आखिर क्यों माननीय उच्च-न्यायालय के आदेश के बाद भी चुप है प्रशासन
के आई टी के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला
न्यायालय अवमानना भी दायर किया जा चुका
सामाजिक न्याय संघ के समक्ष प्रस्तुत मामला
न्याय साक्षी/रायगढ़। अपने आवेदन को सामाजिक न्याय संघ के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मालिकराम, रंगीलाल, सेवकराम, सभी निवासी मुकाम पोस्ट गढ़उमरिया, में कहा कि, हमारे द्वारा, हमारी जमीन पर बनाए गए के0आई0टी0 कॉलेज़ से सम्बंधित जमीन अधिग्रहण बाबत् मुआवजा राशि के प्राप्त नहीं होने के सम्ब्ंाध में शासन को लगातार लिखित और मौखिक रुप से सूचित किए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे व्यथित होकर हमारे परिवार के दो बड़े क्रमश: हिराउराम, घुरउराम इस दुनिया से चले गए, लेकिन प्रशासन के कान में जूॅं तक नहीं रेंगी।
हमारे द्वारा सामाजिक न्याय संघ की मदद से, एक आवेदन माननीय उच्च-न्यायालय के समक्ष विधि अनुसार न्याय प्राप्ति हेतु प्रस्तुत किया, जिसका क्रमांक डब्ल्यू0पी0सी0 नं0 2185/2017 था, जिसपर दिनॉंक 16/08/2017 को आदेशित किया गया कि - श्रीमान् कलेक्टर के समक्ष मुआवजा राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जावे - , जिसके पालनार्थ एक आवेदन मय शपथ-पत्र मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए श्रीमान् कलेक्टर के समक्ष विधिनुसार प्रस्तुत किया गया। जिसपर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रशासन हमारी जमीन के अधिग्रहण का मुआवजा देना ही नहीं चाह रहा है, जो कि हमारे साथ सरा-सर अन्याय है। जिसपर पुन: सामाजिक न्याय संघ की मदद से न्यायालय अवमानना प्रकरण माननीय उच्च-न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जिसका क्रमांक ब्व्छज् छव 182 ध् 2019 है, जिसपर पुन: एक रिप्रेजेन्टेशन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किए जाने का आदेश दिया गया।
दिनॉंक 07/08/2019 को कलेक्टर रायगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष उक्त दोनों आदेश जो कि माननीय उच्च-न्यायालय के द्वारा किए गए प्रस्तुत किए जा चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है, जो कि प्रशासन की लापरवाही को और उच्च-न्यायालय के आदेशको भी दर-किनार करने को दर्शाने के लिए काफी है।
मालिकराम ने बताया कि, इस सम्बंध में अब पुन: माननीय उच्च-न्यायालय के समक्ष पुन: आवेदन किए जाने की तैयारी की जा रही है,जिसमें सामाजिक न्याय संघ से हमें मदद मिल रही है।
क्या है मामला
रायगढ़ जिले में ग्राम गढउमरिया, प0ह0नं0 23, रा0नि0मं0 पुसौर जिला रायगढ़ छ0ग0 में जो जमीन आवेदकगण की थीं उसपर किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोज़ी, गढउमरिया रायगढ़ जो कि शासन से प्रवर्तित इंजीनियरिंग महाविद्यालय है, की स्थापना के समय उक्त जमीन को शासन के द्वारा अधिग्रहित किया गया था। उक्त अधिग्रहण के सापेक्ष में बताया गया था कि मुआवज़ा राशि मिलेगी तथा साथ में घर के सदस्य को शासकीय नौकरी भी दी जायेगी, जिसपर आवेदकगण नेे अपनी जमीन को कही गई न्यायोचित मुआवज़ा राशि पर,, एवं हम तीन भाईयों के घर से एक-एक सदस्य को नौकरी का लाभ मिलता देख सहमति प्रदान की थीं। विदित हो कि, उक्त अधिग्रहण की कार्यवाही 2001 में की गई। जिसके बाद से लगातार 16 वर्ष से हम प्रताडि़त हो रहे हैं, क्योंकि हमें अभी तक मुआवज़ा नहीं मिला है, जो कि हमारे लिए बेहद कष्टकारक था, अत: शासन से मान्यता प्राप्त संस्था सामाजिक न्याय संघ से मदद ली गई और माननीय उच्च-न्यायालय से आदेश कराया गया, उक्त आदेश के सापेक्ष में तत्काल प्रभाव से मुआवजा राशि प्रदान किया जाना न्यायोचित होगा।
ये भी है जानकारी
हमें विदित है कि कार्यालय कलेक्टर भू-अर्जन शाखा रायगढ़ छ0ग0 में मूल चालान क्रमांक 223 दिनॉंक 03/02/2014 को राशि 8,88,000/- अक्षरांक आठ लाख अठ्ठासी हजार रुपये जमा किए जा चुके हैं, जिसके बाद भी हमें आज तक मुआवज़ा रकम प्राप्त नहीं हुई है, जो कि हमें मानसिक रुप से प्रताडि़त किया जाने वाला है।