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आधार के इस्तेमाल में जबरदस्त उछाल, 146 करोड़ बार हुआ वेरिफिकेशन के लिए उपयोग
Posted Date : 06-Sep-2021 9:13:14 pm

आधार के इस्तेमाल में जबरदस्त उछाल, 146 करोड़ बार हुआ वेरिफिकेशन के लिए उपयोग

नईदिल्ली,06 सितंबर । अगस्त के महीने में आधार कार्ड के इस्तेमाल में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश कोविड की दूसरी लहर की चपेट से अब बाहर आने लगा है और आधार का बड़े स्तर पर इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में सुधार का एक और सकारात्मक संकेत है. लोग कई स्कीमों का फायदा लेने के लिए आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्टे्स के अनुसार, अगस्त में कुल 146 करोड़ आधार-आधारित प्रमाणीकरण किए गए जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है.
यह भारत की 130 करोड़ आबादी से अधिक है और यह दर्शाता है कि जिन लोगों के पास आधार संख्या है, वे सरकार से कई लाभों का दावा करने के लिए इसका एक से अधिक बार इस्तेमाल कर सकते हैं. भारत में 130 करोड़ लोग अब लगभग 100 फीसदी आधार संख्या रखते हैं.
अगस्त में आधार का इस्तेमाल करके किए गए 146 करोड़ वेरिफिकेशन में अप्रैल और मई के महीनों के मुकाबले 50 फीसदी की छलांग थी. जब देश में कोविड की दूसरी लहर चल रही थी. तब दो महीनों में से प्रत्येक में 96.6 करोड़ वेरिफिकेशन की सूचना दी गई थी. इस साल जुलाई में देश में सबसे अधिक 137 करोड़ आधार-आधारित वेरिफिकेश का आंकड़ा सामने आया था. मई 2020 में यह संख्या 120 करोड़ थी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, यह दिखाने के लिए यह एक प्रमुख मैट्रिक्स है कि देश कोविड महामारी और दूसरी लहर से उबर रहा है. लोग बड़ी संख्या में आधार का उपयोग कर रहे हैं. डेटा अलग से आधार का उपयोग करते हुए ई-केवाईसी आधारित प्रमाणीकरण भी दिखाता है. इसमें किसी नागरिक द्वारा कागजी दस्तावेजों को दिखाने की आवश्यकता नहीं होती है. ई-केवाईसी वेरिफिकेशन भी अगस्त में 16.3 करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो मई में 5.3 मिलियन से लगभग तीन गुना अधिक था. कोविड -19 टीकाकरण के लिएभी आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने तमाम योजनाओं को आधार से लिंक कर दिया है. 54 मंत्रालयों की लगभग 311 केंद्रीय कल्याण योजनाएं आधार का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्लेटफॉर्म के तहत आती है. किसानों के लिए पीएम-किसान निधि योजना आधार प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसमें लगभग 10 करोड़ किसानों को हर चार महीने के बाद 2000 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं.
इसके अलावा, पीएम उज्ज्वला योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना, जिसमें गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है. यहां भी आधार प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हो रहा है. आधार वेरिफिकेशन का मतलब है कि किसी योजना के लाभार्थी की सही पहचान करने के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल किया जा रहा है.

एनटीपीसी ने बांड के जरिए 18,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी
Posted Date : 06-Sep-2021 3:43:40 am

एनटीपीसी ने बांड के जरिए 18,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी

नयी दिल्ली  । सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी 28 सितंबर को होने वाली अपनी वार्षिक आम बैठक में बांड या डिबेंचर जारी करके 18,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगेगी। वार्षिक आम बैठक के लिए जारी नोटिस में कहा गया कि एनटीपीसी ने निजी नियोजन के आधार पर बांड/डिबेंचर जारी करके 18,000 करोड़ रुपये तक जुटाने का प्रस्ताव किया है। एक अन्य पहल के तहत कंपनी ने मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में एक सरकारी आईटीआई स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग के साथ भोपाल में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी को पूंजीगत व्यय की आवश्यकता के अलावा अपनी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भी उधार लेने की आवश्यकता होती है। उसने साथ ही उधार लेने के अधिकार को 2,00,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,25,000 करोड़ रुपये करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी भी मांगी है। कंपनी ने कहा कि भविष्य के पूंजी व्यय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उसके लिए धन की व्यवस्था की जाए और नए व्यवसाय में कदम रखा जाए। इसलिए भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित निवेश आवश्यकताओं के लिए मौजूदा उधार सीमा को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। एनटीपीसी ने 31 जुलाई, 2025 तक कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में गुरदीप सिंह को फिर से नियुक्त करने के लिए भी शेयरधारकों से आग्रह किया है। सिंह को पदभार संभालने की तारीख से पांच साल के लिए या अगले आदेश तक 28 जनवरी, 2016 को सीएमडी के रूप में नियुक्त किया गया था।

