संपादकीय

17-Apr-2019 1:51:06 pm
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विराट की सेना

आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए टीम चुनने में कोई चौंकाने वाला फैसला नहीं किया गया है। सस्पेंस एक-दो पोजिशन पर ही था। चौथे नंबर के लिए अंबाती रायुडू और विजय शंकर में मुकाबला था। चयनकर्ताओं ने विजय शंकर को चुना। इसी तरह दूसरे विकेटकीपर के लिए ऋषभ पंत का नाम उछल रहा था लेकिन चयनकर्ताओं ने अनुभवी दिनेश कार्तिक को उन पर तरजीह दी। वैकल्पिक ओपनर के रूप में केएल राहुल को चुना गया है जिन्हें चौथे नंबर पर भी आजमाया जा सकता है। इनका नाम भी पहले से संभावित था। बाकी सभी खिलाड़ी वही हैं जो पिछली दो-तीन सीरीज से लगातार खेल रहे हैं।

थोड़ी कसर इस बात की जरूर दिख रही है कि टीम में कम से कम एक बल्लेबाज ऐसा होना चाहिए था जिसका टेंपरामेंट पूरे पचास ओवर खेलने का हो और जो एक छोर से आक्रामक बल्लेबाजों को निश्चिंत रखे। यह भूमिका फिलहाल कप्तान विराट कोहली खुद निभाते हैं और कभी-कभार धोनी को भी इस रोल में आना पड़ता है लेकिन इंग्लैंड की पिचें बल्लेबाजों का पूरा इम्तिहान लेती हैं और नॉकआउट मैचों में एक ऐंकर बल्लेबाज की कमी हमें खल सकती है।

बहरहाल, सिलेक्टर्स का जोर ऑलराउंडरों पर रहा है। हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा, केदार जाधव और विजय शंकर इस रोल में हैं। हार्दिक पिछले कुछ समय से जबर्दस्त फॉर्म में हैं और उनकी मौजूदगी में पांच गेंदबाजों वाले अटैक को खिलाना आसान हो जाता है। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी मुख्य पेसर हैं, साथ में भुवनेश्वर कुमार भी हैं। इधर कुछ समय से भारतीय तेज गेंदबाजों ने देश के बाहर अपना खौफ पैदा किया है। हमारे स्पिनरों पर शॉट खेलने में भी विदेशी बल्लेबाज डरते हैं। यह जिम्मेदारी कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल निभाएंगे, साथ में रविंद्र जडेजा भी होंगे। कुछ अच्छे ओवर विजय शंकर और केदार जाधव भी डाल सकते हैं।

ओपनिंग में शिखर धवन और रोहित शर्मा आईपीएल बीतने के साथ रंगत में आ रहे हैं। धोनी भी लगातार बेहतर खेल रहे हैं। उनकी मौजूदगी में विराट की कप्तानी कुछ और ही दिखने लगती है। वैकल्पिक विकेटकीपर के रूप में ऋषभ पंत बल्ले से प्रभावित करते रहे हैं लेकिन विकेटकीपिंग में कार्तिक को उनसे बेहतर पाया गया और बतौर बल्लेबाज, उनका अनुभव भी उनके काम आया। कोई दो मत नहीं कि भारतीय टीम बेहद संतुलित है।

भारत में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई सीरीज को छोड़ दें तो इसका प्रदर्शन पिछले कुछ समय से काफी अच्छा रहा है। वर्ल्ड कप 2015 से लेकर इस विश्व कप के बीच भारतीय टीम की जीत का औसत अभी तक का सर्वश्रेष्ठ है। वैसे टीम को अपनी चुनौतियों का ध्यान भी रखना होगा। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम ने भारतीय स्पिन का तोड़ ढूंढ निकाला है। इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज की टीमें बीच में थोड़ी फीकी पड़ी थीं लेकिन कुछ नए खिलाडिय़ों की आमद से उनके जलवे फिर पहले जैसे ही हो गए हैं। उम्मीद है, टीम इंडिया पूरे जोश और जज्बे के साथ विश्व कप पर अपना दावा जताएगी।

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