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वीओसी पोर्ट, ई-कार शुरू करने वाला बना पहला प्रमुख बंदरगाह
Posted Date : 05-Aug-2021 8:32:25 pm

वीओसी पोर्ट, ई-कार शुरू करने वाला बना पहला प्रमुख बंदरगाह

नई दिल्ली। तीन इलेक्ट्रिक-कारों के पहले समूह को कल शाम वीओ चिदम्बरनार पोर्ट ट्रस्ट में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन टाटा एक्सप्रेस-टी इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति पट्टे के आधार पर कुल 6 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के एक संयुक्त उद्यम मैसर्स एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा की गई है। निकट भविष्य में ऐसी तीन और इलेक्ट्रिक-कारें पोर्ट पर उपलब्ध कराई जाएंगी। वेट लीज समझौते के एक हिस्से के रूप में ईईएसएल बंदरगाह पर चार्जिंग पॉइंट, बीमा, पंजीकरण, ड्राइवरों की तैनाती और वाहनों के रखरखाव की सुविधा भी प्रदान करेगा। इस पर आने वाली लागत के लिए वीओ चिदम्बरनार बंदरगाह ईईएसएल को मासिक भुगतान करेगा।
उपलब्ध कराई जा रही इलेक्ट्रिक-कारों में 21.50 केडब्ल्यूएच लिथियम आयन बैटरी इस्तेमाल की गई है, जो एक बार चार्ज करने पर वाहन को 231 किलोमीटर तक चलाने में सक्षम है। इसका बैटरी पैक एक एसी चार्जर सेट-अप द्वारा संचालित होगा, जो प्रति कार 3.3 केडब्ल्यू की आउटपुट पावर रेटिंग के साथ एक साथ तीन कारों (3 आउटपुट) को एक बार में चार्ज कर सकता है। चार्जर सेट-अप 8 घंटे में ही बैटरी को 0 से 100त्न तक चार्ज कर सकता है। जीरो टेल-पाइप उत्सर्जन के साथ, प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन हर वर्ष 1.5 टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड को घटाते हुए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाएगा।
    मेरीटाइम इंडिया विजऩ-2030 के एक भाग के रूप में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय सुरक्षित, सतत तथा हरित समुद्री क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने व विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त पर्यावरणीय गुणवत्ता मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। वीओ चिदम्बरनार पोर्ट बंदरगाह पर उत्सर्जन में कमी लाने के उद्देश्य को पूरा करने में बहु-स्वच्छ ईंधन रणनीति को शामिल करने के लिए समान रूप से प्रेरित है।

बिजली वितरण कंपनियों को 90 हजार करोड़ के घाटे का अनुमान
Posted Date : 04-Aug-2021 10:27:57 pm

बिजली वितरण कंपनियों को 90 हजार करोड़ के घाटे का अनुमान

नयी दिल्ली ,04 अगस्त । भारत में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) हर साल घाटे में रहती हैं और वित्त वर्ष 2021 में उन्हें कुल 90,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है।
नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाते हुए कहा गया है कि एक के बाद एक होने वाले घाटे के कारण बिजली उत्पादकों को समय पर भुगतान नहीं कर पातीं, बेहतर तरीके से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जरूरी निवेश नहीं कर पातीं या विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल करने की तैयारी नहीं कर पातीं।
नीति आयोग ने आज एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ऐसे सुधारों के बारे में बताया गया है, जो देश के विद्युत वितरण सेक्टर को बदल देंगे। यह रिपोर्ट इस बिजली वितरण क्षेत्र सम्बंधी नीति-निर्माण में सुधार लाने की पहल है।
रिपोर्ट का शीर्षक टर्निंग एराऊंड दी पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर (विद्युत वितरण सेक्टर में आमूल परिवर्तन) है और इसे नीति आयोग, आरएमआई और आरएमआई इंडिया ने मिलकर तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि आरएमआई इंडिया, भारत में स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करता है और यह अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) से सम्बद्ध है।इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने जारी किया।
रिपोर्ट में भारतीय और दुनिया के बिजली वितरण सेक्टर में किये जाने वाले सुधार प्रयासों की समीक्षा की गई है। देश में मौजूद नीतिगत अनुभवों से प्राप्त होने वाले उत्कृष्ट व्यवहारों और सीख को इसमें शामिल किया गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, इस रिपोर्ट में कई महत्त्वपूर्ण सुधारों को परखा गया, जैसे वितरण में निजी क्षेत्र की भूमिका, बिजली की खरीद, नियमों की स्थिति, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण और बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना। उन्होंने कहा कि एक मजबूत और कारगर वितरण सेक्टर जरूरी है, चाहे व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिये हो या जीवन को और आसान बनाने के लिये हो।
इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा, इस रिपोर्ट में नीति-निर्माताओं के लिये सुधार विकल्प की एक पूरी सूची दी गई है, जिससे वे बिजली वितरण सेक्टर को सही रास्ते पर ला सकें और उसे फायदेमंद बना सकें। नीति आयोग इन सुधारों पर अमल करने के लिये कुछ राज्यों के साथ साझेदारी करेगा।

