छत्तीसगढ़

29-Oct-2019 1:59:47 pm
Posted Date

गोवर्धन पूजा और मातर जगाने का कार्यक्रम संपन्न हुआ

0 गोबर धन खुंदने के पश्चात महिलाएं करती हैं पुरूषों का स्वागत द्वार पर  
रायपुर, 29 अक्टूबर । यादव समाज टिकरापारा की ओर से विगत डेढ़ सौ वर्षो से छत्तीसगढ़ की बेहद गौरवशाली परंपरा गोवर्धन पूजा आज भी पारंपरिक रूप से लगातार जारी है उसी कड़ी में सोमवार को गोवर्धन पूजा गोवर्धन परिसर गोवर्धनधारी श्री कृष्ण मंदिर नंदी चौक ,टिकरापारा में बाजे -गाजे लाठी -काठी के साथ भव्य रुप से संपन्न हुआ! समाज के संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया कि विगत 150 वर्षों से उक्त परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है गोबर से गोवर्धन पर्वत प्रतीकात्मक रूप से बनाया जाता है साथ ही पूर्व से स्थापित गोवर्धनधारी श्री कृष्ण मंदिर में सभी माता बहनों पुरुष बाजे गाजे के साथ के साथ संध्याकालीन उपस्थित होती हैं। सर्वप्रथम गोवर्धनधारी श्री कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना कर उन्हें 56 प्रकार का भोग और खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। 
ओम जय जगदीश हरे आरती के पश्चात गौमाता और गोवर्धन की पूजा अर्चना की जाती है उसके पश्चात सभी महिलाएं पुरुष पांच बार गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं।  गाय के पैरों से खुरसे गोबर को खुंदवाया जाता है उक्त गोबर को सभी एकत्र करते हैं और एक दूसरे को गोबर का तिलक लगाकर बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ऐसा माना जाता है कि गोबर में लक्ष्मी का वास होता है और गोवर्धन में गोबर का तिलक लगाना सबसे शुभ और विजयशाली माना जाता है ।उक्त अवसर पर समाज के महिलाओं के लिए थाली सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था जिसमें श्री विष्णु वर्मा और श्री कर्ष जी  निर्णायक रहे ।गोवर्धन पूजा के पूर्व बाजे गाजे के साथ जिन घरों में बैरक देवता और मडई देवता की स्थापना की जाती है उन्हें सम्मान लिवाने हेतु नाचते गाते सभी जाते हैं बैरक और मडई विजय और शौर्य का प्रतीक होता है ।दूसरे दिन अर्थात 29 तारीख मंगलवार को मातर जगाने का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ प्रात: बाजे गाजे के साथ सहाड़ा देव को  लाने यादव जन गए और वहां से सहाड़ा देव को लाकर मनोकामना हनुमान मंदिर परिसर में स्थापित किया गया, तत्पश्चात दिन भर दूध और खीर पकाने का कार्य प्रारंभ हुआ शाम के समय पुन: बाजे गाजे और बैरक- मडई के साथ सभी यादव जन हरदेव लाला मंदिर की परिक्रमा मत्था टेकने और माता शीतला मंदिर  में माथा टेकने जाते हैं वहां से लौटने के पश्चात हनुमान जी की पूजा अर्चना और महाआरती के पश्चात दूध का भोग भगवान हनुमान जी भगवान सहाड़ादेव को लगाया गया , फिर उसी दूध के प्रसाद को सभी महिला पुरुषों को वितरित किया गया ।थाली प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया तथा समाज के पूर्व अध्यक्ष वाह अति विशिष्ट जनों को श्रीफल साल देकर उक्त अवसर पर सम्मानित किया गया ।संरक्षक माधव लाल यादव ने बताया कि जब गोवर्धन पूजा (गोवर्धन खुंदने) के पश्चात पुरुष सदस्य घर लौटते हैं तो द्वार पर ही दरवाजे पर ही महिला सदस्य उनकी आरती उतारकर धुले हुए चावल का तिलक लगाकर पुष्प वर्षा कर स्वागत करती है ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन उठाने में जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण का योगदान रहा ठीक वैसे ही भगवान श्री कृष्ण स्वरूप मानकर ही महिलाएं पुरुषों का स्वागत वंदन अभिनंदन करती है ।उक्त परंपरा टिकरापारा रायपुर में वर्षों से चली आ रही है सभी पुरुष सदस्य अपने घर के बड़े महिला सदस्यों को गोबर का तिलक लगाकर प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं अंदर अपने पूजा स्थल पर जाकर गोबर में चावल मिलाकर हाथा देने का कार्य भी किया जाता है ऐसा माना जाता है कि पूजा घर में गोबर में चावल लगाकर हाथा देने से घर में सुख समृद्धि वैभव ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है । कार्यक्रम में अतुल यादव दीपक यदु महादेव यादव रामदेव यादव जगमोहन लाल यादव केदार यादव लोकेश यादव नरसिंह नाथ यादव वीर सिंह यादव अज्जू यादव रामू प्रसाद यादव श्रीमती उषा यादव श्रीमती मीना यादव श्रीमती संगीता यादव प्रमोद साहू  मनोज साहू  सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष उपस्थित थे उक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में संरक्षक माधव लाल यादव ने दी।

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