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18-Apr-2021 5:33:05 pm
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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिजली की मांग बढ़ी, खपत 60 अरब यूनिट के पार

नईदिल्ली,18 अपै्रल । इस महीने की शुरूआत से ही कोरोना वायरस से पीडि़तों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन तब भी उद्योग धंधे चल रहे हैं। इसका अंदाजा बिजली की मांग से मिल रही है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की मांग पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 45 फीसदी बढ़ी है।
केंद्रीय बिजली मंत्रालय के मुताबिक चालू अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 45 प्रतिशत बढ़ी है। इस दौरान 60.62 अरब यूनिट (बीयू) की खपत हुई है। जबकि पिछले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े (एक से 15 अप्रैल, 2020) के दौरान बिजली की खपत 41.91 अरब यूनिट रही थी।
इस अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग (एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति) भी पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बढ़ी है। चालू महीने के पहले पखवाड़े में आठ अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की मांग 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई। जबकि पिछले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े में किसी दिन की पीक डिमांड 132.20 गीगावॉट थी। इस साल की पीक डिमांड पिछले साल के पीक डिमांड के मुकाबले 38 फीसदी अधिक है।
पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान देश भर में लॉकडाउन था। इसलिए औद्योगिक डिमांड नहीं के बराबर थी। इसलिए बिजली की मांग वर्ष 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसके साथ ही पिछले साल अप्रैल में व्यस्त समय की बिजली की मांग एक साल पहले के 176.81 गीगावॉट से घटकर 132.20 गीगावॉट रही थी।
विशेषज्ञों कहना है कि चालू महीने के पहले पखवाड़े में बिजली की ऊंची मांग पिछले साल की समान अवधि के निचले आधार प्रभाव की वजह से है। हालांकि, इससे स्पष्ट तौर पर वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले बढऩे के बीच वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से आगामी दिनों में बिजली की मांग में गिरावट आ सकती है।

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