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जेटली के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज
Posted Date : 07-Dec-2018 12:20:39 pm

जेटली के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज

0-वकील पर लगाया 50 हजार का जुर्माना
नई दिल्ली ,07 दिसंबर । सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल करने वाले वकील पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान वकील को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी इसी प्रकार की हरकत रही तो उनके वकालत पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। 
ज्ञात हो कि वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में बैंकों के एनपीए पर जनहित याचिका दायर की थी और अरुण जेटली पर आरोप लगाए थे। कोर्ट ने वकील पर 50 हजार रूपए का जुर्माना लगाया और जमानत भरने तक याचिका दायर करने पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने वकील एम एल शर्मा पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जिन्होंने जनहित याचिका (पी आई एल) दायर की थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, हमें इस पीआईएल पर विचार करने की जरा भी वजह नजर नहीं आती।
शर्मा ने वित्त मंत्री जेटली पर भारतीय रिजर्व बैंक के कैपिटल रिजर्व में लूटपाट का आरोप लगाया था। पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिया कि शर्मा को तब तक अन्य कोई पीआईएल दाखिल करने की इजाजत नहीं दी जाए, जब तक वह 50 हजार रुपये जमा नहीं कर देते।

चार साल बाद किसानों की इनकम होगी दोगुनी!
Posted Date : 07-Dec-2018 12:16:40 pm

चार साल बाद किसानों की इनकम होगी दोगुनी!

0-मोदी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा
नईदिल्ली ,07 दिसंबर । केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने चाय, कॉफी, फलों और सब्जियों जैसे कृषि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी 2018 को मंजूरी देते हुए कृषि क्षेत्र का निर्यात 2022 तक दोगुना करने हेतु इस नीति को मंजूरी दी गई है. ऐसा करके निर्यात को 2022 तक दोगुना करके 60 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है. इससे ग्लोबल एग्रीकल्चर मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढऩे की भी उम्मीद है.
प्रभु ने गुरुवार शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2022 तक भारत के कृषि निर्यात को दोगुना करके 60 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाना है. नीति को मंजूरी देने के पीछे का उद्देश्य है कि किसान ज्यादा से ज्यादा फायदा कमा सके.
हालांकि सरकार ने अभी तक पूरी नीति का विवरण घोषित नहीं किया है. इस पॉलिसी में कृषि निर्यात की आधारभूत संरचना में सुधार संबंधी बदलाव होगा. सरकार ने इस नीति में जैविक उत्पादों के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाने पर भी जोर दिया गया है.
बता दें कि भारत में किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा है. अभी हाल ही में किसानों ने दिल्ली और मुंबई में फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. आगामी आम चुनाव में भी बीजेपी को उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. जबकि किसान आंदोलन और ग्रामिणों की नाराजगी के कारण वर्ष 2004 में बीजेपी को सत्ता तक गंवानी पड़ी थी.
कृषि व्यापार में सरकार की नीतियों ने भी वैश्विक बाजार में स्थिर खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका को नुकसान पहुंचाया है. निर्यातकों के मुख्य निकाय, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा, स्विच ऑन, स्विच ऑफ नीतियों ने भारत को कृषि वस्तुओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरने से रोक दिया है, यहां तक कि उन सालों में भी जिनमें कृषि उत्पादन अधिक हुआ हो.
प्रभु ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति बुनियादी ढांचे में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेगी और सुनिश्चित करेगी कि राज्य सरकारें कृषि निर्यात को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी.

देश में हर 8वीं मौत जहरीली हवा से!
Posted Date : 07-Dec-2018 12:14:33 pm

देश में हर 8वीं मौत जहरीली हवा से!

0-तंबाकू से भी ज्यादा खतरनाक है प्रदूषण
नई दिल्ली ,07 दिसंबर । देश में हर 8 में से 1 व्यक्ति की मौत जहरीली हवा के कारण हो रही है। बाहर ही नहीं, घर के अंदर का प्रदूषण भी जानलेवा हो रहा है। मेडिकल रिसर्च करने वाली सरकारी संस्था आईसीएमआर की नई स्टडी में यह दावा किया गया है। यह भारत में हुई पहली स्टडी है, जिसमें हवा में प्रदूषण की वजह से मौत, बीमारियों और उम्र पर पडऩे वाले असर को आंका गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण लोगों की औसत उम्र भी घटा रहा है। अगर हवा शुद्ध मिलती तो लोग औसतन एक साल 7 महीने ज्यादा जीते। देश की 77 फीसदी आबादी एयर पलूशन की जद में है। प्रदूषण तंबाकू जितना खतरनाक साबित हो रहा है।
तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इससे कैंसर समेत कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, एक ताजा अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बीमारियों के खतरे के लिहाज से तंबाकू से भी ज्यादा खतरनाक प्रदूषण है। इंडियन काउंसिल ऑफ आईसीएमआर की स्टडी में खुलासा हुआ है कि तंबाकू की तुलना में प्रदूषण से कहीं ज्यादा लोग बीमार पड़ रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले साल यानी 2017 में देश में 12.4 लाख लोगों की मौत के लिए कहीं न कहीं वायु प्रदूषण जिम्मेदार रहा।
एक अध्ययन के अनुसार, लोअर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की तुलना करें तो ये तंबाकू से ज्यादा एयर पलूशन से हो रहा है। केवल लंग्स कैंसर तंबाकू से ज्यादा हो रहा है। प्रति एक लाख लोगों में 49 लोगों को लंग्स कैंसर की वजह एयर पलूशन है, तो 62 लोगों में इसकी वजह तंबाकू है। 
इस बारे में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के प्रोफेसर ललित डंडोना ने कहा कि अभी भी स्मोकिंग और तंबाकू का असर उतना ही है, लेकिन पहले की तुलना में इसके प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है। हमारी स्टडी में दोनों के बीच तुलना करने की वजह भी यही है कि एयर पलूशन का असर भी तंबाकू जितना होने लगा है। जब कोई तंबाकू का सेवन करता है तो ठीक उसी समय वह ज्यादा प्रभावित होता है, लेकिन प्रदूषण का असर तो इंसान जितनी बार सांस लेगा उतनी बार होगा। प्रोफेसर ललित ने कहा कि जब हवा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ता है तो लोग प्रदूषण के ज्यादा शिकार हो जाते हैं।
वायु प्रदूषण से बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा 
वायु प्रदूषण के संपर्क में थोड़ी देर के लिए भी आने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय की रिसर्च में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं की टीम ने हवा में तीन साधारण प्रदूषक तत्वों- अतिसूक्ष्म कणों (पीएम 2.5), नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन की मात्रा बढ़ जाने के बाद तीन से सात दिन की अवधि के दौरान गर्भपात के खतरे को भी जांचा।

