति शेयर 530-541 रुपये का मूल्य बैंड तय किया है। चेन्नई की कंपनी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि शुरुआती शेयर बिक्री 10 अगस्त को सार्वजनिक आवेदन के लिए खुलेगी और 12 अगस्त को समाप्त होगी। 3,850 करोड़ रुपये के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 1,300 करोड़ रुपये के नये शेयरों की पेशकश और 2,550 करोड़ रुपये का बिक्री के लिए प्रस्ताव शामिल हैं। बिक्री के लिए प्रस्ताव में सनमार होल्डिंग्स लिमिटेड द्वारा 2,463.44 करोड़ रुपये और सनमार इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड द्वारा 86.56 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री शामिल हैं। विंडलास बायोटेक, एक्सारो टाइल्स, देवयानी इंटू का आईपीओ 
विंडलास बायोटेक, एक्सारो टाइल्स, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स और देवयानी इंटरनेशनल के आईपीओ को बुधवार को पहले दिन खुलने के कुछ घंटों के भीतर पूरा अभिदान मिल गया।  विंडलास बायोटेक, एक्सारो टाइल्स, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स और देवयानी इंटरनेशनल के आईपीओ बुधवार से अभिदान के लिए खुल गए हैं।
इन कंपनियों की तरफ से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की पेशकश उस समय की गई है, जब बीएसई का सेंसेक्स 54 हजार अंक के स्तर को पहली बार पार करने के साथ रिकॉर्ड स्तर पर है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार पहले बोली के पहले दिन विंडलास बायोटेक के आईपीओ को 3.15 गुना, एक्सारो टाइल्स को 4.63 गुना, कृष्णा डायग्नोस्टिक्स को 1.98 गुना और देवयानी इंटरनेशनल को 2.69 गुना अभिदान प्राप्त हुए। 

अदार पूनावाला ने विदेश जाने वाले छात्रों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये का कोष बनाया
Posted Date : 05-Aug-2021 8:37:47 pm

अदार पूनावाला ने विदेश जाने वाले छात्रों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये का कोष बनाया

नई दिल्ली , । सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ और मालिक अदार पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले छात्रों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये अलग रखे हैं, क्योंकि कुछ देशों ने अभी तक क्वारंटीन के बिना प्रवेश के लिए कोविशील्ड को एक स्वीकार्य टीके के रूप में मंजूरी नहीं दी है। पूनावाला ने ट्विटर पर लिखा, विदेश जाने वाले प्रिय छात्रों, चूंकि कुछ देशों ने अभी तक कोविशील्ड को क्वारंटीन के बिना यात्रा के लिए एक स्वीकार्य टीके के रूप में मंजूरी नहीं दी है, इसलिए आपको कुछ खर्च करना पड़ सकता है। मैंने इसके लिए 10 करोड़ रुपये अलग रखे हैं। उन्होंने एक लिंक भी साझा किया, जहां जरूरत पडऩे पर छत्र वित्तीय सहायता के लिए आवेदन दे सकते हैं। अदार ने इससे पहले जुलाई में, प्रवेश के लिए एक स्वीकार्य टीके के रूप में कोविशील्ड को मान्यता देने के लिए 16 यूरोपीय देशों की सराहना की थी।