छत्तीसगढ़

01-Jul-2024 11:45:08 am
Posted Date

नवीन कानून से न्याय प्रक्रिया सरलता, सुगमता और शीघ्र निपटारे की ओर अग्रसर होगी- कलेक्टर कार्तिकेया गोयल

  • कानून बदला, भारतीय न्याय संहिता त्वरित न्याय दिलाने में कारगर सिद्ध होगी, नागरिक जाने अपना अधिकार-एसपी दिव्यांग पटेल
  • नवीन अपराधिक कानून के संबंध में जिला मुख्यालय और सभी तहसीलों में आयोजित हुआ “क्रियान्वयन उत्सव” कार्यक्रम

रायगढ़। 1 जुलाई से नवीन कानून संहिताओं के तहत न्यायपालिका, पुलिस कार्यों का क्रियान्वयन करेगी। नवीन कानून लागू होने पर जिला पुलिस  “क्रियान्वयन उत्सव” के रूप में मना रही है जिसका उद्देश्य लोगों को नवीन कानून की जानकारी देना और लोगों को उनके अधिकारों को बताना है। इसी परिपेक्ष्य में पुलिस सामुदायिक भवन, रायगढ़ में नवीन अपराधिक कानून पर आधारित क्रियान्वयन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन जिला पुलिस द्वारा किया गया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर रायगढ़ कार्तिकेया गोयल ने की। मंच पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल, नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी, पूर्व सभापति नगर निगम सुरेश गोयल, जनप्रतिनिधि मुकेश जैन मंचासीन रहे। 
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बताया कि नये कानून प्रणाली में तीव्र और सुगमता से न्याय मिलेगा। कानून नागारिकों को सुरक्षा देने का कार्य करता है इसलिए सभी को कानून में हुए बदलाव को जानना आवश्यक है। नवीन कानून प्रणाली में प्रतीकात्मक बदलाव आएगा सरलता, सुगमता और तीव्र निपटारे की ओर अग्रसर है। कानून सुरक्षा देने वाली रही है और कानून में बदलाव सुरक्षा देने वाला सिद्ध होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य उपस्थित गणमान्य नागरिकों, मीडिया के माध्यम से नवीन कानून का प्रचार प्रसार करना है।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने बताया कि नये कानून में हुए बदलाव के उपलक्ष्य में जिला पुलिस लगातार विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है। जिला पुलिस इन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नये कानून और नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दिया जा रहा है। आज से लागू नवीन कानून के उपलक्ष में सभी थाना में अलग-अलग कार्यक्रम रखे गये हैं। इसका मूल उद्देश्य नागरिकों को नवीन कानून के संबंध में जागरूक करना है।
एडिशनल एसपी आकाश मरकाम ने नवीन कानून में हुए संशोधन की जानकारी देते हुए बताएं कि भारतीय दंड संहिता अब भारतीय न्याय संहिता होगी, इसी प्रकार दंड प्रक्रिया संहिता को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता से जाना जाएगा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 होगी। उन्होंने नए कानून में हुए महत्वपूर्ण संशोधन व जोड़ी गई नवीन धाराओं की जानकारी उपस्थित व्याक्तियों से साझा कर बताएं कि नए कानून के तहत अब eFIR सूचना के माध्यम से फिर दर्ज कराई जा सकते हैं जिसके बाद तीन दिवस के भीतर रिपोर्टकर्ता को थाने आकर रिपोर्ट/आवेदन पर साइन करना होगा। पुलिस अपनी कार्यवाही की जानकारी रिपोर्टकर्ता को देने का प्रावधान है।चिकित्साधिकारी को पीएम रिपोर्ट समय सीमा में उपलब्ध कराना होगा। 
कार्यक्रम में आईयूसीएडब्ल्यू डीएसपी अनामिका जैन ने बताया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कानून में पूर्व से ही सख्त प्रावधान है। नवीन कानून के तहत भी पीड़ितों के आयु अनुसार कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। नये कानून में महिला और बालको संबंधी अपराधों में दंड और सख्त किये गये हैं। ऐसे अपराधों में जांच समय सीमा में पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत करना होगा, फारेंसिक और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण होंगे। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन उप पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, मीडिया बंधुओं के साथ थाना कोतवाली, रक्षित केंद्र, महिला सेल के स्टाफ उपस्थित थे।
इसी प्रकार सभी थानों में पुलिस ने क्रियान्वयन उत्सव  मनाया।  जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों,  कोटवार, महिला सहायता समूह की सदस्यों व आम नागरिकों को नवीन कानून की जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दिया।

 

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