छत्तीसगढ़

21-Dec-2018 1:39:08 pm
Posted Date

अब भी कायम है-शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा

कोरबा 21 दिसम्बर । डीडीएम स्कूल प्रबंधन द्वारा शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा कर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया है। कलेक्टर से  शिकायत पर हुई जांच में स्कूल प्रबंधन द्वारा 53 डिसमिल जमीन पर अवैधानिक कब्जा किया जाना स्पष्ट हो चुका है। जिला कलेक्टर ने अवैध निर्माण हटाने आदेशित किया था। इस आदेश को एक साल से भी अधिक समय हो चुके हैं, लेकिन रसूदखदार का बेजा कब्जा अब भी कायम है। 
न्यायालय कलेक्टर कोरबा छत्तीसगढ़ पीठासीन अधिकारी मो. कैसर अब्दुल हक द्वारा पुनरीक्षण प्र.क्र.-12/बी-121/ 2017-18 में 15.12.2017 को आदेश पारित किया गया है कि सीमांकन प्रतिवेदन दिनांक 08.12.2017 के अनुसार शासकीय भूमि खसरा नंबर 3/1क में से 53 डिसमिल पर कमलनारायण सिंह द्वारा खेल मैदान एवं बाउंड्रीवाल बनाकर अवैध कब्जा होना पाया गया है। कलेक्टर ने नजूल तहसीलदार एवं नगर पालिक निगम को निर्देशित किया था कि शासकीय भूमि खसरा नंबर 3/1 क में से रकबा 53 डिसमिल अवैधानिक कब्जा को संहिता की धारा 248 के तहत नियमानुसार अतिक्रमण हटाया जाए। यह आदेश कलेक्टर द्वारा 15 दिसंबर 2017 को दिया गया था, लेकिन अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया जा सका है। बेजा कब्जाधारी का बेजा कब्जा अब भी कायम है। जिससे शासन, प्रशासन की छवि धूमिल होती रही है। अब जब सत्ता परिवर्तन हो गया है तो इस मामले में रसूखदार के बेजा कब्जा तोडऩे की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा उजागर होने के बाद फिर उसी जमीन को आबंटित कराने का प्रयास किया जा रहा है। अगर ऐसे प्रकरण में बेजा कब्जाधारी द्वारा बेजा कब्जा स्पष्ट होने के बाद उसी जमीन को कब्जाधारी को आबंटित कर दिया जाता है तो फिर ऐसे मामलों में बेजा कब्जाधारियों के हौसले बढ़ जाएंगे। देखा देखी में अन्य बेजा कब्जाधारी भी अपने बेजा कब्जा को विभिन्न संस्थाओं व उपक्रमों के नाम पर आबंटित कराने का नया फंडा शुरू कर देंगे। 
शिकायतकर्ता ने जनहित को लेकर रसूखदार बेजा कब्जा के खिलाफ शिकायत करने की मुहिम छेड़ी थी जिसमें शिकायतकर्ता को कामयाबी मिली है। यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है। बेजा कब्जाधारी ने अतिक्रमण कर आमजनों के आम रास्ते को बंद कर दिया है। बेजा कब्जा टूटते ही 20 से 25 लोग जिनकी जमीनें पीछे है उन्हेें आने जाने का रास्ता मिल जाएगा। साथ ही यह मार्ग कब्जा मुक्त होने के बाद आमजन के लिए सुलभ हो सकेगा। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों की बैठक ली थी। इस बैठक मेें उन्होंने भूमाफियाओं एवं शासकीय भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि सीएम के आदेश के बाद जिले के भूमाफियाओं पर कार्रवाई तेज की जाएगी। संभावना यह भी है कि डीडीएम स्कूल का बेजा कब्जा भी इसकी जद में आएगा। एक साल से भी अधिक समय से कार्रवाई का इंतजार है। अब सीएम के आदेश के बाद भी अगर रसूखदार का बेजा कब्जा कायम रहता है तो स्थानीय प्रशासन के साथ शासन पर भी उंगली उठेगी। 

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