जियो की पांच वर्ष में देश में 1300 फीसदी बढ़ी डेटा खपत
Posted Date : 06-Sep-2021 3:43:18 am

जियो की पांच वर्ष में देश में 1300 फीसदी बढ़ी डेटा खपत

नई दिल्ली ,05 सितंबर ।  जियो की पांच सितंबर 2016 को लॉंचिंग पर मुकेश अंबानी ने डेटा इज न्यू ऑयल का नारा दिया और इस सेक्टर की तस्वीर ही बदल गई। अक्टूबर से दिसंबर 2016 की ट्राई की परफॉरमेंस इंडीकेटर रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि प्रति यूजर डेटा की खपत मात्र 878.63 एमबी थी। सितंबर 2016 में जियो लॉन्च के बाद डेटा खपत में जबर्दस्त विस्फोट हुआ और अब डेटा की खपत 1303 प्रतिशत बढक़र 12.33 जीबी हो गई।
पांच साल पहले जब उद्योगपति मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के लॉन्च की घोषणा की तो किसी को भी गुमान नहीं था कि जियो, देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होगा। भारत में इंटरनेट की शुरूआत हुए 26 वर्ष बीत गए हैं। कई टेलीकॉम कंपनियों ने इस सेक्टर में हाथ अजमाया, पर कमोबेश सभी कंपनियों का फोकस वॉयस कॉलिंग पर ही था।
जियो के मार्केट में उतरने के बाद केवल डेटा की खपत ही नही बढ़ी डेटा यूजर्स की संख्या में भी भारी इजाफा देखने को मिला। ट्राई की ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल पहले के मुकाबले ब्रॉडबैंड ग्राहकों की तादाद चार गुना बढ़ चुकी है। जहां सितंबर 2016 में 19.23 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक थे वहीं जून 2021 में यह 79.27 करोड़ हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना हैं कि डेटा की खपत में बढ़ोतरी और इंटरनेट यूजर्स की तादाद में भारी इजाफे की वजह डेटा की कीमतों में हुई कमी है। दरअसल जियो की लॉंचिंग से पूर्व तक डेटा की कीमत करीब 160 रुपए प्रति जीबी थी जो 2021 में घटकर 10 रुपए प्रति जीबी से भी नीचे आ गईं। यानी पिछले पांच वर्षों में देश में डेटा की कीमतें 93 प्रतिशत कम हुई। डेटा की कम हुई कीमतों के कारण ही आज देश दुनिया में सबसे किफायती इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले देशों की सूची में शामिल है।
डेटा की कीमतें कम हुई तो डेटा खपत बढ़ी। डेटा खपत बढ़ी तो डेटा की पीठ पर सवार काम धंधों के पंख निकल आए। आज देश में 53 यूनीकॉर्न कंपनियां हैं जो जियो की डेटा क्रांति से पहले तक 10 हुआ करती थी। ई-कॉमर्स, ऑनलाइन बुकिंग, ऑर्डर प्लेसमेंट, ऑनलाइन एंटरटेनमेंट, ऑनलाइन क्लासेस जैसे शब्दों से भारत का अमीर तबका ही परिचित था। आज रेलवे बुकिंग खिलड़कियों पर लाइने नहीं लगती। खाना ऑर्डर करने के लिए फोन पर इंतजार नही करना पड़ता। किस सिनेमा हॉल में कितनी सीटें किस रो में खाली हैं बस एक क्लिक में पता चल जाता है। यहां तक कि घर की रसोई की खरीददारी भी ऑनलाइन माल देख परख कर और डिस्काउंट पर खरीदा जा रहा है।
ऑनलाइन धंधे चल निकले तो उनकी डिलिवरी के लिए भी एक पूरा जाल खड़ा करना पड़ा। मोटरसाइकिल पर किसी खास कंपनी का समान डिलिवर करने वाले कर्मचारी का सडक़ पर दिखाई देना अब बेहद आम बात है। मोटरसाइकिल के पहिए घूमें तो हजारों लाखों परिवारों को रोजी रोटी मिली। जोमैटो के सीइओ ने कंपनी के आईपीओ लिस्टिंग के महत्वपूर्ण दिन रिलायंस जियो को धन्यवाद दिया। यह धन्यवाद यह बताने के लिए काफी है कि रिलायंस जियो, भारतीय इंटरनेट कंपनियों के लिए क्या मायने रखती है। नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हैस्टिंग्स ने उम्मीद जताई थी कि काश जियो जैसी कंपनी हर देश में होती और डेटा सस्ता हो जाता।
रिलायंस जियो ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी सहारा दिया। भुगतान के लिए, आज बड़ी संख्या में ग्राहक नकदी छोड़ कर डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने लगे हैं। इस डिजिटल स्थानांतरण में रिलायंस जियो की महती भूमिका है। वर्ष 2016 के बाद से ही देश में डिजिटल लेन देन का मूल्य और आकार दोनों बढ़े हैं। यूपीआई लेनदेन का मूल्य करीब दो लाख गुना और आकार करीब चार लाख गुना बढ़ा है। जाहिर है तरह तरह के ऐप्स के डाउनलोड में भी भारी वृद्धि देखने को मिली। वर्ष 2016 के 6.5 अरब डाउनलोडेड ऐप्स के मुकाबले यह आंकड़ा 2019 में 19 अरब हो गया।

