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29-May-2019 12:58:02 pm
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एशिया के पांच टॉप औद्योगिक शहरों में गुरुग्राम और बेंगलुरु

नई दिल्ली ,29 मई । सिलिकॉन वैली के समान स्तर के मुख्य शहर या क्लस्टर की अनुपस्थिति के बावजूद टेक कंपनियों के द्वारा एपीएसी क्षेत्र में कार्यालय स्थलों की मांग बढ़ रही है। भारत के गुरुग्राम और बेंगलुरु एशिया पसिफिक के शीर्ष पांच शहरों में हैं। यह आंकड़ा भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में पेश किया है।
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में बड़ी संख्या में मौजूद आईटी प्रतिभा तथा बेहतर इन्क्यूबेटर और एक्सेलरेटर प्रोग्रामों के चलते नए विचारों को प्रोत्साहन मिला है। एशिया पसिफिक में 84 लाख उम्मीदवार हैं जो स्टैम में ग्रेजुएट हैं, इनमें से 30 फीसदी भारत में हैं, जो कि एक बड़ी संख्या है।’ 
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अग्रणी टेक हब सिलिकॉन वैली का वातावरण टेक्नॉलजी सेक्टर के विकास के लिए अनुकूल है। अग्रणी टेक्नॉलजी शहर जैसे बीजिंग, बैंगलोर, शंघाई, सिंगापुर और गुडग़ांव एक गतिशील प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं और तकनीक के द्वारा सेक्टर के विकास के प्रोत्साहित कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंगलोर इस द्दष्टि से भारत में सबसे अग्रणी है। भारत की स्टार्ट-अप राजधानी कहे जाने वाले बेंगलुरु में देश के 30 फीसदी स्टार्ट-अप हैं जो भारत में प्रौद्योगिकी सेक्टर के विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं। 
इसी तरह ‘मिलेनियल सिटी’ कहलाने वाले शहर गुडग़ांव में कुछ सबसे बड़े विश्वस्तरीय एवं घरेलू उद्यम हैं। देश की राजधानी तथा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक होने के कारण यह क्षेत्र अधिकतर सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए सुलभ है। एशिया-पसिफिक में स्थित टैक कंपनियां तेजी से बढ़ हो रही हैं। 
2018 में एशिया पसिफिक कंपनियों ने दुनिया की टॉप सीबीआरई ने एशिया पेसिफिक के 15 बाजारों में कारोबार की स्थितियों, इनोवेशन्स, लागत एवं उपलब्धता का मूल्यांकन किया है। कारोबार का वातावरण, आधुनिक वातावरण, लागत और उपलब्धता आदि कारण हैं जिनके कारण ज्यादातर कंपनियां इन शहरों की ओर आकर्षित हो रही हैं। टेक्नॉलजी और रेंटल कीमतें, मुनाफे में विविधता, तकनीक के साथ बढ़ते स्थाई लीजिंग वॉल्युम आदि मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। सीबीआरई ने यह अध्ययन इसी वर्ष जनवरी और मार्च के बीच किया गया।

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