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12-Oct-2019 3:20:26 pm
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चिन्यमानंद केस में पांच नए चेहरे आ सकते हैं सामने

लखनऊ ,12 अक्टूबर । स्वामी चिन्मयानंद केस में अभी कई उतार-चढ़ाव आने बाकी रह गए हैं। अभी तक तो यही लग रहा था कि दो केसों में केवल पांच आरोपी ही हैं। पर इन पांच लोगों के पीछे भी कई लोग ऐसे हैं, जो एसआईटी के रडार पर हैं। उनका भी जेल जाना तय माना जा रहा है। ऐसा सूत्र बताते हैं। छात्रा से दुराचार के आरोप में चिन्मयानंद जेल में हैं। चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने में छात्रा, संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर भी जेल में हैं। पर इसके बाद भी कई ऐसे आरोपी हैं, जो दोनों ही केसों में अब सहआरोपी की भूमिका में सामने आ सकते हें। चिन्मयानंद पर दुराचार का आरोप है, इस मामले में छात्रा ने एसएस लॉ कालेज के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए थे।
उसने कहा था कि वह जानबूझ का देर तक आफिस में काम के लिए रोकते थे। उन पर तो ऐसा भी आरोप है कि वह जबरिया चिन्मयानंद के पास उसे भेजते थे। इसी तरह से एसएस कालेज के प्रिंसिपल डा. अवनीश मिश्रा पर भी कड़ा शिकंजा कस सकता है, क्योंकि वह एसएस लॉ कालेज प्रबंध कमेटी में महत्वपूर्ण पद पर हैं। कालेज का हास्टल भी इनकी ही केयरटेकिंग में था। बाद में इस हास्टल का वार्डन पद झरना को दे दिया गया। इसी तरह से रंगदारी मामले में अब तक केवल छात्रा, संजय, विक्रम और सचिन का नाम ही सामने आया और उन्हें जेल भी हो गई।
संजय की जमानत पर बहस के बाद आएगी तेजी
रंगदारी मांगने के आरोपी संजय सिंह की जमानत पर बहस पंद्रह अक्टूबर को होनी है। इस बहस के बाद एसआईटी सेकेंड राउंड में कार्रवाई की तगड़ी तैयारी कर रही है। इस सेकेंड राउंड में दोनों केसों में शामिल सह आरोपियों की धरपकड़ की तैयारी मानी जा रही है। एसआईटी दोनों ही केसों में उन सभी को कानून के दायरे में लाने की तैयारी में है जो लोग अब तक किसी की नजर में नहीं हैं।
जब जानते थे तो रोका क्यों नहीं
चिन्मयानंद पर दुराचार का केस दर्ज हुआ। पर्याप्त सबूत के बाद ही एसआईटी ने चिन्मयानंद पर दुराचार की धारा 376 सी लगाई। इस केस में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वह क्या कर रहे हैं, यह बात कालेज के कई महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को पता थी। वह जानते थे कि चिन्मयानंद जो कुछ कर रहे हैं, वह गैरकानूनी है, पढ़े लिखे होने और कानून का ज्ञान होने के बाद भी उन्हें रोका नहीं गया, इसलिए महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग कानून के दायरे में आ रहे हैं। इन लोगों ने चिन्मयानंद को रोकने के बजाए उनका सहयोग ही किया, ऐसा सूत्र बताते हैं।
लालच में ही चिन्मयानंद को रोका नहीं
चिन्मयानंद खुद भी पीएचडी हैं और वह मुमुक्षु के सर्वेसर्वा हैं। उन्हें उनके ही कुछ लोगों ने ऐसा घेरा कि वह उसी में फंस कर रह गए। उन्हें उलझा कर उनके ही लोग अपना काम करते रहे। वह भी नहीं चाहते थे कि चिन्मयानंद का ध्यान कहीं और जाए, इसलिए वह चिन्मयानंद को रोकने के बजाए, उन्हें उलझाते ही चले गए। अब चिन्मयानंद जेल में हैं। अब लोगों को डर भी लग रहा है कि अगर चिन्मयानंद जेल से बाहर आए तो कई लोगों का बोरिया बिस्तर सिमट सकता है।
अधिवक्ता ओम सिंह को धमकी
चिन्मयानंद की ओर से रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता ओम सिंह को भी कई धमकी मिल चुकी हैं। ओम सिंह ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने पहले मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद एसआईटी ने जांच कर रंगदारी मांगने के आरोपियों को पकड़ा। ओम सिंह ने यह तो नहीं बताया कि उन्हें धमकी किसने दी है, लेकिन उन्होंने खुद की जान को खतरा बताया है। ओम सिंह ही वह व्यक्ति हैं, जो चिन्मयानंद का साथ दे रहे हैं, वरना चिन्मयानंद से तमाम लोग किनारा कर चुके हैं।
जेल में मिलने वालों की संख्या हुई कम
चिन्मयानंद की सेशन कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद उनसे मिलने वालों की संख्या बेहद कम हो गई है। कुछ खास गिने चुने लोग ही उनसे मुलाकात करने के लिए जेल में जाते हैं। जमानत खारिज होने से पहले तक चिन्मयानंद से मिलने वालों का जेल में तांता लगा रहता था। पर जब इस केस की बहस हुई और तमाम बिंदु खुलकर सबके सामने आ गए, तब लोगों को लगने लगा कि चिन्मयानंद से ज्यादा मिलना ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने जेल में चिन्मयानंद से मुलाकात ही कम कर दी।
चिन्मयानंद हो गए एकदम से शांत
चिन्मयानंद अब अवसाद से ग्रस्त बताए जाते हैं। पहले तो वह जेल में मिलने आने वालों से पहले की तरह ही बड़े ही उत्साहपूर्वक मिलते थे। पर सेशन कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद वह बेहद कमजोर से लगने लगे हैं। उन्हें देख कर ही सेहत काफी गिरी हुई लगती है, ऐसा लोगों का कहना है। बीमारियां भी तेजी से प्रभाव दिखा रही हैं। शरीर की कमजोरी साफ झलकती है। वह अब बात भी कम ही करते हैं। ज्यादातर शांत रहते हैं, ऐसा बताया जाता है।
फेसबुक से फोटो तक हटा दिए लोगों ने
चिन्मयानंद के साथ पहले लोग सेल्फी लेते थे। वह किसी सेलीब्रेटी से कम नहीं थे। उनके साथ फोटो खिंचवाना लोग अपना सौभाग्य समझते थे। पर जैसे ही चिन्मयानंद की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भेज दिया गया, तब से लोगों ने फेसबुक से चिन्मयानंद के साथ खिंचवा कर पोस्ट किए गए फोटो ही हटा दिए हैं। ऐसा लोगों ने अपनी सामाजिक छवि धूमिल न हो, इसलिए किया, ऐसा माना जा रहा है। कई अन्य जगह लगे चिन्मयानंद के फोटो दीवारों से हटा दिए गए हैं।

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