छत्तीसगढ़

22-Dec-2018 1:07:14 pm
Posted Date

नया बस स्टैण्ड नहीं हो सका हाईटेक

0 यात्री सुविधाओं की भारी कमी, पीने को पानी तक नहीं
कोरबा, 22 दिसम्बर । शहर का नया बस स्टैण्ड केवल नाम से ही नया रह गया है। नया बस स्टैण्ड को हाईटेक बनाने सरकार के बजट में ढाई साल पहले प्रस्ताव शामिल किया गया था लेकिन आज भी नया बस स्टैण्ड हाईटेक होने की बाट जोह रहा है। बस स्टैण्ड में यात्री सुविधाओं की भारी कमी है। यहां तक की यात्रियों को शुद्ध पेयजल तक के लिए भटकना पड़ रहा है। न ही इंतजार में बैठने के लिए प्रर्याप्त व्यवस्था है। रात में यात्रियों के लिए बस स्टैंड के अंदर रुकने के लिए किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं है। बस स्टैंड के अंदर बनाए गए रैन बसेरा का ताला ही नहीं खुलता। वाटर एटीएम भी देखरेख के अभाव में खराब पड़ा है। रोजाना इस बस स्टैंड से डेढ़ सौ से ज्यादा बसें दीगर क्षेत्र समेत अन्य जिलों व दूसरे राज्यों के लिए चलती हैं। लेकिन कौन सी बस कब और कहां जाएगी यह भी बताने वाला कोई नहीं मिलता। यात्रियों को भटकना पड़ता है। यात्री बस स्टैंड में लगे दुकानों व बस एजेंटों से बसों के संबंध में पूछकर जानकारी लेते हैं। शहर के पुराना बस स्टैंड में भी इसी तरह का हाल है जहां यात्रियों के इंतजार करने के लिए शेड भी नहीं लगा है। खुले आसमान के नीचे ही यात्रियों को खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है। 
नगर निगम में अप्रेल 2016 में प्रस्तुत बजट में 10 करोड़ की लागत से शहर में हाईटेक बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव शामिल किया गया था। जिसपर जल्द कार्य शुरू होने का आश्वासन दिया गया था। जबकि इससे एक साल पहले मार्च 2015 में निवर्तमान मुख्यमंत्री डॉण्रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत बजट में जिला मुख्यालयों में हाईटेक बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव शामिल किया था। लेकिन ट्रांसपोर्टनगर नया बस स्टैंड शहर में होने के बाद भी बदहाल है। 
शहर के नया बस स्टैंड से रोजाना 2 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है। सुबह से लेकर रात तक यात्री बस स्टैंड में पहुंचते हैं। अधिकांश लोगों को बसों के लिए स्टैंड में ही इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में सुविधाओं की कमी से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। ट्रांसपोर्टनगर स्थित नया बस स्टैंड में बस मालिक संघ ने अपने प्रयास से कुछ सुविधाएं शुरू की हैं। लेकिन सरकारी सुविधाएं बढऩे का इंतजार है। 

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