नोर्ट को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत नियुक्त कर सकते हैं ट्रंप
Posted Date : 07-Dec-2018 12:07:29 pm

नोर्ट को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत नियुक्त कर सकते हैं ट्रंप

वाशिंगटन,07 दिसंबर । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय-अमेरिकी निक्की हैली को हटाकर विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट को संयुक्त राष्ट्र का अगला राजदूत नियुक्त कर सकते हैं। मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया है। अक्टूबर में हैली ने घोषणा की थी कि वह वर्ष के अंत तक पद छोड़ देंगी। वह इस पद पर करीब दो वर्ष तक रहीं। हैली ऐसी पहली भारतीय-अमेरिकी हैं जिन्हें किसी राष्ट्रपति प्रशासन के तहत कैबिनेट के पद पर नियुक्त किया गया। नोर्ट की नियुक्ति के संबंध में ट्रंप शुक्रवार को घोषणा कर सकते हैं। नोर्ट फॉक्स न्यूज की एंकर रह चुकी हैं जहां उन्होंने वर्ष 1998 से 2005 तक काम किया।

हुसैन हक्कानी ने अमेरिका को अफगान तालिबान से समझौते को लेकर किया आगाह
Posted Date : 07-Dec-2018 12:06:39 pm

हुसैन हक्कानी ने अमेरिका को अफगान तालिबान से समझौते को लेकर किया आगाह

वाशिंगटन ,07 दिसंबर । पाकिस्तान के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने अमेरिका को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत को लेकर आगाह किया है। राजनयिक के मुताबिक तालिबान इस बातचीत के जरिये धोखा देकर अमेरिका को अफगानिस्तान से बाहर कर सकता है, जिससे अफगानिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय आतकंवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने विदेश नीति से जुड़ी एक प्रतिष्ठित पत्रिका में लिखा, ‘‘अगर अमेरिकी जल्दबाजी में अफगानिस्तान छोडऩे का फैसला करते हैं, तो जिहादी पूरी दुनिया में भविष्य के लड़ाकों को यह बताएंगे कि किस तरह उनके धार्मिक जुनून के साथ आतंकवाद के मिश्रण ने दुनिया की दो सैन्य महाशक्तियों पर जीत हासिल की।’’ इससे पहले सोवियत संघ को भी अफगानिस्तान से बाहर जाना पड़ा था। हक्कानी ने यह विचार हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखे गए उस पत्र के बाद रखे हैं, जिसमें ट्रंप ने इमरान से अफगानिस्तान में शांति के लिये पाकिस्तान का सहयोग मांगा था। हक्कानी ने लिखा, अमेरिका के नजरिये से, अफगानिस्तान पिछड़ा हुआ देश है जो सिर्फ विरोधियों के इस पर नियंत्रण के दौरान सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है। अमेरिका ने 1980 के दशक में सोवियत संघ को हटाने के लिए अफगानों का समर्थन किया था। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में शांति के लिये वर्षों से अमेरिका ने अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है, लेकिन इस दौरान हुए तालिबान के हमलों के चलते अनेक अमेरिकी सैनिकों को भी जान गंवानी पड़ी है।

हमास के खिलाफ निंदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में खारिज
Posted Date : 07-Dec-2018 12:05:58 pm

हमास के खिलाफ निंदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में खारिज

संयुक्त राष्ट्र ,07 दिसंबर । संयुक्त राष्ट्र महासभा में हमास की निंदा करने वाला अमेरिका द्वारा प्रस्तावित मसौदा पारित नहीं हो सका। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली द्वारा समर्थित इस मसौदे में इजरायल के खिलाफ हमास के रॉकेट हमलों की निंदा की गई थी। यह फिलीस्तीन के हमले की निंदा करने वाला यूएनजीए का पहला मसौदा था। 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुरुवार को मतदान से पहले महासभा ने बहुमत तय करने के लिए अलग से मतदान कराया क्योंकि इस मसौदे को पारित करने के लिए बहुमत की जरूरत होगी। इस मसौदे के पक्ष में 87 जबकि विरोध में 58 वोट पड़े। वहीं, 32 ने मतदान से दूरी बनाए रखी, जिसके परिणामस्वरूप मसौदा संयुक्त राष्ट्र महासभा में जरूर दो तिहाई बहुमत जीतने में नाकाम रहा। सभी अरब देशों ने इस मसौदे के खिलाफ मतदान किया। 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलीस्तीन सरकार के एक प्रस्ताव पर भी मतदान किया, जिसमें इजरायली बस्तियों की निंदा की गई थी और भावी शांति समझौते के मानकों का उल्लेख था। इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। इसके खिलाफ केवल छह वोट पड़े थे।