संपादकीय

29-Dec-2018 12:00:29 pm
Posted Date

कोहरे से कोहराम

हरियाणा में रोहतक-रेवाड़ी नेशनल हाईवे पर कोहरे की वजह से हुए हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों की दर्दनाक मौत हर संवेदनशील इनसान को विचलित कर गई। हर साल दिसंबर-जनवरी में कोहरे के कोहराम से सैकड़ों निर्दोष जिंदगियां असमय कालकलवित हो जाती हैं। सत्ताधीश और दुर्घटनाएं रोकने के लिये जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने रहते हैं। मौसम की तल्खी और बढ़ते प्रदूषण से सडक़ों पर धुंध का विस्तार एक अटल सत्य है तो फिर दुर्घटनाओं को टालने के लिये गंभीर पहल क्यों नहीं होती। हमने रफ्तार वाले हाईवे तो बना दिये मगर यह सुनिश्चित नहीं किया कि लोग बेमौत न मारे जायें। यह सिलसिला हर साल का है। इस दौरान सडक़ यातायात ही नहीं, देश का रेल व हवाई यातायात भी पंगु हो जाता है। इसके बावजूद कोहरे से बचाव व सुरक्षित यातायात की गंभीर पहल होती नजर नहीं आती। जिस देश में हर साल पौने पांच लाख हादसे होते हों और तकरीबन डेढ़ लाख लोग वर्ष 2017 में सडक़ दुर्घटनाओं में मारे गये हों, उस देश में सडक़ों को दुर्घटना मुक्त बनाने के प्रयास युद्धस्तर पर होने चाहिए। इन मरने वाले लोगों के अलावा उन घायलों का आंकड़ा भी बड़ा है जो इन दुर्घटनाओं में घायल होकर ताउम्र जख्मों से जूझते रहते हैं।
दरअसल, कोहरे के दौरान सफर करना बेहद जोखिमभरा होता है। इसके लिये हाईवे व शेष मार्गों पर सुरक्षा के चाकचौबंद उपाय किये जाने जरूरी होते हैं। पर्याप्त लाइट की व्यवस्था व परावर्तक साइन बोर्ड वाहन चालकों के लिए कम दृश्यता में सहायक हो सकते हैं। वाहन चालकों को कोहरे के मौसम में वाहन चलाने में मददगार आवश्यक जानकारी दी जानी चाहिए। देखा जाता है कि कोहरे के दौरान बड़ी दुर्घटनाएं बड़े व सामान से लदे वाहनों की वजह से होती हैं। क्यों न भारी वाहनों के लिये अलग लेन निर्धारित की जाये ताकि जानमाल की क्षति को कम किया जा सके। कोशिश होनी चाहिए कि कोहरे के दौरान वाहन चालकों की सुगमता के लिये पर्याप्त वैकल्पिक इंतजाम किये जायें। यह जानते हुए कि मौसम के मिजाज में तल्खी लगातार बढऩी है और बढ़ते वायु प्रदूषण से सडक़ों में दृश्यता और अधिक बाधित होनी है। बारिश, कोहरे, धुंध और ओलावृष्टि जैसी विपरीत परिस्थितियों में वाहन चलाने के लिये चालकों को समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किये जाने चाहिए, जिससे जान-माल की क्षति को कम किया जा सके। इसके साथ ही उन तकनीकों पर शोध होना चाहिए जो विपरीत मौसम में सुरक्षित यातायात का मार्ग प्रशस्त कर सकें। तभी हर साल होने वाली जन धन की हानि को रोका जा सकेगा।

 

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