0-एनएचएआई ने तकनीकी सलाहकार के लिए बुलाए टेंडर
नईदिल्ली,22 अपै्रल । आने वाले समय में सभी से जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके टैक्स वसूला जाएगा। इस नए सिस्टम को डेवलप करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने तकनीकी सलाहकार के लिए टेंडर बुलाए हैं। ये एनएचएआई को ये सिस्टम तैयार करने में मदद करेगा। मौजूदा टोल कलेक्शन की व्यवस्था को खत्म करके ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसके तहत वाहन जितने किलोमीटर तक हाईवे का प्रयोग करेगा, उतने किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी। हाईवे पर चढऩे और उतरने की रिकॉर्डिंग जीपीएस के जरिए दर्ज की जाएगी।
इसे ऐसे समझें कि यदि कोई वाहन चालक एक पॉइंट से हाईवे पर चढऩे के बाद 35 किलोमीटर की यात्रा करके हाईवे छोड़ता है तो उससे केवल 35 किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स वसूला जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में प्रत्येक 60 किलोमीटर पर टोल प्लाजा स्थित है और वाहन चालकों को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल टैक्स देना पड़ता है।नए वाहनों में जीपीएस कंपनी की ओर से लगाकर दिया जा रहा है। पुराने वाहनों में जीपीएस की समस्या है। टोल टैक्स कलेक्शन के नए सिस्टम के लिए सरकार की ओर से पुराने वाहनों में मुफ्त जीपीएस लगवाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए सिस्टम में टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के जरिए होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी देश में करीब 93 प्रतिशत टोल टैक्स कलेक्शन फास्टैग के जरिए हो रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार देश में करीब 93 प्रतिशत गाडिय़ां फास्टैग के जरिए टोल पेमेंट कर रही हैं। लेकिन 7 प्रतिशत में अभी यह लगाया जाना है।