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12-Oct-2019 3:19:05 pm
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किसान और राजधानी वालों को अब नहीं सताएगी पराली

0-मोदी सरकार ने लिया फैसला
नईदिल्ली,12 अक्टूबर । धान की कटाई तो पंजाब, हरियाणा और यूपी में होती है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सांस की परेशानी होने लगती है. अक्टूबर-नवम्बर आते ही धान के वेस्ट (पराली) को लेकर हायतौबा मचने लगती है. पराली पर सियासत शुरु हो जाती है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि खेतों में पराली जलाने से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन अब पराली जलाने से दिल्ली वालों को सांस लेने में परेशानी नहीं होगी. हाल ही में पराली के संबंध में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.
जब से धान की फसल मशीनों से कट रही है तब से यह समस्या गहरा गई है. मशीन एक फुट ऊपर से धान का पौधा काट देती है. जो शेष भाग बचता है वो किसान के लिए समस्या बन जाता है. इसे कटवाने की बजाए किसान जला देता है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एक मशीन तैयार की है. इसका नाम पेड्डी स्ट्रा चोपर है.
इसका दाम 1.45 लाख रुपये है. इसे ट्रैक्टर के साथ जोड़ दिया जाता है और यह पराली के छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर खेत में फैला देती है. बारिश होते ही पराली के ये टुकड़े मिट्टी में मिलकर सड़ जाते हैं. इन मशीनों पर 50 फीसद तक की सब्सिडी है. हालांकि, किसान इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे. यही वजह है कि दोनों राज्यों में इसे जलाने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस साल खेतों में फसलों के डंठल जलाए जाने में कमी आने की उम्मीद है. कृषि मंत्री का कहना है पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में धान और अन्य फसलों के वेस्ट (कूड़ा) को निपटाने के लिए सरकार जरूरी मशीनों की खरीद पर सब्जिडी दे रही है. इतना ही नहीं मशीनों को किराए पर लेने के लिए भी छूट का फायदा दे रही है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को फायदा देने के लिए केन्द्र सरकार ने पंजाब को 273.80 करोड़ रुपए, हरियाणा को 192.06 करोड़ रुपए और उतर प्रदेश को 105.29 करोड़ रुपए जारी किए हैं.

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