कनेक्टेड कार सॉल्युशन के लिए एमजी मोटर और जियो की साझेदारी
Posted Date : 04-Aug-2021 10:27:28 pm

कनेक्टेड कार सॉल्युशन के लिए एमजी मोटर और जियो की साझेदारी

नयी दिल्ली ,04 अगस्त । बेस्ट-इन-क्लास कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी प्रदान करने के लिए यात्री वाहन निर्माता एमजी मोटर इंडिया ने आज डिजिटल सेवा प्रदाता जियो के साथ साझेदारी की घोषणा की है।
कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि ऑटो-टेक पायोनियर के रूप में अपनी पोजिशन को मजबूती करते हुए एमजी मोटर इंडिया अपनी आगामी मिड-साइज एसयूवी में जियो के आईओटी सॉल्युशन द्वारा सक्षम आईटी सिस्टम का सीमलेस इंटिग्रेशन प्रदान करेगा। यह साझेदारी नए जमाने के मजबूत मोबिलिटी सॉल्युशन को सक्षम बनाएगी, जो कार निर्माता के फ्यूचरिस्टिक मोबिलिटी एप्लिकेशन बनाने और जादुई अनुभवों को सुविधाजनक बनाने के उत्साह को रेखांकित करेगा।
उसने कहा कि जियो की एक विस्तृत रेंज प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए ऑटोमोटिव सॉल्युशन को सपोर्ट करेगा। एमजी की मिड-साइज़ एसयूवी के ग्राहकों को न केवल महानगरों में बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाई-चलिटी कनेक्टिविटी के साथ-साथ जियो के इंटरनेट आउटरीच से लाभ होगा। जियो का नए जमाने का कनेक्टेड व्हीकल सॉल्युशन हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कनेक्टिविटी का एक कॉम्बिनेशन है जो यूजरों को चलते-फिरते वाहनों और लोगों को ट्रेंडिंग इंफोटेनमेंट और रियल-टाइम टेलीमैटिक्स तक पहुंचने में सक्षम बनाता है और उनके लिए डिजिटल जीवन के लाभ लाता है।

बीमा कारोबार विधेयक में संशोधन से बीमधारकों को मिलेंगे बेहतर विकल्प
Posted Date : 04-Aug-2021 4:11:13 am

बीमा कारोबार विधेयक में संशोधन से बीमधारकों को मिलेंगे बेहतर विकल्प

नई दिल्ली । सरकारी बीमा कंपनियों को कारोबार बढ़ाने और संसाधन जुटाने को आसान बनाने के मसकद से सरकार की तरफ से पेश किया गया साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 लोकसभा से पारित हो गया। हालांकि, विपक्षी पार्टियां और कर्माचारी यूनियन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस फैसले का विरोध क्यों किया जा रहा है और इस कदम से आम बीमाधारकों को क्या लाभ होगा?
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने कहा कि सरकार की तरफ से ये बेहद सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है। इससे न सिर्फ कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी बल्कि आम ग्राहकों को भी ज्यादा सहूलियत वाले बीमा उत्पाद मिलने संभव हो सकेंगे। कंपनियों में नई तकनीक और बेहतर प्रबंधन से ग्राहकों के क्लेम सेटेलमेंट में भी सहूलियत बढ़ेगी। साथ ही कंपनियों के लिए आईपीओ और एफपीओ लाने का भी रास्ता साफ हो जाएगा जिससे इन कंपनियों के पास बाजार से रकम जुटाने का मौका होगा। वहीं इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एफडीआई का भी फायदा होगा।
विधेयक का विरोध क्यों?
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक को जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार सदियों पुरानी विरासत को बेच रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधीर रंजन के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। सरकार इस विधेयक के माध्यम से किसी का हक नहीं छीन रही है। असत्य बोलकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
निजी हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ
देश में साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में निजी हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा। ये उन सभी कंपनियों में हो सकेगा जहां सरकारअपनी हिस्सेदारी घटाकर 51 प्रतिशत से नीचे करना चाहती है। साथ ही कंपनी के प्रबंधन का नियंत्रण संभावित खरीदार को सौंपना चाहती है।
51त्न से ज्यादा हिस्सेदारी की बाध्यता खत्म
इस बदलाव के बाद के बाद, पहले से लागू 1972 के अधिनियम की वो धारा खत्म हो जाएगी जिसमें सरकारी क्षेत्र से जुड़ी साधारण बीमा कारोबार कंपनियों में 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सा रखना जरूरी होता है। ऐसा होने पर प्रबंधन पर नियंत्रण भी सरकार ही रहता था। इस विधेयक के बाद नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सा बेचना आसान हो जाएगा। 1972 के अधिनियम के तहत जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन की यानि जीआईसी स्थापना हुई थी और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का उसमें पुनर्गठन हुआ था। 2002 में इसमें फिर संशोधन हुआ ताकि जीआईसी की इन चारों कंपनियों का नियंत्रण केंद्र सरकार को दिया जा सके।
सरकार का फैसले के पक्ष में तर्क
वित्तमंत्री का कहना है कि इन बीमा कंपनियों के तेजी से विकास के लिए संसाधन जरूरी हैं और निजी क्षेत्र से इन्हें धन और तकनीक दोनों मिल सकती हैं। इस विधेयक के माध्यम से साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक निजी भागीदारी का उपबंध करने, बीमा पहुंच में वृद्धि करने, सामाजिक संरक्षण एवं पालिसीधारकों के हितों को बेहतर रूप से सुरक्षित करने तथा अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि में अंशदान करने के लिए अधिनियम के कुछ उपबंधों का संशोधन करना आवश्यक हो गया था। सरकार निजीकरण के लिए बीमा कंपनी के चयन की कवायद में लगी है, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में की थी।

