व्यापार

24-Jun-2019 12:46:16 pm
Posted Date

अब ट्रेनों के भीतर भी मिलेगी वाई-फाई सुविधा

नईदिल्ली,24 जून । बहुत जल्द ही यात्रियों को ट्रेनों के भीतर वाई-फाई की सुविधा मिल सकेगी। रेलवे इसके लिए तैयारी में जुटा है। इसके लिए रेलवे अपना खुद का स्पेक्ट्रम हासिल करेगा।
ये सुविधा व्यस्त नौकरी पेशा लोगों के लिए वरदान साबित होगी। वे सफर के दौरान कार्यों को ट्रेन के अंदर से ही निपटा सकेंगे। अभी तक रेलवे ने 1603 स्टेशनों को वाई-फाई सुविधा से लैस कर दिया है, जबकि 4882 स्टेशनों को वाई-फाई से लैस करने पर काम चल रहा है। लेकिन स्टेशन पर वाई-फाई सुविधा मिलने से यात्री स्टेशन परिसर और आसपास की कुछ दूरी तो इंटरनेट का उपयोग कर पाते हैं।
परंतु ट्रेन के भीतर कुछ दूरी के बाद इसका असर समाप्त हो जाता है और तब इंटरनेट केवल मोबाइल डेटा के भरोसे चलता है। हालांकि उसमें में रफ्तार के साथ बीच-बीच में व्यवधान आता रहता है। इस कारण अब तक न तो ट्रेन के भीतर लाइव टीवी का प्रसारण संभव सका है और न ही सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज की मानीटरिंग संभव हुई है। और तो और वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन के भीतर सार्वजनिक उद्घोषणा के लिए लगाए गए टीवी मानीटर्स पर आगामी और मौजूदा स्टेशनों के बारे में लाइव सूचनाएं भी इसी वजह से प्रसारित नहीं हो पा रही हैं।
ट्रेन के भीतर वाई-फाई सुविधा मिलने से ये सब कुछ संभव हो जाएगा। इसके लिए रेलवे सरकार ने अपना खुद का स्पेक्ट्रम लेने का प्रयास कर रहा है। सरकार से स्पेक्ट्रम प्राप्त होते ही रेलवे अपनी लाइनों के किनारे जगह-जगह पर मोबाइल टॉवर स्थापित करेगा और उन्हें पहले से बिछे ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के साथ संबद्ध करेगा। इससे ट्रेन यात्रियों को अपने कोच के भीतर निर्बाध इंटरनेट सुविधा हासिल हो सकेगी। अभी स्टेशनों पर वाई-फाई के लिए निजी कंपनियों के स्पेक्ट्रम और सेट-अप का उपयोग किया जाता है।
स्टेशनों के बीच और ट्रैक के साथ-साथ मजबूत वाई-फाई तरंगों की उपलब्धता होने से ट्रेन के भीतर इंटरनेट सर्फिंग आसान हो जाएगी और बार-बार बफरिंग की समस्या से निजात मिलेगी। ये सुविधा व्यस्त एक्जीक्यूटिव्स के लिए वरदान साबित होगी और वे सफर के दौरान अपने जरूरी कार्यों को ट्रेन में ही निपटा सकेंगे।
यही नहीं, इस सुविधा से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ट्रेन हादसों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। कोच के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज की कंट्रोल रूम से रियल टाइम मानीटरिंग होने से अवांछित तत्वों को नियंत्रण में लाना और पकडऩा आसान होगा। वाई-फाई का उपयोग करते हुए भविष्य में ट्रेन प्रोटेक्शन एंड वार्निग सिस्टम (टीपीडब्लूएस) के जरिए ट्रेन दुर्घटनाओं को भी रोकने में भी इससे मदद मिलेगी। अभी जीपीएस आधारित इस यूरोपीय प्रणाली को महज इसीलिए नहीं अपनाया जा पा रहा है क्योंकि ट्रैक के साथ वाई-फाई सुविधा नहीं होने से तरंगें बाधित हो जाती हैं। कोहरे के दौरान हादसे रोकने और ट्रेनों को लेटलतीफी से बचाने में भी ये व्यवस्था कारगर साबित होगी।

Share On WhatsApp