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गूगल पर लगा 41,010 डॉलर का जुर्माना
Posted Date : 29-Jul-2021 8:54:27 pm

गूगल पर लगा 41,010 डॉलर का जुर्माना

मास्को ,। मॉस्को की टैगांस्की जिला अदालत ने रूस के डेटा स्थानीयकरण पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए गूगल पर 30 लाख रूबल (41,010 डॉलर) का जुर्माना लगाया है। गूगल एलएलसी को प्रशासनिक अपराधों की रूसी संहिता के अनुच्छेद 13.11 के भाग 8 के तहत एक प्रशासनिक अपराध करने का दोषी पाया गया था। कंपनी को 30 लाख रूबल के प्रशासनिक जुर्माने की सजा सुनाई गई है। देश में डेटाबेस का उपयोग करते हुए, रूसी नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की रिकॉर्डिंग, व्यवस्थितकरण, संचय, भंडारण, स्पष्टीकरण और पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करने के दायित्व को पूरा न करने के लिए गूगल को प्रोटोकॉल जारी किया गया था। इस तरह के मामलों में अधिकतम जुर्माना 60 लाख रूबल तक पहुंच सकता है। यह गूगल पर लगाया गया पहला समान जुर्माना है।

नया आयकर पोर्टल सुस्त, लेकिन डेटा एनॉलिटिक्स सिस्टम दनादन भेज रहा नोटिस
Posted Date : 28-Jul-2021 7:59:16 pm

नया आयकर पोर्टल सुस्त, लेकिन डेटा एनॉलिटिक्स सिस्टम दनादन भेज रहा नोटिस

नई दिल्ली ,28 जुलाई । देश में आयकर पोर्टल भले ही ठीक से काम न कर रहा हो, लेकिन आयकर विभाग का डेटा एनॉलिटिक्स सिस्टम पूरी तरह से काम कर रहा है और टैक्स के मामलों में पेनाल्टी के नोटिस भी लोगों को भेजे जा रहे हैं। ऐसे करदाता, जिनके ईमेल सिस्टम में अपडेट नहीं हैं, उनमें से देश भर में करीब 40-45 हजार लोगों को विभाग की तरफ से नोटिस भेजने शुरू कर दिए गए हैं। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक पिछले सालों में से जिन भी लोगों के रिटर्न में पेनाल्टी बनती थी उन्हें नोटिस भेजे जाने शुरू हो गए हैं। वहीं पिछले वित्तवर्ष या मौजूदा असेसमेंट साल के मामलों पर अभी काम शुरू नहीं हो पाया है। अधिकारी के मुताबिक लोगों को पिछले साल के पहले के मामलों में ऑनलाइन नोटिस भेजने का काम आयकर पोर्टल चालू नहीं हो पाने की वजह से फिलहाल बंद पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक कई मामलों में करदाताओं की तरफ से दी गई जानकारी आयकर विभाग के सिस्टम में उससे जुड़े दूसरे माध्यमों से पहुंची जानकारी से मेल नहीं खाती है। शुरुआती आंकलन के हिसाब से ऐसे करीब 2 लाख मामले विभाग के रडार पर हैं। इनकी स्क्रुटनी के बाद नोटिस भेजे जाने लगे हैं।
ई-मेल नदारद तो पते पर भेजे जा रहे नोटिस
इनमें से करीब 25 फीसदी मामलों में विभाग के पास ऐसे लोगों से जुड़े ई-मेल का पता मौजूद नहीं है। यही वजह है कि उन लोगों को नोटिस, उनके पते पर भेजे जा रहे हैं। सूत्रों ने ये भी बताया है कि नोटिस के दायरे में ऐसे प्रोफेशनल्स भी शामिल हैं जिन्हें कई मामलों में टैक्स से छूट है और उन्होंने उसी आधार पर रिटर्न दाखिल कर दिया। सिस्टम के जरिए ये जानकारी मिली कि उन्होंने दूसरे जरिए से होने वाली आय का पूरा ब्योरा आयकर विभाग को नहीं दिया है। मामले की स्क्रुटनी के बाद अधिकारियों ने उन पर जुर्माना लगाया है।

एक साल में बंद हुई 16527 कंपनियां, बैंकों पर एनपीए का बोझ हुआ कम
Posted Date : 27-Jul-2021 8:24:04 pm