स्पाइसजेट कर्मियों ने दिल्ली हवाईअड्डे पर काम करने से किया इनकार
Posted Date : 05-Sep-2021 2:50:03 am

स्पाइसजेट कर्मियों ने दिल्ली हवाईअड्डे पर काम करने से किया इनकार

नई दिल्ली। सस्ती विमानन सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइसजेट के कर्मचारियों ने वेतन में विलंब और अन्य बकाया का भुगतान नहीं होने के विरोध में आज दिल्ली हवाईअड्डे पर काम करने से इनकार कर दिया। हालांकि प्रबंधन के आश्वासन के बाद कर्मी काम पर लौट गये। कंपनी सूत्रों ने यहां बताया कि मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी और वरिष्ठ उपाध्यक्षों में से एक ने अगले बुधवार तक इन सभी समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी अपने काम पर लौट गये।
साथ ही स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, दिल्ली हवाईअड्डे पर कंपनी के कर्मचारियों के एक समूह की इस समस्या का समाधान कर दिया गया है। इसके बाद कर्मचारी अपने काम पर लौट गये। साथ ही स्पाइसजेट के विमानों का परिचालन बहाल हो गया।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण स्पाइसजेट को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 729 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में घाटा 593 करोड़ रुपये रहा था।

अमेजन पे यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या हुई 5 करोड़
Posted Date : 05-Sep-2021 2:49:18 am

अमेजन पे यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या हुई 5 करोड़

नई दिल्ली। अमेजन पे यूपीआई का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 5 करोड़ हो गई है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए, अमेजन पे उन सभी उपभोक्ताओं को जो खरीदारी, बिल भुगतान, ऑनललाइन मर्चेंट्स को भुगतान करने और अपने कॉन्टैक्ट्स को पैसे भेजने के लिए अमेजन यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, सितंबर के पूरे महीने में दैनिक पुरस्कार की पेशकश कर रहा है।
अमेजन पे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं उपाध्यक्ष महेन्द्र नेरूरकर ने कहा, हमारा उद्देश्य किसी भी चीज के लिए किए जाने वाले भुगतान को भरोसेमंद, सुविधाजनक और फायदेमंद बनाना है। यूपीआई के लिए तेज स्वीकार्यता से हम उत्साहित हैं, जो अब उपभोक्ताओं को अपने अमेजन एप के साथ खरीदारी करने के अलावा अन्य बहुत कुछ करने में सक्षम बनाता है। हम यूपीआई के माध्यम से अपने लाखों ग्राहकों और व्यापारियों की सेवा करने के लिए अभिभूत हैं और भारत को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

ग्राहकों के लिए अलर्ट, 180 मिनट तक बंद रहेगी बैंक की कुछ सेवाएं
Posted Date : 05-Sep-2021 2:48:35 am

ग्राहकों के लिए अलर्ट, 180 मिनट तक बंद रहेगी बैंक की कुछ सेवाएं

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए एक अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में बताया गया है कि बैंक की कुछ सेवाएं 180 मिनट तक बंद रहेंगी। 
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें बैंक ने कहा है कि 4 सितंबर की रात 22:35 बजे से 5 सितंबर को 01:35 बजे तक यानी कुल 180 मिनट मेंटेनेंस गतिविधियां होने की वजह से बैंकिंग सेवाएं ठप रहेंगी। इस दौरान ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, योनो, योनो लाइट, योनो बिजनेस और आईएमपीएस के अलावा यूपीआई सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। कहने का मतलब ये है कि इस दौरान किसी भी मंच पर ट्रांजैक्शन समेत अन्य एक्टिविटी करने से बचने की जरूरत है। बीते जुलाई और अगस्त महीने में भी एसबीआई ने मेंटेनेंस की वजह से बैंकिंग सेवाओं को ठप किया था। आमतौर पर मेंटेनेंस का काम रात में होता है। ऐसे में ज्यादा लोग प्रभावित नहीं होते हैं। आपको बता दें कि एसबीआई के इंटरनेट बैंकिंग के अलावा यूपीआई और योनो ग्राहकों की कुल संख्या 25 करोड़ से ज्यादा है।