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26-Feb-2019 1:11:11 pm
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मैं स्लमडॉग मिलियेनियर नहीं देखती क्योंकि वह शर्मिंदगी भरी है: रुबीना अली

मुंबई की झुग्गियों की कहानी पर बनी डैनी बॉयल फिल्म स्लमडॉग मिलियेनियर ने उस साल 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीतकर इतिहास बना दिया था। इस फिल्म ने मुंबई की झुग्गी में रहने वाली 10 साल की बच्ची रुबीना की जिंदगी को भी बदल दिया। रुबीना ने फिल्म के फीमेल लीड रोल लतिका के बचपन का किरदार निभाया था। इस फिल्म से रुबीना अचानक मुंबई के स्लम से निकलकर हॉलिवुड के रेड कार्पेट पर पहुंच गई थीं।
अब इस बात को 10 साल होने के बाद रुबीना ऑस्कर में हॉलिवुड स्टार्स के साथ दिखने के बजाय इन अवॉर्ड्स को मुंबई के अपने 1 बेडरूम फ्लैट में बैठकर टीवी पर देखेंगी। रुबीना ने कहा, ऑस्कर्स को भूला नहीं जा सकता। वह मेरी जिंदगी के बेहतरीन दिन थे। मुझे कभी-कभी यह सपने जैसा लगता है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी जिंदगी में कुछ ऐसा हो सकता है। ऑस्कर्स के लिए अपनी लॉस ऐंजिलिस की यात्रा के बारे में रुबीना ने कहा, मुझे याद है कि मुझे अमेरिका का खाना पसंद नहीं आया था। देव पटेल मुझे अपने हाथों से पिज्जा और बर्गर खिलाते थे। मुझे मसालेदार खाना पसंद था और कॉन्टिनेंटल मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था।
हालांकि रुबीना इस फिल्म के बारे में केवल अच्छी ही नहीं कुछ बुरे अनुभव भी बताती हैं। रुबीना कहती हैं कि इस फिल्म के कारण वह बहुत जल्दी बड़ी हो गईं। उन्होंने कहा, ,स्लमडॉग मिलियेनियर ने उनका बचपन छीन लिया। रुबीना के मुताबिक, उस समय इतनी शोहरत को संभाल पाना उनकी फैमिली के लिए बहुत कठिन था। रुबीना की मां उन्हें बचपन में ही छोडक़र चली गई थीं और वह अपने पिता और सौतेली मां के साथ रहती थीं। उन्होंने कहा, अंकल डैनी बहुत अच्छे हैं। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। उन्होंने मेरी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया और हर साल आकर मुझसे मिलते थे। मैं उनसे होटल में मिलने गई थी और उन्होंने मुझसे मेरी जिंदगी के बारे में पूछा। उन्होंने मेरी बहुत मदद की है। वह हमसे बहुत प्यार करते हैं और हम भी उन्हें बहुत चाहते हैं। 
स्लमडॉग मिलियेनियर में रुबीना के साथ काम करने वाले दूसरे बच्चे अजहरुद्दीन मोहम्मद इस्माल और रुबीना की पढ़ाई बांद्रा के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुई है। इसके अलावा उन्हें 18 साल पूरे करने के बाद डैनी बॉयल के ट्रस्ट से अच्छी-खासी रकम भी मिली है। रुबीना का कहना है कि उन्हें इस फिल्म ने फेमस बनाया लेकिन अब बहुत कम लोग ही उन्हें पहचानते हैं। रुबीना ने बताया कि 2011 में उनके घर में आग लग गई थी और उसमें ऑस्कर से जुड़ी सभी यादें और अवॉर्ड में पहनी हुई उनकी ड्रेस भी जल गई। अब रुबीना मुंबई यूनिवर्सिटी में लिटरेचर की पढ़ाई कर रही हैं और पार्ट-टाइम एक ऑफिस में काम करती हैं। रुबीना अपने फ्लैट में रहती हैं लेकिन उनका परिवार अभी भी झुग्गी बस्ती में रहता है।
भले ही रुबीना इस समय फिल्मों से दूर हैं लेकिन वह अभी भी एक ऐक्ट्रेस बनना चाहती हैं। उन्हें हॉलिवुड और बॉलिवुड दोनों तरह की फिल्में पसंद हैं लेकिन वह विदेश में नहीं रहना चाहती हैं। उनका कहना है कि वह अपना फ्यूचर बॉलिवुड में ही देखती हैं और वह फिल्मों में आने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। अंत में अपनी फिल्म के बारे में रुबीना ने कहा, मैं कभी स्लमडॉग नहीं देखती क्योंकि यह शर्मिंदगी से भरी हुई है। फिल्म में मैंने एक भिखारी का रोल किया था और इसे देखना काफी शर्मिंदा करता है। मुझे खुद को देखकर हंसी भी आती है।

 

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