एक साल में बंद हुई 16527 कंपनियां, बैंकों पर एनपीए का बोझ हुआ कम

नई दिल्ली ,27 जुलाई । कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अप्रैल 2020 से जून 2021 के बीच कुल 16,527 कंपनियां बंद हुई। उन्होंने कहा कि कंपनीज एक्ट 2013 के सेक्शन 248 के हिसाब से अप्रैल 2020 से जून 2021 के बीच 16,527 कंपनियां रजिस्टार ऑफ कंपनीज के आंकड़ों से हटा दी गई हैं। कंपनी कानून के सेक्शन 248 के हिसाब से कोई कंपनी कुछ शर्त पूरी करने के बाद ही ऑफिशल रिकॉर्ड से हटाई जा सकती हैं। इन शर्त में कई बातें शामिल है। मंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत शटडाउन या क्लोज्ड यूनिट या कॉर्पोरेट यूनिट की परिभाषा नहीं तय की गई है।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक पेश
त्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विभिन्न विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक पेश किया जो इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021, चार अप्रैल 2021 से प्रभावी हो गया था। इसके तहत छोटे और मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को पहले से तैयार व्यवस्था के तहत दिवाला निपटान प्रक्रिया की सुविधा मिल गई है।
इसके तहत अधिकृत प्रतिनिधि की पहचान और चयन, सार्वजनिक घोषणा और संबंधित पक्ष के दावे, मसौदे की जानकारी, कर्जदाता और कर्जदाता समिति की बैठक करने, विवाद निपटान योजना का आमंत्रण, मूल विवाद निपटान और सबसे अच्छे विवाद निपटान के बीच प्रतिस्पर्धा तथा कॉरपोरेट कर्जदार के साथ विवाद निपटान पेशेवरों के साथ प्रबंधन जैसी सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत सभी प्रस्तावों की योजनाएं राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के तहत मंजूर होना जरूरी है।
फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक को मंजूरी
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच लोकसभा ने फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को कर्ज सुविधा प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त रास्ते सुलभ कराने का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक को सदन से पारित करने की अपील करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2011 के कानून में सरकार कुछ संशोधन कर रही है। यू के सिन्हा समिति की सिफारिशों के आधार पर विधेयक में तीन संशोधन लाए गए हैं।
इस विधेयक को 14 सितंबर 2020 को लोकसभा में पेश किया गया था। बाद में इसे स्थायी समिति को भेजा गया था, जहां सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा एमएसएमएई को इससे लाभ मिलेगा । मैं अपील करती हूं कि आप लोग इस संशोधन विधेयक को पारित करें। शोर शराबे के बीच ही निचले सदन ने फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी। जब एक पक्ष अपनी प्राप्तियां, जिनका भुगतान अभी नहीं किया गया है, उसे किसी दूसरे पक्ष को बेच देता है तो उसे फैक्टरिंग कहा जाता है। विधेयक के बारे में वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 के बजट संबोधन में घोषणा की गई थी।
बैंकों पर एनपीए का बोझ कम हुआ
वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड़ ने लोकसभा में सोमवार को बताया कि 31 मार्च, 2021 के अंत तक बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) या खराब ऋण 61,180 करोड़ रुपये घटकर 8.34 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मार्च 2020 के अंत तक सरकारी बैंकों का कुल 8.96 लाख करोड़ रुपये था।

क्रिप्टोकरेंसी से जल्द कर पाएंगे ई-कॉमर्स पर खरीदारी, अमेजन ने शुरू की तैयारी
Posted Date : 27-Jul-2021 8:23:43 pm

