संपादकीय

13-Feb-2019 11:37:32 am
Posted Date

चैनलों के लोकतंत्र में अलोकतांत्रिक कवायद

आलोक पुराणिक
बुजुर्ग हैं अमिताभ बच्चन साहब उनकी कोई बात टालनी नहीं चाहिए। बच्चन साहब कह रहे हैं कि सोनी के फलां-फलां चैनल चुनें, और देखते रहें। बच्चन साहब कुछेक रुपयों के लिए ऐसा विनम्र और इमोशनल अनुरोध कर रहे हैं, हम कैसे टाल सकते हैं अब सोनी मिक्स पर गाने सुनेंगे और चाहे कितनी ही बार सोनी वाले सूर्यवंशम् फिल्म दिखायें, हम देखेंगे, देखते ही रहेंगे।
टेलीकाम अथॉरिटी ऑफ इंडिया उर्फ ट्राई के नये नियमों के मुताबिक दर्शकों को चैनल चुनने का अधिकार है, अपनी मर्जी से चुनो। चैनलों में लोकतंत्र मचा हुआ है। हर दर्शक को चुनने का हक है। लोकतंत्र के बहुत फायदे हैं, उस चैनल की नागिन चुनिये या इस चैनल की डायन चुनिये। चुनिये चुनिये। चुनिये। स्टार वाले कह रहे हैं हमें देखिये। कुछ तो कह रहे हैं कि मुफ्त में ही देख लीजिये। कई चैनल तो ऐसे चल रहे हैं कि मन होता है उनसे कहें कि भइया कुछ पैसे दो हम देखेंगे तुम्हारा चैनल।
देखिये, देखिये, देखते रहिये। गाने देखिये, अफेयर देखिये, चुड़ैल देखिये, भूत देखिये, देखते ही रहिये। कंपीटिशन हो लिया भूतों में। कुछ दिनों में टीवी पर चुड़ैलें खुद आकर प्रमोशन करेंगी, मैं कितनी क्यूट चुड़ैल हूं बहुत सस्ती सिर्फ एक रुपये में रोज देखिये फलां चैनल। उस चैनल की चुड़ैल के मुकाबले हमारी डायन ज्यादा खतरनाक है, ज्यादा खतरनाक चुड़ैल कम रेट पर देखें। मतलब भूतों, चुड़ैलों और नागिनों वाले चैनल इस कदर इश्तिहारबाजी में मार मचा रहे हैं कि नागिनों को बहुत बेइज्जत टाइप फील हो सकता है। अरबों के किलों पर खरबों के खजाने की रक्षा करने वाली नागिनों के कार्यक्रम वाले चैनल एक रुपये रोज पर सेल हो रहे हैं, नागिनों की ऐसी वैल्यू खराब भारतीय टीवी पर कभी न देखी गयी।
बड़े-बड़े भूत नागिन रुपयों के आगे डांस करते हैं। नागिन भूत चैनल कम ही सही पैसे चार्ज तो कर रहे हैं, पर बडक़े-बडक़े न्यूज चैनल कह रहे हैं देख लो, फ्री में ही देख लो। नागिन सस्ती हो गयी है, पर न्यूज तो एकदम मुफ्त टाइप हो गयी है। नागिन जैसी भी हो, अब भी न्यूज पर भारी है, यह ख्याल करके नागिनें अपनी बेइज्जती कुछ कम फील कर सकती हैं।
देखें, देखें, देखें, जरूर ही देखें। अमिताभ बच्चन कह रहे हैं। उस फेमस टीवी सीरियल की भाभी कह रही हैं। उस सीरियल का वह विलेन कह रहा है जो कइयों के करोड़ों रुपये मारने के चक्कर में रहता है पर कुछ रुपयों के लिए वह आपसे अपील कर रहा है कि उसे देखें, देखें प्लीज। देख ही लें प्लीज।
ओ भाई, सुबह से शाम तक हम देखते ही रहेंगे, तो हमारा काम काज, रोजगार धंधा कौन देखेगा।
इस सवाल का जवाब अमिताभ बच्चन से जब तक पूछ पाता, वह दूसरे चैनल पर ब्यूटी क्रीम लेने की अपील कर रहे थे, मैं ब्यूटी क्रीम खरीदकर लौट रहा हूं। अमिताभ साहब की बात कौन टाल सकता है।

 

Share On WhatsApp