एसबीआई समेत कई बैंकों ने अचानक ही बंद कर दिए हजारों ग्राहकों के अकाउंट, आरबीआई के निर्देश पर हुई कार्रवाई
Posted Date : 04-Aug-2021 4:10:51 am

एसबीआई समेत कई बैंकों ने अचानक ही बंद कर दिए हजारों ग्राहकों के अकाउंट, आरबीआई के निर्देश पर हुई कार्रवाई

नई दिल्ली । अगर आपका बैंक में खाता हो तो यह जानकारी आपके भी काम की है। अगर आपका एसबीआई समेत अन्य बैंकों में खाता है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि बैंकों ने लाखों ग्राहकों के अचानक ही खाते बंद कर दिए हैं और इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार एसबीआई ने करीब 60,000 खातों को बंद कर दिया है और ऐसा रिजर्व बैंक के निर्देश पर किया गया है। बैंक के इस कदम से करंट अकाउंट बंद हो जाने से कई छोटे कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अगर ग्राहक ने किसी दूसरे बैंक से लोन लिया है तो बैंक इन ग्राहकों के चालू खाता नहीं खोल सकते हैं। बैंकों द्वारा ऐसा किया जाने का कारण कैश फ्लो पर नजर रखना और फंड्स की हेराफेरी पर लगाम लगाना है, क्योंकि लोन लेने वाले ग्राहक कई बैंकों में चालू खाते खुलवाकर फंड्स की हेराफेरी कर रहे थे जिसकी वजह से आरबीआई ने इन सभी ग्राहकों के खाते को बंद करने का आदेश दिया है।
इस संबंध में बैंकों ने ग्राहकों को ईमेल और मैसेज भेजकर इस बारे में जानकारी दे दी है तथा कहा है कि ग्राहक चाहे तो कैश, क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट की सुविधा का फायदा ले सकते हैं और ग्राहकों से 30 दिन के भीतर अपना करंट अकाउंट बंद करने का अनुरोध किया गया है।

धोनी ने होमलेन में निवेश कर बने ब्रांड एम्बेसडर
Posted Date : 04-Aug-2021 4:10:05 am

धोनी ने होमलेन में निवेश कर बने ब्रांड एम्बेसडर

नयी दिल्ली । होम इंटीरियर्स क्षेत्र की कंपनी होमलेन ने एक इच्टिी पार्टनर और ब्रांड एम्बेसेडर के रुप में क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के साथ तीन साल की रणनीतिक भागीदारी की है।
कंपनी ने आज यहां बताया कि इस भागीदारी के एक भाग के तौर पर धोनी के पास होमलेन के शेयर होंगे। कैप्टन कूल कहलाने वाले धोनी होमलेन के पहले ब्रांड एम्बेसेडर होंगे और शुरु से लेकर अंत तक सबकुछ उपलब्ध कराने वाले इस होम इंटीरियर्स ब्रांड का समर्थन और विज्ञापन करने वाले पहले सेलिब्रिटी होंगे।
होमलेन जैसे जैसे नए बाज़ारों में विस्तार करेगी और इसके मौजूदा 16 शहरों में इसकी मौजूदगी सशक्त करेगी। धोनी के साथ इसकी रणनीतिक भागीदारी से कंपनी को ज़ोर शोर से विज्ञापन करने और इसके ग्राहकों के साथ जुडऩा संभव हो सकेगा। अगले 2 वर्षों में होमलेन की योजना है 25 नए टियर 2, टियर 3 शहरों को जोडऩा और इस आक्रमक विस्तार का समर्थन करने के लिए करीब 100 करोड़ रुपए के मार्केटिंग व्यय का प्रावधान किया गया है।