क्रिप्टोकरेंसी से जल्द कर पाएंगे ई-कॉमर्स पर खरीदारी, अमेजन ने शुरू की तैयारी

नई दिल्ली ,27 जुलाई । ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जल्द ही आप क्रिप्टोकरेंसी के जरिये खरीदारी कर पाएंगे। इसकी शुरुआत अमेजन अपने प्लेटफॉर्म पर करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि अमेजन के बाद दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियां भी क्रिप्टोकरेंसी के जरिये भुगतान लेना शुरू कर सकती हैं। क्रिप्टोकरेंसी के जरिये पेमेंट की जानकारी अमेजन के हालिया जॉब लिस्टिंग से मिली है। अमेजन अपनी पेमेंट टीम के लिए डिजिटल करंसी और ब्लॉकचेन एक्सपर्टकी भर्ती कर रही है। ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी को एक सुरक्षित पेमेंट तरीका माना जाता है।
अनुभवी लीडर की तलाश में कंपनी
अमेजन की पेमेंट्स एक्सेप्टेंस एंड एक्सपीरियंस टीम डिजिटल करंसी व ब्लॉकचेन स्ट्रैटेजी और प्रोडक्ट रोडमैप को डेवलप करने के लिए अनुभवी लीडर की तलाश कर रही है। कंपनी ने अपनी एक पोस्ट में कहा है कि आप ब्लॉकचैन, डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में विशेषज्ञता का लाभ उठाएं ताकि इन क्षमताओं को विकसित किया जा सके। प्रोडक्ट लीड करने वाला अमेजन वेब सर्विसेस समेत कई टीमों के साथ मिलकर काम करेगा। इससे ग्राहक अनुभव, तकनीकी रणनीति और क्षमताओं के साथ-साथ लॉन्च की रूपरेखा तैयार की जा सकेगी।
एप्पल भी कर रही है तैयारी
टेक दिग्गज एप्पल ने भी मई में बिजनेस डेवलेप मैनेजर के लिए एक ऐसी ही जॉब लिस्टिंग पोस्ट की है, जिसमें डिजिटल वॉलेट, बीएनपीएल, फास्ट पेमेंट्स, क्रिप्टोक्यूरेंसी, और आदि जैसे वैकल्पिक भुगतान प्रदाताओं के साथ काम करना होगा। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दुनिया की बड़ी कंपनियां निकट भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी के जरिये पेमेंट लेने की संभावना पर काम कर रही हैं। इसमें सफलता मिलने पर वह इससे लेनदेन शुरू कर सकती हैं।
टेस्ला और ट्विटर भी आशावादी
भविष्य के पेमेंट मोड के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर टेस्ला और ट्विटर भी आशावादी हैं। ट्विटर सीईओ जैक डोरसी ने कहा था कि ऑनलाइन दुनिया को एक वैश्विक मुद्रा की जरूरत है, और हमारा ध्यान बिटकॉइन पर है क्योंकि इस क्रिप्टोकरंसी के साथ पृथ्वी के हर व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी पुष्टि की है कि क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले एनर्जी मिक्स में सुधार पर यथोचित काम खत्म होते ही कंपनी बिटकॉइन में पेमेंट रिज्यूम कर सकती है।
रिजर्व बैंक लाएगा डिजिटल करेंसी
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारत में डिजिटल करेंसी लाने की बात कही है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर के अनुसार, केंद्रीय बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसी चरणबद्ध तरीके से पेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। योजना के मुताबिक आरबीआई पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी में है।

वैश्विक कारकों पर रहेगी निवेशकों की नजर
Posted Date : 25-Jul-2021 2:30:31 pm

वैश्विक कारकों पर रहेगी निवेशकों की नजर

मुंबई। वैश्विक दबाव में घरेलू शेयर बाजारों में बीते सप्ताह रही गिरावट के बाद आने वाले सप्ताह में भी निवेशकों की नजर मुख्यत: विदेशी कारकों पर ही रहेगी। विदेशों में कोविड-19 के डेल्टा संस्करण के मामले बढऩे से गत सप्ताह बाजार में चिंता रही। इस सप्ताह निवेशकों के सतर्कता बरतने की उम्मीद है। साथ ही घरेलू स्तर पर महामारी तथा टीकाकरण की प्रगति और आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्र के आँकड़ों का असर भी बाजार पर दिखेगा।
घरेलू शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह उतार-चढ़ाव भरा रहा। बीएसई का सेंसेक्स 164.26 अंक यानी 0.31 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में शुक्रवार को 52,975.80 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 67.35 अंक यानी 0.42 प्रतिशत लुढक़कर सप्ताहांत पर 15,856.05 अंक पर बंद हुआ। बुधवार को बकरीद के अवकाश के कारण बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ। सोमवार और मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में बंद हुये जबकि गुरुवार और शुक्रवार को तेजी रही।
मझौली और छोटी कंपनियों के सूचकांक भी नुकसान में बंद हुये। सप्ताह के दौरान बीएसई का मिडकैप 0.47 प्रतिशत फिसलकर 23,021.14 अंक पर और स्मॉलकैप 0.14 प्रतिशत की गिरावट में 26,425.91 अंक पर आ गया।

भारत में कार-विद्युतीकरण की यात्रा से उत्साहित हैं ऑडी, मर्सिडीज बेंज
Posted Date : 25-Jul-2021 2:29:56 pm

भारत में कार-विद्युतीकरण की यात्रा से उत्साहित हैं ऑडी, मर्सिडीज बेंज

नईदिल्ली। लग्जरी कार विनिर्माता कंपनियां ऑडी और मर्सिडीज-बेंज भारत में यात्री वाहनों के विद्युतीकरण की यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं। भारत में अब और राज्य ऐसी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीतियां लेकर आ रहे हैं जो इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने वाली हैं। कंपनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इन कंपनियों का कहना है कि केंद्र की फेम-दो योजना के तहत हालांकि व्यक्तिगत यात्री वाहनों को सीधे लाभ की पेशकश नहीं की गई है लेकिन इलेक्ट्रिक कारों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में पांच प्रतिशत के प्रोत्साहन जैसे कदमों से मदद मिलेगी। 
ऑडी ने भारत में अपनी विद्युतीकरण की यात्रा शुरू कर दी है। कंपनी ने पिछले सप्ताह ई-ट्रॉन ब्रांड के तहत तीन इलेक्ट्रिक एसयूवी उतारी हैं। वहीं मर्सिडीज-बेंज पिछले साल अक्टूबर से अपनी पूर्ण इलेक्ट्रिक एसयूवी ईक्यूसी की बिक्री कर रही है। 
ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि मौजूदा समय में कुल नीति दोपहिया और तिपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है। हालांकि, कई राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक कारों पर भी प्रोत्साहन देने के लिए आगे आ रही हैं। 
ढिल्लों ने कहा, ‘‘जब राज्यों ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि कारों के पंजीकरण पर कोई लागत नहीं लगेगी। ऐसे में आप जानते हैं कि इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी पांच प्रतिशत है। ऐसे में सरकार पहले ही कुछ प्रोत्साहन दे चुकी है। इससे लग्जरी कार कंपनियां भी इलेक्ट्रिक खंड में कारें बेचने को लेकर प्रोत्साहित होंगी। ये निश्चित रूप से सकारात्मक कदम हैं।’’ 
हाल में गुजरात और महाराष्ट्र ने अपनी ईवी नीतियों की घोषणा की है। 
गुजरात सरकार ने ई दोपहिया, ई-तिपहिया और ई-चारपहिया वाहनों पर केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के ऊपर 10,000 रुपये/केडब्ल्यू के मांग प्रोत्साहन की पेशकश की है। इसके तहत इन वाहनों के लिए अधिकतम फैक्टरी मूल्य 1.5 लाख रुपये, पांच लाख रुपये और 15 लाख रुपये तय किया गया है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार 10,000 इलेक्ट्रिक कारों पर 5,000 रुपये/केएचडब्ल्यू के मांग प्रोत्साहन की पेशकश कर रही है। 
पिछले साल दिल्ली सरकार ने अपनी ईवी नीति के तहत कई प्रोत्साहनो की पेशकश की थी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सभी ई-वाहनों पर पथकर और पंजीकरण शुल्क की छूट देने की भी घोषणा की थी। 
व्यक्तिगत यात्री वाहनों के विद्युतीकरण से उत्साहित ढिल्लों ने कहा कि निश्चित रूप में भारत में इलेक्ट्रिक भविष्य है। विशेषरूप से लग्जरी वाहन श्रेणी में। निश्चित रूप में हम इलेक्ट्रिक कारों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। 
इसी तरह की राय जताते हुए मर्सिडीज-बेंज इंडिया के उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) संतोष अय्यर ने कहा, ‘‘मर्सिडीज-बेंज भारतीय ग्राहकों के लिए अपने उत्पादों में वैश्विक पोर्टफोलियो की नई प्रौद्योगिकियों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’’ 
कंपनी भारत में ईक्यूसी को लेकर उपभोक्ताओं की सकारात्मक प्रक्रिया से काफी संतुष्ट है। 
अय्यर ने कहा, ‘‘हमारे पास ईक्यूसी के लिए पहले ही बड़ा ऑर्डर है। इससे पता चलता है कि भारत में पहली लग्जरी ईवी के लिए ग्राहकों में उत्साह है। ईक्यूसी की अगली खेप सितंबर तक आने की उम्मीद है।’’